​​​​​​​मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों के अधिकारों के संबंध में की महत्वपूर्ण घोषणाएं

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जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्षों को राज्य बजट से संचालित योजनाओं के संबंध में बढ़े प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार, अध्यक्ष के अनुमोदन के बाद होगा योजनाओं का क्रियान्वयन और राशि का भुगतान, जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्ष मुख्य कार्यपालन अधिकारी की गोपनीय चरित्रावली के संबंध में प्रतिवेदक अधिकारी को अपना अभिमत करेंगे संसूचित,
जिला एवं जनपद पंचायतों के पदाधिकारियों को विकास कार्यों के लिए प्रतिवर्ष मिलेगी विकास निधि, जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को नये वाहन के लिए राशि की स्वीकृति, जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्य तथा सरपंच के मानदेय में वृद्धि, जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय अब 25 हजार रूपए, उपाध्यक्ष का 15 हजार रूपए और सदस्य का मानेदय 10 हजार रूपए होगा,
सरपंचों का मानदेय 2 हजार रूपए से बढ़कर हुआ 4 हजार रूपए

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय पंचायती राज सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों के अधिकारों के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की।

मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य बजट की योजनाओं के क्रियान्वयन में नोटशीट जिला पंचायत के मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष तथा जनपद पंचायत से संबंधित मामलों में जनपद पंचायतों के अध्यक्षों के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत की जाएंगी। केन्द्र सरकार की योजनाओं के लिये यह प्रावधान लागू नहीं होगा।

उन्होंने इसी तरह जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार के संबंध में कहा कि छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य बजट की योजनाओं की राशि का भुगतान पूर्व संबंधित अध्यक्ष द्वारा नस्ती पर अनुमोदन पश्चात मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं वरिष्ठ लेखाधिकारी अथवा सहायक लेखाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से तथा जनपद के मामले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं सहायक लेखाधिकारी उसकी अनुपस्थिति में कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान किया जायेगा।

मुख्यमंत्री बघेल ने जिला तथा जनपद पंचायत पदाधिकारियों को निधि प्रदान करने के संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रतिवर्ष 15 लाख रूपए, जिला पंचायत उपाध्यक्ष के लिए 10 लाख रूपए तथा जिला पंचायत सदस्य के लिये 4 लाख रूपए, जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए 5 लाख रूपये, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के लिये 3 लाख रूपए तथा जनपद पंचायत सदस्य के लिये 2 लाख रूपए निधि प्रदाय की जाएगी। इस प्रकार कुल 45 करोड़ रूपए के बजट प्रावधान को पुनर्विनियोजन के माध्यम किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में कहा कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के गोपनीय प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के जिला पंचायत के सचिव के रूप में किये गये कार्यदायित्व के संबंध में अध्यक्ष, जिला पंचायत गोपनीय प्रतिवेदन लिखने वाले प्रतिवेदक अधिकारी (कलेक्टर) को अपना अभिमत संसूचित करेगा।

इसी तरह जनपद पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के गोपनीय प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के जनपद पंचायत के सचिव के रूप में किये गये कार्यदायित्य के संबंध में अध्यक्ष, जनपद पंचायत गोपनीय प्रतिवेदन लिखने वाले प्रतिवेदक अधिकारी (मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत) को अपना अभिमत संसूचित करेगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराने के संबंध में कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराने हेतु 2 करोड रूपए प्रतिवर्ष व्यय की सहमति दी गई है। जनपद पंचायत अध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराने हेतु 6.13 करोड़ रूपए की अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने सरपंचों के मानदेय को 2 हजार रूपए बढ़ाकर 4 हजार रूपए करने, जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 15 हजार रूपए और जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 6 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा।

मुख्यमंत्री बघेल ने सम्मेलन में कहा कि सरपंचों को अब 50 लाख रूपए की लागत तक के कार्य कराने का अधिकार होगा। नया संशोधित एसओआर जल्द लागू होगा।

मुख्यमंत्री बघेल ने ग्राम पंचायतों के पंचों को बैठक के लिए मिलने वाले 200 रूपए के भत्ते को बढ़ाकर 500 रूपए करने तथा पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों की अन्य मांगों पर विचार करने के लिए पंचायत मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की घोषणा।

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