Ravindra Chaube Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/ravindra-chaube/ News for India Fri, 25 Feb 2022 14:12:01 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png Ravindra Chaube Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/ravindra-chaube/ 32 32 174330959 कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से कृषि विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डॉ. चंदेल ने की सौजन्य मुलाकात http://revoltnewsindia.com/courtesy-meeting-of-agriculture-minister-ravindra-choubey-by-the-newly-appointed-vice-chancellor-of-agricultural-university-dr-chandel/6571/ http://revoltnewsindia.com/courtesy-meeting-of-agriculture-minister-ravindra-choubey-by-the-newly-appointed-vice-chancellor-of-agricultural-university-dr-chandel/6571/#respond Fri, 25 Feb 2022 14:11:54 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6571 रायपुर, 25 फरवरी 2022 कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे से आज यहां दोपहर उनके निवास कार्यालय में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने…

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रायपुर, 25 फरवरी 2022 कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे से आज यहां दोपहर उनके निवास कार्यालय में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने सौजन्य मुलाकात की। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने डॉक्टर चंदेल को उनके नवीन पद एवं दायित्व के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।

कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के नए कुलपति के रूप में डॉ. चंदेल के मार्गदर्शन में राज्य में कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और उन्नत खेती को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री चौबे ने इस अवसर पर कुलपति डॉ. चंदेल से कृषि के क्षेत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्राथमिकताओं, विशेषकर छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप सुराजी गांव योजना- नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के संबंध में विस्तार से चर्चा की और कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से बीते 3 सालों में यहां कृषि के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आया है।

राज्य जैविक और रिजेनरेटिव खेती की ओर बढ़ रहा है। कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से इसमें और तेजी लाने की जरूरत है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि कल 24 फरवरी को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल द्वारा डॉ. चंदेल की नियुक्ति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर की गई है।

इससे पूर्व वह इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट मॉलिक्यूलर बॉयोलॉजी एवं बॉयोटेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे हैं। डॉ. चंदेल, देश के प्रख्यात पौध प्रजनक और जैव प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिक हैं।

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छत्तीसगढ़ को केन्द्र ने की मात्र 2.12 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों की आपूर्ति http://revoltnewsindia.com/center-supplied-only-2-12-lakh-metric-tonnes-of-fertilizers-to-chhattisgarh/6410/ http://revoltnewsindia.com/center-supplied-only-2-12-lakh-metric-tonnes-of-fertilizers-to-chhattisgarh/6410/#respond Sat, 19 Feb 2022 13:35:11 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6410 यह मात्रा फरवरी तक के सप्लाई प्लान का मात्र 52 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ को 4.36 लाख मेट्रिक टन खाद उपलब्ध कराने, की बात असत्य एवं भ्रामक: कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे  रायपुर,…

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यह मात्रा फरवरी तक के सप्लाई प्लान का मात्र 52 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ को 4.36 लाख मेट्रिक टन खाद उपलब्ध कराने, की बात असत्य एवं भ्रामक: कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे

 रायपुर, 19 फरवरी 2022 छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा रबी सीजन 2021-22 के लिए अब तक मात्र 2 लाख 12 हजार 162 मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति की गई है, जो कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए अक्टूबर से फरवरी माह तक के लिए जारी सप्लाई प्लान का 52 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों का आबंटन स्वीकृत मात्र एवं सप्लाई प्लान के अनुसार नहीं किया जा रहा है।

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भारत सरकार को रबी वर्ष 2021-22 के लिए 7.50 लाख मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की मांग की गई थी। किन्तु भारत सरकार ने 4.11 लाख मेट्रिक टन उर्वरक छत्तीसगढ़ को दिए जाने की स्वीकृति दी गई, जो कि राज्य की मांग का मात्र 55 प्रतिशत ही है। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा मांग किए गए उर्वरक की मात्रा में पहले ही भारत सरकार द्वारा 45 प्रतिशत की कमी कर दी गई है।

चालू रबी सीजन के लिए भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को स्वीकृत 4.11 लाख मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों में यूरिया 2 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 60,000 मेट्रिक टन, एनपीके 50,000 मेट्रिक टन, एमओपी 26,000 मेट्रिक टन एवं एसएसपी 75,000 मेट्रिक टन शामिल है।

कृषि मंत्री चौबे ने बताया कि स्वीकृत मात्रा 4.11 लाख मेट्रिक टन के विरूद्ध भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को अक्टूबर से फरवरी तक 3 लाख 46 हजार 225 मेट्रिक टन उर्वरकों की सप्लाई का प्लान जारी किया गया है। सप्लाई प्लान के विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य को आज की स्थिति में मात्र 2 लाख 12 हजार 162 मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की ही आपूर्ति की गई है, जो कि छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत मात्रा का मात्र 52 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को कुल आवश्यकता के मुकाबले 4 लाख 36 हजार मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने की बात असत्य एवं भ्रामक है।

कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि रबी सीजन 2021-22 में राज्य में एक अक्टूबर 2021 की स्थित में रासायनिक उर्वरकों की बचत मात्रा तथा भारत सरकार द्वारा नवीन आपूर्ति की मात्रा को यदि मिला दिया जाए तो पर भी रासायनिक उर्वरकों की कुल मात्रा 3 लाख 69 हजार 817 मेट्रिक टन होती है, जो कि भारत सरकार द्वारा बताई जा रही मात्रा की 4 लाख 36 हजार मेट्रिक टन से काफी कम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा आवश्यकता के मुकाबले 4 लाख 36 हजार मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराए जाने की बात पूरी तरह से असत्य है।

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छत्तीसगढ़ में बैंकों द्वारा 39 हजार 170 करोड़ रुपए के ऋण वितरण का अनुमान http://revoltnewsindia.com/estimates-of-loan-disbursement-of-rs-39170-crore-by-banks-in-chhattisgarh/6215/ http://revoltnewsindia.com/estimates-of-loan-disbursement-of-rs-39170-crore-by-banks-in-chhattisgarh/6215/#respond Sat, 12 Feb 2022 07:17:16 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6215 कृषि के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ तेजी से मॉडल राज्य की ओर अग्रसर: कृषि मंत्री चौबे, नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन रायपुर। कृषि एवं जल संसाधन…

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कृषि के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ तेजी से मॉडल राज्य की ओर अग्रसर: कृषि मंत्री चौबे, नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन

रायपुर। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे के मुख्य आतिथ्य में नवा रायपुर स्थित नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंत्री चौबे ने ‘राज्य फोकस पेपर 2022-23’ तथा नाबार्ड इन छत्तीसगढ़ पुस्तिका का विमोचन किया। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव जल संसाधन अन्बलगन पी., क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व ए. शिवगामी ने सेमीनार में भाग लिया।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने सेमीनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में खेती-किसानी और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई अभिनव योजनाएं शुरू की गई है, जिससे बीते तीन सालों में राज्य में कृषि के क्षेत्र में एक नया बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। यहां की लगभग 75 प्रतिशत आबादी का जीवन-यापन कृषि पर निर्भर है। राज्य के विकास के लिए कृषि का विकास होना जरूरी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। कृषि एवं लघु वनोपज से संबंधित प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने इस स्थिति को देखते हुए बैंकों से राज्य में आधार स्तर पर ऋण में वृद्धि किए जाने की अपील की।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने राज्य को वित्तीय सहायता और विकास की गतिविधियों में नाबार्ड की भूमिका की सराहना की। इस मौके पर उन्होंने विशेषकर सभी सहकारी बैंकों को अपने-अपने ब्रांच एरिया के क्षेत्र में कम से कम 5 एटीएम स्थापित किए जाने का आग्रह किया, ताकि उपभोक्ता किसान सहजता से राशि का आहरण कर सकें।

नाबार्ड के मुख्य महा प्रबंधक डॉ. डी. रविन्द्र ने सेमीनार में छत्तीसगढ़ में बैंकों द्वारा तैयार की वार्षिक ऋण योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और राज्य में बुनियादी सुविधाओं के विकास और संवर्धन में नाबार्ड की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।

सेमीनार में जानकारी दी गई कि वर्ष 2022-23 के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में 39 हजार 170 करोड़ का ऋण अनुमान किया गया है, जिसमें से कृषि क्षेत्र का हिस्सा 21805 करोड़ रूपए है। सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग हेतु 12556 करोड़ रूपए की ऋण संभाव्यता का आकलन किया गया है।

संगोष्ठी में संचालक संस्थागत वित्त शीतल शाश्वतवर्मा, संचालक कृषि यशवंत कुमार, संचालक उद्यानिकी वी. माथेश्वरन, संयोजक एसएलबीसी, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक प्रबंध संचालक, अपेक्स बैंक, बैंकों के क्षेत्रीय प्रभारियों और छत्तीसगढ़ सरकार के प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

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राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करें: मंत्री रविन्द्र चौबे http://revoltnewsindia.com/encourage-farmers-to-cultivate-horticultural-crops-in-the-state-minister-ravindra-choubey/5526/ http://revoltnewsindia.com/encourage-farmers-to-cultivate-horticultural-crops-in-the-state-minister-ravindra-choubey/5526/#respond Mon, 17 Jan 2022 13:42:00 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5526 छत्तीसगढ़ राज्य शाकम्भरी बोर्ड कार्यालय उद्घाटित रायपुर। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर लभांडी (जोरा) में छत्तीसगढ़ राज्य शाकम्भरी बोर्ड के कार्यालय…

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छत्तीसगढ़ राज्य शाकम्भरी बोर्ड कार्यालय उद्घाटित

रायपुर। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर लभांडी (जोरा) में छत्तीसगढ़ राज्य शाकम्भरी बोर्ड के कार्यालय का फीता काट कर विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल, सदस्य दुखवाराम पटेल, अनुराग पटेल, हरि पटेल, पवन पटेल, उद्यानिकी संचालक माथेश्वरन वी., बोर्ड के सचिव नारायण सिंह लावत्रे सहित उपस्थित लोगों को मां शाकम्भरी जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और मरार-पटेल समाज के पदाधिकारी व बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

मंत्री चौबे ने कहा कि छेरछेरा पर्व और शाकम्भरी जयंती का छत्तीसगढ़ के जन जीवन में विशेष महत्व है
यह समृद्ध दानशीलता और सामाजिक समरसता का पर्व है। दान देने और ग्रहण करने का यह पर्व छोटे-बड़े के भेदभाव और अहंकार की भावना को समाप्त करता है। उन्होंने कहा कि मां शाकम्भरी का श्रृगांर सब्जी-भाजी से करके पूजा-अर्चना की जाती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छेरछेरा शाकम्भरी जयंती के अवसर पर राज्य में छुट्टी की घोषणा की है।

छत्तीसगढ़ में सब्जी-भाजी की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन और शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए शाकम्भरी बोर्ड का गठन किया गया है। अध्यक्ष रामकुमार पटेल सहित चार सदस्यों की नियुक्ति भी की गई है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य राज्य में साग-सब्जी, फल-फूल और मसाले की खेती को बढ़ावा देना तथा किसानों की माली हालत को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि सब्जी और फल का उत्पादन बढ़ने से सुपोषण बढ़ावा मिलेगा।

 मंत्री चौबे ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा देना है। उन्होंने शाकम्भरी बोर्ड के पदाधिकारियों से अपील की कि वह मुख्यमंत्री की मंशा को पूरा करने के लिए पूरे मनोयोग से जुट जाए। किसानों को उद्यानिकी खेती के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करें और उन्हें विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करें।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित नदी-कछार योजना के माध्यम से किसानों को साग-सब्जी की खेती से जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि क्लस्टर में उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्य के अलग-अलग क्षत्रों में वहां के मौसम, जलवायु एवं मिट्टी के आधार पर उद्यानिकी की फसलों की खेती करना ज्यादा लाभप्रद होगा। मंत्री चौबे ने कहा कि बीते तीन सालों में राज्य सरकार के प्रयासों से उद्यानिकी फसलों रकबा और उत्पादन बढ़ा है। सुराजी गांव योजना से बाड़ी कार्यक्रम के तहत राज्य में लगभग 2 लाख बाड़ियां विकसित हुई हैं।

शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में अनाज की खेती के साथ-साथ उद्यानिकी की खेती को प्रोत्साहन मिला है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में उद्यानिकी फसलों को शामिल करने तथा फल, फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने के निर्णय के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया।

अध्यक्ष पटेल ने कहा कि शाकम्भरी बोर्ड का गठन और मां शाकम्भरी जयंती के लिए अवकाश घोषित कर मुख्यमंत्री ने मरार-पटेल समाज का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि इनपुट सब्सिडी दिए जाने के राज्य सरकार के फैसले से उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सुराजी गांव योजना से बाड़ी विकास कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सभी विकासखण्डों में ग्रामीणों एवं किसानों के यहां कुल 2,00,013 बाड़ियां विकसित की गई है और ग्रामीण किसान यहां सब्जी-भाजी और फल-फूल उपजा रहे हैं। राज्य के गौठानों में भी सब्जी एवं फल के उत्पादन के लिए 990 सामुदायिक बाड़ियां स्थापित की गई है।

राज्य में उद्यानिकी फसलों तथा फल, सब्जी, मसाला, पुष्प, औषधि एवं सुगंधित का कुल रकबा अब बढ़कर 8,61,603 हेक्टेयर एवं उत्पादन 1,04,28,053 मीट्रिक टन हो गया है। उद्यानिकी के रकबे में 327 प्रतिशत एवं उत्पादन में 494 प्रतिशत वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में 12वें स्थान पर है। इससे पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल सहित सभी पदाधिकारियों ने मां शाकम्भरी की पूजा-अर्चना की और हवन-पूजन में शामिल हुए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में मंत्री रविन्द्र चौबे सहित अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यगणों ने इस मौके पर मंत्री रविन्द्र चौबे को शॉल एवं मां शाकम्भरी का चित्र भेंटकर सम्मानित किया।

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राजीव भवन में कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे ने लोगों की समस्यायें सुनी http://revoltnewsindia.com/at-rajiv-bhavan-agriculture-minister-ravindra-choubey-listened-to-the-problems-of-the-people/3621/ http://revoltnewsindia.com/at-rajiv-bhavan-agriculture-minister-ravindra-choubey-listened-to-the-problems-of-the-people/3621/#respond Tue, 12 Oct 2021 13:40:04 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3621 रायपुर, 12 अक्टूबर 2021 मिलिये मंत्री के कार्यक्रम में आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय राजीव भवन में कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे ने कांग्रेस पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और आमजन से मुलाकात…

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रायपुर, 12 अक्टूबर 2021 मिलिये मंत्री के कार्यक्रम में आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय राजीव भवन में कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे ने कांग्रेस पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और आमजन से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुनी तथा उसका निराकरण किया।

इस अवसर पर मंत्री रवीन्द्र चौबे ने कहा कि कांग्रेस के ऊपर एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर उनकी आस्था है तो राजीव भवन में आकर के आवेदन देना चाहते हैं और आज भी अभी 1 घंटे में लगभग 55-60 आवेदन और अभी कुछ लोग बचे हुए हैं उनसे मुलाकात करूंगा और सामान्य प्रकार के आवेदन है कुछ जिलों में राशन की समस्या के बारे में, कुछ जिलों में राशन कार्ड के बारे में है क्योंकि

मैं कृषि मंत्री हूं तो धान खरीदी केंद्र खोलने की भी बात का आवेदन है, कुछ जगह नया सोसायटी बनाने का भी आवेदन है, व्यवस्थापन का आवेदन है। तो कहीं नामांतरण का आवेदन है, कहीं विस्थापन का आवेदन है, कुछ पढ़े-लिखे बेरोजगारों के नौकरी संबंधी भी आवेदन है और रायपुर शहर के लिए तो सबसे महत्वपूर्ण आवेदन जो आए हैं यहां के पुराने बस स्टैंड को नए बस स्टैंड में

शिफ्टिंग किया जा रहा है, जहां पुराने बस स्टैंड में अंदर के दुकानदार थे उन्हें चिन्हित करके उन्हें जगह देने की बात हो रही है, लेकिन बाहर जो गरीब लोग ठेला लगा रहे थे वेंडर थे अभी व्यवस्थापन की बात नहीं हुई है, उनका भी आवेदन मिला है, मैं कमिश्नर को यहां निर्देश दिया हूं, कलेक्टर को भी निर्देश दूंगा, बुलाकर चर्चा भी करूंगा, गरीबों का अहित होनी ही नहीं दिया जाएगा, उनको भी जगह मिलेगा, रोजगार करने का

अवसर मिलेगा, सभी प्रकार के आवेदन आ रहे हैं और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर मैंने शुरुआत की है रोस्टर बनाएंगे और सभी मंत्री क्रमशः आकर के राजीव भवन में आम लोगों की समस्यायें सुनेंगे।

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अब गांव-गांव बनेंगे बिजली के उत्पादन में आत्मनिर्भर गोबर से होगी बिजली उत्पादन: भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/now-villages-will-become-villages-power-generation-will-be-from-self-sufficient-dung-power-generation-will-be-from-bhupesh-baghel/3603/ http://revoltnewsindia.com/now-villages-will-become-villages-power-generation-will-be-from-self-sufficient-dung-power-generation-will-be-from-bhupesh-baghel/3603/#respond Mon, 11 Oct 2021 14:06:59 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3603 गौठानों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में धान कूटने, तेल पेरने की मशीनें लगेंगी: लोहारी और जूता बनाने के उद्यम भी होंगे प्रारंभ गौठानों में रोजगारमूलक गतिविधियां प्रारंभ करने में ली…

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  • गौठानों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में धान कूटने, तेल पेरने की मशीनें लगेंगी: लोहारी और जूता बनाने के उद्यम भी होंगे प्रारंभ
  • गौठानों में रोजगारमूलक गतिविधियां प्रारंभ करने में ली जाएगी केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से मदद
  • गोधन न्याय योजना: मुख्यमंत्री द्वारा पशुपालकों-संग्राहकों, महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को कुल 7.36 करोड़ रूपए की राशि का अंतरण
  • गोबर खरीदी के एवज में पशुपालकों और संग्राहकों को 1.87 करोड़ रूपए की राशि का अंतरण
  • लाभांश की राशि के रूप में महिला स्व-सहायता समूहों को 2.14 तथा गौठान समितियों को 3.35 करोड़ रूपए की राशि का अंतरण
  • अब तक गोबर खरीदी के एवज में कुल 104.41 लाख रूपए की राशि का किया गया भुगतान

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्वावलंबी गांवों की परिकल्पना के अनुसार अब छत्तीसगढ़ के गांव आत्मनिर्भर बन रहे हैं। जल्द ही गोबर से बिजली उत्पादन कर अब छत्तीसगढ़ के गांव बिजली के मामले में भी आत्मनिर्भर बनेंगे।

उन्होंने कहा कि गोबर से बिजली बनाने की शुरूआत तीन गौठानों रायपुर, बेमेतरा और दुर्ग जिले के एक-एक गौठान से की गई है। इसका विस्तार सभी गौठानों में करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अब प्रदेश में मिशन मोड में गोधन न्याय योजना का संचालन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में पशुपालकों, गोबर संग्राहकों को गोबर खरीदी, लाभांश के रूप में महिला स्व-सहायता समूहों तथा गौठान समितियों के खाते में कुल 7 करोड़ 36 लाख रूपए की राशि का ऑनलाईन अंतरण करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन,

मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारती दासन उपस्थित थे।   

मुख्यमंत्री ने 16 सितम्बर से 30 सितम्बर तक खरीदे गए गोबर के एवज में पशुपालकों और गोबर संग्राहकों के खाते में एक करोड़ 87 लाख रूपए, लाभांश की राशि के रूप में महिला स्व-सहायता समूह को 2 करोड़ 14 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 3 करोड़ 35 लाख रूपए की राशि का अंतरण किया।

गोबर खरीदी के एवज में गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद अब तक 104 करोड़ 41 लाख रूपए, लाभांश राशि के रूप में महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को कुल 62 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया है।

इसमें से महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 25 करोड़ 2 लाख रूपए और गौठान समितियों को 37 करोड़ 90 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से प्रदेश के 84 हजार 469 भूमिहीन लोग भी लाभान्वित हो रहे है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह अब वर्मी कम्पोस्ट बनाने तक सीमित नहीं रहेंगे। गौठानों में राज्य और केन्द्र सरकार की योजनाओं की मदद से विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियां प्रारंभ की जाएंगी। गौठानों में धान कूटने, तेल पेराई की मशीनें लगाई जाएंगी और लोहारी तथा जूता निर्माण के उद्यम भी प्रारंभ किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि गौठानों में जैविक खाद बनाने, सामुदायिक बाड़ियों से सब्जियों, मशरूम का उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, पशु-पालन, गोबर का दीया, गमला, अगरबत्ती निर्माण और अन्य गतिविधियों में 09 हजार 211 स्व-सहायता समूह जुड़े हुए हैं। इन गतिविधियों से 67 हजार से ज्यादा सदस्यों को आय हो रही है।

स्व सहायता समूहों के सदस्यों ने इन गतिविधियों से अब तक 43 करोड़ 72 लाख रुपए की आय प्राप्त कर ली है। गोबर से जैविक खाद बनाने के साथ अब स्व-सहायता समूह बिजली बनाकर भी आय प्राप्त करेंगे।

गौठानों में उत्पादित होने वाले बिजली सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के मिशन मोड में संचालन के लिए गोधन न्याय मिशन का गठन किया जा रहा है। जिसके तहत गौठानों में जरूरी अधोसंरचनाओं का निर्माण तेजी से किया जाएगा।

किसानों, पशुपालकों, स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों के आय में बढ़ोत्तरी के उपाय किए जाएंगे। गांव में बन रहे गौठान आने वाले समय में पूरे राज्य की ताकत बनेंगे।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना का संचालन अब मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मिशन मोड में किया जाएगा। महिला स्व-सहायता समूह अब केवल वर्मी कम्पोस्ट बनाने तक सीमित नहीं रहेंगे। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के तहत विभिन्न आयमूलक गतिविधियां चिन्हित कर गौठानों में प्रारंभ की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर गोधन न्याय योजना की सराहना की जा रही है। हर 15 दिन में गोबर खरीदी की राशि का भुगतान किया जा रहा है। इस योजना के संचालन के लिए कृषि विभाग को नोडल विभाग बनाया गया। इस योजना को और अधिक गति प्रदान करने के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भी इससे जोड़ा जाएगा।

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 250 गौठानों में कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर प्रारंभ किए जाएंगे, इसके लिए प्रत्येक गौठान को 8 लाख रूपए की राशि दी जाएगी, इससे वहां मिनी राईस मिल सहित दाल, खाद्य तेल, मुर्रा, मसाला, तीखुर प्रोसेसिंग की इकाईयां लगाई जाएंगी।

इसी तरह 2 हजार गौठान समितियों को विभिन्न उपकरणों की व्यवस्था के लिए 20-20 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हरा चारा विकास के लिए 50 लाख रूपए की राशि रखी गई है। चयनित आदिवासी बहुल विकासखण्डों में 3-3 करोड़ रूपए की राशि से सेटेलाईट हेचरी विकसित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के एक लाख 81 हजार से अधिक पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं। प्रदेश में 10 हजार 501 गौठानों की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 7 हजार 460 गौठान निर्मित हो चुके हैं। गोधन न्याय योजना में अब तक 52 लाख 21 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।

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मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में गोबर से विद्युत उत्पादन परियोजना का किया शुभांरभ http://revoltnewsindia.com/chief-minister-baghel-inaugurated-the-power-generation-project-from-cow-dung-in-the-state-of-chhattisgarh/3443/ http://revoltnewsindia.com/chief-minister-baghel-inaugurated-the-power-generation-project-from-cow-dung-in-the-state-of-chhattisgarh/3443/#respond Sun, 03 Oct 2021 08:25:52 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3443 विद्युत के मामले में गौठान होंगे स्वावलंबी: गौठानों में लगी एक यूनिट से 150 किलोवाट उत्पन्न होगी बिजली, गौठानों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की मशीनें चलेंगी गोबर की बिजली…

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विद्युत के मामले में गौठान होंगे स्वावलंबी: गौठानों में लगी एक यूनिट से 150 किलोवाट उत्पन्न होगी बिजली, गौठानों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की मशीनें चलेंगी गोबर की बिजली से, गोबर से अब गौठान और महिला समूहों को दोहरा लाभ: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, बेमेतरा का राखी, दुर्ग जिले का सिकोला और रायपुर का बनचरौदा गौठान गोबर की बिजली से हुआ रौशन, मुख्यमंत्री ने बेमेतरा जिले को 503 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात दी, देवकर, भिंभौरी को तहसील तथा मारो को उप तहसील बनाए जाने की घोषाणा, थान खम्हरिया में पॉलीटेक्निक कॉलेज, बेमेतरा को ऑडिटोरियम सहित कई घोषणाएं

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को बेमेतरा जिला मुख्यालय के बेसिक स्कूल ग्राउंड में आयोजित किसान सम्मेलन के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में गोबर से बिजली उत्पादन की परियोजना का वर्चुअल शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम सुराज की परिकल्पना को साकार करते हुए गांवों को स्वावलंबी बनाने में जुटी है।

अब छत्तीसगढ़ के गांव गोबर से विद्युत उत्पादन के मामले में स्वावलंबी होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब विद्युत उत्पादन का काम सरकार और बड़े उद्योगपति किया करते थे। अब हमारे राज्य में गांव के ग्रामीण टेटकू, बैशाखू, सुखमती, सुकवारा भी बिजली बनाएंगे और बेचेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर खरीदी का मजाक उड़ाने वाले लोग अब इसकी महत्ता को देख लें। कार्यक्रम में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, संसदीय सचिव गुरूदयाल बंजारे, बेमेतरा के विधायक आशीष छाबड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने बेमेतरा जिले के राखी गौठान, दुर्ग जिले के सिकोला तथा रायपुर जिले के बनचरौदा में गोबर से विद्युत उत्पादन के शुभारंभ अवसर पर वहां मौजूद स्व-सहायता समूह की महिलाओं एवं गौठान समितियों के सदस्यों से उनकी आयमूलक गतिविधियोें के बारे में चर्चा करते हुए उन्हें अब गोबर से विद्युत उत्पादन की यूनिट शुरू होने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से जितना लाभ महिला समूहों को हो रहा है। बिजली उत्पादन शुरू होने से उन्हें दोगुना लाभ मिलने लगेगा।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बेमेतरा जिले में 503 करोड़ रूपए की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को अनुदान सहायता राशि एवं सामग्री का वितरण किया।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बेमेतरा जिले के देवकर, भिंभौरी को तहसील तथा मारो को उप तहसील बनाए जाने, थान खम्हरिया में पॉलीटेक्निक कॉलेज, साजा में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल, परपोड़ी एवं साजा के स्वास्थ्य केन्द्र का सामुदायिक केन्द्र में उन्ययन, देवरबीजा और नांदघाट में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने दाढ़ी को नगर पंचायत बनाने तथा एवं वहां उप कोषालय खोलने, नवागढ़ में भी उप कोषालय तथा कन्या पोस्ट मेट्रिक छात्रावास प्रारंभ करने, साजा के एग्रीकल्चर कॉलेज का नामकरण स्वर्गीय कुमारी देवी चौबे के नाम करने, बेमेतरा के कृषि महाविद्यालय का नामकरण पूर्व विधायक स्वर्गीय डॉ. चेतन वर्मा के नाम किए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बेमेतरा में ऑडिटोरियम का निर्माण तथा बेमेतरा नगर पालिका को एक करोड़ तथा जिले के नगर पंचायतों को विकास कार्यों के लिए 50-50 लाख रूपए देने का एलान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के सभी गौठानों में गोबर की बिजली उत्पादन शुरू किया जाएगा। समूह की महिलाएं गोबर से बिजली बनाएंगी और बेचेंगी। उनकी बिजली सरकार खरीदेगी। गौठानों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में विभिन्न प्रकार के उत्पादों को तैयार करने के लिए लगी मशीनें भी गोबर की बिजली से चलेंगी।

गौठान अब बिजली के मामले में स्वावलंबी होंगे। है। गोबर से सस्ती बिजली उत्पादन होने के साथ-साथ जैविक खाद का भी उत्पादन होगा। इससे गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को दोहरा लाभ होगा। कार्यक्रम को गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, संसदीय सचिव गुरूदयाल बंजारे, बेमेतरा के विधायक आशीष छाबड़ा ने भी सम्बोधित किया।

गौरतलब है कि सुराजी गांव योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 6 हजार गांवों में गौठानों का निर्माण कराकर उन्हें रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया गया है, यहां गोधन न्याय योजना के तहत दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी कर बड़े पैमाने पर जैविक खाद का उत्पादन एवं अन्य आयमूलक गतिविधियां समूह की महिलाओं द्वारा संचालित की जा रही है।

गौरतलब है कि गोबर से विद्युत उत्पादन की परियोजना के प्रथम चरण में बेमेतरा जिले के राखी, दुर्ग के सिकोला और रायपुर जिले के बनचरौदा में गोबर से विद्युत उत्पादन की यूनिट लगाई गई हैै। एक यूनिट से 85 क्यूबिक घन मीटर गैस बनेगी। चूंकि एक क्यूबिक घन मीटर से 1.8 किलोवाट विद्युत का उत्पादन होता है।

इससे एक यूनिट में 153 किलोवाट विद्युत का उत्पादन होगा। इस प्रकार उक्त तीनों गौठानों में स्थापित बायो गैस जेनसेट इकाईयों से लगभग 460 किलोवाट विद्युत का उत्पादन होगा, जिससे गांवों, गौठानों में प्रकाश व्यवस्था के साथ-साथ वहां स्थापित मशीनों का संचालन हो सकेगा। गोबर से विद्युत उत्पादन की यूनिट से बिजली उत्पादन के बाद शेष स्लरी के पानी का उपयोग बाड़ी और चारागाह में सिंचाई के लिए होगा तथा बाकी अवशेष से जैविक खाद तैयार होगी।

इस तरह से देखा जाए तो गोबर से पहले विद्युत उत्पादन और उसके बाद शत-प्रतिशत मात्रा में जैविक खाद प्राप्त होगी। इससे गौठान समितियों और महिला समूहों को दोहरा लाभ मिलेगा।

यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में 6112 गौठान पूर्ण रूप से निर्मित एवं संचालित है। गौठानों में अब तक 51 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है, जिसके एवज में ग्रामीणों, पशुपालकों को 102 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

गोबर से गौठानों में अब तक 12 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद का उत्पादन एवं विक्रय किया जा चुका है। सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गौठान और गोधन न्याय योजना के कन्वर्जेंस से बहुआयामी लाभ मिलने लगा है। इससे गांवों में रोजगार के अवसर बढ़े है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल मिला है।

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कौशल्या माता मंदिर परिसर के विकास एवं सौंदर्यीकरण का लोकार्पण… जाने क्या-क्या होगा कार्यक्रम http://revoltnewsindia.com/the-development-and-beautification-of-kaushalya-mata-mandir-complex-will-be-inaugurated/3215/ http://revoltnewsindia.com/the-development-and-beautification-of-kaushalya-mata-mandir-complex-will-be-inaugurated/3215/#respond Sun, 26 Sep 2021 07:06:31 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3215 राम वन गमन परिपथ विकास परियोजना: कौशल्या माता मंदिर के प्रथम एवं द्वितीय चरण का कार्य पूर्ण नवरात्रि में तीन दिनों तक मंदिर परिसर में प्रवचन एवं भजन संध्या का…

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  • राम वन गमन परिपथ विकास परियोजना: कौशल्या माता मंदिर के प्रथम एवं द्वितीय चरण का कार्य पूर्ण
  • नवरात्रि में तीन दिनों तक मंदिर परिसर में प्रवचन एवं भजन संध्या का होगा आयोजन

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शारदीय नवरात्रि के पहले दिन 7 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी राम वन गमन परिपथ विकास परियोजना के अंतर्गत कौशल्या माता मंदिर के जीर्णोेंद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण कार्याें का शुभारंभ करेंगे। 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर के मध्य पर्यटन मण्डल के सौजन्य से मंदिर परिसर में प्रवचन एवं भजन संध्या का भव्य आयोजन होगा।

स्थानीय मानस मण्डलियां को भी मानस प्रवचन एवं भजन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कौशल्या माता मंदिर के जीर्णाेंद्धार, परिसर के विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्याें के लोकार्पण की तैयारियों के संबंध में मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में लिया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले एक दिवसीय कार्यक्रम को तीन दिनों तक संचालित करने तथा इस दौरान ख्याति प्राप्त प्रवचनकर्ताओं एवं भजन गायकों के साथ-साथ क्षेत्र की रामायण मण्डलियों के कार्यक्रम के आयोजन की रूप रेखा तैयार करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन के दौरान दिन में स्थानीय रामायण एवं मानस मण्डलियों को कार्यक्रम की प्रस्तुति का अवसर दिया जाए एवं संध्या में प्रसिद्ध प्रवचनकर्ता एवं भजन गायक के कार्यक्रम की प्रस्तुति रखी जाए।

पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने बैठक में बताया कि कौशल्या माता मंदिर के जीर्णाेंद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण के प्रथम एवं द्वितीय चरण का कार्य पूरा हो चुका है।

इसके तहत तालाब का गहरीकरण एवं सौंदर्यीकरण कराए जाने के साथ ही मंदिर में दर्शन के लिए आवागमन हेतु नया पुल बनाया गया है। इस पुल की चौड़ाई पांच मीटर रखी गई है।

मंदिर के सामने की ओर चार कियोस्क निर्मित किए गए हैं, जहां से दर्शनार्थी मंदिर दर्शन एवं पूजा कर सकते हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर विशाल गेट बनाया गया है। भगवान श्री राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। मंदिर परिसर में लैण्ड स्केपिंग की गई है।

वीआईपी लाउन्ज बनाया गया है। उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम की प्रतिमा का अनावरण लाईट के माध्यम से किए जाने की तैयारी की गई है।

बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रह साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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