वन अधिकार पत्र वितरण Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/वन-अधिकार-पत्र-वितरण/ News for India Tue, 26 Oct 2021 11:44:39 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png वन अधिकार पत्र वितरण Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/वन-अधिकार-पत्र-वितरण/ 32 32 174330959 छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से आदिवासी क्षेत्रों में खुले खुशहाली के नये दरवाजे http://revoltnewsindia.com/new-doors-of-prosperity-open-in-tribal-areas-with-the-schemes-of-chhattisgarh-government/4052/ http://revoltnewsindia.com/new-doors-of-prosperity-open-in-tribal-areas-with-the-schemes-of-chhattisgarh-government/4052/#respond Tue, 26 Oct 2021 11:44:28 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4052 वन अधिकार पत्र वितरण, लघु वनोपज संग्रहण, वैल्यू एडीशन, तेंदूपत्ता संग्रहण दर में बढ़ोतरी जैसे कदमों से आ रहा है बदलाव रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आदिवासियों एवं वनाश्रितों के जीवन…

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वन अधिकार पत्र वितरण, लघु वनोपज संग्रहण, वैल्यू एडीशन, तेंदूपत्ता संग्रहण दर में बढ़ोतरी जैसे कदमों से आ रहा है बदलाव

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आदिवासियों एवं वनाश्रितों के जीवन में बदलाव लाने के लिए शुरु की गई विभिन्न योजनाओं ने आदिवासी क्षेत्रों में विश्वास के वातावरण की बहाली हुई है। प्रदेश के ऐसे क्षेत्रों में शांति, विकास और समृद्धि के नये वातावरण का निर्माण हुआ है। वनभूमि

अधिकार पत्र वितरण करने, लघु वनोपज संग्रहण करने, उनका वैल्यू एडीशन करने, तेंदूपत्ता संग्राहकों की आय में बढ़ोतरी करने, लघु धान्य फसलों का समर्थन मूल्य घोषित करने जैसे कदमों से राज्य शासन ने आदिवासी क्षेत्रों में विकास के नये दरवाजे खोल दिए हैं।

वनवासियों को वन भूमि अधिकार पट्टा देने के मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल राज्य है। छत्तीसगढ़ में अब तक 04 लाख 41 हजार 500 से अधिक लोगों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके हैं। इसके माध्यम से 03 लाख 60 हजार 6 सौ हेक्टेयर से अधिक भूमि का अबंटन किया गया है।

2 हजार 617 ग्राम सभाओं को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार दिए गए हैं। इनके माध्यम से 10 लाख 60 हजार 738 हेक्टेयर क्षेत्र में वनवासी ग्रामीणों को वन संसाधन का अधिकार प्राप्त हुआ है।

वन अधिकार पट्टा धारकों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए राज्य शासन द्वारा भूमि समतलीकरण, मेड़ बांधन, सिंचाई सुविधा के साथ-साथ खाद-बीज एवं कृषि उपकरणों संबंधी सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है। तेंदूपत्ता और लघु वनोपज संग्रहण के जरिये वनवासियों की आय में बढ़ोतरी की गई है। लघु वनोपजों के वैल्यू एडीशन के लिए 139 वन धन केंद्रों का संचालन राज्य में किया जा रहा है।

इनके अलावा सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव में बने गोठानों में भी वैल्यू एडीशन किया जा रहा है। वनक्षेत्रों में लघु वनोपजों एवं वनौषधियों से तैयार उत्पादों की बिक्री वन विभाग के संजीवनी काउंटर के साथ-साथ निजी दुकानों में भी की जा रही है।

हाल ही में शुरु की गई श्री धन्वंतरी जैनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना के तहत प्रदेश में खोले गए मेडिकल स्टोरों में भी इन उत्पादों की बिक्री की जा रही है। ये उत्पाद अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से भी देशभर में बेचे जा रहे हैं।

कोरोना संकट काल में भी राज्य में लघु वनोपज और तेंदूपत्ता संग्रहण का काम चलता रहा। तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य इस वर्ष, यानी 2021 में भी सुचारू रूप से चल रहा है। 12 लाख 14 हजार से ज्यादा संग्राहकों से 13 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण कर उन्हें 520 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।

तेंदूपत्ता संग्रहण दर में बढ़ोतरी किए जाने से वर्ष 2019 में 13 लाख 51 हजार से ज्यादा परिवारों को 225 करोड़ 75 लाख रुपए की अतिरिक्त आय तेंदूपत्ता संग्रहण के समय ही प्राप्त हुई थी। वर्ष 2019 में लाभ में रही 595 समितियों के 8 लाख 34 हजार से ज्यादा संग्राहकों को 70 करोड़ 88 लाख रुपए के बोनस का भुगतान हाल ही में किया गया।

वर्ष 2018 के लिए भी 728 समितियों के 11 लाख 48 हजार संग्राहकों को 232 करोड़ रुपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में पिछले साल किया गया था।

तेंदूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए राज्य में शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत 12 लाख 50 हजार परिवारों को सामाजिक सुरक्षा कवच प्राप्त है।

राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या 07 से बढ़ाकर अब 52 कर दी गई है। इसके अलावा कोदो-कुटकी-रागी जैसी लघु धान्य फसलों का भी समर्थन मूल्य शासन द्वारा घोषित कर दिया गया है।

इन फसलों का भी वैल्यू एडीशन स्थानीय स्तर शुरु करने के लिए यूनिटों की स्थापना की गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ की सभी फसलों, उद्यानिकी की फसलों, वृक्षारोपण के साथ-साथ कोदो-कुटकी और रागी बोने वाले किसानों को भी लाभान्वित किया जा रहा है।

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