छत्तीसगढ़ विधानसभा Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/छत्तीसगढ़-विधानसभा/ News for India Wed, 23 Mar 2022 07:10:07 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png छत्तीसगढ़ विधानसभा Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/छत्तीसगढ़-विधानसभा/ 32 32 174330959 बेहतर वित्तीय प्रबंधन से छत्तीसगढ़ में इस वर्ष राजस्व सरप्लस की स्थिति : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/state-of-revenue-surplus-this-year-in-chhattisgarh-due-to-better-financial-management-chief-minister-bhupesh-baghel/7199/ http://revoltnewsindia.com/state-of-revenue-surplus-this-year-in-chhattisgarh-due-to-better-financial-management-chief-minister-bhupesh-baghel/7199/#respond Wed, 23 Mar 2022 07:07:42 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7199 छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी, राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि और वित्तीय घाटा में हो रही लगातार…

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छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी, राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि और वित्तीय घाटा में हो रही लगातार कमी, छत्तीसगढ़ विधानसभा में 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित, पिपरिया, कुंडा, बचरापोड़ी, चलगली, हसौद और सारागांव में नई तहसील की घोषणा, अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कल चर्चा के बाद 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है। राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है और वित्तीय घाटा भी बेहतर वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन से लगातार कम किया जा रहा है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में राजस्व सरप्लस की स्थिति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण राज्य के राजस्व में कमी आई, लेकिन बेहतर वित्तीय प्रबंधन के चलते हम कम ऋण भी ले रहे हैं। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम ऋण इस वर्ष लिया है। चालू वर्ष में केवल एक हजार करोड़ का शुद्ध ऋण लिया गया है। केन्द्र सरकार कहती है कि जीएसटी के एवज में राज्य सरकार ऋण ले।

वर्ष 2019-20 में 3109 करोड़ रूपए का लोन लिया गया। वर्ष 2021-22 में 8 हजार 71 करोड़ का लोन लिया गया, जिसमें जीएसटी ऋण 4965 करोड़ रूपए तथा विशेष केन्द्रीय सहायता ऋण 282 करोड़ शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 की प्रथम तिमाही में 4000 करोड़ का ऋण लिया गया। दूसरी तिमाही में पूंजीगत व्यय 4624 करोड़ रूपए था, जो लिए गए ऋण से अधिक था।

जनवरी 2022 की स्थिति में पूंजीगत व्यय 7629 करोड़ रूपए था और राजस्व आधिक्य 1103 करोड़ रूपए था। इसी प्रकार वित्तीय घाटा 6591 करोड़ रूपए था, जो जीएसडीपी का मात्र 1.65 प्रतिशत था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सर्वजन हिताय- सर्वजन सुखाय की भावना के साथ काम करते हुए प्रदेश के किसानों, आदिवासियों युवाओं, महिलाओं, मजदूरों के हित में प्रारंभ की गई योजनाओं को पूरा करेगी और मितव्ययता को अपनाते हुए अनुत्पादक व्ययों में कमी लाने का हर संभव प्रयास करेगी।

मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा नवीन तहसीलों के गठन की मांग पर सदन में कबीरधाम जिले में पिपरिया और कुंडा, कोरिया जिले में बचरापौड़ी, बलरामपुर में चलगली, जांजगीर-चांपा जिले में हसौद और मुंगेली जिले में सरगांव में तहसील के गठन की घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों को अधिमान्यता के नवीनीकरण में होने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए अधिमान्यता नियम में संशोधन करने तथा अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने विनियोग पर चर्चा करते हुए कहा कि विनियोग वर्ष 2022-23 का आकार 01 लाख 12 हजार 603 करोड रुपए है। बजट 2022-23 का शुद्ध व्यय 1 लाख 4000 करोड रुपए का है। इसमें राजस्व व्यय 88 हजार 371 करोड़ रूपए और पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ रूपए है। राज्य को कुल 01 लाख 4 हजार करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति होगी, जिसमें राजस्व प्राप्तियां 89 हजार 73 करोड़ रूपए तथा पूंजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ रूपए होगी।

बजट के वित्तीय संकेतकों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राजस्व आधिक्य 702 करोड़ रूपए, वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ रूपए का अनुमान है। वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित जीएसडीपी 4 लाख 38 हजार 478 करोड़ रूपए तथा जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में वित्तीय घाटा 3.33 प्रतिशत होगा। बजट में अनुसूचित जनजाति के लिए 33 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 12 प्रतिशत, सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत तथा आर्थिक क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है। बजट में कृषि बजट का आकार 20 हजार 405 करोड़ रूपए है।

मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 के प्रावधिक अनुमान अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी में 11.54 प्रतिशत वृद्धि संभावित है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 9.2 प्रतिशत कमी की तुलना में अधिक है। वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 3.9 एवं 11.8 प्रतिशत तथा 8.2 की तुलना में छत्तीसगढ़ में काफी बेहतर स्थिति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में राजस्व सरप्लस की स्थिति है। छत्तीसगढ़ ने बजट का 80 प्रतिशत लोन लिया है। झारखण्ड में 89 प्रतिशत ऋण है। इसी तरह उत्तराखण्ड में 104 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 92 प्रतिशत, गुजरात में 146 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 125 प्रतिशत और हरियाणा में 180 प्रतिशत ऋण है। छत्तीसगढ़ की स्थिति पहले से स्थापित देश के कई राज्यों से बेहतर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत राज्य सरकार केन्द्र की किसान सम्मान निधि योजना से ज्यादा राशि भूमिहीन कृषि मजदूरों को देगी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष 7000 रूपए की सहायता दी जाएगी। इस योजना का लाभ हमारी आदिवासी संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले का मांझी, बैगा, गुनिया और पुजारी को भी मिलेगा। इसके साथ-साथ हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया को भी इस योजना के समान लाभ दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएससी और व्यापमं की परीक्षाओं में स्थानीय युवाओं को शुल्क से छूट दी गई है। कर्मचारियों के हितों की चिंता करते हुए राज्य सरकार ने एनपीएस स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाली करने का निर्णय लिया है। शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में आगामी वर्ष से वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधान सभा के सदस्यों की क्षेत्र विकास निधि 2 करोड रुपए से बढ़ाकर 4 करोड़ रूपए की जा रही है।

जनपद अध्यक्षों का मानदेय 6000 रूपए से बढ़ाकर 10000 रूपए, जनपद उपाध्यक्ष का मानदेय 4000 रूपए से बढ़ाकर 6000 रूपए और सदस्यों का मानदेय 1500 रूपए से बढ़ाकर 5 हजार रूपए प्रतिमाह किया जाएगा। बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों और पदोन्नति का लाभ देने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स का नवीन कैडर का गठन किया जाएगा।

पांच पुलिस चौकियों मारो (बेमेतरा), जेवरा-सिरसा (जिला-दुर्ग), नैला (जांजगीर-चांपा), खरसिया (रायगढ़) और वाड्रफनगर (बलरामपुर) के थाने में उन्नयन के लिए 226 नवीन पदों, तीन नवीन पुलिस चौकी भैंसा (रायपुर), घटारानी जतमई (गरियाबंद), राहूद (जांजगीर) की स्थापना हेतु 99 पदों, बिलासपुर, जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 114 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा।

नौ जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बैरक निर्माण के लिए 16.96 करोड़ रूपए का प्रावधान तथा रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक, पुलिस मेमोरियल टावर के लिए 01 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा नशे का कारोबार करने वालों पर लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध 436 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। चिटफंड कंपनियों की 18 करोड़ से अधिक लागत की संपत्ति की नीलामी की गई और 17 हजार से अधिक निवेशकों को 11 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि वापस दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवगठित मानपुर-मोहला-चौकी, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मनेन्द्रगढ़ जिलों के लिए 1100 नवीन पदों तथा 11 नवीन अनुविभाग कार्यालयों के लिए 37 पदों का प्रावधान किया गया है। बजट में अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संचालित भवनविहीन छात्रावास आश्रमों हेतु 106 भवनों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

इसी तरह जगदलपुर (बस्तर), बासीन (बालोद), माकड़ी (कोण्डागांव) एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जनता की मांग को देखते हुए 32 नवीन स्वामी आत्मानंद शुद्ध हिंदी माध्यम स्कूल प्रारंभ करने का प्रावधान किया गया है प्रत्येक जिले में कम से कम एक हिंदी माध्यम स्कूल प्रारंभ होंगे।

स्वास्थ्य व्यवस्था और चिकित्सा शिक्षा की बेहतर व्यवस्था के लिए नवीन भवन, आधुनिक लैब, उपकरणों और मानव संसाधन की व्यवस्था की जा रही है। विगत दो वर्षों में 01 हजार 329 डाक्टरों के साथ पुलिस और महिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, लैब टेक्निशियनों तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। जगरगुण्डा (सुकमा) में 30 बिस्तर सीएससी एवं अहिवारा (दुर्ग) में 10 बिस्तर एनआरसी हेतु 45 पदों का सृजन, खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल भवन निर्माण का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत मुख्यमंत्री पोषण अभियान सहित अन्य योजनाओं से विगत 3 वर्षों के दौरान कुपोषण में 8.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है, जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 से कम है।

उन्होंने कहा कि राज्य के 48.60 लाख परिवारों को नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन में 01 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार नगरीय निकायों में भी जल प्रदाय योजना के लिए प्रावधान किया गया है। वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में नरवा योजना के तहत 1950 नालों को उपचारित करने के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा 65 वनोपजों का समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इस योजना का यह सकारात्मक प्रभाव है कि इस वर्ष बस्तर में व्यापारी 45 रूपए प्रतिकिलो की दर पर महुए की खरीदी कर रहा है। प्रदेश में कोदो, कुटकी 3000 रूपए और रागी 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है। इन फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना 10 हजार प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के विकास में युवा शक्ति की सहभागिता बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 तथा नगरीय क्षेत्रों में 1605 राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया जाएगा। इस क्लब द्वारा अपनी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ शासकीय योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के बजट में 6638 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य बजट के अतिरिक्त अन्य संसाधनों से वर्तमान में 16 हजार करोड़ रूपए से अधिक लागत की सड़कों एवं पुलों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य मार्गों के निर्माण के लिए 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के लिए 458 करोड़, ग्रामीण मार्गों हेतु 810 करोड़, वृहद एवं मध्यम निर्माण हेतु 315 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग में मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरूआत की जाएगी। जिसके तहत जगदलपुर विकासखण्ड के नानगूर में ककून बैंक की स्थापना की जाएगी। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिए दिया जाएगा। इन समूहों को इसके लिए प्रशिक्षण के साथ मशीन उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 3 वर्षो में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ रूपए की कमी तथा कोविड आपदा के कारण राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने के कारण राज्य सरकार को ऋण लेना पड़ा। राज्य सरकार द्वारा केवल 33 हजार 886 करोड़ रूपए का शुद्ध ऋण लिया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में पूंजीगत व्यय हेतु 13,839 करोड़ का प्रावधान था, जो पुनरीक्षित अनुमान में बढ़कर 14,191 करोड़ तथा वर्ष 2022-23 के बजट में 15,241 करोड़ रखा गया है। इसी प्रकार वित्तीय घाटा भी लगातार कम किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 के लिए वित्तीय घाटा राज्य की जीएसडीपी का केवल 2.55 प्रतिशत होगा। यह एफआरबीएम एक्ट के अंतर्गत निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा से काफी कम है।

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तीन सालों में लोगों के जीवन में आया बड़ा बदलाव, आजीविका के खुले नये द्वार: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/big-change-in-the-lives-of-people-in-three-years-new-doors-of-livelihood-opened-chief-minister-bhupesh-baghel/7165/ http://revoltnewsindia.com/big-change-in-the-lives-of-people-in-three-years-new-doors-of-livelihood-opened-chief-minister-bhupesh-baghel/7165/#respond Tue, 22 Mar 2022 07:38:03 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7165 जनता को राहत पहुंचाने और विकास में भागीदार  बनाने के हरसंभव उपाय, विधानसभा में मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित व्यय के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रूपए की…

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जनता को राहत पहुंचाने और विकास में भागीदार  बनाने के हरसंभव उपाय, विधानसभा में मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित व्यय के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रूपए की अनुदान मांगें पारित, लगातार बढ़ रहा खनिज राजस्व इस वर्ष लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपए खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान, लोकसेवा केन्द्रों से इस वर्ष 25 लाख 21 हजार से अधिक नागरिकों को मिला विभिन्न शासकीय सेवाओं का लाभ, हाफ बिजली बिल योजना: 40.74 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिली 2200 करोड़ रुपए की राहत, बिजली पर किसानों को तीन वर्षों में मिली 7 हजार 464 करोड़ रुपए की छूट, पुरानी पेंशन योजना की बहाली से अधिकारी-कर्मचारियों को नहीं रहेगा बुढ़ापे में टेंशन, पांच नये जिलों में जिला जनसम्पर्क कार्यालयों की स्थापना के लिए प्रावधान

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विभागों के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गईं। इस राशि में से सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 339 करोड़ 68 लाख 81 हजार रूपए, सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 429 करोड़ 60 लाख 90 हजार रूपए, वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 7734 करोड़ 24 लाख 25 हजार रूपए, जिला परियोजनाओं से संबंधित व्यय के लिए 208 करोड़ 65 लाख रूपए, ऊर्जा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 2634 करोड़ 17 लाख 38 हजार रूपए, खनिज साधन विभाग से संबंधित व्यय के लिए 751 करोड़ 70 लाख 42 हजार रूपए, जनसम्पर्क विभाग से संबंधित व्यय के लिए 329 करोड़ 87 लाख 10 हजार रूपए, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 192 करोड़ 32 लाख 68 हजार रूपए और विमानन विभाग के लिए 61 करोड़ 49 लाख 28 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘सेवा, जतन, सरोकार’ और ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ इन दो ध्येय वाक्यों को लेकर चल रही है। हमने एक ओर जहां जनता को जल्दी से जल्दी राहत पहुंचाने पर जोर दिया है, वहीं दूसरी ओर उन्हें प्रदेश के विकास में भागीदार बनाने के हरसंभव उपाय कर रहे हैं। वर्ष 2018 में जिन हालात में कराहता हुआ छत्तीसगढ़ मिला था, उसकी याद करके भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हमने तीन वर्षों में बहुत से बड़े-बड़े बदलाव लाए हैं, जिसके कारण छत्तीसगढ़ की जनता को राहत भी मिली और सशक्तीकरण भी हुआ।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा की छत्तीसगढ़ महतारी का सबसे बड़ा आशीर्वाद हमें प्रचुर मात्रा में खनिज के रूप में मिला है। हमारा मानना है कि खनिज ऐसी धरोहर है, जिससे वर्तमान को संवारना है और इसे भविष्य के लिए सुरक्षित भी रखना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी खनिज संसाधन मिल सके। इसलिए हमने बहुत ही पारदर्शी नीतियों और योजनाएं बनाई हैं। जिसके कारण एक ओर जहां खनिज राजस्व में तेजी से वृद्धि हो रही है वहीं दूसरी ओर इनका लाभ स्थानीय निवासियों को मिल रहा है। राज्य के समग्र विकास में हमारे खनिज संसाधन का समुचित उपयोग किया जा रहा है। खनिज राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व के रूप में राज्य शासन को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 हजार 517 करोड़ रुपए प्राप्त हुआ। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक की स्थिति में निर्धारित लक्ष्य 7 हजार 800 करोड़ रुपए के विरूद्ध 8 हजार 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है। इस तरह वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपए का खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमएफ के दुरूपयोग के बहुत से किस्से इस सदन में गूंज चुके हैं। हमने डीएमएफ के सदुपयोग की दिशा में गंभीर कदम उठाए हैं। डीएमएफ का उपयोग अब खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों एवं क्षेत्र के विकास हेतु किया जा रहा है। हमारी सरकार आने के बाद डीएमएफ के अंशदान से जिलों के कुपोषण दर कम करने, स्वास्थ्य, शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने, कृषि, प्रसंस्करण को बढ़ावा, रोजगार एवं हितग्राही मूलक कार्य प्राथमिकता पर स्वीकृत हो रहे है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक डीएमएफ मद में अंशदान के रूप में 2 हजार 20 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है। डीएमएफ से अंशदान के रूप में वर्ष 2015 से अब तक कुल 8 हजार 35 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी को जनसुविधा तथा जनसशक्तीकरण का माध्यम बनाया है। इस कड़ी में अब राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की मॉनीटरिंग हेतु ऑनलाइन एडवांस प्लेटफॉर्म ‘मुख्यमंत्री सीजी कैम्प पोर्टल’ विकसित किया गया है। इस पोर्टल में प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं को शामिल किया गया है। जैसे गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, सीजी ई-डिस्ट्रिक्ट, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना की ऑनलाइन मॉनीटरिंग इसी पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने सरकारी दफ्तरों तथा लोकसेवकों की जवाबदेही तय करते हुए लोकसेवा केन्द्रों को सक्षम बनाया है, जिनके माध्यम से इस वर्ष 25 लाख 21 हजार से अधिक नागरिक विभिन्न शासकीय सेवाओं से लाभान्वित हुए हैं। वर्तमान में विभिन्न विभागों की 132 सेवाएं ऑनलाइन रूप से उपलब्ध हैं। इस योजना के माध्यम से अभी तक 172 लाख 86 हजार से अधिक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 161 लाख 66 हजार आवेदन निराकृत हो चुके हैं। हमारी तीन महत्वपूर्ण योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। ऑफलाइन शिक्षा के लिए ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान ‘बुलठू के बोल’/ग्रामीण क्षेत्रों में नगद भुगतान हेतु ‘डिजिपे सखी’ और ‘गोधन न्याय योजना’ को भारत सरकार द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर जारी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेंशन स्टोरीज की किताब में प्रकाशित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हमने कुशल प्रबंधन और सही अनुशासन का पालन किया। यही वजह है कि कोरोना, कोयला संकट, लॉकडाउन जैसे तमाम अवरोधों के बावजूद हमने सर्वाधिक उत्पादन, उपलब्धता और आपूर्ति के कीर्तिमान बनाए। जब राज्य का गठन हुआ था तब छत्तीसगढ़ में बिजली की मांग सिर्फ 1हजार 334 मेगावाट होती थी। 2018 के अंत में 4 हजार 559 मेगावाट पहुंची और आज 5 हजार 57 मेगावाट के शीर्ष को हमने छुआ है।

उन्होंने कहा कि ट्रांसमिशन (पारेषण) की बात करें तो हमने कुशल प्रबंधन से पारेषण हानि 3 प्रतिशत के करीब ला दी है, जो नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य 3.22 प्रतिशत से भी कम है। अच्छी व्यवस्था के कारण पारेषण प्रणाली की उपलब्धता 99.79 प्रतिशत रही, जो एक कीर्तिमान है। विगत वर्ष में पारेषण क्षमता बढ़ाने के लिए हमने 132/33 केव्ही क्षमता के 2 उपकेन्द्र उदयपुर (जिला सूरजपुर) तथा खैरागढ़ (जिला राजनांदगांव) में ऊर्जीकृत किया है तथा ऐसे 5 उपकेन्द्र शीघ्र पूर्ण करने जा रहे हैं। कोरोना और लॉकडाउन के बावजूद हमने प्रदेश में विद्युत विकास को गति दी।

वितरण व्यवस्था की बात करें तो वर्ष 2018 तक अर्थात 18 वर्षों में प्रदेश में 4 लाख 17 हजार 523 सिंचाई पम्पों को बिजली दी गई थी, जबकि हमने मात्र 3 वर्षों में 67 हजार 942 पम्पों को बिजली दी है। यानी 3 वर्षों में 16 प्रतिशत। 11 केव्ही उपकेन्द्र की बात करें तो प्रदेश में 18 वर्षों में 1 लाख 56 हजार 94 उपकेन्द्र स्थापित हुए थे, जबकि हमने मात्र 3 वर्षों में 44 हजार 321 उपकेन्द्र स्थापित किए। यानी सिर्फ 3 वर्षों में 28 प्रतिशत। 11 केव्ही और निम्न दाब लाइनों की संख्या भी हमने 18 वर्षों की तुलना में 16 प्रतिशत बढ़ा दी है। राज्य सरकार ने अपनी विद्युत क्षमता का लाभ प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों को देने का काम किया है। हाफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 400 यूनिट खपत पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इस योजना के तहत हमने अभी तक 40 लाख 74 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 2200 करोड़ रुपए की राहत दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बिजली की ताकत देने के लिए निःशुल्क अथवा रियायती दर पर बिजली दी जा रही है। विगत 3 वर्षों में 5 लाख 94 हजार सिंचाई पम्प उपभोक्ता किसानों को 7 हजार 464 करोड़ रुपए की छूट दी गई है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं रखी गई है। अन्य वर्गों के किसानों को 3 हार्स पावर के पम्पों पर 6000 यूनिट तथा 3 से 5 हार्स पावर वाले किसानों को 7500 यूनिट बिजली प्रतिवर्ष निःशुल्क दी जा रही है। बीपीएल परिवारों को 30 यूनिट प्रति कनेक्शन प्रतिमाह की दर से निःशुल्क बिजली दी जा रही है, जिससे 17 लाख से अधिक परिवारों के घर रोशन हो रहे हैं। सौर ऊर्जा से विगत 3 वर्षों में 56 हजार से अधिक पम्पों की स्थापना की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बंद हो चुकी पुरानी पेंशन को फिर से बहाल करने का निर्णय लिया है, इससे अधिकारियों कर्मचारियों को बुढ़ापे की चिंता नहीं रहेगी क्योंकि उन्हें पेंशन मिलेगी।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जी.आई.एस. मैपिंग के माध्यम से ऐसे ग्रामों का चिन्हांकन किया गया था, जिनके 5 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई भी बैंक शाखा/बैंक मित्र कार्यरत नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य में इसके अंतर्गत ऐसे 1 हजार 540 ग्रामों को चिन्हांकित किया गया। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 1 हजार 483 ग्राम में बैंकिंग सेवा पहुंचा दी है, जो लक्ष्य का लगभग 96.3 प्रतिशत होता है। वर्ष 2019-20 में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में आम जनता तक बैंकिंग सुविधा की पहुंच के लिए विशेष प्रयास किए गए, जिसमें समस्त बैंकों के माध्यम से 21 हजार 312 बैंक मित्र नियुक्त किए जा चुके हैं। इसी तरह प्रदेश के नक्सल प्रभावित अंचलों में बैंक शाखाओं की संख्या 338 से बढ़कर 551, एटीएम की संख्या 222 से बढ़कर 455 कर दी गई है। लगभग 4 हजार बीसी सखियों की सेवाएं भी सराहनीय है। हमने जहां 91 हजार करोड़ रुपए लोगों की जेब में डाले, वहीं इन पैसों की सुरक्षा की दिशा में भी प्रयास करने में सफल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट में वित्त विभाग अंतर्गत प्रमुख प्रावधानो की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य अंतर्गत विभागों की विभिन्न योजनाओं हेतु निर्बाध वित्त आपूर्ति हेतु लिए गए लोक ऋण के पुनर्भुगतान हेतु 6 हजार 11 करोड़ 90 लाख रुपए का प्रावधान। ऋण के ब्याज की समयबद्ध अदायगी हेतु 7 हजार 2 करोड़ 70 लाख रुपए का प्रावधान। राज्य के कर्मचारियों की पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति लाभों हेतु 7 हजार 594 करोड़ 60 लाख रुपए का प्रावधान। किसानों को दिए जाने वाले ब्याजमुक्त ऋण के संबंध में ग्रामीण बैंकों को दिए जाने वाले ब्याज अनुदान हेतु 16 करोड़ रुपए का प्रावधान। जगदलपुर में लेखा प्रशिक्षण शाला के स्थापना हेतु 6 नवीन पदों के सृजन के लिए 20 लाख रुपए का प्रावधान। इससे बस्तर क्षेत्र के कर्मचारियों के लेखा संबंधी ज्ञानवर्धन के साथ ही लेखा सेवाओं में प्रवेश व पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसम्पर्क विभाग द्वारा पंडित माधवराव सप्रे के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा स्वर्गीय चंदूलाल चन्द्राकर एवं स्वर्गीय मधुकर खेर की स्मृति में प्रतिवर्ष चयनित पत्रकारों को पुरस्कार दिया जाता है। इसके अलावा 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों को मुख्यमंत्री सम्मान निधि के रूप में 10 हजार रुपए की राशि देने की व्यवस्था की गई है। मीडियाकर्मियों तथा उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सहायता अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा 5 नए जिलों में जनसम्पर्क कार्यालयों की स्थापना के लिए भी हमने प्रावधान किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में  विमानन सुविधाओं के विकास के संबंध में कहा कि रीजनल कनेक्टिविटी योजना अंतर्गत जगदलपुर, बिलासपुर एयरपोर्ट को 3सी-व्हीएफआर एयरपोर्ट अनुरूप विकसित कर इनका लायसेंस प्राप्त किया गया है। मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट, जगदलपुर से हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर सेक्टर में तथा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट, बिलासपुर (चकरभाठा) से दिल्ली-जबलपुर-बिलासपुर-प्रयागराज सेक्टर में अब नियमित विमान सेवा का संचालन हो रहा है। राज्य शासन द्वारा मां महामाया एयरपोर्ट, अम्बिकापुर दरिमा के रनवे के विकास के लिए राशि 43 करोड़ 98 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। एयरपोर्ट का विकास 3सी-व्हीएफआर एयरपोर्ट अनुरूप किया जा रहा है। शीघ्र ही एयरपोर्ट का लायसेंस प्राप्त कर यहां से घरेलू विमान सेवा प्रारंभ करने की योजना है।

राज्य शासन द्वारा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट बिलासपुर को 4सी-व्हीएफआर श्रेणी में विकसित करने की योजना बनाई गई है, ताकि यहां से बड़े विमानों का संचालन संभव हो सके। माना रायपुर एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अपार संभावनाओं को देखते हुए राज्य शासन ने यहां से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा का संचालन प्रारंभ करने तथा व्यापार, वाणिज्य गतिविधियों के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्गाे सुविधा विकसित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हमने रायपुर से दुबई एवं सिंगापुर के लिए विमान सेवा शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया गया है। अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा संचालन के लिए विमान संचालक कंपनी को राज्य शासन आवश्यक सब्सिडी भुगतान करने हेतु सहमत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार घर-घर में जल पहुंचाने का काम पूरा करेगी। प्रदेश में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नरवा योजना शुरू की गई है।

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मंत्री टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए 11,196 करोड़ रूपए से अधिक की अनुदान मांगे पारित http://revoltnewsindia.com/minister-t-s-demands-for-grants-of-more-than-rs-11196-crore-were-passed-for-the-departments-of-singhdev/7162/ http://revoltnewsindia.com/minister-t-s-demands-for-grants-of-more-than-rs-11196-crore-were-passed-for-the-departments-of-singhdev/7162/#respond Mon, 21 Mar 2022 16:33:33 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7162 रायपुर, 21 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर और 20-सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए…

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रायपुर, 21 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर और 20-सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए कुल 11 हजार 196 करोड़ 82 लाख 98 हजार रूपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित की गईं। इनमें पंचायत तथा ग्रामीण विकास से संबंधित व्यय के लिए 3494 करोड़ 83 लाख 43 हजार रुपए, पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 3472 करोड 98 लाख 91 हजार रुपए, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 2823 करोड़ 18 लाख 85 हजार रुपए, चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 1108 करोड़ 93 लाख 51 हजार रुपए, वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित व्यय के लिए 293 करोड़ तीन लाख तीन हजार रुपए तथा 20-सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से संबंधित व्यय के लिए तीन करोड़ 85 लाख 25 हजार रुपए की अनुदान मांगें शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि घोषणा पत्र की कई बातों को पिछले तीन वर्षों में लागू किया गया है। जो रह गया है उन्हें आने वाले समय में लागू करेंगे। इन्हें पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत बीपीएल राशन कॉर्डधारी परिवारों को सालाना पांच लाख रूपए तक के निःशुल्क इलाज की पात्रता प्रदान कर इसके दायरे में आने वाले परिवारों की संख्या बढ़ाई गई है।

आयुष्मान योजना के तहत एसईसीसी (SECC) में शामिल प्रदेश के 39 लाख परिवार ही पांच लाख रूपए तक के इलाज के लिए पात्र थे। राशन कॉर्ड के आधार पर पात्रता तय करने से अब प्रदेश के 57-58 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। मंत्री सिंहदेव ने सदन में बताया कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 14 चिन्हांकित बीमारियों के उपचार के लिए 20 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसमें कुछ और बीमारियों को भी शामिल किया जा रहा है।

सिंहदेव ने विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है। कोरोना काल को छोड़कर वित्तीय वर्ष 2021-22 में ओपीडी इलाज के लिए प्रदेश भर में दो करोड़ 22 लाख पंजीयन हुए हैं। वहीं आईपीडी में औसतन प्रति माह 3580 पंजीयन हुए हैं। कोरोना के इलाज के लिए अस्पतालों में व्यापक व्यवस्थाएं की गई थीं।

सभी जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन सुविधा वाले 100-100 बिस्तरों के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों का इंतजाम किया गया था। मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रदेश में तेजी से ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की गई। आज प्रदेश में 107 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र हैं। कोविड-19 के प्रबंधन में 16 हजार मेडिकल स्टॉफ ने लगातार अपनी सेवाएं दी हैं। कोरोना की रोकथाम के लिए दवा खरीदी हेतु राज्य शासन द्वारा अपनाई गई नीति से 170 करोड़ रूपए की बचत हुई है।

टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि अस्पतालों में मानव संसाधन को मजबूत करने 541 चिकित्सा अधिकारियों और 273 विशेषज्ञ चिकित्सों की भर्ती की गई है। इसके साथ ही एमबीबीएस डिग्रीधारी 1070 और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रीधारी 247 अनुबंधित डॉक्टर भी सरकारी अस्पतालों में पदस्थ किए गए हैं। किडनी रोगों की अधिकता वाले देवभोग क्षेत्र के सामुदायिक अस्पताल और गरियाबंद जिला चिकित्सालय में डायलिसिस की सुविधा आगामी अप्रैल माह में शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि मुंगेली में सीटी स्कैन मशीन के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही जांजगीर-चांपा जिले के सारागांव में दस बिस्तरों के अस्पताल के 30 बिस्तर वाले अस्पताल के रूप में उन्नयन के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान किया जाएगा।

मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने अनुदान मांगों की चर्चा के जवाब में कहा कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने जरूरत के मुताबिक मनरेगा कार्य शुरू करने के निर्देश सभी जिलों को दिए गए हैं। सामग्री मद में भुगतान के लिए 290 करोड़ और प्रशासनिक व्यय के लिए 114 करोड़ रूपए की राशि आज ही भारत सरकार से प्राप्त हुई है। इससे इन मदों में लंबित राशि का भुगतान शीघ्र कर लिया जाएगा।

प्रदेश में अनेक जरूरतमंद श्रमिकों को 100 दिनों से अधिक का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस अतिरिक्त रोजगार के भुगतान के लिए राज्य शासन द्वारा 87 करोड़ रूपए की व्यवस्था की जाएगी। प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 42 हजार 992 विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत चार हजार से अधिक गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण तथा लिक्विड वेस्ट प्रबंधन कार्य के लिए 2677 गांवों को कार्ययोजना में शामिल किया गया है।

विधानसभा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर और 20-सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, शैलेष पाण्डेय, अजय चन्द्राकर, संतराम नेताम, धर्मजीत सिंह, प्रकाश शक्राजीत नायक, नारायण चंदेल, प्रमोद शर्मा, शिवरतन शर्मा, रजनीश कुमार सिंह, केशव चंद्रा, पुन्नुलाल मोहिले, ममता चंद्राकर और रंजना साहू ने भाग लिया।

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गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों के लिए 11143.37 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे पारित http://revoltnewsindia.com/demand-for-grant-of-rs-11143-37-crore-passed-for-the-departments-of-home-minister-tamradhwaj-sahu/7022/ http://revoltnewsindia.com/demand-for-grant-of-rs-11143-37-crore-passed-for-the-departments-of-home-minister-tamradhwaj-sahu/7022/#respond Mon, 14 Mar 2022 16:55:22 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7022 रायपुर, 14 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 11,143 करोड़ 37 लाख 42 हजार रूपए की अनुदान मांगे…

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रायपुर, 14 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 11,143 करोड़ 37 लाख 42 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्व सम्मति से पारित की गई। इनमें लोक निर्माण विभाग अंतर्गत सड़के और पुल के लिए 2 हजार 605 करोड़ 76 लाख 67 हजार रूपए, भवनों के लिए 1503 करोड़ 50 लाख 86 हजार रूपए, लोक निर्माण विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 940 करोड़ 15 लाख 3 हजार रूपए तथा पुलिस के लिए 5 हजार 665 करोड़ 78 लाख 22 हजार रूपए, गृह विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 85 करोड़ 67 लाख 96 हजार रूपए, जेल विभाग के लिए 197 करोड़ 49 लाख 50 हजार रूपए, धार्मिक न्यास और धर्मस्व के लिए 18 करोड़ 75 लाख रूपए और पर्यटन विभाग के लिए 126 करोड़ 24 लाख 18 हजार रूपए शामिल है।

अनुदान मांगों की चर्चा में सदस्यगण शिवरतन शर्मा, मोहन मरकाम, अजय चन्द्राकर, आशीष छाबड़ा, धरमजीत सिंह, सरिता सिन्हा, ननकी राम कंवर, केशव प्रसाद चन्द्राकर, भुनेश्वर बघेल, नारायण चंदेल, रामकुमार यादव, इन्दु बंजारे और डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने भाग लिया। गृह मंत्री साहू ने अनुदान मांगों की चर्चा के जवाब देते हुए सदन में कहा कि यह बजट गढ़बों नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना का बजट है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सभी वर्गों के विकास के लिए बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने सदन में कहा कि हमारी सरकार बनने के पहले साल ही सही मायने में काम करने का मौका मिला। उसके बाद कोरोना महामारी के कारण कुछ विकास कार्य अवश्य प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार कोरोना महामारी की चुनौतीपूर्ण समय का सामना करते हुए सर्वप्रथम लोगों की जान बचाने का काम किया।

हमारी सरकार ने चाहे अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था करने की बात हो, प्रवासी मजदूरों को लाने-लेजाने, उनकी भोजन व्यवस्था, सुरक्षा सहित अन्य जनहित के कार्यों को प्राथमिकता से किया।

गृह मंत्री साहू ने सदन में कहा कि जवाहर सेतु योजना सरकार की घोषणा पत्र का हिस्सा है। इसके तहत राज्य के सभी पहुंचविहीन गांवों को कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए सभी नदियों और नालों में पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत 84 पुल कार्यों के लिए 568 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें 9 कार्य पूर्ण एवं 61 कार्य प्रगति पर तथा 12 कार्य निविदा स्तर पर है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत जनसामान्य की सुविधा के लिए प्रदेश के सभी शासकीय भवनों, चिकित्सालय, स्कूल-कॉलेज, पंचायत भवन, उचित मूल्य की दुकान, आंगनबाड़ी सहित अन्य शासकीय शैक्षणिक संस्थानों के भवन हाट बाजार, शमशान घाट, मेला स्थल एवं धान संग्रहण केन्द्रों को मुख्य मार्ग से बारहमासी पक्की सड़क से जोड़ने काम किया जा रहा है। अब तक कुल 726 किलोमीटर लम्बाई के 4142 मार्ग के लिए 495 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 1125 मार्ग पूर्ण कर लिया गया है एवं 856 मार्ग प्रगति पर है।

उन्होंने कहा कि बस्तर एवं आदिवासी बहुल क्षेत्र का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विकास हेतु निरंतर सड़कों के निर्माण एवं उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। मंत्री साहू ने कहा कि लोक निर्माण विभाग अंतर्गत सड़कों के सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण एवं पुल-पुलिया आदि निर्माण कार्यों के लिए 6638 करोड़ 18 लाख 36 हजार रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार इंजीनियरों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है। जिससे शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों को डिप्लोमा, डिग्री और मास्टर डिग्री के आधार पर उन्हें 15 हजार, 25 हजार और 50 हजार रूपए मासिक मानदेय उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

मंत्री साहू ने कहा कि गृह विभाग द्वारा प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति मोबाइल एप विकसित किया गया है। जिससे ऑनलाईन शिकायत के बाद त्वरित कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में पुलिस मुख्यालय स्तर पर राज्य साइबर पुलिस थाना एवं आधुनिक साइबर लैब कार्यरत है।

वर्ष 2021 में हेल्पलाइन नम्बर के माध्यम से साइबर फ्राड के अंतर्गत 2.47 करोड़ रूपए होल्ड कराया गया। वर्ष 2022 में रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर जिले में एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट स्थापित किए गए हैं। साइबर जागरूकता के विशेष कार्यक्रम पूरे राज्य में चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा डायल 112 योजना संचालित की जा रही है। पहले राज्य के 11 जिलों में संचालित की गई थी। योजना की सफलता को देखते हुए सभी 28 राज्यों में डायल 112 योजना संचालित करने का निर्णय लिया गया है।

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि राज्य में स्वीकृत पुलिस बल की संख्या 78 हजार 698 हो गई है। वर्तमान में राज्य में 467 पुलिस थाने एवं 115 पुलिस चौकी स्वीकृत है। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था में सुधार एवं सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए आवश्यक संसाधन जैसे- हाईवे पेट्रोलियम वाहन, क्रेन, स्पीड राडरगन, एनालाईजर, स्टॉपर इत्यादि की व्यवस्था की जा रही है। साहू ने कहा कि राज्य में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस के समन्वय से नक्सल विरोधी अभियान लगातार सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

‘‘विश्वास-विकास-सुरक्षा’’ के तहत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चिटफंड कंपनियों पर अभियान चलाकर लगातार कार्यवाही की जा रही है। वर्ष 2019 से अब तक 56 अनियमित वित्तीय कंपनियों के विरूद्ध 79 प्रकरण पंजीबद्ध किया, जिसमें 143 डायरेक्टर और 44 पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 246 प्रकरण में संपत्ति चिहिंत कर कुर्की की कार्यवाही की जा रही है। अब तक 17 हजार 404 निवेशकों को 11 करोड़ 22 लाख 73 हजार रूपए की राशि वापिस की गई है। विभाग द्वारा अवैध मादक पदार्थों, शराब, जुआ, सट्टा पर भी लगातार कार्यवाही की जा रही है।

मंत्री साहू ने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी राम वन गमन पर्यटन परिपथ योजना के तहत भगवान श्रीराम के स्मरणीय एवं ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश में 75 स्थानों को चिन्हांकित प्रथम चरण में 9 स्थानों का उन्नयन किया जा रहा है।

प्रथम चरण के अंतर्गत आरंग विकासखण्ड के ग्राम चन्दखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर जीर्णोंद्धार का काम पूर्ण कर लिया गया है। शिवरीनारायण का कार्य पूर्णतः की ओर है तथा शेष स्थलों पर भी कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में राम वन गमन पथ निर्माण एवं उन्नयन के लिए 30 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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मुख्यमंत्री को नगर निगमों के महापौरों ने वर्ष 2022-23 का कल्याणकारी बजट प्रस्तुत करने पर दी हार्दिक बधाई http://revoltnewsindia.com/the-mayors-of-municipal-corporations-congratulated-the-chief-minister-on-presenting-the-welfare-budget-for-the-year-2022-23/6889/ http://revoltnewsindia.com/the-mayors-of-municipal-corporations-congratulated-the-chief-minister-on-presenting-the-welfare-budget-for-the-year-2022-23/6889/#respond Wed, 09 Mar 2022 15:03:13 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6889 रायपुर, 09 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां विधानसभा परिसर स्थित सेंट्रल हॉल में छत्तीसगढ़ के 12 नगर निगमों के महापौरों ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने वित्तीय वर्ष…

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रायपुर, 09 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां विधानसभा परिसर स्थित सेंट्रल हॉल में छत्तीसगढ़ के 12 नगर निगमों के महापौरों ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कल्याणकारी बजट प्रस्तुत करने पर मुख्यमंत्री बघेल को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। महापौरों ने कहा है कि बजट में सभी वर्गों के कल्याण एवं उन्नति को ध्यान में रखा गया है। आर्थिक विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। वर्ष 2022-23 के बजट से समावेशी विकास की गति को बल मिलेगा।

इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय, विधायक विनय जायसवाल और देवेंद्र यादव सहित रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल, कोरबा महापौर राज किशोर प्रसाद, चिरमिरी महापौर कंचन जायसवाल, भिलाई महापौर नीरज पाल, भिलाईचरौदा महापौर निर्मल कोसरे, रिसाली महापौर शशि सिन्हा, धमतरी महापौर विजय देवांगन, जगदलपुर महापौर सफीरा साहू, राजनांदगांव महापौर हेमा देशमुख, रायगढ़ महापौर जानकी बाई काटजू और बिरगांव महापौर नन्दलाल देवांगन उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के राज्य के बजट में शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु ‘‘मोर जमीन मोर मकान’’ तथा ‘‘मोर मकान मोर चिन्हारी’’ योजनाओं के तहत 450 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। नगरीय निकायों में जल प्रदाय योजना के लिये अनुदान मद में 30 करोड़ रूपए तथा ऋण हेतु 55 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार बजट में आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से नगरीय निकायों के सम्पत्ति के ऑफसेट मूल्य को कलेक्टर गाइडलाइन में निर्धारित दर से 30 प्रतिशत कम करने की घोषणा की गई है।

इसके अलावा मिशन अमृत 2.0 के तहत शहरों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल तथा समस्त घरों में नल कनेक्शन प्रदाय करने के लिये 200 करोड़ रूपए एवं नगरीय निकायों की जल आवर्धन योजना में 380 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। कोरबा, दन्तेवाड़ा, सक्ती, शिवरीनारायण एवं चन्द्रपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना हेतु 20 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस के माध्यम से संचालित दाई-दीदी क्लीनिक योजना की सफलता को देखते हुए इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका एवं नगरपंचायतों के लिये लागू करने की घोषणा की। इसके लिये बजट में 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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BREAKING : बजट पेश करने से पहले, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश को दिया संदेश, कह गए यह बड़ी बात http://revoltnewsindia.com/breaking-before-presenting-the-budget-chief-minister-bhupesh-baghel-gave-a-message-to-the-state-saying-this-is-a-big-deal/6860/ http://revoltnewsindia.com/breaking-before-presenting-the-budget-chief-minister-bhupesh-baghel-gave-a-message-to-the-state-saying-this-is-a-big-deal/6860/#respond Wed, 09 Mar 2022 05:53:42 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6860 रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य का बजट आज विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पेश करने वाले हैं। आज विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12.30 बजे का समय बजट पेश करने के…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य का बजट आज विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पेश करने वाले हैं। आज विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12.30 बजे का समय बजट पेश करने के लिए निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल का यह चौथा बजट होगा, जिसे बतौर प्रदेश के वित्तमंत्री वे सदन में पेश करेंगे।

आज पेश होने वाले बजट के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो माह पहले से ही तैयारियां शुरु कर दी थी, जिसके लिए बकायदा उन्होंने सभी विभागीय मंत्रियों और अधिकारियों से चर्चा की, विभागीय समीक्षा की, जिसके बाद ही सार निकाया गया और आज बजट पेश करने की तैयारी मुख्यमंत्री भूपेश ने की है।

आज पेश होने वाले राज्य बजट पर प्रदेशभर के लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं। यूं तो हर साल बजट का इंतजार हर वर्ग को होता है, लेकिन सरकार किस वर्ग पर कितनी मेहरबान होती है, यह उनका विशेषाधिकार होता है। मसलन प्रदेश में राज्य सरकार ने किसानों पर जिस तरह की रहमत बीते ​तीन सालों में बरसाई है, गरीबों और मजदूरों का ध्यान रखा है, उनके हितों को प्राथमिकता दी है। तो इस बार प्रदेश के अन्य वर्ग के लोगों की भी अपेक्षाएं सरकार से है।

प्रदेश की जनता ने जिन अपेक्षाओं को पाल रखा है, उस पर आज बजट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेशावासियों को ट्वीट कर संदेश दिया है कि ‘छत्तीसगढ़ में प्रत्येक वर्ग को “न्याय” सुनिश्चित करने की यात्रा को जारी रखने के लिए आज बजट प्रस्तुत करूँगा। यह नवा छत्तीसगढ़ का जनहितकारी बजट होगा।

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छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 492.43 करोड़ रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट पारित http://revoltnewsindia.com/for-the-financial-year-2021-22-the-third-supplementary-budget-of-rs-492-43-crore-has-been-passed-in-the-chhattisgarh-legislative-assembly/6837/ http://revoltnewsindia.com/for-the-financial-year-2021-22-the-third-supplementary-budget-of-rs-492-43-crore-has-been-passed-in-the-chhattisgarh-legislative-assembly/6837/#respond Tue, 08 Mar 2022 14:41:12 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6837 तृतीय अनुपूरक में अंशदायी पेंशन योजना में 14 प्रतिशत अंशदान और अमर जवान ज्योति की स्थापना के लिए भी किया गया है राशि का प्रावधान, महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और…

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तृतीय अनुपूरक में अंशदायी पेंशन योजना में 14 प्रतिशत अंशदान और अमर जवान ज्योति की स्थापना के लिए भी किया गया है राशि का प्रावधान, महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन के लिए राज्य सरकार कर रही है हरसंभव प्रयास: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गांवों में बेहतर आवागमन के लिए सड़क, पुल-पुलिया निर्माण की 24 हजार करोड़ रूपए की कार्ययोजना पर किया जा रहा तेजी से अमल

रायपुर, 8 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2021-22 का 492 करोड़ 43 लाख रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई योजनाओं और कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के गांवों को आवागमन की बेहतर सुविधा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा 24 हजार करोड़ रूपए की लागत से सड़क एवं पुल-पुलिया निर्माण की कार्ययोजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी, तो छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे थे, राज्य सरकार इन लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अनुपूरक बजट में अन्य प्रावधानों के साथ नवीन अंशदायी पेंशन योजना के लिए 14 प्रतिशत अंशदान के लिए राशि का प्रावधान भी किया गया है।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय प्रज्जवलित की गई अमर जवान ज्योति जो बुझा दी गई है, उस अमर जवान ज्योति को प्रज्जवलित करने का फैसला छत्तीसगढ़ ने किया है। इसका शिलान्यास लोकसभा सांसद राहुल गांधी द्वारा किया गया है। इस अनुपूरक बजट में अमर जवान ज्योति की स्थापना के लिए भी प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी माताओं, बहनों और बेटियों को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन के लिए लगातार कार्य कर रही है। बेटियों के जन्म से लेकर विवाह कार्यक्रम में सहयोग के लिए नई-नई योजना प्रारंभ की गई हैं।

राज्य सरकार द्वारा दूसरी पुत्री के जन्म पर 5000 रूपए की आर्थिक सहायता देने के लिए ‘कौशल्या मातृत्व सहायता योजना‘, श्रमिक परिवार की बेटियों के विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना’ शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खातों में 20-20 हजार रूपए की सहायता राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ सके, इसके लिए महिला स्व-सहायता समूहों के 12 करोड़ 77 लाख रूपए के ऋण माफ किए गए और महिला स्व-सहायता समूहों को दिए जाने वाले ऋण की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है। बालिकाओं को उच्च शिक्षा का लाभ दिलाने के लिए प्रदेश के 25 जिला मुख्यालयों में कन्या महिला महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है।

इनमें सुकमा, कोण्डागांव, बीजापुर और नारायणपुर जैसे दूरस्थ आदिवासी बहुल जिले में स्थापित करने कन्या महाविद्यालयों का संचालन इसी वर्ष से प्रारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि गौठानों और विभिन्न आयमूलक योजनाओं में 70 हजार से एक लाख महिलाओं को काम मिला है। राज्य सरकार लगातार इस काम को आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों, मजदूरों और वनाश्रितों के विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है।

किसानों के पुराने कृषि ऋण, जलकर माफ किए गए, किसानों को समर्थन मूल्य के अलावा इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। इन्हें मिलाकर किसानों को धान का प्रति क्विंटल मूल्य 2500 रूपए मिल रहा है। किसान आसानी से खाद, बीज ले सकें, इसके लिए 725 नई सहकारी समितियों का गठन किया गया। इस वर्ष लगभग 98 लाख मीट्रिक टन धान का समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई।

नई सहकारी समितियों के गठन के कारण किसानों को भुगतान में कोई परेशानी नहीं आयी। पिछले कई वर्षों से लंबित किसानों के 35 हजार 161 कृषि पंपों के कनेक्शन देने की मंजूरी दी गई। अब तक इनमें से 90 प्रतिशत पम्पों को कनेक्शन दिया जा चुका है, शेष पम्पों को 31 मार्च तक बिजली कनेक्शन देने का प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी चर्चा प्रधानमंत्री भी करने लगे हैं। गोबर बिक्री से गौपालकों की आय बढ़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भूमिहीन कृषि मजदूर 6 हजार रूपए प्रति वर्ष देने के लिए योजना की शुरूआत की है। इसकी पहली किश्त का भुगतान किया जा चुका है, जिसका लाभ 3 लाख से अधिक भूमिहीन कृषि मजदूरों को मिला है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान पूरे देश की 74 प्रतिशत लघु वनोपज की खरीदी छत्तीसगढ़ में की गई है। केन्द्रीय वन मंत्री ने छत्तीसगढ़ को इसके लिए 11 पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। राज्य सरकार द्वारा लघु वनोपजों में वेल्यु एडीशन का काम भी कराया जा रहा है, जिसमें सर्वाधिक योगदान वनवासी ग्रामीण महिलाओं का है।

छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के माध्यम से कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इसके साथ-साथ वनवासियों की आय में वृद्धि के लिए तेंदूपत्ता की संग्रहण दर 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए कर दी गई है। इसके साथ ही साथ 7 से बढ़ाकर 61 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही हैै। वनवासियों के निरस्त दावों की समीक्षा उन्हें वन अधिकार पत्र वितरित किए जा रहे हैं। प्रदेश में 4 लाख 46 हजार व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों का वितरण किया गया है। वन क्षेत्रों में लोगों को काम मिलने से नक्सल प्रभावित क्षेत्र सिमटता जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगार सिविल इंजीनियरों को काम देने के लिए ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें लगभग 8 हजार स्थानीय युवाओं को विकासखण्ड स्तर पर 225 करोड़ रूपए की कार्य आबंटित किए गए हैं। उन्होंने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष इस योजना में 18 करोड़ 41 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया। इस अवधि में 7 लाख 88 हजार परिवारों को 100 मानव दिवस का रोजगार दिलाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहां चिटफंड कम्पनियों में निवेश करने वालों को उनकी गाढ़ी कमाई के पैसे दिलाने की शुरूआत हुई है। 16 चिटफंड कम्पनियों की लगभग 17 करोड़ की सम्पत्ति की नीलामी की जा चुकी है और 15 मामलों में नीलामी की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में 3 नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। दो जिला अस्पताल, 50 उप स्वास्थ्य केन्द्र और 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना और शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के जरिए लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच रही है।

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विधानसभा में दिवंगतों को दी गई श्रद्धांजलि… http://revoltnewsindia.com/tributes-paid-to-the-departed-in-the-assembly/6805/ http://revoltnewsindia.com/tributes-paid-to-the-departed-in-the-assembly/6805/#respond Mon, 07 Mar 2022 12:00:05 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6805 रायपुर, 7 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के प्रथम दिन आज सदन में दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सदन में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य…

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रायपुर, 7 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के प्रथम दिन आज सदन में दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सदन में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य रमेश वर्ल्यानी, अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा तथा छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व सदस्य मदन सिंह डेहरिया और भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी गई। सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने निधन उल्लेख करते हुए दिवंगतों का जीवन परिचय दिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

सदन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वर्गीय रमेश वर्ल्यानी ने समाजवादी नेता के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की थी। वे 1977 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। उन्होंने अनेक पदों पर रहते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वाह किया। वे पेशे से कर सलाहकार थे, वे आर्थिक मामलों में गहरी रूचि रखते थे।

समय-समय पर हम लोग उनसे सामाजिक आर्थिक विषयों पर सलाह लिया करते थे। सिंधी समाज सहित सभी समाजों में वे लोकप्रिय थे। उनकी बौद्धिक बातचीत और सौम्य व्यवहार से उनकी उपस्थिति गरिमामय हुआ करती थी। उनका जाना हम सब के लिए अपूरणीय क्षति है।

मुख्यमंत्री ने अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा तथा छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व सदस्य मदन सिंह डहरिया को श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि मदन सिंह डहरिया अनुसूचित जाति वर्ग के कद्दावर नेता थे। उनका जन्म जांजगीर जिले के अमरताल में हुआ था। वे लगातार 7 कार्यकाल तक सरपंच रहे। उन्होंने 2 बार विधानसभा पहुंचकर अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे दूसरी बार वर्ष 1998 में मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के साथ उन्हें छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी काम करने का अवसर मिला। उनका निधन पूरे बिलासपुर संभाग और प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।

भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेश्कर को भी श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बाल्यकाल से ही उनकी रूचि संगीत में थी। उन्होंने पार्श्व गायिका के रूप में विभिन्न भाषाओं में 30 हजार से अधिक गीतों का गायन किया। उन्हें भारत रत्न सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री बघेल ने इन तीनों दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक मोहन मरकाम, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, सौरभ सिंह, पुन्नूलाल मोहले, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने भी दिवंगत विभूतियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सदन में सभी दिवंगतों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

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राज्यपाल के अभिभाषण से बजट सत्र का हुआ शुभारंभ, अभिभाषण में राज्यपाल ने तीन सालों की उपलब्धियों का किया जिक्र, पढ़े पूरा अभिभाषण http://revoltnewsindia.com/the-budget-session-started-with-the-governors-address-in-the-address-the-governor-mentioned-the-achievements-of-three-years-read-the-full-address/6800/ http://revoltnewsindia.com/the-budget-session-started-with-the-governors-address-in-the-address-the-governor-mentioned-the-achievements-of-three-years-read-the-full-address/6800/#respond Mon, 07 Mar 2022 11:06:21 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6800 रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा के 13वें सत्र में अभिभाषण प्रस्तुत किया। जिसका मूल पाठ इस प्रकार है- माननीय सदस्यगण, छत्तीसगढ़ विधानसभा के वर्ष 2022 के,…

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रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा के 13वें सत्र में अभिभाषण प्रस्तुत किया। जिसका मूल पाठ इस प्रकार है- माननीय सदस्यगण, छत्तीसगढ़ विधानसभा के वर्ष 2022 के, पहले सत्र के अवसर पर आप सबको बधाई और शुभकामनाएं। मैं आप सबका हार्दिक अभिनंदन करती हूं।

मुझे खुशी है कि माननीय सदस्य के रूप में आप लोगों ने इस सदन की गौरवशाली परंपराओं का निर्वाह किया है। लोकतंत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जनहित तथा प्रदेशहित के प्रति आपका समर्पण अनुकरणीय रहा है। यही वजह है कि हमारा छत्तीसगढ़ राज्य जनहितकारी विकास के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है। मैं कामना करती हूं कि आप लोग इसी तरह छत्तीसगढ़ की यश-पताका को ऊंचा उठाए रखेंगे।

2. मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि स्थानीय संसाधनों और जनता के आत्मगौरव के प्रति मेरी सरकार के बेहद संवेदनशील व्यवहार को भरपूर सराहना मिल रही है। समावेशी विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल बहुत सफल रहा है। मैं चाहती हूं कि आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के साथ ही प्रदेश के समग्र विकास में आई तेजी का सिलसिला लगातार जारी रहे और इसमें आप सबका भरपूर सहयोग मिले।

3. मेरी सरकार वास्तव में किसानों, वन आश्रितों और मजदूरों की सरकार है, जिनके आत्म-सम्मान के लिए आय और भागीदारी बढ़ाने की रणनीति अपनाई गई है। खेती के प्रति लोगों का रुझान लौटना अपने आप में बड़ी सफलता मानी जा रही है। खरीफ वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में अब तक का सबसे बड़ा कीर्तिमान बना है, जिसके अनुसार इस वर्ष लगभग 21 लाख 77 हजार किसानों ने 97 लाख 98 हजार मीट्रिक टन धान बेचा है।

4. किसानों की सुविधाएं और आय बढ़ाने के लिए मेरी सरकार ने इस वर्ष 173 नवीन धान खरीदी केन्द्र खोले। समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया गया। धान के साथ ही अन्य खरीफ फसलों को भी ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ का लाभ लगातार दिया जा रहा है। इसमें उद्यानिकी तथा लघु धान्य फसलों को भी शामिल किया गया है। किसानों को ब्याजमुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष 5 हजार 900 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अभी तक 85 प्रतिशत राशि दी जा चुकी है। लगभग 6 दशक बाद प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन किया गया है, जिससे 725 नवीन समितियां भी कृषि ऋण वितरण व अन्य योजनाओं के संचालन में सहयोग दे रही हैं। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में प्रथम एथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु एमओयू के तहत कार्य प्रगति पर है, वहीं अतिशेष धान से भी एथेनॉल उत्पादन के लिए काफी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं ताकि धान के बम्पर उत्पादन का बेहतर उपयोग किया जा सके। मेरी सरकार के इन उपायों से किसान परिवारों का मनोबल और उत्साह बढ़ा है।

5. मेरी सरकार ने प्रदेश के 14 आदिवासी बहुल जिलों के 25 विकासखण्डों में 1 हजार 735 करोड़ रुपए की लागत से ‘चिराग परियोजना’ की शुरुआत कर दी है, जिससे आदिवासी अंचलों में आजीविका के नए साधन बनेंगे।

6. मेरी सरकार ने ‘सुराजी गांव योजना’ के माध्यम से नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी को बचाने का जो संकल्प लिया था, वह सफलता के नए-नए शिखरों को छू रहा है। नाला उपचार के हजारों कार्यों से भू-जल स्तर बढ़ा है। ‘गोधन न्याय योजना’ का लगातार विस्तार किया जा रहा है, जिससे गोबर विक्रेताओं को लगभग 127 करोड़ रुपए की राशि सीधे प्रदान की गई है। वहीं वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट तथा सुपर कम्पोस्ट प्लस उत्पादन, विक्रय तथा इसके उपयोग पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है ताकि रासायनिक खाद की कमी से निपटने में जैविक खाद का विकल्प तैयार किया जा सके। इसके अलावा गोबर से बिजली, प्राकृतिक पेंट तथा अन्य सामग्रियों के उत्पादन और विक्रय को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। ‘ग्रामीण औद्योगिक पार्क’ विकसित किए जा रहे हैं। ‘गोधन न्याय मिशन’ से इस अभियान को नई ऊंचाई मिलेगी। घुरुवा से 6 लाख मीट्रिक टन जैविक खाद का निर्माण किया गया है। 3 लाख बाड़ियों का विकास किया जा चुका है, जिससे गांवों में सब्जी तथा फलों की उपलब्धता बढ़ी है।

7. मेरी सरकार ने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ की शुरुआत इसी वित्तीय वर्ष से करने का वादा भी निभाया है। इस योजना के तहत पंजीकृत व्यक्ति को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए देने का प्रावधान है, जिसकी पहली किस्त के रूप में प्रथम भुगतान हितग्राहियों को किया जा चुका है।

8. आदिवासी अंचलों में चाय, कॉफी, काजू, तीखुर, अलग-अलग विशेषताओं वाले चावल, उच्च गुणवत्ता के फल, विदेशों में बेचे जाने योग्य पोषक उत्पादों के काम में स्थानीय लोगों की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। इससे स्थानीय लोगों और उनके उत्पादों के साथ प्रदेश को भी एक नई पहचान मिली है। मैं चाहूंगी कि मेरी सरकार के जनसशक्तीकरण के इन प्रयासों को आप सबका समर्थन और सहयोग लगातार मिले।

9. मेरी सरकार ने वन आश्रित परिवारों को वन संसाधनों के माध्यम से नई शक्ति दी है। तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रतिमानक बोरा करने के अलावा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 61 कर दी गई है। ‘छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड’ के नाम से 121 उत्पादों के प्रसंस्करण तथा 200 उत्पादों के विपणन की व्यवस्था की गई है। लाख पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। कोदो, कुटकी और रागी के लिए भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’ के गठन से लघु धान्य फसलों की अपार संभावनाएं आकार लेंगी।

10. मेरी सरकार ने संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से 27 लाख परिवारों को वनोपज के कारोबार में भागीदार बनाया है। ‘शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना,’ ‘मुख्यमंत्री बांस बाड़ी योजना’, ‘नदी तट वृक्षारोपण योजना’, ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’, कैम्पा मद से वन विकास, वन सुरक्षा, वन्यप्राणियों का संरक्षण, भू-जल संरक्षण जैसे प्रयासों का सकारात्मक असर वन अंचलों में दिखाई पड़ने लगा है।

11. मेरी सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में कुशल प्रबंधन से प्राप्त उपलब्धियों को किसानों तथा आर्थिक रूप से कमजोर तबकों तक पहुंचाकर उन्हें शक्ति-सम्पन्न बनाने की रणनीति अपनाई, साथ ही विद्युत अधोसंरचना के विकास पर जोर दिया। सभी लंबित 35 हजार 161 कृषि पम्प कनेक्शन के आवेदनों को एक साथ स्वीकृत करते हुए ऊर्जीकृत करने का जो अभियान शुरू किया गया था, वह इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण किया जा रहा है। अभी तक 90 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य पूर्ण किया जाना एक बड़ी उपलब्धि है।

12. मेरी सरकार ने शहरों, गांवों सहित सभी क्षेत्रों में सड़क अधोसंरचना के विकास के लिए एक बड़ी कार्ययोजना बनाई है, जिसके तहत 24 हजार करोड़ रुपए की लागत से सड़क, पुल-पुलिया निर्माण के कार्य कराए जा रहे हैं। प्रत्येक निविदा अनुबंध में बेरोजगार इंजीनियरों की उपस्थिति और ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था से लगभग 8 हजार स्थानीय युवाओं की निर्माण कार्यों में भागीदारी तय की गई है। ई-श्रेणी में विकासखण्ड स्तर पर 225 करोड़ रुपए के कार्य पंजीकृत युवाओं को आबंटित किए गए हैं।

13. ‘बिजली बिल हाफ योजना’ के तहत 40 लाख 56 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को 2 हजार 100 करोड़ रुपए से अधिक की छूट मिल चुकी है। 5 लाख 81 हजार किसानों को सिंचाई पम्प कनेक्शन में छूट का लाभ मिल रहा है। वहीं 17 लाख से अधिक परिवारों को 30 यूनिट तक प्रतिमाह निःशुल्क विद्युत आपूर्ति की जा रही है। आर्थिक मंदी और कोरोना काल में प्रदेश के इस्पात उद्योगों को ऊर्जा प्रभार में राहत का लाभ भी दिया गया।

14. ‘मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना’, ‘मुख्यमंत्री मजरा-टोला विद्युतीकरण योजना’, ‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना
विकास योजना’, स्कूलों का विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा से सिंचाई पम्पों का ऊर्जीकरण जैसे कार्यों की सफलता बहुत महत्वपूर्ण है। कुशल प्रबंधन और उत्तम रखरखाव से प्रदेश के बिजली घरों में उत्पादन के कीर्तिमान बनाए, वहीं पारेषण प्रणाली की उपलब्धता भी 99 प्रतिशत से अधिक रही, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।

15. मेरी सरकार ने गांवों के विकास में ग्रामीण अधोसंरचना को प्राथमिकता दी, साथ ही सारी गतिविधियों का केन्द्र बेहतर आजीविका तथा रोजगार के अवसरों को बनाया। ‘महात्मा गांधी नरेगा योजना’ से गांवों में भरपूर रोजगार दिया गया, जो कोरोना जैसे संकटकाल में प्राणतत्व साबित हुआ। वर्ष 2020-21 में योजना प्रारंभ होने से अब तक 18 करोड़ 41 लाख मानव दिवस सृजित किए गए, जो संशोधित लक्ष्य की 100 प्रतिशत पूर्ति करते हैं। इस अवधि में 7 लाख 88 हजार परिवारों को 100 मानव दिवस रोजगार दिया गया, जिसमें वन अधिकार पट्टाधारी लगभग 46 हजार परिवार शामिल हैं।

16. मेरी सरकार ने कृषि तथा प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और इस दिशा में जो ठोस प्रयास किए हैं, उसके कारण भारत सरकार के निर्धारित मापदण्डों से 26 प्रतिशत अधिक राशि इन कार्यों पर खर्च की है। महात्मा गांधी नरेगा तथा अन्य योजनाओं के अनुसरण से 4 लाख से अधिक निर्माण कार्य कराए गए हैं, 7 हजार 835 गौठान, 5 हजार 484 चारागाह, 740 नवीन ग्राम पंचायत भवन तथा 6 हजार आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कराया जा रहा है।

17. ‘स्वच्छ भारत मिशन’, ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’, ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना’, ‘छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’, ‘ग्रामीण शहरी क्लस्टरों का विकास’, ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना’, ‘मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना’, सरपंचों का डिजिटल हस्ताक्षर, एकीकृत सुविधा केन्द्रों का विकास जैसे अनेक मोर्चों पर एक साथ काम करते हुए मेरी सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के साथ ग्रामीण विकास में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। मुझे यह कहते हुए अत्यंत गौरव की अनुभूति होती है कि तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर जो 36 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, उनमें से अधिकांश पुरस्कार अनुसूचित क्षेत्रों की पंचायत राज संस्थाओं को मिले हैं।

18. ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में जनता के धन की सुरक्षा और सुरक्षित लेन-देन की व्यवस्था की गई है, जिसमें 21 हजार से अधिक बैंक मित्र, 26 हजार से अधिक बीसी सखियां, 551 नई बैंक शाखाएं तथा 600 एटीएम का सहयोग मिलने लगा है।

19. मेरी सरकार ने ऐसी अधोसंरचनाओं के विकास पर बल दिया है, जिससे अधूरे पड़े कार्य शीघ्रता से पूरे हों और उनका लाभ तुरंत जनता को मिले। इस रणनीति से 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित की गई, वहीं बेहतर प्रबंधन से 3 लाख हेक्टेयर से अधिक वास्तविक सिंचाई में वृद्धि की गई है। केलो, खारंग, मनियारी, अरपा-भैंसाझार परियोजनाओं के शेष काम वर्ष 2022 में ही पूर्ण करने का लक्ष्य है। इतना ही नहीं, किसानों पर बरसों से लंबित सिंचाई जल कर की राशि 342 करोड़ रुपए अब तक माफ की गई है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला है।

20. प्रदेश में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अब घर-घर में नल कनेक्शन देने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत 48 लाख 59 हजार 443 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल देने का कार्य वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में की जा रही प्रगति उत्साहवर्धक है।

21. मेरी सरकार ने न्याय दिलाने के शुरुआती कदम के रूप में निरस्त वन अधिकार दावों की समीक्षा का निर्णय लिया था, जिसके कारण अब तक 4 लाख 45 हजार 833 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र तथा 45 हजार 305 सामुदायिक वन अधिकार पत्र और 23 लाख हेक्टेयर भूमि पर मान्यता दी गई है। इससे बड़े पैमाने पर आय बढ़ाने के अवसर सृजित किए गए हैं। वन अधिकार पत्रों के तहत आबंटित भूमि पर उपजाए धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी, ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं।

22. मेरी सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में शिक्षा की व्यापकता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। 16 जिलों में 150 आदर्श छात्रावासों तथा आश्रम शालाओं का विकास किया जा रहा है। अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए जिला दुर्ग में 200 सीटर आवासीय कोचिंग संस्थान स्थापित करने की पहल की गई है। ‘स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालयों’ में सफलता के नए कीर्तिमान रचे गए हैं। साथ ही ‘सहयोग योजना’ के तहत 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इन उपायों से नक्सल प्रभावित परिवारों के साथ ही अनुसूचित क्षेत्रों के नौनिहालों में नई आशा का संचार हुआ है।

23. अनुसूचित क्षेत्रों के जिलों में सरकारी विभागों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के जिला संवर्ग के रिक्त पदों पर स्थानीय युवाओं की भर्ती सुनिश्चित की जा रही है। सरगुजा, बस्तर संभाग के जिलों के अलावा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही तथा कोरबा जैसे 14 जिलों में यह व्यवस्था की गई है। विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन करते हुए भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

24. मेरी सरकार ने जिला खनिज संस्थान न्यास निधि का उपयोग व्यापक जनहित में करने के लिए अनेक सुधार किए हैं, जिसके तहत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अतिरिक्त महिलाओं एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्यों का नामांकन सुनिश्चित किया गया है। सही नीति और सही अमल के कारण इस निधि की औसत प्राप्ति 1 हजार 200 करोड़ रुपए वार्षिक से बढ़कर 2 हजार करोड़ रुपए हो गई है। इसी तरह गौण खनिजों से प्राप्त राशि का शत-प्रतिशत वितरण ग्रामीण विकास, पंचायतों और स्थानीय निकायों में करने के निर्णय से विगत वर्ष लगभग 261 करोड़ रुपए इन क्षेत्रों को दिए गए हैं।

25. मेरी सरकार ने लोककलाओं, परंपराओं, स्थानीय कौशल, संस्कृति और पर्यटन को समग्रता से देखते हुए ऐसा वातावरण बनाया है, जिसमें संरक्षण के साथ रोजगार के अवसरों को भी समेकित किया जा सके। अनुसूचित वर्गों में आत्मगौरव के संचार के लिए नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह जी एवं बाबा गुरु घासीदास जी के नाम पर स्मारक एवं संग्रहालय स्थापित करने की पहल की गई है।

26. इस क्रम में परंपरागत बुनकरों द्वारा निर्मित गमछे को राजकीय गमछे का दर्जा दिया गया है। प्रदेश में पहली बार वार्षिक सांस्कृतिक कैलेण्डर का निर्माण किया गया है। फिल्म नीति 2021 लागू कर दी गई है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन दूसरी बार भी सफलतापूर्वक किया गया। चौमासा कार्यक्रम के अंतर्गत 1 हजार 58 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। ‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’ का गठन कर दिया गया है। ‘लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना’,‘छात्रवृत्ति योजना’, ‘मानस मण्डली प्रोत्साहन योजना’ लागू की गई है।

27. मेरी सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर ध्यान दिया है। ग्रामोद्योग के परंपरागत आधार को नया आयाम दिया गया है। हाथकरघा वस्त्रों को उचित दाम दिलाने हेतु गोदना-शिल्प, टाई-डाई, इम्ब्राडरी वर्क, मधुबनी आर्ट, स्टेनसिल, कसीदाकारी जैसे प्रिंट को बढ़ावा दिया जा रहा है। बैगा, उरांव, डोंगरिया गोंड एवं लोधी समुदाय में प्रचलित परंपरागत डिजाइन के वस्त्रों को नया जीवन देकर उत्पादन कराया जा रहा है। प्राचीन स्मारकों पर आधारित डिजाइन श्रृंखला जैसे बाबा गुरु घासीदास, जैतखाम, कौशल्या, रामायण, सिरपुर एवं दूधाधारी डिजाइन को कपड़ों में बुनाई कला के माध्यम से उकेरा गया है। केला, अलसी, सीसल, घींचा जैसे प्राकृतिक रेशों से भी वस्त्र निर्माण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ट्राईफेड द्वारा आदिवासी बुनकरों के द्वारा निर्मित वस्त्रों की बिक्री का इंतजाम किया गया है। इसी प्रकार धातु, माटी, बांस आदि सामग्रियों से हस्तशिल्प की परंपरा को भी नई सुविधाओं के साथ नया बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी खान-पान को बढ़ावा देने के लिए 16 जिलों में गढ़कलेवा के नए केन्द्र स्थापित किए गए हैं।

28. मेरी सरकार ने स्वस्थ और सचेतन छत्तीसगढ़ निर्माण की अवधारणा को सिर्फ अस्पतालों और दवाओं तक सीमित न रखकर सम्पूर्ण जीवनचक्र से जोड़ा है। स्वस्थ जीवन के लिए सबसे जरूरी है पर्याप्त और पोषणयुक्त भोजन। इसलिए मेरी सरकार ने सार्वभौम पीडीएस लागू किया और लाभान्वितों की संख्या को 2 करोड़ 12 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ 55 लाख कर दिया है। वर्ष 2021 में 2 लाख 34 हजार राशनकार्ड जारी किए गए तथा 11 लाख 29 हजार सदस्यों के नाम जोड़े गए। पोषण सुरक्षा के लिए बस्तर में पात्र हितग्राहियों को 17 रुपए किलो की दर से 2 किलो गुड़ दिया जा रहा है। फोलिक एसिड तथा विटामिन बी 12 युक्त फोर्टिफाइड चावल वितरण का कार्य अब सभी जिलों में मध्याह्न भोजन तथा पूरक पोषण आहार योजना के तहत किया जा रहा है। कोरोना काल में निःशुल्क चावल वितरण का जो कार्य शुरू किया गया था वह मार्च 2022 तक जारी रहेगा।

29. मेरी सरकार ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ के रूप में एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभा रही है। इस कार्य में आंगनवाड़ी सेवाएं, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन तिहार, नवा जतन, महतारी जतन योजना आदि का सहयोग भी मिल रहा है। इस अभियान का सुपरिणाम है कि एनएफएचएस 5 के ताजा आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर राष्ट्रीय औसत से भी कम होकर 31.3 प्रतिशत हो गई है।

30. मेरी सरकार ने स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास हेतु 3 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तथा 1 निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया है। इसी प्रकार नए 50 उपस्वास्थ्य केन्द्र, 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 2 जिला अस्पताल, 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की स्वीकृति दी। साथ ही विभिन्न संस्थाओं का उन्नयन भी किया गया है।

31. कोरोना महामारी से निपटना पूरी दुनिया के लिए एक नया अनुभव था। मेरी सरकार ने बहुत तत्परता और दूरदर्शिता के साथ इस चुनौती का सामना किया और बड़े पैमाने पर कोरोना की जांच तथा उपचार की अधोसंरचना बनाई। ये सुविधाएं दर्शाती हैं कि मेरी सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है।

32. स्वास्थ्य सेवाओं को बसाहटों, गांवों तथा शहरी स्लम बस्तियों तक पहुंचाने तथा महंगे उपचार से जनता को राहत दिलाने के लिए मेरी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना’, ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’, ‘दाई-दीदी क्लीनिक’, ‘श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स’, ‘डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’, हमर अस्पताल, दीर्घायु वार्ड आदि योजनाएं तथा ‘मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ संचालित किया। राज्य में मलेरिया परजीवी सूचकांक वर्ष 2018 में 2.63 प्रतिशत था, जो अब 2 तिहाई घटकर 0.92 प्रतिशत रह गया है। निश्चित तौर पर यह सफलता की एक बड़ी मिसाल है।

33. मेरी सरकार ने प्रदेश में न्याय व्यवस्था की मजबूती के लिए 37 व्यवहार न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। अपराध पीड़ित बच्चों के प्रकरणों के लिए (पॉक्सो) फास्ट ट्रेक कोर्ट तथा अधिवक्ताओं के लिए राज्य अधिवक्ता संस्थान की स्थापना कर रही है।

34. मेरी सरकार ने महिला-स्वावलंबन के लिए नए-नए उपाय किए हैं। अपनी जमीन-अपना घर महिलाओं को शक्ति देते हैं। मेरी सरकार ने छोटे भू-खण्डों की खरीद-बिक्री पर रोक हटाई, पंजीयन की प्रक्रिया को सरल किया। बाजार मूल्य दरों को 40 प्रतिशत तक कम किया। आवासीय भवनों के पंजीयन शुल्क में रियायत दी और महिलाओं के पक्ष में पंजीयन कराने पर स्टाम्प शुल्क में 1 प्रतिशत की छूट दी। इसका लाभ लाखों परिवारों को मिला है और निश्चित तौर पर महिलाओं को बड़ी राहत मिली है।

35. मेरी सरकार ने श्रमिक परिवारों की बेटियों के पालन-पोषण तथा विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ की नई पहल की है, जिसमें ‘छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल’ में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। इसी प्रकार राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेंटर, जिला तथा विकासखण्ड मुख्यालय स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’, प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना, डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली तथा इसी की तर्ज पर नल कनेक्शन, महिला स्व-सहायता समूहों को छत्तीसगढ़ महिला कोष से प्रदत्त बकाया ऋण माफी, ग्रामीण क्षेत्रों में भी शासकीय पट्टे की भूमि को फ्री-होल्ड करने जैसे फैसलों का लाभ निश्चित तौर पर महिलाओं को राहत पहुंचाने वाला है।

36. राजस्व न्यायालय के कार्यों में पारदर्शिता तथा तेजी लाने के लिए ‘ई-कोर्ट’ प्रारंभ किए गए हैं, जिसमें नागरिकों को कहीं से भी लॉनलाइन आवेदन करने की सुविधा, पंजीयन से लेकर निराकरण की कार्यवाही तथा अंतिम आदेश की ऑनलाइन जानकारी, पक्षकारों को पेशी तिथि की सूचना एसएमएस के माध्यम से तथा विचाराधीन प्रकरणों से संबंधित भूमियों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है। भूमि के पंजीयन, नामांतरण, डायवर्सन, फ्री-होल्ड, वार्षिक भू-भाटक के एकमुश्त भुगतान में राहत, शासकीय भूमि के आबंटन आदि प्रक्रियाओं को सरल किया गया है।

37. कोविड से मृत व्यक्तियों के आश्रितों को 102 करोड़ रुपए की राहत, बेमौसम बारिश तथा ओलावृष्टि प्रभावितों को 9 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई है, जो संकटग्रस्त लोगों को मदद करने की मेरी सरकार की दृढ़इच्छा-शक्ति का प्रतीक है।

38. छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की बुनियाद मजबूत करने के लिए मेरी सरकार ने ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना’ शुरू की थी, जिसके तहत 171 शालाओं में उच्च स्तरीय अधोसंरचना तथा सुविधाएं जुटाई गईं। अब ऐसी ही हिन्दी माध्यम शालाएं विकसित करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। इस योजना से सरकारी शालाओं में पढ़ने वाले कमजोर तबकों के बच्चों का मनोबल बढ़ा है, उन्हें अपना भविष्य संवारने का अवसर मिला है। वहीं इन शालाओं में प्रवेश भी अब प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का उत्कृष्ट विद्यालय स्थापित किया जाएगा। वहीं कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए ‘महतारी दुलार योजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत प्रभावित बच्चों की फीस माफी के अलावा इन्हें छात्रवृत्ति भी दी जा रही है।

39. उच्च शिक्षा का दायरा और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मेरी सरकार ने विगत एक वर्ष में 26 नए सरकारी महाविद्यालय प्रारंभ किए हैं। बीपीएल परिवारों के युवाओं को डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति दी जा रही है। निःशुल्क बालिका शिक्षा की व्यवस्था की है। राज्य के 25 जिलों में कन्या महाविद्यालय की स्थापना हो चुकी है, वहीं शासकीय कॉलेजों में बालिकाओं की संख्या डेढ़ गुनी हो गई है। सकल नामांकन अनुपात 3.5 से बढ़कर 18.6 प्रतिशत हो गया है। महाविद्यालयों में शैक्षिक तथा अन्य पदों पर भर्ती से शिक्षा और प्रबंधन में सुधार आया है।

40. शिक्षा के साथ रोजगारपरक कौशल विकास पर जोर दिया गया है। प्रशिक्षण पूर्व काउंसिलिंग तथा प्रशिक्षण पश्चात नियोजन की सुविधाएं दी गई हैं। हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई का प्रमाण-पत्र देने की व्यवस्था भी की गई है। मुख्यमंत्री पॉलिटेक्निक गुणवत्ता विकास योजना, मुख्यमंत्री प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन एवं विकास योजना, शिक्षा ऋण के ब्याज में छूट की योजना, युवा क्षमता विकास योजना, मॉडल कैरियर सेंटर योजना, राष्ट्रीय अर्हता कौशल फ्रेम वर्क आदि उपायों से प्रदेश में युवाओं को अपना लक्ष्य साधना आसान हुआ है।

41. मेरी सरकार ने युवाओं के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया है। इसके लिए 13 हजार 269 ‘राजीव युवा मितान क्लब’ की स्थापना की जा रही है। बिलासपुर में आवासीय तीरंदाजी, हॉकी तथा एथलेटिक अकादमी, रायपुर में गैर आवासीय हॉकी, तीरंदाजी, बालिका फुटबॉल, एथलेटिक तथा धनुर्विद्या अकादमी आदि संस्थाओं के माध्यम से प्रदेश में खेलकूद को भी व्यावसायिक स्तर पर अपनाने की प्रेरणा युवाओं को मिल रही है।

42. मेरी सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत नशाबंदी के संबंध में अध्ययन करने हेतु तीन समितियों का गठन किया है, जो विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रही हैं। विगत दो वर्षों में 99 मदिरा दुकानों तथा रेस्टोरेंट बार को बंद किया गया है। प्रदेश में मदिरा के अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए दो नए आबकारी संभाग गठित किए गए हैं, वहीं 28 स्थानों पर आबकारी जांच चौकी संचालित की जा रही है।

43. ‘राम वनगमन पर्यटन परिपथ’ के विकास के संकल्प को मेरी सरकार बहुत गंभीरता से पूरा कर रही है। प्रदेश के 75 स्थानों को चिन्हांकित किया गया है, जिसमें से प्रथम चरण में 9 स्थानों पर अधोसंरचना विकास का काम किया जा रहा है। रायपुर के निकट ग्राम चंदखुरी में माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार करते हुए इसका लोकार्पण किया गया है। विभिन्न जिलों में पर्यटन विकास कार्यों के लिए भूमि आरक्षित कराई जा रही है, जिसमें निजी निवेशकों, स्थानीय प्रशासन तथा शासन की भागीदारी से समुचित विकास कार्य किए जाएंगे। चंदखुरी, सरोधा दादर, सतरेंगा तथा बालाछापर सरना में जो विकास के कार्य किए गए हैं, उससे पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।

44. मेरी सरकार ने आम जनता को घरपहुंच सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में परिवहन विभाग को भी शामिल किया है। इसके माध्यम से हेल्पलाइन नंबर पर जानकारी देने तथा विभिन्न दस्तावेज स्पीड पोस्ट के माध्यम से घर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। नवा रायपुर में वाहन चालन प्रशिक्षण तथा अनुसंधान संस्थान की स्थापना कर दी गई है, वहीं लर्निंग लायसेंस बनाने के लिए लगभग 1 हजार परिवहन सुविधा केन्द्र पूरे राज्य में खोले जाएंगे।

45. समाज कल्याण के क्षेत्र में मेरी सरकार ने नए कदम उठाए हैं। थर्ड जेण्डर लोगों को शासकीय सेवा में चयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। थर्ड जेण्डर लोगों को राज्य पुलिस बल में नियुक्ति दी गई है। वहीं अब इनके लिए आश्रय-सह पुनर्वास केन्द्र स्थापित किया जा रहा है, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़ है।

46. छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम द्वारा दिव्यांगजनों को प्रदत्त ऋण की नियमित वापसी करने वालों को शेष राशि में सब्सिडी प्रदान करने हेतु नई योजना भी प्रारंभ की गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘प्रशामक देख-रेख गृह’ की स्थापना दुर्ग, कबीरधाम तथा बालोद जिलों में की गई है।

47. मेरी सरकार के विशेष प्रयासों से जगदलपुर तथा बिलासपुर हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। मां दन्तेश्वरी एयरपोर्ट, जगदलपुर से हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर सेक्टर में तथा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट, बिलासपुर (चकरभाठा) से दिल्ली-जबलपुर- बिलासपुर- प्रयागराज सेक्टर में अब नियमित विमान सेवा का संचालन हो रहा है, जिससे इस क्षेत्र में विकास के नए द्वार खुले हैं।

48. राज्य शासन द्वारा मां महामाया एयरपोर्ट, अम्बिकापुर दरिमा के रनवे के विकास के लिए 43 करोड़ 98 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। शीघ्र ही एयरपोर्ट का लायसेंस प्राप्त कर यहां से भी घरेलू विमान सेवा प्रारंभ करने की योजना है।

49. प्रदेश में विमानन अधोसंरचना विकास के क्रम में राज्य शासन द्वारा कोरिया जिला में एक नवीन हवाई पट्टी विकसित करने तथा कोरबा जिला में एक व्यावसायिक एयरपोर्ट के विकास की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। माना एयरपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं तथा अंतरराष्ट्रीय कार्गो सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। इस नेक काम में सभी को अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए।

50. मेरी सरकार ने पुलिस बल को विश्वास-विकास -सुरक्षा का मंत्र दिया है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ का पुलिस बल जनता को सुरक्षा देने के अलावा स्थानीय स्तर पर जनता का मनोबल तथा अधोसंरचना विकास में भी योगदान दे रहा है। नई प्रौद्योगिकी तथा नई सोच से अपराधों की जांच और रोकथाम के लिए पुलिस बल की विभिन्न इकाइयों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिसमें फारेंसिक, डायल-112, पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय आदि के लिए किए गए कार्य प्रमुख हैं।

51. महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति एप, पुलिसकर्मियों का मानसिक तनाव दूर करने के लिए ‘स्पंदन’ कार्यक्रम, नक्सल प्रभावित अंचलों में 900 से अधिक परिवारों को मुकदमों से मुक्ति, ठगी की आरोपी चिटफण्ड कंपनियों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही से न्याय का विस्तार हुआ है। चिटफण्ड कंपनियों में पैसा जमा करने वाले 17 हजार से अधिक निवेशकों को 11 करोड़ रुपए से अधिक राशि लौटाई जा चुकी है।

52. विभिन्न प्रयासों से नक्सली हिंसा की घटनाओं में प्रभावी रोक लगी है। वहीं 46 नक्सलवादियों को धराशायी करने तथा 555 नक्सलवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में बड़ी सफलता मिली है। इस तरह प्रदेश में शांति व्यवस्था का दायरा भी लगातार बढ़ रहा है। जिसके कारण हर क्षेत्र में विकास की गतिविधियों का भी विस्तार हो रहा है।

53. मेरी सरकार ने हर हाथ को काम देने की दिशा में बहुत ही स्पष्ट सोच रखी है, जिसके तहत सरकारी विभागों, अर्द्धसरकारी संस्थाओं में स्थायी भर्ती तथा अन्य माध्यमों से नौकरी के दरवाजे खोले गए हैं। नई औद्योगिक नीति में भी पर्यावरण सम्मत रोजगार प्रधान संस्थाओं को प्राथमिकता दी गई है, जिसके कारण 1 हजार 950 औद्योगिक इकाइयों में लगभग 84 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ तथा लगभग 36 हजार लोगों को रोजगार मिला। इसके अलावा 166 एमओयू के माध्यम से लगभग 78 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश तथा 1 लाख 8 हजार लोगों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है। रोजगार के नए अवसरों के सृजन हेतु ‘छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन’ का गठन किया गया है। जिसके तहत आगामी 5 वर्षों में 15 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

54. राज्य में कारगर प्रशासन और आम जनता की सुविधा के लिए ऑनलाइन सेवाओं का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। विभिन्न विभागों की 132 सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं, जिससे एक वर्ष में 25 लाख से अधिक लोगों ने घर बैठे शासकीय सेवाओं का लाभ लिया है। इस तरह लोक सेवा केन्द्र सुशासन और जन-सुविधा केन्द्र की भूमिका भी निभा रहे हैं। वहीं ‘मुख्यमंत्री सीजी कैम्प पोर्टल’ से जनहितकारी योजनाओं की मॉनीटरिंग की व्यवस्था की गई है। यही वजह है कि मेरी सरकार को त्वरित क्रियान्वयन वाली सरकार के रूप में ख्याति मिली तथा अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है।

55. मेरी सरकार द्वारा राज्य की अस्मिता, स्थानीय संसाधनों के सदुपयोग, सबके स्वावलंबन, उन्नत स्वास्थ्य एवं शिक्षा के साथ समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों से न सिर्फ तात्कालिक संकटों का समाधान हुआ है बल्कि राज्य की दीर्घकालीन विकास नीति की बुनियाद भी मजबूत हुई है। समावेशी विकास का ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ बहुमुखी सफलताओं का प्रतीक बन गया है। मेरी कामना है कि आप सब मिलकर छत्तीसगढ़वासियों की आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने के लिए पूर्ण समर्पण से कार्य करें और गरिमामय नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने में अपना बहुमूल्य योगदान दें।

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