- घोटुल की संस्कृति ने बस्तर को देश-विदेश में पहचान दिलायी – मुख्यमंत्री
- घोटुल सदस्यों ने अंतागढ़ के अमाकडा में 8 अप्रैल को आयोजितन”झलमलको लायोर गोटूल रच्चा उत्सव” में मुख्यमंत्री को किया आमन्त्रित
रायपुर, 21 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां विधानसभा ऑडिटोरियम में बस्तर के 50 से अधिक घोटुलों से आये मांझी एवं सदस्यों को संबोधित किया। घोटुल सदस्यों ने मुख्यमंत्री बघेल को अंतागढ़ के अमाकडा में 8 अप्रैल को आयोजित झलमलको लायोर गोटूल रच्चा उत्सव में आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने आमंत्रण सहर्ष स्वीकारते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान बस्तर से है, वहां की संस्कृति से है। बस्तर की हमेशा अलग पहचान रही है चाहे घोटुल हो, देवगुड़ी, मुर्गा लड़ाई, या दशहरा उत्सव, इन सभी ने बस्तर को देश विदेश में पहचान दिलायी है। वहां की विभिन्न बोलियां, संस्कृति एवं खानपान से बस्तर की अलग पहचान है।
घोटुल की पहचान उसकी संस्कृति के कारण देश-विदेश में बनी हुई थी और देश-विदेश से पत्रकार यहां आकर इसकी पहचान बताते थे। घोटुल संस्कृति शिक्षण केंद्र हैं जहां पर शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति की जानकारी प्रदान की जाती है। जब मैं नारायणपुर गया था तो वहां घोटुल निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की थी। घोटुल के संरक्षण, संवर्धन हेतु शासन से जो भी सहयोग होगा वह प्रदान किया जाएगा। सरकार द्वारा यहां की संस्कृति के संरक्षण और संवारने का काम लगातार किया जा रहा है। देवगुड़ी का निर्माण पूरे बस्तर में किया जा रहा है।
हमारी परंपरा एवं संस्कृति का संबंध प्रकृति के साथ जिंदा रहना चाहिए। घोटुल का अस्तित्व बने रहना चाहिए, इसके माध्यम से हम अपनी संस्कृति से युवाओं को अवगत करा रहे हैं। मुझे जानकर बड़ी प्रसन्नता हो रही है कि आप पारंपरिक परिधान में यहां आए हैं, जड़ जितनी गहरी होगी वृक्ष उतना ऊपर जाएगा। संस्कृति को हमको पोषित करना है, उसे आगे बढ़ाना है इसलिए हमने इस बार के बजट में सिरहा, गुनिया, बैगा ,मोरिया का भी मानदेय तय किया है। बांस से हस्त निर्मित आमन्त्रण पत्र पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने निमंत्रण पत्र बहुत ही सुंदर बनाया है।
मुख्यमंत्री के आग्रह पर घोटुल सदस्यों ने रैला नृत्य प्रस्तुत किया। राज्य योजना आयोग की सदस्य कांति नाग के नेतृत्व में घोटुल के मांझी एवं सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बांस शिल्प से निर्मित घोटुल रच्चा भेंट किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, विधायक अनूप नाग उपस्थित रहे।