रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार चर्चे में रहने वाले जीपी सिंह केस में नया मोड़ सामने आया है. छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख रहे पुलिस अफसर जीपी सिंह को आखिरकार बेल नहीं मिल पाई. कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है. छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार भारतीय पुलिस सेवा का कोई अफसर जेल में रहेगा।
निलंबित एडीजी जीपी सिंह की रिमांड ख़त्म होने पर पुलिस ने आज GP सिंह को कोर्ट पेश किया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का फैसला किया है। विशेष न्यायाधीश लिना अग्रवाल की कोर्ट में सुनवाई हुई। करीब 50 मिनट तक दोनों ही पक्षों के बीच बहस चली।
बता दें छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि आईपीएस को न्यायिक रिमांड पर रहेगा। गौरतलब है कि 1 जुलाई 2021 की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में उनके सहयोगियों समेत उनके सभी ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था, जिसमें 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था. 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई थी।
इसके अलावा छापे के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे, जिसके आधार पर रायपुर कोतवाली में निलंबित IPS जीपी सिंह पर राज्य सरकार राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। जिसका चालान कोतवाली पुलिस पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी है, जो कोर्ट में विचाराधीन है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201,467,471 के आरोप में निलंबित आईपीएस जी.पी.सिंह का प्रकरण दर्ज है।