रायपुर | छत्तीसगढ़ कांग्रेस का घमासान अब चरम सीमा पर पहुंच चुंका है, कांग्रेस पार्टी में लगतार विवाद नज़र आ रहे है | छत्तीसगढ़ में कई सप्ताह से या कहे कुछ महीनों से नेतृत्व बदलने की सुगबुगाहट चल रही है । इसी बीच पार्टी के आलाकमान ने इस बेफियादी अटकलों को साफ किया है और भूपेश बघेल को पूर्णकालीन सीएम बने रहेंगे इस बात पर मुहर लगा दिया है। साथ ही आलाकमान पार्टी विवाद को जल्द समाप्त करने के लिए दखल दे सकती है ।
नवभारत टाइम्स और टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के हिसाब से पार्टी आलाकामन भूपेश बघेल को लेकर निश्चित है और इस पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री चुन चुकी है जिसमे अब किसी भी प्रकार के बदलाव नहीं किया जायेगा | छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भूपेश बघेल ने ओबीसी और छत्तीसगढ़िया वोट बैंक पर काफी प्रभाव डाला था|
बघेल को डिस्टर्ब करने से सियासी नुकसान
दरअसल, पार्टी के सीनियर नेताओं का यह भी मानना है कि भूपेश बघेल को नहीं हटाने के पीछे पार्टी की सियासी मजबूरी भी है। सूत्रों के अनुसार 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ओबीसी और ट्राइबल वोट को हासिल कर 2018 में 15 साल के बाद सत्ता में लौटी थी। साथ ही भूपेश बघेल पार्टी में लंबे समय के बाद एक कद्दावर ओबीसी नेता के रूप में उभरे हैं। उन्हें पार्टी ने पिछले कई विधानसभा चुनाव में उपयोग भी किया। ऐसे में पार्टी अभी उन्हें अस्थिर करने का सियासी जोखिम नहीं ले सकती है।
यह है पार्टी की रणनीति
बघेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की मदद से कांग्रेस अपनी कुछ महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू करने की भी कोशिश कर रही है। उधर कांग्रेस ने यह भी संकेत दिया है कि पार्टी अगले कुछ दिनों तक कांग्रेस शासित तमाम राज्यों में गुटबाजी को दूर कर दिया जाएगा। उधर पार्टी में नेतृत्व को लेकर मची कशकमश का लाभ बीजेपी उठाने की कोशिश कर रही है जो पिछले कुछ सालों से राज्य में अपना खोया जनाधार पाने की पूरी कोशिश कर रही है।