छत्तीसगढ़ में महापुरूषों के नाम पर संचालित स्कूलों का होगा उन्नयन, आर.डी. तिवारी स्कूल के खेल मैदान के लिए 2 करोड़ रूपए की मंजूरी, मुख्यमंत्री के हाथों 20 नवाचारी शिक्षक हुए सम्मानित, महतारी दुलार योजना अंतर्गत विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का वितरण, मुख्यमंत्री द्वारा आर.डी. तिवारी स्कूल के उन्नयन कार्य का लोकार्पण
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षक दिवस के अवसर पर रविवार को राजधानी के आमापारा स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के अंतर्गत संचालित आर.डी. तिवारी शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल के उन्नयन कार्य का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में होनी चाहिए।
उन्होंने स्वामी आत्मानंद के नाम से संचालित शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल की तर्ज पर अब प्रत्येक जिले में एक-एक हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल खोलने की बड़ी घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महापुरूषों के नाम से संचालित होने वाले स्कूल हमारी पहचान है। इन ऐतिहासिक स्कूलों का उन्नयन बहुउद्देशीय शाला के रूप में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आर.डी. तिवारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल के खेल मैदान के लिए 2 करोड़ रूपए की मंजूरी प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम में कोरोना काल में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए नवाचार करने वाले राज्य के 20 उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया। उन्होंने कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को महतारी दुलार योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति का चेक भी प्रदान किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् को नमन करते हुए कहा कि पिछले वर्ष कोरोना के कारण शिक्षक दिवस का कार्यक्रम वर्चुअल रूप से आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर.डी. तिवारी स्कूल में पहले मात्र 57 बच्चे पढ़ते थे। स्वामी आत्मानंद के नाम से अंग्रेजी माध्यम का शासकीय स्कूल प्रारंभ होने से अब यहां
लगभग एक हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। स्वामी आत्मानंद के नाम से रायपुर शहर में तीन शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए, सभी वर्गाें के बच्चों के साथ यहां ऐसे बच्चों को भी प्रवेश मिला है, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों की फीस, पुस्तक और गणवेश का पूरा खर्चा सरकार वहन कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आयोजित ‘शिक्षा मड़ई‘ में कोरोना काल में नवाचार करने वाले शिक्षकों में मोटर सायकिल गुरूजी, सिनेमा वाले बाबू, श्यामपट वाले गुरूजी, लाउड स्पीकर क्लास, अंगना म शिक्षा, मुस्कान पुस्तकालय, जुगाड़ स्टूडियो, स्मार्ट क्लास, माटी कला से शिक्षा, पपेट शो, स्थानीय भाषा में शिक्षा और सहायक सामग्री के प्रयोगों को देखने को मिला। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में शिक्षकों द्वारा किए गए नवाचारों की
प्रशंसा करते हुए कहा कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। कोरोना आपदा के अवसर में संकट में कैसे काम कर सकते हैं, छत्तीसगढ़ के शिक्षकों ने न केवल अदभूत कार्य करके दिखाया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि ‘छत्तीसगढ़ियां सबले बढ़िया‘। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरूआत रायपुर से की गई। इस के बाद जिलों में पहले 27, उसके बाद मांग बढ़ने पर 52 की गई और इसके बाद अब 172
स्कूल संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों का यह कारवां और भी आगे बढ़ता रहेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् को नमन करते हुए कहा कि स्वामी आत्मानंद ने बस्तर के नारायणपुर में शिक्षा का ऐसा केन्द्र संचालित किया जिसकी प्रशंसा देश भर में रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हीं से प्रेरणा लेकर प्रदेश में
उनके नाम से शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए हैं। स्वामी आत्मानंद स्कूल में अच्छे शिक्षकों के साथ शिक्षा की बेहतर व्यवस्था की गई है। उन्होंने बच्चों से कहा कि माता-पिता के भरोसे पर खरा उतरने के लिए वे यहां मन लगाकर अच्छे से पढ़ाई करें।
कार्यक्रम को संसदीय सचिव विकास उपाध्याय और महापौर रायपुर एजाज ढेबर ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन
मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, विधायक सत्यनारायण शर्मा, विधायक कुलदीप जुनेजा, विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा, अध्यक्ष खनिज विकास निगम गिरीश देवांगन, अध्यक्ष योग आयोग ज्ञानेश शर्मा, अध्यक्ष किसान आयोग सुरेन्द्र शर्मा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. कमलप्रीत, कलेक्टर सौरभ, स्मार्ट सिटी रायपुर के सीईओ प्रभात कुमार सहित प्रशासन के अधिकारी, विद्यालय के प्राचार्य आर.के. गुप्ता, शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।