cm chhattisgarh Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/cm-chhattisgarh/ News for India Tue, 17 Aug 2021 11:11:42 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png cm chhattisgarh Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/cm-chhattisgarh/ 32 32 174330959 आम जनता से जुड़ी सेवाओं की प्रक्रिया के सरलीकरण और जनसुविधाओं के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/chief-minister-bhupesh-baghel-committed-to-simplify-the-process-of-services-to-the-general-public-and-expand-public-facilities/2341/ http://revoltnewsindia.com/chief-minister-bhupesh-baghel-committed-to-simplify-the-process-of-services-to-the-general-public-and-expand-public-facilities/2341/#respond Tue, 17 Aug 2021 10:27:34 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=2341 मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर के सेक्टर 29 में नवीन उप पंजीयक कार्यालय का किया शुभारंभनवा रायपुर सहित आस-पास के 41 गांवों को मिलेगी पंजीयन सुविधा रायपुर, 17 अगस्त 2021 मुख्यमंत्री…

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मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर के सेक्टर 29 में नवीन उप पंजीयक कार्यालय का किया शुभारंभ
नवा रायपुर सहित आस-पास के 41 गांवों को मिलेगी पंजीयन सुविधा

रायपुर, 17 अगस्त 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार जन सुविधा की दृष्टि से आम जनता से जुड़ी सेवाओं की प्रक्रिया के सरलीकरण और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवा रायपुर के सेक्टर 29 में नवीन उप पंजीयक कार्यालय का लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। नवा रायपुर में पंजीयन कार्यालय प्रारंभ होने से नवा रायपुर के 6 गांव, आरंग के 20 और अभनपुर विकासखंड के 15 गांव कुल 41 गांव के लोगों को पंजीयन कार्य की सुविधा मिलेगी। अभी उन्हें पंजीयन के लिए 40 किलोमीटर दूर रायपुर आना पड़ता था। नवा रायपुर में इस कार्यालय के प्रारंभ होने से उनके समय और श्रम की बचत होगी। मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में पंजीयन विभाग के बैकलॉग दस्तावेजों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन कार्य और डिजिटल ई-स्टाम्प सुविधा का भी शुभारंभ किया। उन्होंने नवा रायपुर स्थिति उप पंजीयक कार्यालय में पंजीयन कराने पहुंची ग्राम परसदा की श्रीमती रेखा कोसले से चर्चा की। श्रीमती कोसले ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह मंदिर हसौद में जमीन खरीद रही है। मंदिर हसौद में उनकी 962 वर्ग फीट जमीन का पंजीयन हुआ है। कार्यक्रम में श्रीमती कोसले को पंजीयन के दस्तावेज सौंपा गया। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल कोरबा से कार्यक्रम से जुड़े। संसदीय सचिव वाणिज्यिक कर (पंजीयन) इंदरशाह मंडावी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव वाणिज्यिक कर निरंजन दास, महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक सुश्री इफ्फत आरा, उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक सुशील खलको मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस लिमिटेड और बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम से जुड़े। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पिछले पौने तीन साल में शासन-प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है। जन्म प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, नामांतरण, पंजीयन का काम पहले की तुलना में आसान हुआ है। जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2018 के बाद से अब तक 5 नये जिलों और 72 नयी तहसीलों की स्थापना का निर्णय लिया गया है। हम ऐसी योजनाएं बना रहे हैं, जिनमें उनका लाभ लोगों के दरवाजे तक पहुंचे। विभिन्न कार्यों में लगी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के बैंक-खातों में सीधा भुगतान, ड्राइविंग लाइसेंस सहित आरटीओ से संबंधित 22 सेवाओं की घर पहुंच व्यवस्था जैसे बहुत निर्णयों से काम-काज का सरलीकरण हुआ है। नक्शा, खसरा, बी-1 जैसे अभिलेख अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 98 पंजीयन कार्यालय हैं। नवा रायपुर के इस कार्यालय को मिलाकर अब 99 पंजीयन कार्यालय हो जाएंगे। छत्तीसगढ़ के विकास में इन पंजीयन कार्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्ष 2020-21 में दस्तावेजों के पंजीयन से छत्तीसगढ़ को 1589 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। इसमें से 545 करोड़ रुपए का राजस्व अकेले रायपुर जिले से प्राप्त हुआ था। यह पंजीयन विभाग के माध्यम से मिले कुल राजस्व का 34 प्रतिशत है। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में पंजीयन विभाग द्वारा लक्ष्य से ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने नवा रायपुर में नए पंजीयन कार्यालय खुलने पर क्षेत्र के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भूमि के क्रय-विक्रय के लिए गाइड लाइन दरों में 30 प्रतिशत की कमी और पंजीयन शुल्क में भी छूट दी गई है। इसका लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है।

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मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान : गरम पौष्टिक आहार और समुचित देखभाल से प्रदेश के 1.41 लाख बच्चे कुपोषण मुक्त हुए http://revoltnewsindia.com/mukhyamantri-suposhan-abhiyan-with-hot-nutritious-diet-and-proper-care-1-41-lakh-children-of-the-state-became-malnutrition-free/2331/ http://revoltnewsindia.com/mukhyamantri-suposhan-abhiyan-with-hot-nutritious-diet-and-proper-care-1-41-lakh-children-of-the-state-became-malnutrition-free/2331/#respond Tue, 17 Aug 2021 08:32:01 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=2331 ढाई साल में करीब डेढ़ लाख बच्चे कुपोषण मुक्तमुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का असर : कुपोषित बच्चों की संख्या में 32 प्रतिशत की आई कमी रायपुर, 17 अगस्त 2021 मुख्यमंत्री भूपेश…

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ढाई साल में करीब डेढ़ लाख बच्चे कुपोषण मुक्त
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का असर : कुपोषित बच्चों की संख्या में 32 प्रतिशत की आई कमी

रायपुर, 17 अगस्त 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कुपोषण मुक्ति की पहल पर छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 से शुरू हुए प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का अच्छा प्रतिसाद मिलने लगा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के साथ विभिन्न योजनाओं के एकीकृत प्लान और समन्वित प्रयास से बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है। प्रदेश में जनवरी 2019 की स्थिति में चिन्हांकित कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार 541 थी, इनमें से मई 2021 की स्थिति में लगभग एक तिहाई 32 प्रतिशत अर्थात एक लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए है। जो कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई जंग में एक बड़ी उपलब्धि है। बहुत ही कम समय में ही प्रदेश में कुपोषण की दर में उल्लेखनीय कमी आई है, इसका श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व और उनकी दूरदर्शी सोच को जाता है।

छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की दर को देखते हुए प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने अभियान की शुरूआत की। राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थे। इन आंकड़ों को देखे तो कुपोषित बच्चों में से अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचल इलाकों के बच्चे थे। राज्य सरकार ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और ‘कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़‘ की संकल्पना के साथ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की। अभियान को सफल बनाने के लिए इसमें जन-समुदाय का भी सहयोग लिया गया।  
प्रदेश के नक्सल प्रभावित बस्तर सहित वनांचल के कुछ ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई। दंतेवाड़ा जिले में पंचायतों के माध्यम से गर्म पौष्टिक भोजन और धमतरी जिले में ‘लइका जतन ठउर‘ जैसे नवाचार कार्यक्रमों के जरिए इसे आगे बढ़ाया गया। जिला खनिज न्यास निधि का एक बेहतर उपयोग कर सुपोषण अभियान के तहत गरम भोजन प्रदान करने की व्यवस्था की गई। योजना की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने इसे पूरे प्रदेश में लागू किया। इस अभियान के तहत चिन्हांकित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र में दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार के अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर निःशुल्क पौष्टिक आहार और कुपोषित महिलाओं और बच्चों को गर्म पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है। अतिरिक्त पोषण आहार में हितग्राहियों को गर्म भोजन के साथ अण्डा, लड्डूू, चना, गुड़, अंकुरित अनाज, दूध, फल, मूंगफली और गुड़ की चिक्की, सोया बड़ी, दलिया, सोया चिक्की और मुनगा भाजी से बनेे पौष्टिक और स्वादिष्ट आहार दिये जा रहे हैं। इससे बच्चों में खाने के प्रति रूचि जागृत हुई है। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सब्जियों और पौष्टिक चीजों के प्रति भी जागरूकता बढ़ी है। इससे पोषण स्तर में सुधार आना शुरू हो गया है। स्वास्थ विभाग के सहयोग से एनीमिया प्रभावितों को आयरन फोलिक एसिड, कृमिनाशक गोली दी जाती है। प्रदेश को आगामी 3 वर्षों में कुपोषण से मुक्त करने के लक्ष्य के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा समन्वित प्रयास लगातार किये जा रहे हैं।
कोरोना वायरस (कोविड-19) संकट के समय में सभी आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद होने के बावजूद भी बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर को बनाए रखने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के माध्यम से प्रदेश के 51 हजार 455 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लगभग 28 लाख 78 हजार हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषक आहार का वितरण सुनिश्चित कराया गया। पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के तहत 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती, शिशुवती महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को रेडी-टू-ईट का वितरण किया जा रहा है। कुपोषण पर मिल रही विजय को बनाय रखने और कोरोना का असर बच्चों के स्वास्थ्य पर ना हो इसे देखते हुए प्रदेश में संक्रमण मुक्त स्थानों पर जनप्रतिनिधियों और पालकों की सहमति से आंगनबाड़ी को खोला गया है। जहां सुरक्षा के प्रबंध के साथ फिर से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हितग्राहियों को गर्म भोजन देने की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत मई 2021 की स्थिति में जिलेवार कुपोषण मुक्त हुए बच्चों की स्थिति इस प्रकार है। बालोद जिले में जनवरी 2019 की स्थिति में 12 हजार 481 बच्चे चिन्हाकिंत किए गए थे, इनमें 1402 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए है। इसी प्रकार बलौदाबाजार में 30 हजार 917 में से 6032 बच्चे, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 27 हजार 352 में से 14 हजार 106 बच्चे, बस्तर में 15 हजार 753 में 3633 बच्चे, बेमेतर में 12 हजार 429 में से 354 बच्चे, बीजापुर में 12 हजार 429 बच्चों में से 3993 बच्चे, बिलासपुर में 29 हजार 354 में से 8492 बच्चे, दंतेवाड़ा में 8115 में से 2168 बच्चे, धमतरी में 7144 में से 605 बच्चे, दुर्ग में 12 हजार 810 में से 6983 बच्चे, गरियाबंद में 11 हजार 658 में से 5173 बच्चे और जांजगीर-चांपा जिले में चिन्हांकित 17 हजार 869 कुपोषित बच्चों में से 8463 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए।
इसी प्रकार जशपुर जिले में 15 हजार 341 बच्चों में से 5784 बच्चे, कांकेर में 9038 में से 7022 बच्चे, कबीरधाम में 13 हजार 146 में 3011 बच्चे, कोण्डागांव में 14 हजार 47 में से 1447 बच्चे, कोरबा में 17 हजार 965 में से 2473 बच्चे, कोरिया में 7850 में से 2696 बच्चे, महासमुंद में 19 हजार 153 में से 1473 बच्चे, मुंगेली में 10 हजार 242 में से 648 बच्चे, नारायणपुर में 3626 में से 1622 बच्चे, रायगढ़ में 24 हजार 41 में से 16 हजार 358 बच्चे, रायपुर में 25 हजार 456 में से 8323 बच्चे, राजनांदगांव में 28 हजार 386 में से 10 हजार 97 बच्चे, सरगुजा में 19 हजार 273 में से 7009 बच्चे, सुकमा में 6486 में से 3332 बच्चे और सूरजपुर जिले में चिन्हांकित 23 हजार 716 कुपोषित बच्चों में से 7857 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए।

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