सीनियर सिटीजन्स ने भी कहा नशा रोकने जन जागरूकता सबसे ज्यादा जरूरी, राज्य सरकार के फैसले का किए समर्थन…

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  • राज्य में हुक्का बार बंद कराने के लिए राज्य सरकार बधाई के पात्र
  • युद्ध नशे के विरुद्ध जनजागरूकता अभियान पर संगोष्ठी

रायपुर। नशा करने वाला जानता है कि यह बुरा है फिर भी कहता है क्या करूं, ऐसे लोगों को उपाय बताना होगा। इसके सेवन करने वालों को बताना होगा इससे आपकी आयु कम हो रही है। नशा दीमक की तरह है जो शरीर को चट कर जाता है। दृढ़ संकल्प कर लें तो कोई भी नशा छूट सकता है, लेकिन जरूरी है इसे रोकने के लिए शुरुआत अपने घर, परिवार सें करें फिर समाज, प्रदेश व देश तक इसे ले जाएं I इसके लिए सबसे बड़ी जरूरत है जनजागरूकता की जो आज अर्पण कल्याण समिति ने किया है इसमें और भी समाजसेवी संस्था और लोगों को जोडऩे की आवश्यकता है।

करो नशे का त्याग तुम-इससे दूर भागो तुम.., का स्लोगन कलेक्टोरेट ऑक्सीजोन में जब यह सुबह-सुबह सीनियर सिटीजन के बीच से गूंजी तो मॉर्निंग वॉक पर आए लोग भी ठहर गए और ‘युद्ध नशे के विरूद्ध’ जनजागरण अभियान के प्रति अपना समर्थन जताया। रायपुर नगर निगम अध्यक्ष प्रमोद दुबे की अगुवाई में शुरु किए गए -युद्ध नशे के विरुद्ध-अभियान के तहत संगोष्ठी का आयोजन सोमवार की सुबह यहां किया गया था। बड़ी संख्या में जुटे सीनियर सिटीजन्स ने काफी सारगर्भित ढंगे से अपने सुझाव रखे।

नए साल में पहला आयोजन शहर के सीनियर सिटीजन्स के साथ करते हुए युद्ध नशे के विरुद्ध जनजागरूकता अभियान के लिए मार्गदर्शन लिया गया। इससे बड़ी बात क्या होगी कि बगैर लाग लपेट के सभी ने अपनी बातें रखी, उन्होने कहा कि ऐसे लोगों को देखा है जिनकी सुबह चाय की जगह शराब से होती थी आज 25 साल हो गए हाथ नहीं लगाया। केवल दृढ़ संकल्प की जरूरत है।

फोरम के सचिव प्रकाश सुराधनीवार ने बताया कि नशे करने वालों की उम्र नहीं होती वे किसी भी प्रकार का नशा करते हैं इसके लिए जनजागरूकता जरूरी है। योगाचार्य उमाशंकर शर्मा ने इसे योग की पद्धति से जोड़कर कई सूत्र बताए कि चाय को लोगों ने आज सभ्यता बना लिया उसे छोड़ सकते हैं तो शराब क्यों नहीं? नशा करने वाला जानता है कि यह बुरा है फिर भी कहता है क्या करूं, ऐसे लोगों को उपाय बताना होगा।

उपाध्यक्ष शंकुतला तिवारी ने कहा कि नशा को हम व्यसन कहें, नशा करने वाले को प्रेम से समझाएं और बतायें कि इससे आर्थिक और शारीरिक ही नहीं बल्कि कई प्रकार के नुकसान हैं। इसकी शुरुआत हम अपने घर से ही करें, सरकार क्या कर रही है इस पर हमें जाने की जरूरत नहीं।

राजकुमार शुक्ला ने कहा कि अर्पण कल्याण समिति को साधुवाद उनके इस अभियान के लिए। उन्हे इसमें शहर के और भी समाजसेवी संस्था को जोडऩा चाहिए। अगर हमारे भीतर संकल्प शक्ति हैं तो किसी भी प्रकार का नशा छूट सकता है। सीनियर सिटीजन्स फोरम उनके हर कदम में साथ हैं।

रमेश तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार एक बात के लिए तो बधाई के पात्र है कि उन्होने हुक्का बार बंद करवा दिया, पर विडंबना देखें हाईकोर्ट में इसे हमारे ही बीच के लोग चैलेंज कर रहे हैं। तो दोषी कौन हुआ हम या सरकार? इस प्रकार का जनजागरूकता अभियान जारी रहना चाहिए यदि जरा सी भी सफलता पा ली तो बहुत होगा।

जी.जी.बरनवा,प्रभारी भारतीय सामाजिक बल ने कहा कि नवागत विचारों को आत्मसात करते हुए उस जमाने को त्यागना होगा। संगोष्ठी का संचालन अमिताभ दुबे ने और आभार मृत्युंजय शुक्ला ने व्यक्त किया। सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम के उपाध्यक्ष शंकुतला तिवारी, सचिव प्रकाश सुराधनीवार, प्रवक्ता सुरेश मिश्रा, कोषाध्यक्ष सुभाष वर्मा, उमाशंकर श्रीवास्तव, राजकुमार शुक्ला, पी.के.चटर्जी, दीनानाथ वर्मा, रमेश तिवारी।

भारत स्काउट गाइड फेलोशिप समीरनाथ, जिला मुख्य आयुक्त सुरेश शुक्ला,अखिलेश आमवे, गोवर्धन साहू, गौसिया मेडम, सुल्तान। अर्पण कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा, वीरेन्द्र शर्मा, ब्रजेश चौबे, अमिताभ दुबे, राहुल गुप्ता, राजेन्द्र सुराना, शिवनारायण तिवारी, संजय खरे, रमेश शर्मा, धनंजय त्रिपाठी, बाकर अब्बास,फैजल प्रमुख रुप से उपस्थित थे।

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