रायपुर। राज्य के वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों को रेशम विभाग समृद्धि की राह दिखा रहा है। रेशम विभाग द्वारा संचालित मलबरी रेशम विकास एवं विस्तार योजना और को कोसा बीज केंद्र से जुड़े लोगों को कृषि के साथ आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप मंत्री गुरु रूद्रकुमार के निर्देशानुसार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत रेशम विभाग द्वारा अनेक रोजगारमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है।
रेशम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बलरामपुर जिले में संचालित मलबरी रेशम केंद्र राजपुर में गठित स्व-सहायता समूह से जुड़े हितग्राहियों द्वारा वर्ष 2021-22 में समूह द्वारा कृमिपालन कर 3 हजार 508 किलोग्राम मलबरी कोसा का उत्पादन एवं सब्जी उत्पादन और मछलीपालन से कुल 5 लाख 95 हजार 678 रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया।
जिसके तहत केंद्र से जुड़े हितग्राहियों ने मलबरी कोसा उत्पादन से 5 लाख 66 हजार 178 रुपए, सब्जी उत्पादन कर 7 हजार 450 रुपए और मछली पालन से 22 हजार 50 रुपए का शुद्ध आय अर्जित किया।
इसी तरह कोरिया जिले के कोसा बीज केंद्र केल्हारी में विभागीय योजनांतर्गत 103 हितग्राहियों द्वारा 10 हजार 395 डिम्ब स्व. समूह पाले गए, जिसमें कुल 4 लाख 37 हजार 200 कोसा बीज का उत्पादन कर 39 लाख 8 हजार 122 रुपए की आय हुई। इसके साथ ही रैली और डाबा प्रगुणन कैंपों में 45 हितग्राहियों को भी लाभान्वित किया गया। इसी तरह मनरेगा योजना अंतर्गत कोसा बीज केंद्र केल्हारी में 6 हजार 414 मानव दिवस का रोजगार सृजन कर 12 लाख 38 हजार रूपए का भुगतान कर 175 हितग्राहियों को लाभांन्वित किया गया।