रायपुर, 11 मार्च 2022 राज्यपाल अनुसुईया उइके आज कलेक्ट्रेट परिसर स्थित टाउन हॉल में साधना कला संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कला सह छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंची। इस दौरान राज्यपाल उइके ने भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन तथा माल्यार्पण कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। राज्यपाल ने टाउन हॉल में लगाये गए साधना ढांढ के कलाकृतियों का अवलोकन किया और उनकी सराहना की।
राज्यपाल उइके ने कलाप्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि साधना पिछले 40 वर्षों से कला की साधना कर रही है। इनकी कलाकृतियां मंत्रमुग्ध करने वाली है, फूल पत्तियों द्वारा बनाये गए भगवान गणेश के अमूर्त छायाचित्र आकर्षक है। उन्होंने कहा कि साधना ढांढ ने अपनी कल्पना और भावनाओं को जिस प्रकार से चित्रों में उकेरा वह मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच यह कला संसार शीतलता देती है।
उन्होंने कहा कि साधना ढांढ ने अपने अथक परिश्रम से कला की साधना कर अपने नाम को साकार किया है। वे संघर्ष की पर्याय हैं। उन्होंने अपनी दिव्यांगता को अपनी कमजोरी नहीं बनने दी। पिछले 40 वर्षों से अपने सृजनात्मक क्षमता का उपयोग कर न केवल उन्होंने कला जगत में नाम कमाया बल्कि हजारों कलाप्रेमियों के लिए प्रेरणा बन उन्हें भी कला की शिक्षा दे रही है। मूर्तिकला, बोन्साई और फोटोग्राफी जैसी रचनात्मक विधाओं के जरिए वे अपनी कला को निरन्तर परिष्कृत भी कर रही है।
साधना कला संस्थान के माध्यम से बच्चों को प्रशिक्षित करने का नेक काम निश्चय ही एक सराहनीय प्रयास है। राज्यपाल उइके ने कहा कि साधना ढांढ कला के क्षेत्र में उनका योगदान प्रदेश और देश के लोगों को प्रोत्साहित करेगा। दिव्यांग जनों के लिए वे सदा प्रेरणा बनी रहेंगी। राज्यपाल उइके ने उनके स्वस्थ जीवन और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति मोक्षदा चंद्राकर ने कहा कि ईश्वर हमारे हाथों में केवल लकीरें देता है परंतु उसमें रंग हमें खुद ही भरना होता है। उन्होंने कहा कि साधना ढांढ ऐसी ही शख्सियत हैं जिन्होंने अपने शारीरिक दुर्बलता के बावजूद अपने संघर्षों से आज ये मुकाम हासिल किया है। वे ऐसी कलाकार हैं जिन्होंने अपने भावनाओं, कल्पनाओं को बड़ी ही आत्मीयता से रंगों में उकेरा है।
कार्यक्रम के अंत में साधना ढांढ ने राज्यपाल को तंजौर कला पर आधारित भगवान गणेश का छायाचित्र भेंट की। राज्यपाल उइके ने भी साधना ढांढ को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर रेरा के अध्यक्ष विवेक ढांढ, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा उपस्थित थीं।