गांव बरपालीकला Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/गांव-बरपालीकला/ News for India Thu, 20 Jan 2022 10:11:26 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png गांव बरपालीकला Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/गांव-बरपालीकला/ 32 32 174330959 खेत में हुई सिंचाई सुविधा तो खेती हुई बेहतर http://revoltnewsindia.com/irrigation-facility-in-the-field-is-better-then-farming/5607/ http://revoltnewsindia.com/irrigation-facility-in-the-field-is-better-then-farming/5607/#respond Thu, 20 Jan 2022 10:11:17 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5607 धान की 25 क्विंटल हुई ज्यादा पैदावार सब्जी-भाजी उत्पादन के साथ मछलीपालन से हो रही अतिरिक्त कमाई रायपुर, 20 जनवरी 2022 छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं का फायदा…

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  • धान की 25 क्विंटल हुई ज्यादा पैदावार
  • सब्जी-भाजी उत्पादन के साथ मछलीपालन से हो रही अतिरिक्त कमाई

रायपुर, 20 जनवरी 2022 छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं का फायदा पहुंचाकर उनकी आमदनी बढ़ाने में सहयोग किया जा रहा है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना जैसी योजनाओं से किसानों के खेतों में कुआं, डबरी खुदवाकर सिंचाई की सुविधा मुहैय्या कराया जा रहा है। जांजगीर-चांपा जिले के दमाऊ पहाड़ की सुरम्यवादियों के बीच बसे हुए गांव बरपालीकला के रहने वाले फुलेशराम अब बेहद खुशहाल जीवन जी रहे है। उनकी खुशी का कारण है, उनके खेतों में बनी हुई निजी डबरी।

यह डबरी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से बनी है। जिसमें एकत्र हुई बारिश की बूंदों से उनके जमीन में नमी बनी रहती है और धान की फसल बेहतर होने लगा है। डबरी से मिले फायदे से फुलेशराम इतने उत्साहित हैं कि उन्होंने इसके इर्द-गिर्द ही अपने भविष्य की योजनाओं का ताना-बाना बुन लिया है। वे धान की फसल के साथ ही मछलीपालन और सब्जी-भाजी उत्पादन का कार्य कर रहे हैं।

फुलेशराम की डबरी सक्ती विकासखण्ड से 15 किलोमीटर दूर बरपाली कलां ग्राम पंचायत में है। उनके पास 5 एकड़ जमीन है, जिस पर वे वर्षों से खेती-किसानी करते आ रहे हैं। लेकिन जल संचय या जल स्त्रोतों के अभाव में एक ही फसल ले पा रहे थे। रोजगार सहायक ने परामर्श दिया कि महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से खेतीहर किसानों की जमीन पर डबरी और कुआं निर्माण जैसे जल संसाधनों का निर्माण किया जा सकता है। निर्माण के दौरान हितग्राही को उसमें मजदूरी करने का अवसर भी मिलता है।

फुलेशराम ने खेत में डबरी बनाने के लिए ग्राम पंचायत में आवेदन जमा किया। पात्रता के आधार पर खेत में निजी डबरी निर्माण के लिए 2.99 लाख रूपए की मंजूरी मिल गई। वहाँ डबरी खुदाई का काम 4 दिसंबर 2020 को शुरू हो गया। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना श्रमिकों के साथ ही उन्होंने भी डबरी की खुदाई में कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।

मेहनत सफल हुई और फुलेशराम के खेत में डबरी का निर्माण 20 फरवरी 2021 को पूरा हो गया। इस कार्य में गांव के ही 91 परिवारों को 1,452 मानव दिवस रोजगार प्रदान किया गया। जिसके लिए 2 लाख 75 हजार 880 रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया। फुलेशराम के परिवार को भी इसमें रोजगार मिला और उन्हें इसके लिए 19 हजार 380 रूपए की मजदूरी भी प्राप्त हुई।

फुलेशराम बताते हैं कि पहले खेती के लिये बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता था। ऐसी स्थिति में लगभग 80 क्विंटल के आस-पास ही धान की पैदावार हो पाती थी। डबरी से सिंचाई की सुविधा मिलने से उतनी ही जमीन पर 105 क्विंटल धान की पैदावार हुई, जो पिछले साल की तुलना में 25 क्विंटल अधिक थी। उन्होंने बताया कि इस साल हुई अधिक पैदावार से जो मुनाफा होगा, उससे वे खेती-किसानी के उपकरण खरीदेंगे। मुनाफा बढ़ने से फुलेशराम का पूरा परिवार खुशहाल है।

फुलेशराम ने डबरी के आसपास की जमीन पर टमाटर, मिर्च, धनिया, बरबट्टी आदि सब्जियां भी लगाई हैं, जो उनके परिवार के प्रतिदिन के भोजन की जरुरतों को पूरा कर रही हैं। इसके अलावा बारिश के बाद जब डबरी में पर्याप्त पानी भर गया था, तो उन्होंने मछलीपालन के उद्देश्य से उसमें 5 किलोग्राम मछली बीज डाले थे, जो आने वाले दिनों में उनकी अतिरिक्त आय का साधन होगी।

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