यूक्रेन से आ रहे छात्रों के पढ़ाई को लेकर सिंहदेव ने जताई चिंता, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

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स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को लिखा पत्र, यूक्रेन में अध्ययनरत मेडिकल विद्यार्थियों की भारत वापसी के उपरांत आगे की शिक्षा पर जताई चिंता

रायपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को यूक्रेन में अध्ययनरत रहे मेडिकल छात्र-छात्राओं की आगे की शिक्षा के विषय पर पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण वहां की स्थिति अत्यन्त ही गंभीर हो चुकी है। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय मूल के छात्र क्रमबद्ध वतन वापस लौट रहे हैं।

इसी क्रम में बड़ी संख्या में भारत लौट रहे छत्तीसगढ़ प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के मेडिकल छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर वह चिंतित हैं। वर्तमान परिदृश्य में यूक्रेन में युद्ध समाप्ति एवं उसके बाद हालात सामान्य होने की स्थिति अनिश्चित है। मेडिकल की शिक्षा हेतु अपनी गाढ़ी कमाई खर्च कर यूक्रेन में बच्चों का अध्ययन करा रहे माता-पिता एवं अभिभावक बच्चों के भविष्य एवं आगे की शिक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं।

इस पत्र में स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने आगे लिखा कि यूक्रेन संकट के कारण भारत लौट रहे मेडिकल के छात्र-छात्रायें अलग-अलग पार्ट में अध्ययनरत थे सबकी अलग-अलग स्थितियां हैं, किन्तु इस विकट परिस्थिति के कारण उन सभी छात्र-छात्राओं के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। अतः उन सभी छात्र-छात्राओं के बारे में हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए।

अपना व्यक्तिगत विचार रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने आगे लिखा कि मेडिकल की शिक्षा हेतु यूक्रेन जाने वाले विद्यार्थियों को यदि देश के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों में एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत् समायोजित किया जाता हैं तो वे सहर्ष तैयार होंगे। वर्तमान में यूक्रेन एवं अन्य देशों से मेडिकल की शिक्षा पूर्ण कर आये भारतीय छात्रों के रजिस्ट्रेशन के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट का प्रावधान है।

इसी तरह इसे भी विशेष प्रकरण मानते हुए प्रभावित छात्रों के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए विचार-विमर्श पश्चात् ऐसी पद्धति अपनायी जाये जिसमें सभी छात्रों के अध्ययनरत समयावधि को आधार मानकर स्क्रीनिंग टेस्ट के द्वारा मूल्यांकन उपरांत देश के मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सीटें आबंटित कर उन्हें समायोजित किया जाए ताकि प्रभावित छात्रों का भविष्य सुरक्षित व सुनिश्चित हो सके।

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