CMO Chhattisgarh Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/cmo-chhattisgarh/ News for India Wed, 23 Mar 2022 14:42:10 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png CMO Chhattisgarh Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/cmo-chhattisgarh/ 32 32 174330959 लोकवाणी में इस बार ‘‘नवा छत्तीसगढ़-नवा बजट’’ पर होगी बात http://revoltnewsindia.com/this-time-in-lokvani-there-will-be-talk-on-new-chhattisgarh-new-budget/7216/ http://revoltnewsindia.com/this-time-in-lokvani-there-will-be-talk-on-new-chhattisgarh-new-budget/7216/#respond Wed, 23 Mar 2022 14:42:03 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7216 29, 30 एवं 31 मार्च को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच  फोन करके करा सकते हैं रिकॉर्डिंग, रेडियोवार्ता की 28 वीं कड़ी 10 अप्रैल को होगी प्रसारित रायपुर,…

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29, 30 एवं 31 मार्च को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच  फोन करके करा सकते हैं रिकॉर्डिंग, रेडियोवार्ता की 28 वीं कड़ी 10 अप्रैल को होगी प्रसारित

रायपुर, 23 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रेडियोवार्ता लोकवाणी में इस बार ‘‘नवा छत्तीसगढ़-नवा बजट’’ विषय पर बातचीत करेंगे। इस संबंध में आप आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-4003482, 4003483 और 4003484 पर 29, 30 एवं 31 मार्च को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकॉर्ड करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 28 वीं कड़ी का प्रसारण 10 अप्रैल 2022 को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से संत निरंकारी मिशन के सदस्यों ने की सौजन्य मुलाकात http://revoltnewsindia.com/members-of-sant-nirankari-mission-met-chief-minister-bhupesh-baghel/7208/ http://revoltnewsindia.com/members-of-sant-nirankari-mission-met-chief-minister-bhupesh-baghel/7208/#respond Wed, 23 Mar 2022 11:27:28 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7208 रायपुर, 23 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में संत निरंकारी मिशन के जोनल इंचार्ज एवं संयोजक गुरुबख्श सिंह कालरा के नेतृत्व में मिशन के…

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रायपुर, 23 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में संत निरंकारी मिशन के जोनल इंचार्ज एवं संयोजक गुरुबख्श सिंह कालरा के नेतृत्व में मिशन के सदस्यों ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने रायपुर में आयोजित होने वाले विशाल निरंकारी सन्त समागम में शामिल होने का आमंत्रण मुख्यमंत्री को दिया।

इस अवसर पर दीपक कृपलानी, प्रेमसिंह धामी एवं अंकित खाण्डे भी उपस्थित थे। कालरा ने बताया कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के रायपुर आगमन पर 29 मार्च को लाभांडी में संत समागम का आयोजन किया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री ने अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के शहादत दिवस पर उन्हें किया नमन http://revoltnewsindia.com/chief-minister-bows-to-amar-shaheed-bhagat-singh-rajguru-and-sukhdev-on-their-martyrdom-day/7204/ http://revoltnewsindia.com/chief-minister-bows-to-amar-shaheed-bhagat-singh-rajguru-and-sukhdev-on-their-martyrdom-day/7204/#respond Wed, 23 Mar 2022 11:09:54 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7204 रायपुर, 23 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के शहादत दिवस पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने…

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रायपुर, 23 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के शहादत दिवस पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में देश के महान सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले इन देशभक्तों का त्याग एवं बलिदान हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। इन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहुति दी। इन अमर शहीदों का बलिदान युगों-युगों तक भारतीय जनमानस में देशभक्ति की भावना जागृत करता रहेगा।

इस अवसर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत भी उपस्थित थे।

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बेहतर वित्तीय प्रबंधन से छत्तीसगढ़ में इस वर्ष राजस्व सरप्लस की स्थिति : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/state-of-revenue-surplus-this-year-in-chhattisgarh-due-to-better-financial-management-chief-minister-bhupesh-baghel/7199/ http://revoltnewsindia.com/state-of-revenue-surplus-this-year-in-chhattisgarh-due-to-better-financial-management-chief-minister-bhupesh-baghel/7199/#respond Wed, 23 Mar 2022 07:07:42 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7199 छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी, राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि और वित्तीय घाटा में हो रही लगातार…

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छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी, राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि और वित्तीय घाटा में हो रही लगातार कमी, छत्तीसगढ़ विधानसभा में 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित, पिपरिया, कुंडा, बचरापोड़ी, चलगली, हसौद और सारागांव में नई तहसील की घोषणा, अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कल चर्चा के बाद 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है। राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है और वित्तीय घाटा भी बेहतर वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन से लगातार कम किया जा रहा है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में राजस्व सरप्लस की स्थिति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण राज्य के राजस्व में कमी आई, लेकिन बेहतर वित्तीय प्रबंधन के चलते हम कम ऋण भी ले रहे हैं। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम ऋण इस वर्ष लिया है। चालू वर्ष में केवल एक हजार करोड़ का शुद्ध ऋण लिया गया है। केन्द्र सरकार कहती है कि जीएसटी के एवज में राज्य सरकार ऋण ले।

वर्ष 2019-20 में 3109 करोड़ रूपए का लोन लिया गया। वर्ष 2021-22 में 8 हजार 71 करोड़ का लोन लिया गया, जिसमें जीएसटी ऋण 4965 करोड़ रूपए तथा विशेष केन्द्रीय सहायता ऋण 282 करोड़ शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 की प्रथम तिमाही में 4000 करोड़ का ऋण लिया गया। दूसरी तिमाही में पूंजीगत व्यय 4624 करोड़ रूपए था, जो लिए गए ऋण से अधिक था।

जनवरी 2022 की स्थिति में पूंजीगत व्यय 7629 करोड़ रूपए था और राजस्व आधिक्य 1103 करोड़ रूपए था। इसी प्रकार वित्तीय घाटा 6591 करोड़ रूपए था, जो जीएसडीपी का मात्र 1.65 प्रतिशत था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सर्वजन हिताय- सर्वजन सुखाय की भावना के साथ काम करते हुए प्रदेश के किसानों, आदिवासियों युवाओं, महिलाओं, मजदूरों के हित में प्रारंभ की गई योजनाओं को पूरा करेगी और मितव्ययता को अपनाते हुए अनुत्पादक व्ययों में कमी लाने का हर संभव प्रयास करेगी।

मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा नवीन तहसीलों के गठन की मांग पर सदन में कबीरधाम जिले में पिपरिया और कुंडा, कोरिया जिले में बचरापौड़ी, बलरामपुर में चलगली, जांजगीर-चांपा जिले में हसौद और मुंगेली जिले में सरगांव में तहसील के गठन की घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों को अधिमान्यता के नवीनीकरण में होने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए अधिमान्यता नियम में संशोधन करने तथा अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने विनियोग पर चर्चा करते हुए कहा कि विनियोग वर्ष 2022-23 का आकार 01 लाख 12 हजार 603 करोड रुपए है। बजट 2022-23 का शुद्ध व्यय 1 लाख 4000 करोड रुपए का है। इसमें राजस्व व्यय 88 हजार 371 करोड़ रूपए और पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ रूपए है। राज्य को कुल 01 लाख 4 हजार करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति होगी, जिसमें राजस्व प्राप्तियां 89 हजार 73 करोड़ रूपए तथा पूंजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ रूपए होगी।

बजट के वित्तीय संकेतकों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राजस्व आधिक्य 702 करोड़ रूपए, वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ रूपए का अनुमान है। वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित जीएसडीपी 4 लाख 38 हजार 478 करोड़ रूपए तथा जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में वित्तीय घाटा 3.33 प्रतिशत होगा। बजट में अनुसूचित जनजाति के लिए 33 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 12 प्रतिशत, सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत तथा आर्थिक क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है। बजट में कृषि बजट का आकार 20 हजार 405 करोड़ रूपए है।

मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 के प्रावधिक अनुमान अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी में 11.54 प्रतिशत वृद्धि संभावित है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 9.2 प्रतिशत कमी की तुलना में अधिक है। वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 3.9 एवं 11.8 प्रतिशत तथा 8.2 की तुलना में छत्तीसगढ़ में काफी बेहतर स्थिति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में राजस्व सरप्लस की स्थिति है। छत्तीसगढ़ ने बजट का 80 प्रतिशत लोन लिया है। झारखण्ड में 89 प्रतिशत ऋण है। इसी तरह उत्तराखण्ड में 104 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 92 प्रतिशत, गुजरात में 146 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 125 प्रतिशत और हरियाणा में 180 प्रतिशत ऋण है। छत्तीसगढ़ की स्थिति पहले से स्थापित देश के कई राज्यों से बेहतर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत राज्य सरकार केन्द्र की किसान सम्मान निधि योजना से ज्यादा राशि भूमिहीन कृषि मजदूरों को देगी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष 7000 रूपए की सहायता दी जाएगी। इस योजना का लाभ हमारी आदिवासी संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले का मांझी, बैगा, गुनिया और पुजारी को भी मिलेगा। इसके साथ-साथ हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया को भी इस योजना के समान लाभ दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएससी और व्यापमं की परीक्षाओं में स्थानीय युवाओं को शुल्क से छूट दी गई है। कर्मचारियों के हितों की चिंता करते हुए राज्य सरकार ने एनपीएस स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाली करने का निर्णय लिया है। शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में आगामी वर्ष से वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधान सभा के सदस्यों की क्षेत्र विकास निधि 2 करोड रुपए से बढ़ाकर 4 करोड़ रूपए की जा रही है।

जनपद अध्यक्षों का मानदेय 6000 रूपए से बढ़ाकर 10000 रूपए, जनपद उपाध्यक्ष का मानदेय 4000 रूपए से बढ़ाकर 6000 रूपए और सदस्यों का मानदेय 1500 रूपए से बढ़ाकर 5 हजार रूपए प्रतिमाह किया जाएगा। बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों और पदोन्नति का लाभ देने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स का नवीन कैडर का गठन किया जाएगा।

पांच पुलिस चौकियों मारो (बेमेतरा), जेवरा-सिरसा (जिला-दुर्ग), नैला (जांजगीर-चांपा), खरसिया (रायगढ़) और वाड्रफनगर (बलरामपुर) के थाने में उन्नयन के लिए 226 नवीन पदों, तीन नवीन पुलिस चौकी भैंसा (रायपुर), घटारानी जतमई (गरियाबंद), राहूद (जांजगीर) की स्थापना हेतु 99 पदों, बिलासपुर, जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 114 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा।

नौ जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बैरक निर्माण के लिए 16.96 करोड़ रूपए का प्रावधान तथा रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक, पुलिस मेमोरियल टावर के लिए 01 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा नशे का कारोबार करने वालों पर लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध 436 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। चिटफंड कंपनियों की 18 करोड़ से अधिक लागत की संपत्ति की नीलामी की गई और 17 हजार से अधिक निवेशकों को 11 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि वापस दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवगठित मानपुर-मोहला-चौकी, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मनेन्द्रगढ़ जिलों के लिए 1100 नवीन पदों तथा 11 नवीन अनुविभाग कार्यालयों के लिए 37 पदों का प्रावधान किया गया है। बजट में अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संचालित भवनविहीन छात्रावास आश्रमों हेतु 106 भवनों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

इसी तरह जगदलपुर (बस्तर), बासीन (बालोद), माकड़ी (कोण्डागांव) एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जनता की मांग को देखते हुए 32 नवीन स्वामी आत्मानंद शुद्ध हिंदी माध्यम स्कूल प्रारंभ करने का प्रावधान किया गया है प्रत्येक जिले में कम से कम एक हिंदी माध्यम स्कूल प्रारंभ होंगे।

स्वास्थ्य व्यवस्था और चिकित्सा शिक्षा की बेहतर व्यवस्था के लिए नवीन भवन, आधुनिक लैब, उपकरणों और मानव संसाधन की व्यवस्था की जा रही है। विगत दो वर्षों में 01 हजार 329 डाक्टरों के साथ पुलिस और महिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, लैब टेक्निशियनों तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। जगरगुण्डा (सुकमा) में 30 बिस्तर सीएससी एवं अहिवारा (दुर्ग) में 10 बिस्तर एनआरसी हेतु 45 पदों का सृजन, खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल भवन निर्माण का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत मुख्यमंत्री पोषण अभियान सहित अन्य योजनाओं से विगत 3 वर्षों के दौरान कुपोषण में 8.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है, जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 से कम है।

उन्होंने कहा कि राज्य के 48.60 लाख परिवारों को नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन में 01 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार नगरीय निकायों में भी जल प्रदाय योजना के लिए प्रावधान किया गया है। वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में नरवा योजना के तहत 1950 नालों को उपचारित करने के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा 65 वनोपजों का समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इस योजना का यह सकारात्मक प्रभाव है कि इस वर्ष बस्तर में व्यापारी 45 रूपए प्रतिकिलो की दर पर महुए की खरीदी कर रहा है। प्रदेश में कोदो, कुटकी 3000 रूपए और रागी 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है। इन फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना 10 हजार प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के विकास में युवा शक्ति की सहभागिता बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 तथा नगरीय क्षेत्रों में 1605 राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया जाएगा। इस क्लब द्वारा अपनी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ शासकीय योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के बजट में 6638 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य बजट के अतिरिक्त अन्य संसाधनों से वर्तमान में 16 हजार करोड़ रूपए से अधिक लागत की सड़कों एवं पुलों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य मार्गों के निर्माण के लिए 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के लिए 458 करोड़, ग्रामीण मार्गों हेतु 810 करोड़, वृहद एवं मध्यम निर्माण हेतु 315 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग में मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरूआत की जाएगी। जिसके तहत जगदलपुर विकासखण्ड के नानगूर में ककून बैंक की स्थापना की जाएगी। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिए दिया जाएगा। इन समूहों को इसके लिए प्रशिक्षण के साथ मशीन उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 3 वर्षो में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ रूपए की कमी तथा कोविड आपदा के कारण राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने के कारण राज्य सरकार को ऋण लेना पड़ा। राज्य सरकार द्वारा केवल 33 हजार 886 करोड़ रूपए का शुद्ध ऋण लिया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में पूंजीगत व्यय हेतु 13,839 करोड़ का प्रावधान था, जो पुनरीक्षित अनुमान में बढ़कर 14,191 करोड़ तथा वर्ष 2022-23 के बजट में 15,241 करोड़ रखा गया है। इसी प्रकार वित्तीय घाटा भी लगातार कम किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 के लिए वित्तीय घाटा राज्य की जीएसडीपी का केवल 2.55 प्रतिशत होगा। यह एफआरबीएम एक्ट के अंतर्गत निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा से काफी कम है।

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मीडिया प्रतिनिधियों और प्रेस क्लब ने अधिमान्यता नवीनीकरण की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया http://revoltnewsindia.com/media-representatives-and-press-club-expressed-their-gratitude-to-chief-minister-bhupesh-baghel-for-increasing-the-period-of-renewal-of-recognition-from-one-year-to-two-years/7195/ http://revoltnewsindia.com/media-representatives-and-press-club-expressed-their-gratitude-to-chief-minister-bhupesh-baghel-for-increasing-the-period-of-renewal-of-recognition-from-one-year-to-two-years/7195/#respond Tue, 22 Mar 2022 16:49:53 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7195 मुख्यमंत्री से विधानसभा में मुलाकात कर पत्रकारों ने दिया धन्यवाद रायपुर. 22 मार्च 2022 विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों और रायपुर प्रेस क्लब ने पत्रकारों की अधिमान्यता नवीनीकरण की अवधि…

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मुख्यमंत्री से विधानसभा में मुलाकात कर पत्रकारों ने दिया धन्यवाद

रायपुर. 22 मार्च 2022 विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों और रायपुर प्रेस क्लब ने पत्रकारों की अधिमान्यता नवीनीकरण की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष किए जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया है। पत्रकारों ने आज विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देने के दौरान जनसंपर्क विभाग द्वारा पत्रकारों की अधिमान्यता नवीनीकरण की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष किए जाने की घोषणा की। इससे पत्रकारों को हर वर्ष अपनी अधिमान्यता के नवीनीकरण की प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि राज्य शासन सदैव पत्रकारों के कल्याण के लिए तत्पर है। उनकी सुविधाओं के लिए शासन द्वारा समय-समय पर जरूरी पहल की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने इस साल 1 जनवरी को रायपुर प्रेस क्लब के नववर्ष मिलन कार्यक्रम में रायपुर विकास प्राधिकरण के आवासों की खरीदी में पत्रकारों के लिए 15 फीसदी रियासत की भी घोषणा की थी।  

रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष दामु आम्बेडारे ने पत्रकारों की व्यावहारिक परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए पत्रकार अधिमान्यता के नवीनीकरण की अवधि दो वर्ष किए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि प्रेस क्लब द्वारा किए गए सभी आग्रहों को मुख्यमंत्री ने तत्परता से स्वीकार कर त्वरित निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री ने पत्रकार अधिमान्यता की नवीनीकरण की अवधि दो वर्ष कर राज्य के पत्रकारों को बड़ी राहत दी है।

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मॉडल और बेहतर कार्यप्रबंधन से घटी राज्य की बेरोजगारी दर : भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/model-of-rural-economy-and-better-management-has-reduced-the-unemployment-rate-of-the-state-bhupesh-baghel/7183/ http://revoltnewsindia.com/model-of-rural-economy-and-better-management-has-reduced-the-unemployment-rate-of-the-state-bhupesh-baghel/7183/#respond Tue, 22 Mar 2022 11:58:33 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7183 देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ तीसरे क्रम पर, सीएमआईई ने जारी किये आंकड़े: छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 1.7 प्रतिशत, जबकि देश में 7.4 प्रतिशत,…

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देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ तीसरे क्रम पर, सीएमआईई ने जारी किये आंकड़े: छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 1.7 प्रतिशत, जबकि देश में 7.4 प्रतिशत, नीतिगत फैसलों औैर बेहतर प्रबंधन ने घटाई राज्य की बेरोजगारी दर

रायपुर, 22 मार्च 2022 सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन द्वारा जारी किये गये बेरोजगारी के नवीनतम आंकड़ों ने एक बार फिर विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता का परचम बुलंद कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 1.7 प्रतिशत के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में तीसरे क्रम पर है।

राज्य सरकार के नीतिगत फैसले और बेहतर कार्यप्रबंधन से लगातार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। जिससे राज्य की बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है। फरवरी 2022 की स्थिति में सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे कम बेरोजगारी दर ओडिशा में एक प्रतिशत है। जबकि सर्वाधिक बेरोजगारी दर राजस्थान में 32.3 और हरियाणा में 31 प्रतिशत है।

छत्तीसगढ़ ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था, जिसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना,

रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये-नये अवसर सृजित हो रहे हैं। इन योजनाओं से राज्य के विकास को गति मिल रही है, जिससे प्रदेश में बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है।

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही। नये आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ 1.7 प्रतिशत के साथ कम बेरोजगारी वाले राज्यों में तीसरे क्रम पर है, जबकि पड़ोसी ओडिशा एक प्रतिशत के साथ पहले क्रम पर है।

मेघालय 1.4 प्रतिशत के साथ दूसरे क्रम पर और कर्नाटक 2 प्रतिशत के साथ चौथे क्रम पर है। राजस्थान में बेरोजगारी दर 32.3 प्रतिशत, हरियाणा में 31 प्रतिशत, झारखंड में 15 प्रतिशत और बिहार में 14 प्रतिशत है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 7.4 प्रतिशत है। शहरी बेरोजगारी दर 8.1 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.2 प्रतिशत है।

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विश्व जल दिवस के मौके पर हम सभी जल के समस्त स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन हेतु प्रतिबद्ध हो : मुख्यमंत्री बघेल http://revoltnewsindia.com/on-the-occasion-of-world-water-day-let-us-all-be-committed-to-the-conservation-and-promotion-of-all-sources-of-water-chief-minister-baghel/7180/ http://revoltnewsindia.com/on-the-occasion-of-world-water-day-let-us-all-be-committed-to-the-conservation-and-promotion-of-all-sources-of-water-chief-minister-baghel/7180/#respond Tue, 22 Mar 2022 11:14:52 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7180 रायपुर, 22 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को विश्व जल दिवस की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि विश्व जल दिवस के मौके पर…

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रायपुर, 22 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को विश्व जल दिवस की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि विश्व जल दिवस के मौके पर हम सभी जल के समस्त स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन हेतु प्रतिबद्ध हो।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारा छत्तीसगढ़ तालाबों, नदियों का प्रदेश है, जबकि सही देखरेख और जागरूकता के अभाव में सुख रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार नरवा कार्यक्रम के तहत् इन जल स्रोतों के संवर्धन का प्रयास कर रही है, मगर इसके लिए जन समुदाय की सहभागिता भी उतनी ही जरूरी है। आप सभी से आग्रह है कि हमारे धरोहर तालाब, जल स्रोतों को बचाने के लिए स्वयमेव पहल कर नई पीढ़ी को भी इसके लिए प्रेरित करें।

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तीन सालों में लोगों के जीवन में आया बड़ा बदलाव, आजीविका के खुले नये द्वार: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/big-change-in-the-lives-of-people-in-three-years-new-doors-of-livelihood-opened-chief-minister-bhupesh-baghel/7165/ http://revoltnewsindia.com/big-change-in-the-lives-of-people-in-three-years-new-doors-of-livelihood-opened-chief-minister-bhupesh-baghel/7165/#respond Tue, 22 Mar 2022 07:38:03 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7165 जनता को राहत पहुंचाने और विकास में भागीदार  बनाने के हरसंभव उपाय, विधानसभा में मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित व्यय के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रूपए की…

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जनता को राहत पहुंचाने और विकास में भागीदार  बनाने के हरसंभव उपाय, विधानसभा में मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित व्यय के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रूपए की अनुदान मांगें पारित, लगातार बढ़ रहा खनिज राजस्व इस वर्ष लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपए खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान, लोकसेवा केन्द्रों से इस वर्ष 25 लाख 21 हजार से अधिक नागरिकों को मिला विभिन्न शासकीय सेवाओं का लाभ, हाफ बिजली बिल योजना: 40.74 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिली 2200 करोड़ रुपए की राहत, बिजली पर किसानों को तीन वर्षों में मिली 7 हजार 464 करोड़ रुपए की छूट, पुरानी पेंशन योजना की बहाली से अधिकारी-कर्मचारियों को नहीं रहेगा बुढ़ापे में टेंशन, पांच नये जिलों में जिला जनसम्पर्क कार्यालयों की स्थापना के लिए प्रावधान

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विभागों के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गईं। इस राशि में से सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 339 करोड़ 68 लाख 81 हजार रूपए, सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 429 करोड़ 60 लाख 90 हजार रूपए, वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 7734 करोड़ 24 लाख 25 हजार रूपए, जिला परियोजनाओं से संबंधित व्यय के लिए 208 करोड़ 65 लाख रूपए, ऊर्जा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 2634 करोड़ 17 लाख 38 हजार रूपए, खनिज साधन विभाग से संबंधित व्यय के लिए 751 करोड़ 70 लाख 42 हजार रूपए, जनसम्पर्क विभाग से संबंधित व्यय के लिए 329 करोड़ 87 लाख 10 हजार रूपए, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 192 करोड़ 32 लाख 68 हजार रूपए और विमानन विभाग के लिए 61 करोड़ 49 लाख 28 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘सेवा, जतन, सरोकार’ और ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ इन दो ध्येय वाक्यों को लेकर चल रही है। हमने एक ओर जहां जनता को जल्दी से जल्दी राहत पहुंचाने पर जोर दिया है, वहीं दूसरी ओर उन्हें प्रदेश के विकास में भागीदार बनाने के हरसंभव उपाय कर रहे हैं। वर्ष 2018 में जिन हालात में कराहता हुआ छत्तीसगढ़ मिला था, उसकी याद करके भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हमने तीन वर्षों में बहुत से बड़े-बड़े बदलाव लाए हैं, जिसके कारण छत्तीसगढ़ की जनता को राहत भी मिली और सशक्तीकरण भी हुआ।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा की छत्तीसगढ़ महतारी का सबसे बड़ा आशीर्वाद हमें प्रचुर मात्रा में खनिज के रूप में मिला है। हमारा मानना है कि खनिज ऐसी धरोहर है, जिससे वर्तमान को संवारना है और इसे भविष्य के लिए सुरक्षित भी रखना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी खनिज संसाधन मिल सके। इसलिए हमने बहुत ही पारदर्शी नीतियों और योजनाएं बनाई हैं। जिसके कारण एक ओर जहां खनिज राजस्व में तेजी से वृद्धि हो रही है वहीं दूसरी ओर इनका लाभ स्थानीय निवासियों को मिल रहा है। राज्य के समग्र विकास में हमारे खनिज संसाधन का समुचित उपयोग किया जा रहा है। खनिज राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व के रूप में राज्य शासन को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 हजार 517 करोड़ रुपए प्राप्त हुआ। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक की स्थिति में निर्धारित लक्ष्य 7 हजार 800 करोड़ रुपए के विरूद्ध 8 हजार 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है। इस तरह वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपए का खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमएफ के दुरूपयोग के बहुत से किस्से इस सदन में गूंज चुके हैं। हमने डीएमएफ के सदुपयोग की दिशा में गंभीर कदम उठाए हैं। डीएमएफ का उपयोग अब खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों एवं क्षेत्र के विकास हेतु किया जा रहा है। हमारी सरकार आने के बाद डीएमएफ के अंशदान से जिलों के कुपोषण दर कम करने, स्वास्थ्य, शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने, कृषि, प्रसंस्करण को बढ़ावा, रोजगार एवं हितग्राही मूलक कार्य प्राथमिकता पर स्वीकृत हो रहे है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक डीएमएफ मद में अंशदान के रूप में 2 हजार 20 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है। डीएमएफ से अंशदान के रूप में वर्ष 2015 से अब तक कुल 8 हजार 35 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी को जनसुविधा तथा जनसशक्तीकरण का माध्यम बनाया है। इस कड़ी में अब राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की मॉनीटरिंग हेतु ऑनलाइन एडवांस प्लेटफॉर्म ‘मुख्यमंत्री सीजी कैम्प पोर्टल’ विकसित किया गया है। इस पोर्टल में प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं को शामिल किया गया है। जैसे गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, सीजी ई-डिस्ट्रिक्ट, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना की ऑनलाइन मॉनीटरिंग इसी पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने सरकारी दफ्तरों तथा लोकसेवकों की जवाबदेही तय करते हुए लोकसेवा केन्द्रों को सक्षम बनाया है, जिनके माध्यम से इस वर्ष 25 लाख 21 हजार से अधिक नागरिक विभिन्न शासकीय सेवाओं से लाभान्वित हुए हैं। वर्तमान में विभिन्न विभागों की 132 सेवाएं ऑनलाइन रूप से उपलब्ध हैं। इस योजना के माध्यम से अभी तक 172 लाख 86 हजार से अधिक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 161 लाख 66 हजार आवेदन निराकृत हो चुके हैं। हमारी तीन महत्वपूर्ण योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। ऑफलाइन शिक्षा के लिए ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान ‘बुलठू के बोल’/ग्रामीण क्षेत्रों में नगद भुगतान हेतु ‘डिजिपे सखी’ और ‘गोधन न्याय योजना’ को भारत सरकार द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर जारी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेंशन स्टोरीज की किताब में प्रकाशित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हमने कुशल प्रबंधन और सही अनुशासन का पालन किया। यही वजह है कि कोरोना, कोयला संकट, लॉकडाउन जैसे तमाम अवरोधों के बावजूद हमने सर्वाधिक उत्पादन, उपलब्धता और आपूर्ति के कीर्तिमान बनाए। जब राज्य का गठन हुआ था तब छत्तीसगढ़ में बिजली की मांग सिर्फ 1हजार 334 मेगावाट होती थी। 2018 के अंत में 4 हजार 559 मेगावाट पहुंची और आज 5 हजार 57 मेगावाट के शीर्ष को हमने छुआ है।

उन्होंने कहा कि ट्रांसमिशन (पारेषण) की बात करें तो हमने कुशल प्रबंधन से पारेषण हानि 3 प्रतिशत के करीब ला दी है, जो नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य 3.22 प्रतिशत से भी कम है। अच्छी व्यवस्था के कारण पारेषण प्रणाली की उपलब्धता 99.79 प्रतिशत रही, जो एक कीर्तिमान है। विगत वर्ष में पारेषण क्षमता बढ़ाने के लिए हमने 132/33 केव्ही क्षमता के 2 उपकेन्द्र उदयपुर (जिला सूरजपुर) तथा खैरागढ़ (जिला राजनांदगांव) में ऊर्जीकृत किया है तथा ऐसे 5 उपकेन्द्र शीघ्र पूर्ण करने जा रहे हैं। कोरोना और लॉकडाउन के बावजूद हमने प्रदेश में विद्युत विकास को गति दी।

वितरण व्यवस्था की बात करें तो वर्ष 2018 तक अर्थात 18 वर्षों में प्रदेश में 4 लाख 17 हजार 523 सिंचाई पम्पों को बिजली दी गई थी, जबकि हमने मात्र 3 वर्षों में 67 हजार 942 पम्पों को बिजली दी है। यानी 3 वर्षों में 16 प्रतिशत। 11 केव्ही उपकेन्द्र की बात करें तो प्रदेश में 18 वर्षों में 1 लाख 56 हजार 94 उपकेन्द्र स्थापित हुए थे, जबकि हमने मात्र 3 वर्षों में 44 हजार 321 उपकेन्द्र स्थापित किए। यानी सिर्फ 3 वर्षों में 28 प्रतिशत। 11 केव्ही और निम्न दाब लाइनों की संख्या भी हमने 18 वर्षों की तुलना में 16 प्रतिशत बढ़ा दी है। राज्य सरकार ने अपनी विद्युत क्षमता का लाभ प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों को देने का काम किया है। हाफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 400 यूनिट खपत पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इस योजना के तहत हमने अभी तक 40 लाख 74 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 2200 करोड़ रुपए की राहत दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बिजली की ताकत देने के लिए निःशुल्क अथवा रियायती दर पर बिजली दी जा रही है। विगत 3 वर्षों में 5 लाख 94 हजार सिंचाई पम्प उपभोक्ता किसानों को 7 हजार 464 करोड़ रुपए की छूट दी गई है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं रखी गई है। अन्य वर्गों के किसानों को 3 हार्स पावर के पम्पों पर 6000 यूनिट तथा 3 से 5 हार्स पावर वाले किसानों को 7500 यूनिट बिजली प्रतिवर्ष निःशुल्क दी जा रही है। बीपीएल परिवारों को 30 यूनिट प्रति कनेक्शन प्रतिमाह की दर से निःशुल्क बिजली दी जा रही है, जिससे 17 लाख से अधिक परिवारों के घर रोशन हो रहे हैं। सौर ऊर्जा से विगत 3 वर्षों में 56 हजार से अधिक पम्पों की स्थापना की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बंद हो चुकी पुरानी पेंशन को फिर से बहाल करने का निर्णय लिया है, इससे अधिकारियों कर्मचारियों को बुढ़ापे की चिंता नहीं रहेगी क्योंकि उन्हें पेंशन मिलेगी।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जी.आई.एस. मैपिंग के माध्यम से ऐसे ग्रामों का चिन्हांकन किया गया था, जिनके 5 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई भी बैंक शाखा/बैंक मित्र कार्यरत नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य में इसके अंतर्गत ऐसे 1 हजार 540 ग्रामों को चिन्हांकित किया गया। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 1 हजार 483 ग्राम में बैंकिंग सेवा पहुंचा दी है, जो लक्ष्य का लगभग 96.3 प्रतिशत होता है। वर्ष 2019-20 में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में आम जनता तक बैंकिंग सुविधा की पहुंच के लिए विशेष प्रयास किए गए, जिसमें समस्त बैंकों के माध्यम से 21 हजार 312 बैंक मित्र नियुक्त किए जा चुके हैं। इसी तरह प्रदेश के नक्सल प्रभावित अंचलों में बैंक शाखाओं की संख्या 338 से बढ़कर 551, एटीएम की संख्या 222 से बढ़कर 455 कर दी गई है। लगभग 4 हजार बीसी सखियों की सेवाएं भी सराहनीय है। हमने जहां 91 हजार करोड़ रुपए लोगों की जेब में डाले, वहीं इन पैसों की सुरक्षा की दिशा में भी प्रयास करने में सफल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट में वित्त विभाग अंतर्गत प्रमुख प्रावधानो की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य अंतर्गत विभागों की विभिन्न योजनाओं हेतु निर्बाध वित्त आपूर्ति हेतु लिए गए लोक ऋण के पुनर्भुगतान हेतु 6 हजार 11 करोड़ 90 लाख रुपए का प्रावधान। ऋण के ब्याज की समयबद्ध अदायगी हेतु 7 हजार 2 करोड़ 70 लाख रुपए का प्रावधान। राज्य के कर्मचारियों की पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति लाभों हेतु 7 हजार 594 करोड़ 60 लाख रुपए का प्रावधान। किसानों को दिए जाने वाले ब्याजमुक्त ऋण के संबंध में ग्रामीण बैंकों को दिए जाने वाले ब्याज अनुदान हेतु 16 करोड़ रुपए का प्रावधान। जगदलपुर में लेखा प्रशिक्षण शाला के स्थापना हेतु 6 नवीन पदों के सृजन के लिए 20 लाख रुपए का प्रावधान। इससे बस्तर क्षेत्र के कर्मचारियों के लेखा संबंधी ज्ञानवर्धन के साथ ही लेखा सेवाओं में प्रवेश व पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसम्पर्क विभाग द्वारा पंडित माधवराव सप्रे के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा स्वर्गीय चंदूलाल चन्द्राकर एवं स्वर्गीय मधुकर खेर की स्मृति में प्रतिवर्ष चयनित पत्रकारों को पुरस्कार दिया जाता है। इसके अलावा 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों को मुख्यमंत्री सम्मान निधि के रूप में 10 हजार रुपए की राशि देने की व्यवस्था की गई है। मीडियाकर्मियों तथा उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सहायता अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा 5 नए जिलों में जनसम्पर्क कार्यालयों की स्थापना के लिए भी हमने प्रावधान किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में  विमानन सुविधाओं के विकास के संबंध में कहा कि रीजनल कनेक्टिविटी योजना अंतर्गत जगदलपुर, बिलासपुर एयरपोर्ट को 3सी-व्हीएफआर एयरपोर्ट अनुरूप विकसित कर इनका लायसेंस प्राप्त किया गया है। मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट, जगदलपुर से हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर सेक्टर में तथा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट, बिलासपुर (चकरभाठा) से दिल्ली-जबलपुर-बिलासपुर-प्रयागराज सेक्टर में अब नियमित विमान सेवा का संचालन हो रहा है। राज्य शासन द्वारा मां महामाया एयरपोर्ट, अम्बिकापुर दरिमा के रनवे के विकास के लिए राशि 43 करोड़ 98 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। एयरपोर्ट का विकास 3सी-व्हीएफआर एयरपोर्ट अनुरूप किया जा रहा है। शीघ्र ही एयरपोर्ट का लायसेंस प्राप्त कर यहां से घरेलू विमान सेवा प्रारंभ करने की योजना है।

राज्य शासन द्वारा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट बिलासपुर को 4सी-व्हीएफआर श्रेणी में विकसित करने की योजना बनाई गई है, ताकि यहां से बड़े विमानों का संचालन संभव हो सके। माना रायपुर एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अपार संभावनाओं को देखते हुए राज्य शासन ने यहां से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा का संचालन प्रारंभ करने तथा व्यापार, वाणिज्य गतिविधियों के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्गाे सुविधा विकसित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हमने रायपुर से दुबई एवं सिंगापुर के लिए विमान सेवा शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया गया है। अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा संचालन के लिए विमान संचालक कंपनी को राज्य शासन आवश्यक सब्सिडी भुगतान करने हेतु सहमत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार घर-घर में जल पहुंचाने का काम पूरा करेगी। प्रदेश में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नरवा योजना शुरू की गई है।

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घोटुल शिक्षण के ऐसे केंद्र जहां पर शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति की समृद्ध जानकारी दी जाती है : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/such-centers-of-ghotul-education-where-rich-information-about-education-health-culture-is-given-chief-minister-bhupesh-baghel/7149/ http://revoltnewsindia.com/such-centers-of-ghotul-education-where-rich-information-about-education-health-culture-is-given-chief-minister-bhupesh-baghel/7149/#respond Mon, 21 Mar 2022 14:55:34 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7149 घोटुल की संस्कृति ने बस्तर को देश-विदेश में पहचान दिलायी – मुख्यमंत्री घोटुल सदस्यों ने अंतागढ़ के अमाकडा में 8 अप्रैल को आयोजितन”झलमलको लायोर गोटूल रच्चा उत्सव” में मुख्यमंत्री को…

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  • घोटुल की संस्कृति ने बस्तर को देश-विदेश में पहचान दिलायी – मुख्यमंत्री
  • घोटुल सदस्यों ने अंतागढ़ के अमाकडा में 8 अप्रैल को आयोजितन”झलमलको लायोर गोटूल रच्चा उत्सव” में मुख्यमंत्री को किया आमन्त्रित

रायपुर, 21 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां विधानसभा ऑडिटोरियम में बस्तर के 50 से अधिक घोटुलों से आये मांझी एवं सदस्यों को संबोधित किया। घोटुल सदस्यों ने मुख्यमंत्री बघेल को अंतागढ़ के अमाकडा में 8 अप्रैल को आयोजित झलमलको लायोर गोटूल रच्चा उत्सव में आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री ने आमंत्रण सहर्ष स्वीकारते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान बस्तर से है, वहां की संस्कृति से है। बस्तर की हमेशा अलग पहचान रही है चाहे घोटुल हो, देवगुड़ी, मुर्गा लड़ाई, या दशहरा उत्सव, इन सभी ने बस्तर को देश विदेश में पहचान दिलायी है। वहां की विभिन्न बोलियां, संस्कृति एवं खानपान से बस्तर की अलग पहचान है।

घोटुल की पहचान उसकी संस्कृति के कारण देश-विदेश में बनी हुई थी और देश-विदेश से पत्रकार यहां आकर इसकी पहचान बताते थे। घोटुल संस्कृति शिक्षण केंद्र हैं जहां पर शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति की जानकारी प्रदान की जाती है। जब मैं नारायणपुर गया था तो वहां घोटुल निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की थी। घोटुल के संरक्षण, संवर्धन हेतु शासन से जो भी सहयोग होगा वह प्रदान किया जाएगा। सरकार द्वारा यहां की संस्कृति के संरक्षण और संवारने का काम लगातार किया जा रहा है। देवगुड़ी का निर्माण पूरे बस्तर में किया जा रहा है।

हमारी परंपरा एवं संस्कृति का संबंध प्रकृति के साथ जिंदा रहना चाहिए। घोटुल का अस्तित्व बने रहना चाहिए, इसके माध्यम से हम अपनी संस्कृति से युवाओं को अवगत करा रहे हैं। मुझे जानकर बड़ी प्रसन्नता हो रही है कि आप पारंपरिक परिधान में यहां आए हैं, जड़ जितनी गहरी होगी वृक्ष उतना ऊपर जाएगा। संस्कृति को हमको पोषित करना है, उसे आगे बढ़ाना है इसलिए हमने इस बार के बजट में सिरहा, गुनिया, बैगा ,मोरिया का भी मानदेय तय किया है। बांस से हस्त निर्मित आमन्त्रण पत्र पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने निमंत्रण पत्र बहुत ही सुंदर बनाया है।

मुख्यमंत्री के आग्रह पर घोटुल सदस्यों ने रैला नृत्य प्रस्तुत किया। राज्य योजना आयोग की सदस्य कांति नाग के नेतृत्व में घोटुल के मांझी एवं सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बांस शिल्प से निर्मित घोटुल रच्चा भेंट किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, विधायक अनूप नाग उपस्थित रहे।

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फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य पर केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं को किया सम्मानित http://revoltnewsindia.com/the-central-government-honored-the-tribal-women-of-chhattisgarh-for-their-excellent-work-in-the-field-of-food-processing/7139/ http://revoltnewsindia.com/the-central-government-honored-the-tribal-women-of-chhattisgarh-for-their-excellent-work-in-the-field-of-food-processing/7139/#respond Mon, 21 Mar 2022 12:18:01 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7139 ‘कोंडानार’ ब्रांड के नाम से आदिवासी महिलाएं करती हैं कृषि खाद्य उत्पादों का निर्माण और विपणन रायपुर, 21 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की आदिवासी महिलाओं को भारत सरकार…

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‘कोंडानार’ ब्रांड के नाम से आदिवासी महिलाएं करती हैं कृषि खाद्य उत्पादों का निर्माण और विपणन

रायपुर, 21 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की आदिवासी महिलाओं को भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर नई दिल्ली में सम्मानित किया गया है। कृषि खाद्य उत्पादों के निर्माण और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई के राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने यह अवार्ड प्रदान किया।

एमएसएमई मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी- इनवेस्टमेंट एंड बिजनेस समिट कम अवार्ड कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां यह सम्मान महिला समूह की ओर से कलसल्टेंट सिद्धार्थ पांडेय ने ग्रहण किया। आदिवासी बहुल कोंडगांव जिले की महिलाओं ने उड़ान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी बनाई है। ये कंपनी कोंडानार ब्रांड के नाम से कृषि खाद्य उत्पादों का निर्माण करती है और बेचती है। इस कंपनी में 10 बोर्ड ऑफ डायरेक्टर हैं।

इसमें 30 से ज्यादा महिला स्वयं सहायता समूह जुड़े हुए हैं, जो अचार, चटनी, मिल्क शेक, कुकीज़, तीखुर, नारियल तेल सहित 30 से ज्यादा खाद्य सामग्री बनाने का काम करते हैं। कोंडगांव के कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने बताया कि इस कंपनी से 200 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं को नियमित रोजगार सुनिश्चित हो गया है।

यहाँ काम कर रही महिलाओं को हर महीने कम से कम 7500 रुपये वेतन मिलता है। उन्होंने बताया कि कोंडानार देश के साथ ही दुनिया में भी ब्रांड बन रहा है। दुबई एक्स्पो में भी कोंडगांव उड़ान के प्रोडक्टस को वर्चुयल प्लेटफॉर्म पर रखा गया था। अनेक देशों के लोगों ने प्रोडक्टस की जानकारी चाही।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिलाओं को अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि यहाँ की आदिवासी महिलाओं ने सोशल इंटरप्रेन्योर बन कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके समर्पण और लगन से पारंपरिक स्वाद को नई पहचान मिल गयी है।

राहुल गांधी को भी पसंद आया था स्वाद
पिछले महीने रायपुर दौरे पर गए सांसद राहुल गांधी ने भी महिलाओं द्वारा बनाए गए कोंडानार खाद्य सामग्री का स्वाद लिया था, जिसमें उन्होंने तीखुर मिल्कशेक की काफी प्रशंसा की थी।

‘कोंडानार’ ब्रांड के नाम से कृषि खाद्य उत्पादों का निर्माण और विपणन

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