संस्कृति मंत्री ने छत्तीसगढ़ी फीचर फिल्म ‘‘शहीद वीर नारायण सिंह’’ का किया शुभारंभ
रायपुर। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी जननायक और छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीरनारायण सिंह का जीवन संघर्ष प्रेरणा से भरा हुआ है। उनके नाम शहादत के लिए स्वर्णिम अक्षरों में इतिहास में अंकित है। उन्होंने कहा कि वीरनारायण सिंह जी के रास्ते पर चलने वाले सपूतों की कभी हार नहीं होती।
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत आज शहीद वीरनारायण सिंह के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर आधारित छत्तीसगढ़ी फीचर फिल्म ‘शहीद वीरनारायण सिंह‘ के शुभारंभ समारोह में उक्त बातें कही। संस्कृति मंत्री भगत ने आगे कहा कि वीरनारायण सिंह साहसिक व्यक्ति थे। वे गरीबों और मजदूरों की पीड़ा को भलिभांति समझते थे, वे दीन-हीन लोगों के उत्थान के लिए तत्पर रहते थे।
उस समय कि बात की जाए तो एक बार जब प्रदेश में भीषण आकाल पड़ा, तो वीर नारायण से गरीबों-असहायों की भूख देखी नहीं गयी और उनकी भूख मिटाने के लिए एक सेठ साहूकार के गोदाम से अनाज लाकर गरीबों का पेट भरने का पुण्य काम किया। संस्कृति मंत्री भगत ने वीरनारायण का जीवन परिचय देते हुए कहा कि तत्कालीन समय में बहुत से रियासतों के राजा-महाराजा अंग्रेजी हुकूमत के सामने घुटना टेक दिए थे, लेकिन जननायक वीरनारायण सिंह ने जनहित में जीवन पर्यंत संघर्ष करते रहे और अंग्रेजी हुकूमत के विरूद्ध कड़ा संघर्ष किया।
अंग्रेजों को यहां से भगाने के लिए अंतिम सांस तक आन्दोलन करते रहे। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि वीरनारायण सिंह के नाम अंग्रेजी हुकूमत में इतना दहशत था कि उन्हें 10 दिसम्बर को राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक में तोप से उड़ा दिया गया। शहीद वीरनारायण सिंह की निडरता, साहस और संघर्ष हमेशा लोगों के लिए प्ररेणाप्रद रहेगा।
वही कार्यक्रम में डॉ. अनिल भतपहरी, वरिष्ठ पत्रकार देवेश तिवारी, फिल्म के निर्माता मधुकर कदम, रेक्स मेहता, दिलीप तिवारी, विजय मिश्रा, प्रशांत ठाकर सहित फिल्म विधा से जुड़े अन्य लोग उपस्थित थे।