रायपुर 10 अगस्त 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों से कल मुख्यमंत्री निवास में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र प्राप्त धमतरी जिले के नगरी क्षेत्र के तीन वार्डों एवं सीतानदी टाईगर रिजर्व कोर क्षेत्र के हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री बघेल के प्रति आभार प्रकट किया।
नगरी पंचायत क्षेत्र से आई वन अधिकार समिति की सदस्य सरस्वती ध्रुव ने कहा की हमारे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है। हम सभी इस अधिकार को ले कर पिछले साल से प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उसे ख़ुशी है कि विश्व आदिवासी दिवस पर हमारे अधिकार मान्य हो रहे है क्योंकि अब मेरे बच्चे भी मेरी तरह जंगल से अपना निस्तार और आजीविका चला सकेंगे।
वार्ड सभा चुरियारा से वन अधिकार समिति के अध्यक्ष टिकेश्वर ध्रुव ने कहा कि उनकी परवरिश जंगल के गाँव में रह कर हुई बाद में हमारा गाँव नगर पंचायत बन गया। इससे उन्हें यह डर था की हमारे जंगल पर जो अधिकार थे, वो मिलेंगे की नहीं आज अधिकार पत्र मिलने के बाद यह स्पष्ट हो गया ही हमारे अधिकार पहले के जैसे भविष्य में भी बने रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने नगरी क्षेत्र के तीन वार्ड नगरी के नाम से जारी अधिकार पत्र में नगर पंचायत को 707.41 हेक्टेयर, चुरियारा वार्ड सभा को 678.18 हेक्टेयर पर और वार्ड सभा तुमबाहरा को 2746.74 हेक्टेयर भूमि पर वन संसाधन अधिकार पत्र सौंपा गया। छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले वर्ष ही एक अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए बस्तर जिले के नगरीय क्षेत्र में व्यक्तिगत वन अधिकार मान्य करने में भी छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना था।
कार्यक्रम में अधिकार पत्र प्राप्त करने वाले सीतानदी उदंती टाइगर रिज़र्व के कोर क्षेत्रों में बसे गाँव जोरातराई की वन अधिकार समिति के अध्यक्ष बीरबल पदमाकर ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री ने अधिकार मान्य कर हमारे क्षेत्र की बरसो की मांग पूरी की है। बोरई क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य मनोज साक्षी का कहना था की आज यह अधिकार हमारे हाथ में है। वे यह साबित कर के दिखायेंगे की वन्य प्राणी और इंसान दोनों सुरक्षित रूप में साथ में रह सकते है।
सीतानदी उदंती टाइगर रिज़र्व के कोर क्षेत्रों में बसे गाँव की दशकों से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ने पांच गाँव मासुलखोई में 975.58 हेक्टेयर, करही में 984.92 हेक्टेयर, जोरातराई में 551.42 हेक्टेयर, बहिगांव में 1651.725 हेक्टेयर और बरोली में 1389.61 हेक्टेयर के जंगल पर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्य किये। यह राज्य में पहली बार है जब टाइगर रिज़र्व के कोर क्षेत्र में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्य किए गए है। इसके पहले पिछले साल सीतानदी के बफर क्षेत्र में ग्राम करका के अधिकार मान्य किये गए थे। ज्ञात हो की देश में बहुत की कम टाइगर रिज़र्व के कोर क्षेत्र में सामुदायिक वन संसाधन मान्य हुए है। जहाँ पर अधिकार मान्य हुए है। उसमें महाराष्ट्र का मेलघाट टाइगर रिज़र्व और ओडिशा का सिमलीपाल टाइगर रिज़र्व प्रमुख है।