पूरी दुनिया के लिए आज भी प्रासंगिक हैं गांधी जी के विचार, हमें स्वयं में ढूंढना है गांधी- मुख्यमंत्री बघेल

SHARE THE NEWS

मुख्यमंत्री ने किया गांधीवादी विचारकों का सम्मान

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गांधी जी आज भी प्रासंगिक हैं। वर्तमान दौर में भी देश और दुनिया के नवनिर्माण के लिए उनके विचार को आत्मसात करना हम सबके लिए जरूरी है। उन्होंने कहा-हम सब के अंदर जो गांधीवादी विचार हैं, उन्हें जागृत करने की आवश्यकता है। गांधी को हमें स्वयं में ढूंढना है। इससे पूरे समाज के स्वरूप को सही दिशा में बदला जा सकता है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को शाम नवीन विश्राम गृह रायपुर में आयोजित गांधी जी के मूल्यों और सिद्धांतों पर चलने वाले लोगों के अभिनंदन समारोह को सम्बोधित किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने समाज को जोड़ने और श्रम को सम्मानित करने का कार्य किया। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से लौटकर पूरे देश का भ्रमण किया और विभिन्न समाजों से चर्चा करने के बाद कहा था कि भारत की आत्मा गांव में बसती है। गांधी जी ने सत्य, अहिंसा, शांति, प्रेम और भाईचारा की बात कही और इन्हीं मूल्यों के आधार पर स्वयं जीवन जीकर लोगों को आपसी सद्भाव का संदेश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गांधी के आदर्श और विचारों के अनुसार चल रही है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने सुराजी गांव योजना का प्रारंभ करने का संकल्प लिया और गांव-गांव को स्वावलंबी बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।

इसी कड़ी में कुपोषण, अशिक्षा और बेरोजगारी को दूर करने के लिए अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों के अनुसार श्रम का सम्मान करने के लिए सरकार द्वारा अपने वादे के अनुसार सबसे पहले किसानों का ऋण माफ किया। साथ ही भूमिहीन खेतिहर मजूदरों को सालाना 6 हजार रूपए देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि जब गांव-गरीब की जेब में पैसा आएगा, तभी उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और प्रदेश एवं देश सुदृढ़ होगा। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार द्वारा 80 से 90 प्रतिशत योजनाएं महात्मा गांधी के बताए गए ‘‘सर्वोदय’’ के सिद्धांत पर आधारित है।

इसमें समाज के गरीब, पिछड़े तथा अंतिम से अंतिम व्यक्ति के हित को ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में गांव, गरीब और किसानों के उत्थान को प्राथमिकता में रखा गया है।

इस अवसर पर गांधीवादी विचारक बालचंद कछवाहा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा भी मंचस्थ थे।

मुख्यमंत्री द्वारा समारोह में जिन गांधीवादी विचारकों का सम्मान किया गया, उनमें पद्मश्री धरमपाल सैनी, गनियारी-बिलासपुर में संचालित जन-स्वास्थ्य सहयोग केन्द्र, सरगुजा की चिकित्सक डॉ. बियाट्रिस, बस्तर की गांधीवादी विचारक एम.के.नायडू, समाजसेविका शैल चौहान ग्राम जाता, विकासखंड बेमेतरा, ग्राम कंडेल जिला धमतरी के सेवानिवृत्त शिक्षक एवं लोक कथाकार मुरहाराम कमलवंशी, अंबिकापुर की सेवानिवृत्त शिक्षिका एवं लोक कथाकार डॉ. आशा शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता गरियाबंद लता नेताम, कोण्डागांव के शिल्पकार भूपेश तिवारी शामिल हैं।  

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *