रायपुर, 09 मार्च 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां विधानसभा परिसर स्थित सेंट्रल हॉल में छत्तीसगढ़ के 12 नगर निगमों के महापौरों ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कल्याणकारी बजट प्रस्तुत करने पर मुख्यमंत्री बघेल को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। महापौरों ने कहा है कि बजट में सभी वर्गों के कल्याण एवं उन्नति को ध्यान में रखा गया है। आर्थिक विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। वर्ष 2022-23 के बजट से समावेशी विकास की गति को बल मिलेगा।
इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय, विधायक विनय जायसवाल और देवेंद्र यादव सहित रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल, कोरबा महापौर राज किशोर प्रसाद, चिरमिरी महापौर कंचन जायसवाल, भिलाई महापौर नीरज पाल, भिलाईचरौदा महापौर निर्मल कोसरे, रिसाली महापौर शशि सिन्हा, धमतरी महापौर विजय देवांगन, जगदलपुर महापौर सफीरा साहू, राजनांदगांव महापौर हेमा देशमुख, रायगढ़ महापौर जानकी बाई काटजू और बिरगांव महापौर नन्दलाल देवांगन उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के राज्य के बजट में शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु ‘‘मोर जमीन मोर मकान’’ तथा ‘‘मोर मकान मोर चिन्हारी’’ योजनाओं के तहत 450 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। नगरीय निकायों में जल प्रदाय योजना के लिये अनुदान मद में 30 करोड़ रूपए तथा ऋण हेतु 55 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार बजट में आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से नगरीय निकायों के सम्पत्ति के ऑफसेट मूल्य को कलेक्टर गाइडलाइन में निर्धारित दर से 30 प्रतिशत कम करने की घोषणा की गई है।
इसके अलावा मिशन अमृत 2.0 के तहत शहरों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल तथा समस्त घरों में नल कनेक्शन प्रदाय करने के लिये 200 करोड़ रूपए एवं नगरीय निकायों की जल आवर्धन योजना में 380 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। कोरबा, दन्तेवाड़ा, सक्ती, शिवरीनारायण एवं चन्द्रपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना हेतु 20 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस के माध्यम से संचालित दाई-दीदी क्लीनिक योजना की सफलता को देखते हुए इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका एवं नगरपंचायतों के लिये लागू करने की घोषणा की। इसके लिये बजट में 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।