स्कूल शिक्षा विभाग Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/स्कूल-शिक्षा-विभाग/ News for India Tue, 22 Feb 2022 07:00:33 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png स्कूल शिक्षा विभाग Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/स्कूल-शिक्षा-विभाग/ 32 32 174330959 शैक्षणिक संस्थाओं में अब ग्रीष्मकालीन अवकाश 15 मई से 15 जून तक : ग्रीष्मकालीन अवकाश में संशोधन http://revoltnewsindia.com/now-summer-vacation-in-educational-institutions-from-may-15-to-june-15-amendment-in-summer-vacation/6468/ http://revoltnewsindia.com/now-summer-vacation-in-educational-institutions-from-may-15-to-june-15-amendment-in-summer-vacation/6468/#respond Tue, 22 Feb 2022 07:00:29 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6468 रायपुर। राज्य शासन द्वारा शिक्षा सत्र 2021-22 में शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर अनुदान प्राप्त स्कूलों और डीएड, बीएड, एमएड कॉलेजों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश में सशोधन किया गया है। संशोधित…

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रायपुर। राज्य शासन द्वारा शिक्षा सत्र 2021-22 में शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर अनुदान प्राप्त स्कूलों और डीएड, बीएड, एमएड कॉलेजों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश में सशोधन किया गया है। संशोधित आदेश के अनुसार अब शैक्षणिक संस्थाओं में 15 मई 2022 से 15 जून 2022 तक कुल 32 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय से सोमवार को इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है।

आदेश में कहा गया है कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र 31 मार्च 2022 के स्थान पर 30 अप्रैल 2022 तक बढ़ा दिया गया है। आगामी शैक्षणिक सत्र 1 मई 2022 से 15 दिन के अतिरिक्त शैक्षणिक कार्य के लिए प्रारंभ किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए पूर्व में 46 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई 2022 से 15 जून 2022 तक निर्धारित था।

शैक्षणिक संस्थाओं में अब ग्रीष्मकालीन अवकाश 15 मई से 15 जून तक : ग्रीष्मकालीन अवकाश में संशोधन

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छत्तीसगढ़ के स्कूलों में भाषाओं का सर्वे कराएगी सरकार, इसी आधार पर तैयार होगी अपनी बोली-भाषा में पढ़ाई की नई योजना http://revoltnewsindia.com/government-will-conduct-a-survey-of-languages-in-chhattisgarhs-schools-on-this-basis-a-new-plan-to-study-in-its-spoken-language-will-be-prepared/6436/ http://revoltnewsindia.com/government-will-conduct-a-survey-of-languages-in-chhattisgarhs-schools-on-this-basis-a-new-plan-to-study-in-its-spoken-language-will-be-prepared/6436/#respond Mon, 21 Feb 2022 11:30:31 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6436 रायपुर। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सरकार ने छत्तीसगढ़ की बोली-भाषाओं में पढ़ाई-लिखाई की गंभीर कोशिश शुरू की है। स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के सभी प्राथमिक स्कूलों में भाषाई सर्वे करने…

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रायपुर। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सरकार ने छत्तीसगढ़ की बोली-भाषाओं में पढ़ाई-लिखाई की गंभीर कोशिश शुरू की है। स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के सभी प्राथमिक स्कूलों में भाषाई सर्वे करने जा रहा है। इस दौरान बच्चों द्वारा घर पर बोले जाने वाली भाषा का संकलन किया जाएगा। इसी के आधार पर बच्चों की पढ़ाई के लिए नई योजना तैयार की जाएगी।

समग्र शिक्षा अभियान के महाप्रबंधक नरेन्द्र दुग्गा ने बताया, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हर राज्य को भाषाई सर्वेक्षण का जिम्मा सौंपा गया है। छत्तीसगढ़ राज्य पूरी गंभीरता के साथ इस भाषाई सर्वेक्षण को करने के लिए तत्पर है। इस सर्वेक्षण के मदद से हम प्राथमिक कक्षाओं की भाषाई विविधता पर आंकड़े जुटा पाएंगे। इससे प्रदेश के भाषाई परिदृश्य की स्पष्टता के साथ समझ बढ़ेगी। महाप्रबंधक ने कहा, इस सर्वे के आधार पर राज्य में आगे की शिक्षा नीति और क्षमता निर्माण की रणनीति में मदद मिलेगी।

अधिकारियों ने बताया, सर्वे की शुरुआत 22 फरवरी से होगी। प्रदेश में मूलभूत साक्षरता और गणितीय कौशल विकास अभियान के तहत प्राथमिक स्कूली बच्चों के द्वारा उनके घर पर बोली जाने वाली भाषा की जानकारी संकलित की जाएगी। राज्य स्तर पर सर्वे कार्य को पूरा करने के लिए दिशा-निर्देश सभी प्रधान पाठकों को दिए गए हैं। सर्वे के पहले प्राथमिक स्कूल के प्रधान पाठकों को प्रशिक्षण देकर सर्वे के संबंध में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।

ऐसे होगा भाषाओं का सर्वेक्षण
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भाषाई सर्वे के लिए बिन्दुवार प्रपत्र तैयार किया गया है। यह प्रपत्र पहली कक्षा के क्लास टीचर द्वारा भरा जाएगा। इस प्रपत्र में कक्षा में पढ़ाई के माध्यम के रूप में उपयोग की जाने वाली भाषा को समझने और बोलने की विद्यार्थियों की क्षमता, विद्यार्थियों की मातृभाषा और विद्यार्थियों मातृभाषा को समझने और बोलने की क्षमता पर ध्यान दिया जाएगा। इससे पहले कक्षा के विद्यार्थियों की सूची तैयार की जाएगी। उसमें कक्षा के हर बच्चे के नाम के आगे उसकी मातृभाषा लिखी जाएगी। इस सूची को कक्षा के रजिस्टर में भी दर्ज किया जाएगा।

अभी हिंदी-अंग्रेजी है पढ़ाई का माध्यम
छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने के बाद भी अभी तक छत्तीसगढ़ में पढाई-लिखाई का माध्यम हिंदी-अंग्रेजी भाषा ही है। स्कूलों में बच्चों को हिन्दी में पढ़ाया जाता है, लेकिन वे बात अपनी मातृभाषा में करते हैं। इससे दूरस्थ अंचलों के बच्चों को पढ़ने में कठिनाई होती है। उम्मीद जताई जा रही है कि भाषाई सर्वेक्षण के बाद शायद इस स्थिति में सुधार आए।

द्विभाषिक पुस्तकें छाप दी, पढ़ाई की व्यवस्था नहीं
छत्तीसगढ़ी में प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, दोरली, हल्बी, भतरी, धुरवी, गोंडी, सादरी, कमारी, कुडुख, बघेली, बैगानी, माड़िया बोली जाती है। इसके अलावा सीमावर्ती जिलों में ओड़िया, बांग्ला, मराठी और तेलुगु भी बोलचाल की प्रमुख भाषाएं हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए इन भाषाओं में किताबों का प्रकाशन किया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने अपनी किताबों का एक पेज हिन्दी का दूसरा पेज स्थानीय भाषा में तैयार की हैं।

पढ़ाई का माध्यम हिंदी, इसलिए लोग इसे ही मातृभाषा मानने लगे
स्कूल शिक्षा विभाग अभी भी प्रदेश की स्थानीय बोली-भाषाओं को मातृभाषा कहने से परहेज कर रहा है। भाषाई सर्वेक्षण के प्रपत्र में भी मातृभाषा की जगह घर में बोले जाने वाली भाषा पद का प्रयोग किया गया है। छत्तीसगढ़ राजभासा मंच के संरक्षक और भाषा आंदोलनकारी नंद किशोर शुक्ल कहते हैं, हिंदी भाषी क्षेत्रों में मातृभाषा को लेकर यह अजीब सा भ्रम फैला हुआ है। इन क्षेत्रों में पढ़ाई का माध्यम हिंदी है इसलिए हिंदी को लोग मातृभाषा मानने लगे हैं।

सचाई यह है कि छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, गोंडी, हलबी, बघेली, भोजपुरी, मैथिली, अवधी, मालवी और निमाड़ी जैसी भाषाएं ही उनकी मातृ भाषाएं हैं, जिन्हें उन्होंने मां की गर्भ में ही सीखना शुरू कर दिया था। पिछली जनगणना के समय भी यह स्पष्ट किया गया था कि मातृभाषा वह है जिसमें मां ने बच्चे से बात की थी। या फिर जो परिवार में सामान्य तौर पर बोली जाती है।

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राज्य में विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए अकादमिक निरीक्षण व्यवस्था लागू होगी http://revoltnewsindia.com/academic-inspection-system-will-be-implemented-to-improve-the-academic-level-of-students-in-the-state/6191/ http://revoltnewsindia.com/academic-inspection-system-will-be-implemented-to-improve-the-academic-level-of-students-in-the-state/6191/#respond Fri, 11 Feb 2022 10:18:39 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6191 राज्य स्तर से संकुल स्तर और शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों को स्कूल निरीक्षण की जिम्मेदारी रायपुर। राज्य में विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए अकादमिक निरीक्षण की…

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राज्य स्तर से संकुल स्तर और शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों को स्कूल निरीक्षण की जिम्मेदारी

रायपुर। राज्य में विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए अकादमिक निरीक्षण की व्यवस्था लागू की जाएगी। राज्य स्तर से लेकर संकुल स्तर तक इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। समग्र शिक्षा द्वारा गुरुवार को वेबीनार के माध्यम से आकादमिक निरीक्षण के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी गई।

यह व्यवस्था राज्य में कोविड लॉकडाउन के बाद विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में आई गिरावट में सुधार लाने की दृष्टि से लागू की जा रही है। अकादमिक मॉनिटरिंग के लिए 26 बिन्दुओं का निर्धारण किया गया है, जिसे 100 अंकों में बांटा गया है। इसके साथ ही अकादमिक निरीक्षण सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए चेक लिस्ट और समय-सीमा भी निर्धारित की गई है।

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी प्रतिभागियों को कोरोना काल में स्कूल लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों द्वारा बच्चों की पढ़ाई निरंतर जारी रखने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सभी से निरीक्षण में सभी बिन्दुओं पर सही जानकारी भरे जाने पर जोर दिया। डॉ. शुक्ला ने निरीक्षण के दौरान वर्तमान स्थिति में सुधार की दिशा में सतत् प्रयास करने की दिशा में काम करने का आव्हान किया।

उन्होंने सभी अधिकारियों को स्कूली विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में सुधार कर फोकस कर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। इस वेबीनार में राज्य, जिला, विकासखण्ड स्तरीय कार्यालयों, संकुल समन्वयक उपस्थित थे। वेबीनार को प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा नरेन्द्र दुग्गा और अतिरिक्त मिशन संचालक काबरा ने भी संबोधित करते हुए जानकारी दी।

एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी संचालक सोम शेखर द्वारा निरीक्षण के टुल को दर्ज करने की तकनीकी जानकारी से अवगत कराते हुए प्रत्येक टुल पर विस्तार से चर्चा की। इस नई व्यवस्था की विशेषता होगी कि निरीक्षण के लिए राज्य स्तर से संकुल स्तर एवं शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों को जिम्मेदारी और स्कूल आबंटन किया जाएगा।

विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में सुधार और उनसे संबंधित मुख्य बिन्दुओं पर ही फोकस किया जाएगा। परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स से जुड़े कुछ जमीनी स्तर के पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा। वर्चुअल और प्रत्येक्ष दोनो प्रकार से निरीक्षण किए जाने की सुविधा दी जाएगी। एनआईसी के सहयोग से इसे ऑनलाईन और आसान बनाया जाएगा।

जमीनी स्तर पर शिक्षकों द्वारा किए जा रहे विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए किए जाने वाले नवाचारी कार्यों को ढूंढने और उन्हें प्रोत्साहित करने का काम किया जाएगा। जिले में बेहतर कार्यों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर त्वरित फॉलोअप की व्यवस्था की जाएगी।

सभी स्तर की अधिकारियों और शाला प्रबंधन सिमिति को तत्काल उन्मुखीकरण कार्यक्रम में शामिल कर निरीक्षण प्रणाली से परिचित करवाया जाएगा। सभी स्तर पर निरीक्षण रिपोर्ट और उस पर की गई कार्रवाई का रिपोर्ट देखने की सुविधा दी जाएगी। राज्य में प्राथकिताओं के आधार पर टूल के कुछ बिन्दुओं में परिवर्तन किए जाने की सुविधा दी जाएगी।

विभिन्न स्तर पर निरीक्षण के लिए लक्ष्य
राज्य स्तर के विभिन्न कार्यालयों के अधिकारियों को जिले आबंटित किए जाएंगे। जिनमें वे प्रतिमाह कम से कम 5 स्कूलों का प्रत्यक्ष अथवा ऑनलाईन निरीक्षण करेंगे। जिला स्तर के विभिन्न कार्यालयों के अधिकारी अपने निर्धारित विकासखण्ड की कम से कम 5 स्कूलों का प्रतिमाह वर्चुअल भ्रमण एवं कम से कम दो स्कूलों का अकादमिक निरीक्षण प्रतिमाह करेंगे।

विकासखण्ड स्तर के विभिन्न कार्यालयों के अधिकारी अपने निर्धारित क्षेत्र के शाला संकुलों की कम से कम 20 स्कूलों का प्रतिमाह अकादमिक निरीक्षण करेंगे। शाला संकुल प्राचार्य अपनी शाला संकुल की कम से कम 50 प्रतिशत स्कूलों का प्रतिमाह अकादमिक निरीक्षण करेंगे।

संकुल स्त्रोत केन्द्र समन्वयक अपने स्कूल में नियमित अध्यापन के साथ-साथ संकुल के सभी स्कूलों का माह में कम से दो बार अवश्य अकादमिक निरीक्षण करेंगे। शाला प्रबंधन समिति के सदस्य प्रतिमाह कम से कम 5 दिन अपने स्कूल में निरीक्षण कर स्कूल में सुधार के लिए आवश्यकताओं का और बच्चों की सीखने की स्तर की पड़ताल करेंगे।

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