वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/वन-एवं-जलवायु-परिवर्तन-मं/ News for India Sat, 19 Feb 2022 09:25:35 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/वन-एवं-जलवायु-परिवर्तन-मं/ 32 32 174330959 नरवा विकास कार्यक्रम: कैम्पा मद में वर्ष 2019-20 के समस्त कार्य पूर्णता की ओर… http://revoltnewsindia.com/narva-development-programme-all-the-work-for-the-year-2019-20-in-campa-item-is-towards-completion/6399/ http://revoltnewsindia.com/narva-development-programme-all-the-work-for-the-year-2019-20-in-campa-item-is-towards-completion/6399/#respond Sat, 19 Feb 2022 09:25:31 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6399 लगभग 160 करोड़ रूपए की लागत से 12 लाख से अधिक भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का हो रहा निर्माण वनांचल के 863 छोटे बड़े नालों में लगभग 05 लाख हेक्टेयर…

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  • लगभग 160 करोड़ रूपए की लागत से 12 लाख से अधिक भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का हो रहा निर्माण
  • वनांचल के 863 छोटे बड़े नालों में लगभग 05 लाख हेक्टेयर भूमि होगी उपचारित: वन मंत्री अकबर

रायपुर, 19 फरवरी 2022 राज्य सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत चलाए जा रहे महत्वपूर्ण ‘‘नरवा विकास कार्यक्रम’’ के अंतर्गत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 में 160 करोड़ रूपए से अधिक की राशि की स्वीकृति दी गई है। इसमें 01 हजार 829 किलोमीटर लंबाई वाले 863 छोटे बड़े नालों के 4.84 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्र में 12 लाख 24 हजार भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इन संरचनाओं में से अब तक 140 करोड़ रूपए की राशि व्यय कर 12 लाख 697 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य के वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन के लिए बड़े तादाद में जल स्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य लिया गया है।

इसके लिए वन मंत्री अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) मद से बनने वाली इन जल संग्रहण संरचनाओं से वनांचल में रहने वाले लोगों और वन्य प्राणियों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही नाले में पानी का भराव रहने से आस-पास की भूमि में नमी बनी रहेगी। इससे खेती-किसानी में सुविधा के साथ-साथ आय के स्रोत और हरियाली में भी वृद्धि होगी।

इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 के अंतर्गत दुर्ग वृत्त में 11 करोड़ 56 लाख रूपए की स्वीकृत राशि से निर्माणाधीन 79 हजार 293 संरचनाओं में से अब तक 69 हजार 442 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।

इसी तरह बिलासपुर वृत्त अंतर्गत 43 करोड़ रूपए की स्वीकृत राशि से 6 लाख 80 हजार 329 भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से अब तक 35 करोड़ रूपए की राशि व्यय कर 6 लाख 68 हजार 609 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। रायपुर वृत्त अंतर्गत 17 करोड़ रूपए की स्वीकृत राशि से 56 हजार 454 संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इनमें से अब तक 15 करोड़ रूपए की राशि व्यय कर 56 हजार 421 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।

इसी तरह जगदलपुर वृत्त अंतर्गत 17 करोड़ रूपए की स्वीकृत राशि से 2 लाख 78 हजार भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से अब तक 16 करोड़ 66 लाख रूपए की राशि व्यय कर समस्त 2 लाख 78 हजार संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।

सरगुजा वृत्त अंतर्गत 36 करोड़ रूपए की स्वीकृत राशि से निर्माणाधीन 1 लाख 18 हजार संरचनाओं में से अब तक 1 लाख 17 हजार संरचनाओं को पूर्ण कर लिया गया है।

कांकेर वृत्त अंतर्गत 15 करोड़ रूपए की स्वीकृत राशि से निर्माणाधीन 2 हजार 626 संरचनाओं में से अब तक 2 हजार 621 संरचनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। बिलासपुर वृत्त अंतर्गत अचानकमार टायगर रिजर्व क्षेत्र में स्वीकृत 10 करोड़ रूपए की राशि से निर्माणाधीन 6 हजार 85 संरचनाओं में से अब तक 5 हजार 578 संरचनाओं को पूर्ण कर लिया गया है।

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राज्य सरकार का किसानों के हित में अहम् फैसला कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी अब 15 फरवरी तक http://revoltnewsindia.com/state-governments-important-decision-in-the-interest-of-farmers-purchase-of-kodo-kutki-and-ragi-now-till-february-15/5835/ http://revoltnewsindia.com/state-governments-important-decision-in-the-interest-of-farmers-purchase-of-kodo-kutki-and-ragi-now-till-february-15/5835/#respond Sat, 29 Jan 2022 07:44:58 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5835 छत्तीसगढ़ में मिलेट फसलों को बढ़ावा देने हो रही समर्थन मूल्य पर खरीदी अब तक ढाई करोड़ मूल्य के 7799 क्विंटल मिलेट फसलों की हो चुकी खरीदी रायपुर। छत्तीसगढ़ में…

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  • छत्तीसगढ़ में मिलेट फसलों को बढ़ावा देने हो रही समर्थन मूल्य पर खरीदी
  • अब तक ढाई करोड़ मूल्य के 7799 क्विंटल मिलेट फसलों की हो चुकी खरीदी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी और रागी फसलों की खरीदी के लिए समयावधि अब 15 फरवरी 2022 तक बढ़ा दी गई है। इसके पहले इन फसलों की खरीदी के लिए 31 जनवरी तक की तिथि निर्धारित थी। गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा होने के कारण मिंजाई में हुई देरी के फलस्वरूप किसानों के हित में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

राज्य के वन क्षेत्रों के आसपास निवासरत वनवासियों के द्वारा परम्परागत रूप से कोदो, कुटकी तथा रागी जैसे मिलेट फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने इस वर्ष से समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब एक दिसम्बर 2021 से 15 फरवरी 2022 तक चलने वाले इस खरीदी अभियान के तहत वनवासियों-किसानों से कोदो तथा कुटकी का समर्थन मूल्य 30 रूपए प्रति किलोग्राम तथा रागी का समर्थन मूल्य 33.77 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले वर्षों के दौरान इन मिलेट फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं होने के कारण कोदो, कुटकी तथा रागी जैसे मिलेट फसलों का उत्पादन धीरे-धीरे कम होते जा रहे थे। राज्य सरकार द्वारा इन परिस्थितियों पर विचार करते हुए कोदो, कुटकी तथा रागी को इस वर्ष से छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से क्रय करने का निर्णय लिया गया है।

राज्य में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य पर खरीदी सुव्यवस्थित ढंग से जारी है। इस संबंध में प्रमुख सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज पिंगुआ ने बताया कि इनकी खरीदी का कार्य वर्तमान में राज्य के समस्त प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से हो रहा है।

प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में अब तक लगभग ढाई करोड़ रूपए मूल्य की 07 हजार 799 क्विंटल कोदो, कुटकी तथा रागी की खरीदी हो चुकी है। इनमें 05 हजार 990 क्विंटल कोदो, 01 हजार 112 क्विंटल कुटकी और 697 क्विंटल रागी शामिल है। 

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दंतेवाड़ा एडवेंचर स्पोर्ट्स से बस्तर की खूबसूरती में लगेगा चार चाँद http://revoltnewsindia.com/dantewada-adventure-sports-will-add-four-moons-to-the-beauty-of-bastar/5597/ http://revoltnewsindia.com/dantewada-adventure-sports-will-add-four-moons-to-the-beauty-of-bastar/5597/#respond Thu, 20 Jan 2022 08:05:35 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5597 साहसिक पर्यटन के रूप में विकसित हो रहा दंतेवाड़ा का सातधार बस्तर संभाग के प्रथम एडवेंचर पार्क की स्थापना रायपुर, 20 जनवरी 2022 अपने चारों ओर पहाड़ों से घिरा हरे-भरे…

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  • साहसिक पर्यटन के रूप में विकसित हो रहा दंतेवाड़ा का सातधार
  • बस्तर संभाग के प्रथम एडवेंचर पार्क की स्थापना

रायपुर, 20 जनवरी 2022 अपने चारों ओर पहाड़ों से घिरा हरे-भरे वादियो के बीच प्रशासनिक तथा धार्मिक महत्व के स्थल दंतेवाड़ा में डंकिनी नदी के तट पर विकसित हो रहेे एडवेंचर स्पोर्ट्स शीघ्र आकर्षण के केन्द्र बनेंगे। यहां साहसिक खेलों और मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए बस्तर संभाग के प्रथम एडवेंचर पार्क की स्थापना जिला खनिज संस्थान न्यास निधि (डी.एम.एफ.) मद के तहत जिला प्रशासन एवं वन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

एडवेंचर पार्क में संचालित होने वाली साहसिक खेल गतिविधियों और प्रशिक्षण से पर्यटकों तथा नागरिकों को अपने स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने का महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में शासन-प्रशासन की पहल से विकसित किए जा रहे यह पार्क दंतेवाड़ा जिले के पर्यटन विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। इसके तहत सायकल जिप लाइन के निर्माण सहित सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा दंतेवाड़ा और इसके आसपास ढोलकल तथा सातधार आदि महत्वपूर्ण स्थानों तक पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है।  

एडवेंचर पार्क एक आधुनिक व्यायाम प्रक्रिया साधन है, जिसमें जिप लाइन, साइकिल जिप लाइन, किड एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे रस्सी द्वारा निर्मित पुल, हवा में ऊपर छलांग लगाने वाला कमरबंद झूला इत्यादि साहसिक खेल प्रदर्शन के माध्यम से नई विधियों और तकनीकों से परिचय कराना है। इसे ध्यान में रखते हुए खेल प्रशिक्षकों एवं खेल वैज्ञानिकों द्वारा पार्क के माध्यम से नवीनतम और प्रभावी जानकारी कुशलता से प्रदान की जाएगी। साथ ही यह पर्यटन के क्षेत्र में पर्यटकों की रुचि का केन्द्र और दंतेवाड़ा जिले की प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा। 

इस कड़ी में जिले के अंतर्गत पर्यटन के क्षेत्र में ढोलकल पहाड़ी में प्राचीन भगवान गणेश जी की प्रतिमा विश्व-विख्यात है। यहां देश और विदेश से पर्यटक दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ढोलकल में बस्तर तथा छत्तीसगढ़ की पारंपरिक शैली अनुसार पर्यटकों के रुकने की उत्तम व्यवस्था तथा पारंपरिक खान-पान से संबंधित गढ़कलेवा को स्थानीय रोजगार से जोड़ने की महत्वपूर्ण योजना भी बनाई जा रही है। इस तरह परंपरागत बस्तर तथा छत्तीसगढ़िया खान-पान को समाहित करते हुए अत्याधुनिक कॉटेज हट अपने आप में आधुनिकता को पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण और लोकप्रियता के साथ प्रदर्शित करेंगे।

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अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ का व्यापार… http://revoltnewsindia.com/trade-of-chhattisgarh-herbals-reaches-international-level/5532/ http://revoltnewsindia.com/trade-of-chhattisgarh-herbals-reaches-international-level/5532/#respond Tue, 18 Jan 2022 07:01:39 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5532 दिनों-दिन बढ़ रहा ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की बिक्री का आंकड़ा: वर्ष 2021-22 के प्रथम, 9 माह में ही 4.34 करोड़ के उत्पादों की बिक्री30 संजीवनी केंद्रों सहित धन्वन्तरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स…

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दिनों-दिन बढ़ रहा ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की बिक्री का आंकड़ा: वर्ष 2021-22 के प्रथम, 9 माह में ही 4.34 करोड़ के उत्पादों की बिक्री
30 संजीवनी केंद्रों सहित धन्वन्तरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स में भी हर्बल उत्पादों की उपलब्धता, राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ 150 से अधिक मूल्य वर्धित उत्पादों का कर रहा है उत्पादन

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के वनवासियों को लघु वनोपजों और वन औषधियों के संग्रहण, प्रसंस्करण और मार्केटिंग के जरिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के काम में अच्छी सफलता मिल रही है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड नेम से बेचे जाने वाले उत्पादों के व्यापार में हर साल दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि दर्ज की जा रही है।

राज्य में वर्ष 2019-20 के बीच में जहां सवा करोड़ रुपए मूल्य के छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पादों का व्यापार हुआ था, वहीं वर्ष 2020-21 में दो करोड़ 15 लाख रुपए का और चालू वित्त वर्ष 2021-22 के प्रथम 9 माह में 4 करोड़ 34 लाख रुपए मूल्य के हर्बल उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बिक्री हो चुकी है। इस तरह छत्तीसगढ़ हर्बल्स का व्यापार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुका है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण और छत्तीसगढ़ हर्बल के उत्पाद की बिक्री का आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ के आदिवासियों महिला स्व सहायता समूह और वनवासियों द्वारा तैयार किए जाने वाले हर्बल उत्पादों को अच्छा बाजार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुनियोजित प्रयास किए गए प्रदेश के सभी जिलों में 30 संजीवनी केंद्र प्रारंभ किए गए है।

छत्तीसगढ़ हर्बल्स, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ की एक इकाई हैंस राज्य के प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन जंगलो में और उसके आसपास रहने वाले व्यक्तियों, विशेषकर आदिवासियों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ 52 लघु वनोपज खरीदता है और 150 से अधिक मूल्य वर्धित उत्पादों का उत्पादन कर रहा है। संघ ने उत्पादों की खुदरा बिक्री के लिए राज्य के सभी प्रमुख जिलों में 30 संजीवनी केंद्र स्थापित किए हैं। 

वर्ष 2021-2022 के दौरान, छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियों को अपनाया और नई बिक्री तकनीकों को लागू किया गया। हर्बल उत्पादों के वितरण नेटवर्क के प्रबंधन के लिए एक निजी फर्म को काम पर रखने से नए क्षेत्र खुले हैं। अवनि आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड को मार्च 2021 में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के अधिकृत वितरक के रूप में नियुक्त किया गया था।

संजीवनी आउटलेट के प्रभावी प्रबंधन और उत्पादों की मजबूत आपूर्ति श्रृंखला ने उत्पाद की उपलब्धता सुनिश्चित की। उत्पादों के संरचित विज्ञापन और प्रचार से संजीवनी केन्द्रो और उत्पादों की दृश्यता बढ़ी व प्रचार के लिए विभिन्न विपणन सामग्रियों का उपयोग किया गया। समाचार पत्र, होर्डिंग्स, सूचना पत्रक वितरण आदि समय-समय पर किए गए डीलर, सब-डीलर और रिटेलर्स के माध्यम से ओपन रिटेल मार्केट नेटवर्क में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रवेश से उत्पादों को बाजार और ग्राहकों तक पहुंचना आसान हो गया।

धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख जिलों में डीलरों की नियुक्ति की गई है। वितरक द्वारा 9 माह में 15 डीलर नियुक्त किए गए।
विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय स्तर की प्रदर्शनियों में छत्तीसगढ़ हर्बल्स की उपस्थिति ने विश्व स्तर पर उत्पादों की पहुंच का विस्तार किया।

छत्तीसगढ़ हर्बल्स ने दुबई में अंतर्राष्ट्रीय गल्फ फूड फेस्टिवल, दिल्ली में इंटरनेशनल इंडसफूड इवेंट, दिल्ली में ट्राइबल फेस्टिवल, भोपाल में इंटरनेशनल हर्बल फेयर, छत्तीसगढ़ दिवाली हाट मेला, राज्योत्सव और मॉल में प्रदर्शनियों में भाग लिया। सरकारी और निजी संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में समय पर प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन सेल प्लेटफॉर्म में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रवेश ने देश भर में उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की। देश के लगभग हर राज्य से ऑर्डर मिल रहे हैं।

इस कदम से छत्तीसगढ़ हर्बल्स के सेल्स को बढ़ावा मिला। ग्रामीण ई-स्टोर के सीएससी नेटवर्क के साथ समझौते ने ग्रामीण बाजार में भी छत्तीसगढ़ हर्बल ने प्रवेश की शुरुआत की। छत्तीसगढ़ के अपने जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स -धन्वन्तरि में भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग ने इसे ग्राहकों के लिए आकर्षक बना दिया है।

संजीवनी आउटलेट के नवीनीकरण ने ग्राहकों को आकर्षित किया और ग्राहकों की संख्या में वृद्धि की। छत्तीसगढ़ हर्बल्स में अनाज, मसाले, कुकीज, पर्सनल केयर आइटम आदि जैसी नई उत्पाद श्रृंखला के जुड़ने से ग्राहकों को खरीदारी करने के लिए व्यापक रेंज मिली। ग्राहकों की सुविधा के लिए गिफ्ट हैंपर्स की प्रीमियम श्रृंखला बनायीं गयी और स्टोर्स में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई गयी। ग्राहकों ने इन गिफ्ट हैंपर्स को हाथों-हाथ अपनाया।

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अपनी कार्य कुशलता से वन विभाग की छवि को मिला बेहतर स्वरूप – अकबर http://revoltnewsindia.com/akbar-got-better-image-of-forest-department-with-his-work-efficiency/5333/ http://revoltnewsindia.com/akbar-got-better-image-of-forest-department-with-his-work-efficiency/5333/#respond Fri, 07 Jan 2022 13:10:19 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5333 स्टार अलंकरण कार्यक्रम: वन मंत्री अकबर ने वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत 112 अधिकारियों को अलंकृत कर दी बधाई नवनियुक्त 27 वन क्षेत्रपालों को वितरित किए गए प्रशिक्षण प्रमाण…

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  • स्टार अलंकरण कार्यक्रम: वन मंत्री अकबर ने वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत 112 अधिकारियों को अलंकृत कर दी बधाई
  • नवनियुक्त 27 वन क्षेत्रपालों को वितरित किए गए प्रशिक्षण प्रमाण पत्र

रायपुर, 07 जनवरी 2022 वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित स्टार अंलकरण कार्यक्रम में उप वन क्षेत्रपाल से वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत 112 अधिकारियों को अलंकृत कर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस दौरान विभाग में नवनियुक्त 27 प्रशिक्षु वन क्षेत्रपालों को प्रशिक्षण उपरांत प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी प्रदान किया।

वन मंत्री अकबर ने स्टार अलंकरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वन सम्पदा के मामले में एक समृद्ध राज्य है। वनों के संरक्षण तथा संवर्धन और विकास में विभाग और इसके अमले का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसके मद्देनजर हमारी सरकार द्वारा राज्य में विगत तीन वर्षाें के दौरान विभाग के साथ ही यहां कार्यरत अमले के हित में भी अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसके तहत विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों के पदोन्नति आदि कार्य नियमित क्रम में लगातार हो रहे है। इस तरह सभी कार्याें को सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ पूरा किया जा रहा है।

वन मंत्री अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अपनी कार्य कुशलता और शासन की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के फलस्वरूप वर्तमान में वन विभाग की छवि को एक बेहतर स्वरूप मिला है। वन विभाग में विगत तीन वर्षाें के दौरान सिर्फ वनों के संरक्षण तथा संवर्धन को ही बढ़ावा नहीं मिला है, बल्कि यहां वनवासियों की उन्नति की दिशा में भी निरंतर कार्य हो रहे है।

यही वजह है कि विगत दो वर्षाें से छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण तथा प्रसंस्करण आदि कार्याें में देश में लगातार अव्वल बना हुआ है। इसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर 11 पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। वन मंत्री अकबर ने इस दौरान हाथी प्रभावित क्षेत्रों में उनके मार्ग पर लोगों को आवाजाही के लिए मनाही करने और जनजागरूकता लाने पर विभाग को विशेष रूप से जोर दिया। कार्यक्रम को प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख चतुर्वेदी ने भी सम्बोधित किया।

इस अवसर पर संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, संसदीय सचिव चंद्रदेव राय, विधायक बृहस्पति सिंह और प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय शुक्ला, अतुल शुक्ला, पी.सी. पाण्डेय सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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वन क्षेत्रों में ‘नरवा विकास’ के अंतर्गत भू-जल संरक्षण कार्यों का प्राथमिकता से क्रियान्वयन हो : मुख्यमंत्री बघेल http://revoltnewsindia.com/ground-water-conservation-works-should-be-implemented-with-priority-under-narva-vikas-in-forest-areas/4890/ http://revoltnewsindia.com/ground-water-conservation-works-should-be-implemented-with-priority-under-narva-vikas-in-forest-areas/4890/#respond Wed, 08 Dec 2021 12:37:52 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4890 मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैम्पा के शासी निकाय की द्वितीय बैठक सम्पन्नदूरस्थ वनांचल के लिए परियोजनाएं तैयार करने ‘‘लिडार’’ तकनीक के उपयोग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने दी सहमतिजंगली हाथियों…

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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैम्पा के शासी निकाय की द्वितीय बैठक सम्पन्न
दूरस्थ वनांचल के लिए परियोजनाएं तैयार करने ‘‘लिडार’’ तकनीक के उपयोग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने दी सहमति
जंगली हाथियों द्वारा की गई क्षति पर शीघ्र मुआवजा वितरण के निर्देश

रायपुर, 08 दिसम्बर 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गैर वन क्षेत्रों के साथ-साथ वन क्षेत्रों में भी राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना ‘‘नरवा विकास’’ के अंतर्गत भू-जल संरक्षण के कार्यों का प्राथमिकता से क्रियान्वयन हो। इसके तहत कैम्पा मद से वन क्षेत्रों में किये जाने वाले कार्यों से वनवासियों, आदिवासियों तथा वन क्षेत्रों के आस-पास के ग्रामीणों को रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध होता है।

मुख्यमंत्री बघेल की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के शासी निकाय की द्वितीय बैठक हुईI मुख्यमंत्री ने बैठक में राज्य में कैम्पा मद की राशि का बेहतर उपयोग कर स्वीकृत सभी कार्यों को तेजी के साथ पूरा करने के निर्देश दिए।

इसके तहत वनों की सुरक्षा के साथ-साथ वन्यप्राणी सुरक्षा और लघु वनोपजों के विकास तथा इनके संरक्षण व संवर्धन के कार्यों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे वनांचल में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध होगा और उनकी आमदनी में भी वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य में जंगली हाथियों द्वारा की गई जनहानि, फसल हानि एवं संपत्ति हानि में तत्परता से कार्यवाही कर मुआवजा का वितरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में चर्चा करते हुए राज्य में दूरस्थ वनांचल के लिए परियोजनाएं तैयार करने ‘‘लिडार’’ तकनीक के उपयोग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति देते हुए यह प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के निर्देश दिए। सामान्यतः वाटर शेड क्षेत्रों के विकास हेतु क्षेत्रीय स्तरों में परम्परागत मैनुअल पद्धति से मानचित्रण कर परियोजनाएं तैयार की जाती हैं जिसमें बहुत सीमित पद्धति से कार्य किया जा सकता है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ के जंगलों के सर्वे के लिए अत्याधुनिक रिर्मोट सेंसिंग लिडार तकनीकी का उपयोग बेहतर होगा। इससे वैज्ञानिक पद्धति से मैपिंग का उपयोग कर दूरस्थ तथा सुदूर अंचलों के लिए भी परियोजनाएं तैयार की जा सकती है।

लिडार तकनीक से वन क्षेत्रों में वृद्धि, वृक्षों की ऊंचाई और उनका वॉल्यूम, मिट्टी में नमी के संरक्षण की स्थिति, वाटर शेड एनालिसिस, वन क्षेत्रों में अतिक्रमण, खनन गतिविधियों, वन क्षेत्र में अग्नि नियंत्रण, वन्य जीवों की संख्या और उनके मूवमेंट का सटीक आंकलन किया जा सकता है। इससे वन क्षेत्रों के विकास की योजना बेहतर ढंग से तैयार करने में मदद मिलेगी।

इस बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. रेणु जी. पिल्ले, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, ग्रामोद्योग विभाग की प्रमुख सचिव मनिन्दर कौर, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, वित्त विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी., कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पी. व्ही. नरसिंह राव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा व्ही. श्रीनिवास राव सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।

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​​​​​​​सूरजपुर वनमण्डल में एक और मादा हाथी का रेडियो कॉलरिंग http://revoltnewsindia.com/radio-calling-of-another-female-elephant-in-surajpur-forestu200bu200bu200bu200bu200bu200bu200b%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a4%9c%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0-%e0%a4%b5%e0%a4%a8%e0%a4%ae/4110/ http://revoltnewsindia.com/radio-calling-of-another-female-elephant-in-surajpur-forestu200bu200bu200bu200bu200bu200bu200b%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a4%9c%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0-%e0%a4%b5%e0%a4%a8%e0%a4%ae/4110/#respond Wed, 27 Oct 2021 14:41:47 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4110 चार दिवस के भीतर 02 हाथियों का रेडियो कॉलरिंग सफलतापूर्वक सम्पन्न हाथी-मानव द्वंद के नियंत्रण में मिलेगी मदद रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़…

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  • चार दिवस के भीतर 02 हाथियों का रेडियो कॉलरिंग सफलतापूर्वक सम्पन्न
  • हाथी-मानव द्वंद के नियंत्रण में मिलेगी मदद

रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में हाथी-मानव द्वंद पर नियंत्रण के उद्देश्य से विभाग द्वारा चलाये जा रहे महत्वपूर्ण अभियान के तहत 27 अक्टूबर को सूरजपुर वनमण्डल के प्रतापपुर बीट में एक और मादा हाथी का सफलतापूर्वक रेडियो कॉलर किया गया।

ज्ञात हो कि तीन दिवस पूर्व ही 24 अक्टूबर को सरगुजा वृत्त के सूरजपुर वनमण्डल के मोहनपुर, कक्ष क्रमांक पी 2552 में एक मादा हाथी को सफलतापूर्वक रेडियो कॉलर किया गया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की संयुक्त परियोजना के तहत मानव-हाथी द्वंद को कम करने के उद्देश्य से हाथियों के विचरण की जानकारी प्राप्त करने हेतु हाथियों का रेडियो कॉलरिंग करने के अभियान जारी है।

इसके तहत दिनांक 27.10.2021 को सरगुजा वृत्त के सूरजपुर वनमण्डल के प्रतापपुर बीट कक्ष क्र. आरएफ 36 में एक मादा हथनी को रेडियो कॉलरिंग करने में सफलता प्राप्त हुई है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देश पर तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पी. वी. नरसिंग राव के मार्गदर्शन में वन विभाग की स्थानीय टीम तथा साइंटिस्ट-एफ डॉं. पराग निगम, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून एवं उनकी टीम, तमिलनाडु के डॉ. मनोहरन द्वारा रेडियो कॉलरिंग का कार्य किया जा रहा है।

आज 27 अक्टूबर को सूरजपुर वनमण्डल के प्रतापपुर से बनारस रोड, ग्राम सरहरी जंगल, परिक्षेत्र प्रतापपुर, कक्ष क्र. आर. एफ. 36 प्रतापपुर बीट में हाथी दल जिसमें 09 हाथी विचरण कर रहे थे, में से एक हथिनी उम्र 30-35 वर्ष की पहचान कर कुमकी हाथी राजू एवं दुर्योधन के सहयोग से पूर्वान्ह 11ः45 बजे डार्ट किया गया। रेडियोे कॉलरिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात् हाथी दोपहर लगभग 1ः00 बजे अपने दल में वापस मिल गया।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पी. वी. नरसिंग राव द्वारा अभियान की लगातार समीक्षा करते हुए रणनीति तैयार कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।

इस अभियान में मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वृत्त अनुराग श्रीवास्तव, वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं फील्ड डायरेक्टर (एलीफेंट रिजर्व) सरगुजा डॉं. के. मेचियो, भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की टीम, अधीक्षक तमोर पिंगला अभ्यारण्य जयजीत केरकेट्टा, परिक्षेत्र अधिकारी पिंगला अजय सोनी एवं परिक्षेत्र अधिकारी प्रतापपुर लक्ष्मी नरायण ठाकुर, डॉ. पी.के. चंदन, डॉ. सी.के. मिश्रा, डॉ. राकेश वर्मा, लक्ष्मी नारायण, अंकित, समर्थ मंडल, प्रभात दुबे एवं वन विभाग के मैदानी अमले सहित कुमकी हाथी राजू एवं दुर्योधन के महावतों का योगदान सराहनीय रहा।

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शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 24.46 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान http://revoltnewsindia.com/payment-of-more-than-rs-24-46-crore-under-shaheed-mahendra-karma-tendupatta-social-security-scheme/3510/ http://revoltnewsindia.com/payment-of-more-than-rs-24-46-crore-under-shaheed-mahendra-karma-tendupatta-social-security-scheme/3510/#respond Wed, 06 Oct 2021 12:38:39 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3510 रायपुर, 06 अक्टूबर 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वनवासी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके…

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रायपुर, 06 अक्टूबर 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वनवासी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

इसके तहत वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना का कुशलतापूर्वक संचालन हो रहा रायपुर : शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजनारू 1652 प्रकरणों में 24.46 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान है।

राज्य में योजना के अंतर्गत माह जुलाई तक 01 हजार 652 प्रकरणों में 24 करोड़ 46 लाख 45 हजार रूपए की राशि का भुगतान किए जा चुके हैं।

इसके तहत स्वीकृत प्रकरणों में वन मंडलवार बीजापुर अंतर्गत 95 प्रकरणों 01 करोड़ 64 लाख 25 हजार रूपए, सुकमा के 13 प्रकरणों में 21 लाख 20 हजार, दंतेवाड़ा के 36 प्रकरणों में 63 लाख 15 हजार रूपए तथा जगदलपुर के 06 प्रकरणों में 08 लाख 60 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

इसी तरह पश्चिम भानूप्रतापुर के 46 प्रकरणों में 58 लाख रूपए, पूर्व भानूप्रतापुर के 101 प्रकरणों में 01 करोड़ 51 लाख 90 हजार रूपए, कोण्डागांव के 10 प्रकरणों में 13 लाख 65 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

वन मंडलवार नारायणपुर के 29 प्रकरणों में 46 लाख 10 हजार रूपए, कांकेर के 150 प्रकरणों में 02 करोड़ 09 लाख 10 हजार रूपए, केशकाल के 22 प्रकरणों में 32 लाख 10 हजार रूपए तथा मरवाही के 06 प्रकरणों में 10 लाख 30 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

बिलासपुर के 27 प्रकरणों में 32 लाख 20 हजार रूपए, कोरबा के 57 प्रकरणों में 89 लाख 10 हजार रूपए, कटघोरा के 24 प्रकरणों में 30 लाख 20 हजार रूपए, रायगढ़ के 118 प्रकरणों में 01 करोड़ 81 लाख 65 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

इसके अलावा धरमजयगढ़ के 72 प्रकरणों में 01 करोड़ 17 लाख 10 हजार रूपए, जांजगीर-चांपा के 15 प्रकरणों में 26 लाख 60 हजार रूपए, खैरागढ़ के 20 प्रकरणों में 28 लाख 10 हजार रूपए तथा राजनांदगांव के 99 प्रकरणों में 01 करोड़ 19 लाख 30 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

इसी तरह वन मंडलवार बालोद के 21 प्रकरणों में 36 लाख80 हजार रूपए, कवर्धा के 15 प्रकरणों में 25 लाख 20 हजार रूपए, धमतरी के 55 प्रकरणों में 65 लाख 80 हजार रूपए तथा गरियाबंद के 226 प्रकरणों में 03 करोड़ 05 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है।

महासमुंद के 197 प्रकरणों में 03 करोड़ 30 हजार रूपए, बलौदाबाजार के 18 प्रकरणों में 22 लाख 40 हजार रूपए, सरगुजा के 26 प्रकरणों में 50 लाख 60 हजार रूपए तथा सूरजपुर के 30 प्रकरणों में 56 लाख 40 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

इसके अलावा बलरामपुर के 63 प्रकरणों में 01 करोड़ 14 लाख 65 हजार रूपए, कोरिया के 15 प्रकरणों में 18 लाख 55 हजार रूपए, मनेन्द्रगढ़ के 14 प्रकरणों में 24 लाख 90 हजार रूपए तथा जशपुर नगर के 16 प्रकरणों में 22 लाख 25 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।
गौरतलब है कि राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना विगत 5 अगस्त 2020 से

संचालित है। इस योजना के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 18 से 50 वर्ष तक हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दो लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रूपए की राशि अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाती है।

दुर्घटना से पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में दो लाख रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है। इसी तरह तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 51 से 59 वर्ष के बीच हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 30 हजार रूपए

तथा दुर्घटना से मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना में पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में 75 हजार रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।

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लघु वनोपज को उन्नत और बेहतर बनाने वनोपज संघ और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बीच कॉन्ट्रैक्ट http://revoltnewsindia.com/contract-between-forestry-association-and-indian-council-of-agricultural-research-to-upgrade-and-improve-small-scale-forestry/3483/ http://revoltnewsindia.com/contract-between-forestry-association-and-indian-council-of-agricultural-research-to-upgrade-and-improve-small-scale-forestry/3483/#respond Tue, 05 Oct 2021 07:06:19 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3483 छत्तीसगढ़ में संग्राहकों को लघु वनोपजों के उन्नत संग्रहण तथा प्रसंस्करण का मिलेगा लाभ रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के…

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छत्तीसगढ़ में संग्राहकों को लघु वनोपजों के उन्नत संग्रहण तथा प्रसंस्करण का मिलेगा लाभ

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा राज्य में लघु वनोपज संग्रहण कार्य को उन्नत और बेहतर बनाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से अनुबंध किया गया है।

यह अनुबंध राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज संग्राहक आदिवासी तथा अन्य परम्परागत वनवासी परिवारों की बेहतरी की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज के संग्राहकों तथा वन-धन केन्द्रों में प्रसंस्करण तथ मूल्यवर्धन के कार्य में कार्यरत महिला स्व-सहायता समूहों को उनकी मेहनत का बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इस संबंध में राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भारत सरकार के कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय के अधीन कृषि अनुसंधान तथा शिक्षा के अंतर्गत कार्यरत एक स्वशासी संस्था है।

यह देश में कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन तथा पशुविज्ञान में समन्वय स्थापित करने तथा मार्गदर्शन देने वाली सर्वाेच्च संस्था है। इस अनुबंध के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ को संग्रहण, भंडारण तथा प्रसंस्करण हेतु नवीनतम उपकरण तथा तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराएंगे।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से समझौते के तहत उपलब्ध आधुनिकतम उपकरणों तथा तकनीकी का प्रयोग, लघु वनोपज संग्रहण में लगे लोगों की मेहनत कम करेगा तथा उन्नत संग्रहण सुनिश्चित होगा। साथ ही नई तकनीक के प्रयोग से वनोपजों की साफ-सफाई, छटाई, गोदामीकरण में सुधार तथा सरलता के साथ ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ में नये उत्पादों का समावेश होगा और वन-धन केन्द्रों की उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी।

इसके अलावा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों से उपलब्ध तकनीकी के प्रयोग से संग्राहकों तथा स्व-सहायता समूहों को अधिक आमदनी, बढ़ा हुआ लाभांश तथा छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित समाज कल्याण की योजनाओं जैसे- सामाजिक सुरक्षा, बीमा, छात्रवृत्ति आदि का अधिक से अधिक लाभ मिलेगा।

इस तरह छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा पुनः सिद्ध किया गया है कि वह राज्य के हाशिए पर रहने वाले गरीब परिवारों के उत्थान में सदैव मददगार है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कोदो-कुटकी एवं रागी के बेहतर प्रसंस्करण कार्य के लिए भारतीय मिलेट अनुसंधान संस्थान के साथ समझौता किया जा चुका है।

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