Forest Department Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/forest-department/ News for India Mon, 08 Nov 2021 14:21:13 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png Forest Department Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/forest-department/ 32 32 174330959 नवा रायपुर जंगल सफारी की तर्ज पर रामचुआ-हरमो में बनेगा एक और जंगल सफारी http://revoltnewsindia.com/another-jungle-safari-will-be-built-in-ramchua-harmo-on-the-lines-of-nawa-raipur-jungle-safari/4302/ http://revoltnewsindia.com/another-jungle-safari-will-be-built-in-ramchua-harmo-on-the-lines-of-nawa-raipur-jungle-safari/4302/#respond Mon, 08 Nov 2021 14:21:05 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4302 प्राकृतिक वन सम्पदा को बिना नुकसान पहुंचाए बनेगा जंगल सफारी: मंत्री मोहम्मद अकबरवन मंत्री ने प्रस्तावित जंगल सफारी के संबंध में ली विस्तार से जानकारी रायपुर, 08 नवम्बर 2021 प्रदेश…

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प्राकृतिक वन सम्पदा को बिना नुकसान पहुंचाए बनेगा जंगल सफारी: मंत्री मोहम्मद अकबर
वन मंत्री ने प्रस्तावित जंगल सफारी के संबंध में ली विस्तार से जानकारी

रायपुर, 08 नवम्बर 2021 प्रदेश में नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी की तर्ज पर कवर्धा जिले के रामचुआ-हरमो में एक और जंगल सफारी का निर्माण किया जाएगा। यह जंगल सफारी प्राकृतिक वन संपदा को बिना नुकसान पहुंचाए 191 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित किया जाएगा। जंगल सफारी में वन्य प्राणियों और आने वाले पर्यटकों के लिए नवीन एवं आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज अपने शासकीय निवास कार्यालय में रामचुआ-हरमो क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी परियोजना के संबंध में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्राकृतिक वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाए बिना जंगल सफारी का निर्माण किया जाए। प्राकृतिक रूप से मौजूद जंगलों को कोई नुकसान न हो, इस पर भी विशेष सावधानी रखा जाए।

वन मंत्री अकबर ने बैठक में बताया कि प्रस्तावित नवीन जंगल सफारी को भोरमदेव मंदिर सहित अन्य पर्यटन स्थलों तथा ऐतिहासिक धरोहरों के साथ जोड़कर एक सर्किट बनाया जाएगा। उन्होंने नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी के तर्ज पर एक और जंगल सफारी निर्माण के लिए अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने निर्देशित किया।

इस जंगल सफारी में शेर, चीता, सफेद शेर, भालू, हिरण, सांभर, नीलगाय सहित अन्य पशु-पक्षी के लिए अलग-अलग सफारी का निर्माण किया जाएगा। निर्माण कार्य पर लगभग 75 करोड़ रूपए की लागत आएगी। इस जंगल सफारी निर्माण के लिए 3 साल का लक्ष्य रखा गया है।

मंत्री अकबर के समक्ष अधिकारियों द्वारा जंगल सफारी निर्माण परियोजना के संबंध में पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कवर्धा जिले के रामचुआ-हरमो क्षेत्र के 191 हेक्टेयर में जंगल सफारी तैयार करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। यह जंगल सफारी पहाड़ के ठीक नीचे स्थित है।

यह प्राकृतिक सौंदर्य और भव्यता के साथ-साथ पर्यटकों के लिए काफी मनोरम स्थल होगा। जंगल सफारी निर्माण से किसी को भी कोई परेशानी नहीं होगी। अधिकारियों ने बताया कि सफारी के अंदर कैचमेंट क्षेत्र में चेकडेम का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ-साथ प्राकृतिक रूप से बह रहे नाले को भी व्यवस्थित किया जाएगा।

जंगल सफारी के मुख्य दरवाजे के समक्ष प्रशासनिक जोन भी तैयार किया जाएगा। जहां टिकट काउंटर के साथ-साथ फूड जोन, प्रसाधन, पार्किंग आदि की व्यवस्था रहेगी। जंगल सफारी क्षेत्र में पहाड़ से कुछ दूर तक पर्यटकों के आने-जाने के लिए सड़क निर्माण किया जाएगा। जिससे पर्यटक आसानी से पूरे जंगल को घूमकर सफारी का लुफ्त उठा सकेंगे।

वन मंत्री अकबर ने कहा कि जंगल सफारी का निर्माण प्राकृतिक रूप से मौजूद वन सम्पदा को बिना नुकसान पहुंचाए तैयार किया जाए। जंगल सफारी निर्माण के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के गाईड लाईन का पालन भी सुनिश्चित हो। जंगल सफारी में कौन-कौन से पशु-पक्षी और वन्य-प्राणी रख सकते हैं।

उनके लिए अनुकूल वातावरण क्या होगा, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। मंत्री अकबर ने कहा कि पर्यटन एक रूट में ऐसे तरीके से तैयार किया जाए, जिससे पर्यटक एक ओर से अंदर जाए और जंगल सफारी का नजारा देखते हुए दूसरे रास्ते से वापस मुख्य द्वार प्रशासनिक एरिया के रास्ते निकल जाए।

पर्यटकों को जंगल सफारी घूमने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए पहाड़ी के कुछ दूर एरिया पर व्यू प्वाइंट में तैयार भी किया जाए। जिससे पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा ले सके।

बैठक में क्रेडा के सदस्य कन्हैया अग्रवाल, किसन साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, पीसीसी वाईल्ड लाईफ नरसिम्हा राव, सीसीएफ दुर्ग शालिनी रैना, कवर्धा डीएफओ दिलराज प्रभाकर, विषय वस्तु विशेषज्ञ जितेन्द्र सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।     

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अब आपके प्याले में भी महकेगी छत्तीसगढ़ के चाय और कॉफ़ी की खुशबू… http://revoltnewsindia.com/now-your-cup-will-also-smell-of-chhattisgarh-tea-and-coffee/3733/ http://revoltnewsindia.com/now-your-cup-will-also-smell-of-chhattisgarh-tea-and-coffee/3733/#respond Sun, 17 Oct 2021 09:37:28 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3733 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ टी कॉफी बोर्ड के गठन का लिया निर्णय कृषि मंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ टी…

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ टी कॉफी बोर्ड के गठन का लिया निर्णय

  • कृषि मंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ टी कॉफी बोर्ड का किया जाएगा गठन

रायपुर, 17 अक्टूबर 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ टी कॉफी बोर्ड का गठन किये जाने का निर्णय लिया है। उद्योग मंत्री छत्तीसगढ़ टी कॉफी बोर्ड के उपाध्यक्ष होंगे। बोर्ड में अतिरिक्त मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रबंध संचालक सीएसआईडीसी, कृषि/उद्यानिकी एवं वन विभाग के एक-एक अधिकारी सहित दो विशेष सदस्य भी शामिल किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि स्थानीय कृषको एवं प्रसंस्करणकर्ता लोगो को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिये और राज्य में चाय-कॉफी की खेती को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ टी कॉफी बोर्ड का गठन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आगामी 3 वर्षों में कम से कम दस-दस हजार एकड़ में चाय एवं कॉफी की खेती करने का लक्ष्य अर्जित किया जायेगा। चाय एवं कॉफी की खेती करने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं कृषि विभाग की अन्य सुविधाएं दी जायेगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य के उत्तरी भाग, विशेषकर जशपुर जिले में चाय तथा दक्षिणी भाग, विशेषकर बस्तर जिले में कॉफी की खेती एवं उनके प्रसंस्करण की व्यापक संभावनाये है।

इसमें उद्यानिकी एवं उद्योग विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों से तकनीकी मार्ग दर्शन लेने के साथ ही निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों, निवेशकों एवं कन्सल्टेंट्स की सहायता भी ली जाएगी।

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भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण वन्यप्राणियों के रहवास सुधार में होगा मददगार http://revoltnewsindia.com/construction-of-groundwater-conservation-structures-will-help-in-improving-the-habitat-of-wildlife/3580/ http://revoltnewsindia.com/construction-of-groundwater-conservation-structures-will-help-in-improving-the-habitat-of-wildlife/3580/#respond Mon, 11 Oct 2021 07:50:27 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3580 कैम्पा मद में 21 करोड़ रूपए की राशि से 16 हजार 675 भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का हो रहा निर्माण रायपुर। अचानकमार टाईगर रिजर्व में नरवा विकास योजना के तहत…

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कैम्पा मद में 21 करोड़ रूपए की राशि से 16 हजार 675 भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का हो रहा निर्माण

रायपुर। अचानकमार टाईगर रिजर्व में नरवा विकास योजना के तहत भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण वन्यप्राणियों के रहवास सुधार आदि में काफी मद्दगार साबित हो रहा है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में वहां टाईगर रिजर्व में विगत दो वर्षों में 16 हजार 675 विभिन्न संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इनमें से अब तक 13 हजार 424 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इनके निर्माण के लिए कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 तथा 2020-21 के अंतर्गत 21 करोड़ रूपए से अधिक की राशि स्वीकृत है।

इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि अचानकमार टाईगर रिजर्व लोरमी (बिलासपुर) में वर्ष 2019-20 के तहत दियाबार नाला, मनियारी नाला, जैनघाट नाला, रक्षाछाक नाला तथा सतबहिनया नाला और बेंदरी नाला में 9 करोड़ 72 लाख रूपए की स्वीकृत राशि से 6 हजार 678 संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इनमें से अब तक 5 हजार 850 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।

इसके तहत 5 हजार 104 लूज बोल्डर चेक डेम, 1155 ब्रशवुड चेक डेम, 125 गेबियन संरचना, 25 कन्टूर ट्रेच तथा 8 स्टॉप डेम का निर्माण किया जा रहा है।

इसी तरह वर्ष 2020-21 के भाग-एक के तहत चिरकापहाड़ नाला, कन्हैया नाला, गोई नाला, छोटे ठोड़ापानी नाला, बाघदुध नाला तथा सूखा नाला  और चकदा नाला में 8 करोड़ 70 लाख रूपए की स्वीकृत राशि से 7 हजार 35 संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इनमें अब तक 5 हजार 609 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण हो गया है। इसके तहत 4 हजार 247 लूज बोल्डर चेक डेम, 2 हजार 420 ब्रशवुड चेक डेम, 48 कन्टूर

ट्रेच, 4 स्टॉप डेम, 9 डबरी, 4 तालाब तथा 5 अरदन डेम आदि का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा वर्ष 2020-21 के भाग-दो के तहत अचानकमार टाईगर रिजर्व अंतर्गत बावापत्थरा नाला तथा बारझोरी नाला में 03 करोड़ रूपए की राशि से 02 हजार 962 भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है।

इनमें से अब तक 02 करोड़ 21 लाख रूपए की राशि व्यय कर 01 हजार 965 संरचनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। इसके तहत 1641 लूज बोल्डर चेक डेम, 1298 ब्रशवुड चेक डेम, 02 पारकुलेशन टैंक, 01 स्टॉप डेम, 02 डबरी तथा 03 अरदन डेम आदि का निर्माण किया जा रहा है।

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शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 24.46 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान http://revoltnewsindia.com/payment-of-more-than-rs-24-46-crore-under-shaheed-mahendra-karma-tendupatta-social-security-scheme/3510/ http://revoltnewsindia.com/payment-of-more-than-rs-24-46-crore-under-shaheed-mahendra-karma-tendupatta-social-security-scheme/3510/#respond Wed, 06 Oct 2021 12:38:39 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3510 रायपुर, 06 अक्टूबर 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वनवासी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके…

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रायपुर, 06 अक्टूबर 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वनवासी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

इसके तहत वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना का कुशलतापूर्वक संचालन हो रहा रायपुर : शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजनारू 1652 प्रकरणों में 24.46 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान है।

राज्य में योजना के अंतर्गत माह जुलाई तक 01 हजार 652 प्रकरणों में 24 करोड़ 46 लाख 45 हजार रूपए की राशि का भुगतान किए जा चुके हैं।

इसके तहत स्वीकृत प्रकरणों में वन मंडलवार बीजापुर अंतर्गत 95 प्रकरणों 01 करोड़ 64 लाख 25 हजार रूपए, सुकमा के 13 प्रकरणों में 21 लाख 20 हजार, दंतेवाड़ा के 36 प्रकरणों में 63 लाख 15 हजार रूपए तथा जगदलपुर के 06 प्रकरणों में 08 लाख 60 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

इसी तरह पश्चिम भानूप्रतापुर के 46 प्रकरणों में 58 लाख रूपए, पूर्व भानूप्रतापुर के 101 प्रकरणों में 01 करोड़ 51 लाख 90 हजार रूपए, कोण्डागांव के 10 प्रकरणों में 13 लाख 65 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

वन मंडलवार नारायणपुर के 29 प्रकरणों में 46 लाख 10 हजार रूपए, कांकेर के 150 प्रकरणों में 02 करोड़ 09 लाख 10 हजार रूपए, केशकाल के 22 प्रकरणों में 32 लाख 10 हजार रूपए तथा मरवाही के 06 प्रकरणों में 10 लाख 30 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

बिलासपुर के 27 प्रकरणों में 32 लाख 20 हजार रूपए, कोरबा के 57 प्रकरणों में 89 लाख 10 हजार रूपए, कटघोरा के 24 प्रकरणों में 30 लाख 20 हजार रूपए, रायगढ़ के 118 प्रकरणों में 01 करोड़ 81 लाख 65 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

इसके अलावा धरमजयगढ़ के 72 प्रकरणों में 01 करोड़ 17 लाख 10 हजार रूपए, जांजगीर-चांपा के 15 प्रकरणों में 26 लाख 60 हजार रूपए, खैरागढ़ के 20 प्रकरणों में 28 लाख 10 हजार रूपए तथा राजनांदगांव के 99 प्रकरणों में 01 करोड़ 19 लाख 30 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

इसी तरह वन मंडलवार बालोद के 21 प्रकरणों में 36 लाख80 हजार रूपए, कवर्धा के 15 प्रकरणों में 25 लाख 20 हजार रूपए, धमतरी के 55 प्रकरणों में 65 लाख 80 हजार रूपए तथा गरियाबंद के 226 प्रकरणों में 03 करोड़ 05 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है।

महासमुंद के 197 प्रकरणों में 03 करोड़ 30 हजार रूपए, बलौदाबाजार के 18 प्रकरणों में 22 लाख 40 हजार रूपए, सरगुजा के 26 प्रकरणों में 50 लाख 60 हजार रूपए तथा सूरजपुर के 30 प्रकरणों में 56 लाख 40 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

इसके अलावा बलरामपुर के 63 प्रकरणों में 01 करोड़ 14 लाख 65 हजार रूपए, कोरिया के 15 प्रकरणों में 18 लाख 55 हजार रूपए, मनेन्द्रगढ़ के 14 प्रकरणों में 24 लाख 90 हजार रूपए तथा जशपुर नगर के 16 प्रकरणों में 22 लाख 25 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।
गौरतलब है कि राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना विगत 5 अगस्त 2020 से

संचालित है। इस योजना के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 18 से 50 वर्ष तक हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दो लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रूपए की राशि अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाती है।

दुर्घटना से पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में दो लाख रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है। इसी तरह तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 51 से 59 वर्ष के बीच हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 30 हजार रूपए

तथा दुर्घटना से मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना में पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में 75 हजार रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।

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मनाही के बावजूद जानबूझकर हाथी के विचरण मार्ग पर जाने से अब होगी सख्त कार्रवाई http://revoltnewsindia.com/strict-action-will-now-be-taken-if-the-elephant-deliberately-goes-astray-despite-the-prohibition/3189/ http://revoltnewsindia.com/strict-action-will-now-be-taken-if-the-elephant-deliberately-goes-astray-despite-the-prohibition/3189/#respond Thu, 23 Sep 2021 13:52:08 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3189 वन मंत्री अकबर ने मानव-हाथी द्वंद पर नियंत्रण तथा प्रबंधन की समीक्षा की राज्य में बेहतर निगरानी के लिए 12 हाथियों पर जल्द होगा रेडियो कॉलरिंग का कार्य वर्तमान में…

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  • वन मंत्री अकबर ने मानव-हाथी द्वंद पर नियंत्रण तथा प्रबंधन की समीक्षा की
  • राज्य में बेहतर निगरानी के लिए 12 हाथियों पर जल्द होगा रेडियो कॉलरिंग का कार्य
  • वर्तमान में 14 दलों में 266 हाथी जंगलों में कर रहे विचरण

रायपुर, 23 सितम्बर 2021 राज्य में मानव-हाथी द्वंद पर नियंत्रण के लिए हाथी के पास तथा उनके विचरण मार्ग में मनाही के बावजूद जान-बूझकर आवा-जाही करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अब वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज अपने निवास कार्यालय में मानव-हाथी द्वंद्व पर नियंत्रण तथा प्रबंधन संबंधी आयोजित बैठक में उक्त आशय के निर्देश दिए। 

वन मंत्री अकबर ने बैठक में समीक्षा करते हुए सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य में मानव-हाथी द्वंद को गंभीरता से लें और किसी तरह की लापरवाही न बरतते हुए मानव-हाथी द्वंद में कमी लाने सहित नियंत्रण तथा समुचित प्रबंधन के लिए समन्वित प्रयास करें। उन्होंने इस दौरान जंगली हाथियों के साथ साहचर्य हेतु ग्रामीणों में जनजागरूकता, प्रचार-प्रसार एवं ग्रामीणों को शिक्षा तथा उनके साथ द्वंद सेबचने के लिए उपायों को आदान-प्रदान करने पर भी विशेष जोर दिया।

इसके तहत उन्होंने राज्य के जंगली हाथियों से प्रभावित वनमंडलों में हाथियों के संरक्षण तथा मानव-हाथी द्वंद को न्यूनतम करने के लिए विभिन्न प्रकार के नवाचार, क्षमता विकास प्रशिक्षण तथा जनजागरूकता आदि के कार्यक्रमों को भी बेहतर ढंग से संचालित करने के संबंध में निर्देशित किया।

वन मंत्री अकबर ने वन मंडलाधिकारियों को जंगली हाथियों से प्रभावित वनमंडलों में विचरण कर रहे हाथियों के दलों के नामकरण हेतु शीघ्रातिशीघ्र प्रस्ताव देेने के संबंध में निर्देश दिए, ताकि वहां विचरण कर रहे जंगली हाथियों के सुगमतापूर्वक निगरानी का कार्य किया जा सके। उन्होंने बताया कि राज्य में जंगली हाथियों पर कुशलतापूर्वक निगरानी के लिए जल्द ही चिन्हित 12 हाथियों पर रेडियो कॉलरिंग का कार्य भी किया जाएगा।

इसी तरह उन्होंने विचरण कर रहे जंगली हाथियों के बारे में क्षेत्र के आस-पास के गांवों में मुनादी के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने विचरण कर रहे हाथियों की सुरक्षा के संबंध में भी विभागीय अधिकारियों को सजग होकर कार्य करने के लिए कहा। राज्य में वर्तमान में 14 विभिन्न दलों में 266 जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं।

बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा बताया गया कि राज्य में मानव-हाथी द्वंद पर नियंत्रण के लिए जन-जागरूकता लाने सहित अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनमें जंगली हाथियों के समूह के आगमन की पूर्व सूचना गांव में वायरलेस, मोबाइल तथा माइक आदि के माध्यम से मुनादी कर दी जा रही है।

हाथी विचरण क्षेत्र और आसपास के ग्रामीणों को हाथियों के साथ साहचर्य बनाए रखने के लिए आवश्यक समझाईश दी जा रही है। हाथियों के प्रति बदले की भावना को कम करने के लिए प्रभावित ग्रामीणों को समय पर मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पी.व्ही. नरसिंग राव तथा मुख्य वन संरक्षक श्री एच.एल. रात्रे और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

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