रायपुर। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंश्योरेंस सर्वेयर एंड लॉस एसेसर छत्तीसगढ़ चैप्टर द्वारा बीमा धारकों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कुछ निजी बीमा कंपनियां निजी स्वार्थ एवं लाभ कमाने के लिए गैर कानूनी काम करते है। इसला द्वारा बीमा धारकों की हितों और हक की रक्षा करने के लिए यह विशेष अभियान है।
कभी-कभी सामान्य बीमा धारक को कानूनी जानकारी के अभाव में उचित मुआवजा नहीं मिल पाता है। इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। इसला के जागरूकता अभियान से बीमा धारकों अधिकारों के विषय में जानकारी होगी इससे उन्हें काफी हद तक मदद मिलेगी।
बीमा अधिनियम तहत सर्वे को प्राथमिकता
बीमा अधिनियम 1938 के सक्शन 64UM के अनुसार, ₹50000 से ऊपर के अनुमानित नुकसान के आकलन के लिए स्वतंत्र सर्वेयर द्वारा सर्वे करवाना आवश्यक है। ऐसा इसलिए रखा गया है ताकि क्षति का आकलन निष्पक्ष रुप से स्वतंत्र सर्वेयर जो कि एक थर्ड पार्टी द्वारा किया जा सके। परंतु आज कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों द्वारा ही सर्वे करवा रही है ,वह कर्मचारी मात्र अपनी कंपनी के हित की रक्षा करता है और बीमा धारक नुकसान उठाता है।
यदि आपके किसी मोटर दावे में अनुमानित क्षति की लागत 50000 से ऊपर है तो आप सर्वेयर की पड़ताल जरूर करें उससे उसका लाइसेंस नंबर तथा इस्ला मेंबरशिप नंबर जरूर पूछें और सत्यापन करें की वह स्वतंत्र सर्वेयर हो, अन्यथा आप नुकसान में रह सकते हैं।
किसी संदेह की स्थिति में इसला पदाधिकारियों को इन फोन नंबर पर सूचित करें एवं उचित मार्गदर्शन प्राप्त करें।
गगन चोपड़ा, (यूनिट कोऑर्डिनेटर, रायपुर) 9425581553, टी पी एस भाटिया (यूनिट कोऑर्डिनेटर, भिलाई) 9893234567. नरेश अग्रवाल (यूनिट कोऑर्डिनेटर, बिलासपुर) 9425530514. एम ए रवानी, (चैप्टर सेक्रेटरी, रायपुर) 9425507517