chhattisgarh congress Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/chhattisgarh-congress/ News for India Tue, 22 Mar 2022 09:43:18 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png chhattisgarh congress Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/chhattisgarh-congress/ 32 32 174330959 ब्रेकिंगः कांग्रेस ने खैरागढ़ में खेला ओबीसी कार्ड, यशोदा वर्मा को बनाया प्रत्याशी http://revoltnewsindia.com/breaking-congress-played-obc-card-in-khairagarh-made-yashoda-verma-verma-its-candidate/7171/ http://revoltnewsindia.com/breaking-congress-played-obc-card-in-khairagarh-made-yashoda-verma-verma-its-candidate/7171/#respond Tue, 22 Mar 2022 09:29:42 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7171 रायपुर। खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने ओबीसी कार्ड खेलते हुए खैरागढ़ की स्थानीय महिला प्रत्याशी यशोदा वर्मा काे अपना प्रत्याशी बनाया है। आज नई दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी…

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रायपुर। खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने ओबीसी कार्ड खेलते हुए खैरागढ़ की स्थानीय महिला प्रत्याशी यशोदा वर्मा काे अपना प्रत्याशी बनाया है। आज नई दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय से प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया गया है। इसके पहले दावेदाराें में दूसरी महिला प्रत्याशियाें का नाम आगे चल रहा था।

खैरागढ़ ब्लाक कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष यशोदा वर्मा लंबे समय से कांग्रेस की सियासत में सक्रिय हैं। यशोदा वर्मा ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले जिला पंचायत की सदस्य रही हैं। उनके पति नीलांबर वर्मा जनपद के सदस्य रहे हैं। दोनों पार्टी में लगातार सक्रिय हैं। पति-पत्नी दोनों ने ही उपचुनाव में दावेदारी की थी। लेकिन पार्टी की मुहर यशोदा वर्मा के नाम पर लगी है।

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‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म देखने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान, जानें-क्या दी प्रतिक्रिया… http://revoltnewsindia.com/chief-minister-bhupesh-baghels-big-statement-after-watching-the-film-the-kashmir-files-know-what-was-the-reaction/7087/ http://revoltnewsindia.com/chief-minister-bhupesh-baghels-big-statement-after-watching-the-film-the-kashmir-files-know-what-was-the-reaction/7087/#respond Thu, 17 Mar 2022 10:30:41 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7087 द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सेंसर बोर्ड और फिल्म के डायरेक्टर पर सवाल उठाया है, उन्होंने कहा है कि दिमाग बोझिल हो…

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द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सेंसर बोर्ड और फिल्म के डायरेक्टर पर सवाल उठाया है, उन्होंने कहा है कि दिमाग बोझिल हो गया, इसमें सिर्फ हिंसा दिखाई गई है।

रायपुर। देश में इन दिनों फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर जमकर चर्चा हो रही है। इसी बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के नेताओं ने पूरा शो बुक करके देखा है। फिल्म देखने के लिए सीएम भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के साथ कई कैबिनेट मंत्री और कांग्रेसी नेता मैग्नेटो मॉल पहुंचे थे। पूरी फिल्म देखने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फिल्म को लेकर बीजेपी पर बोला हमला
दरअसल कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी फिल्म को लेकर सीएम ने मीडिया से बातचीत के दौरान बीजेपी पर जमकर हमला बोला और फिल्म के डायरेक्टर और सेंसर बोर्ड को भी आड़े हाथ लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिक्चर आधी अधूरी है, पूरा सच नहीं बताया गया है, कोई संदेश देने की कोशिश नहीं की गई, केवल हिंसा को दिखाया गया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कश्मीर में जो आतंकवादी घटनाएं हुई उस पर बनाई गई फिल्म है। जिसमें एक परिवार की घटना है।

‘विस्थापन के दौर में बीपी सिंह थे पीएम’
सीएम ने आगे बीजेपी पर निशाने साधते हुए कहा कि इस पिक्चर में एक राजनीति संदेश देने की कोशिश की गई है। कश्मीरी पंडितों का जिस समय विस्थापन हुआ, यह 1989-90 का दौर था। बीपी सिंह जी प्रधानमंत्री थे, बीजेपी के नेता अटल बिहारी वाजपेई जी और लाल कृष्ण आडवाणी जी नेतृत्व कर रहे थे। राज्यपाल ने कश्मीरी पंडित को रोकने का प्रयास नहीं किया बल्कि कश्मीरी पंडित को उन्होंने जाने के लिए कहा और वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। लेकिन वहां सेना भेजी नहीं गई थी। सेना तब भेजी गई जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने लोकसभा में घेराव करते हैं।

‘आर्टिकल 370 हटाकर केवल राजनीति हुई’
आगे फिल्म को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी कश्मीरी पंडित की समस्या वही है। आर्टिकल 370 हटा दिया गया लेकिन उनको बसाने का काम नहीं हो रहा है. जब अटल जी की सरकार थी तब भी नहीं हुआ, जब मोदी की सरकार आई तब भी नहीं हो रहा है. 370 हटे कितने दिन हो गए लेकिन किसी को बसाने की कोशिश नहीं की गई। इस सरकार ने भी 370 हटा कर केवल राजनीति की है। मुख्यमंत्री बघेल ने आरोप लगाया कि 370 हटा तो बोले कि कश्मीर में जमीन लेंगे। कश्मीरी पंडितों को जो सहायता देनी चाहिए वो नहीं मिली, पेंशन नहीं बढ़ाई गई।

सेंसर बोर्ड और फिल्म के डायरेक्टर पर उठाया सवाल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिल्म के डायरेक्टर पर सवाल उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फिल्म में भी कोई समाधान नहीं दिखाया गया। जब कोई फिल्म बनाते हैं किसी समस्या को उठाते हैं। डायरेक्टर समाधान भी बताते हैं, लेकिन डायरेक्टर ने समाधान नहीं बताया केवल एक लेक्चर दिया गया है। द कश्मीर फाइल्स में निश्चित रूप से हिंसा दिखाई गई है। किसी बच्चे के मन में अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम लोग भी देखें तो दिमाग बोझिल हो गया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि लगातार गोली, हिंसा, विभत्स दृश्य दिखाया गया है। इसके अलावा सेंसर बोर्ड पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले कि सेंसर बोर्ड की तो आजकल कोई महत्व रहा नहीं है। किस पिक्चर को दिखाना है? किस को नहीं दिखाना है? उसके बारे में कोई कमेंट करने का औचित्य रहा नहीं है।

फिल्म के डायरेक्टर प्रधानमंत्री से मिले तो क्यों नहीं की टैक्स फ्री करने की मांग- मुख्यमंत्री बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ बीजेपी की मांग पर करारा पलटवार किया है। फिल्म के डायरेक्टर ने मुझे भी टैक्स फ्री के लिए अपील किया था। फिल्म के डायरेक्टर प्रधानमंत्री से मिले तो देश भर में टैक्स फ्री करने की मांग करते, क्यों नहीं की? आधा सच दिखाया गया है, हालांकि हीरो कृष्णा है उसके भाषण में सारी बातें कह दी जाती है। जो भी भारत के प्रति सद्भावना रखते हैं। अपने आप को भारतीय समझते हैं। वह चाहे सिख, बुद्धिस्ट, मुस्लिम हो सब की हत्या हुई है। मंदिर भी तोड़ गए मस्जिद भी तोड़े गए। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, धर्म की आड़ में हिंसा करते हैं और इसकी राजनीति को हम लोगों को समझना होगा।

‘बीजेपी इस फिल्म से 2024 को तैयारी कर रही’
मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये लोग इस फिल्म से यह राजनीति करना चाहते हैं, इसके माध्यम से 2024 की तैयारी कर रहे हैं. बहुत गलत दिशा में देश को ले जाने वाली बात है. उस समस्या का समाधान ढूंढना जाना चाहिए। कश्मीरी पंडितों को वापस बसाने के लिए भारत सरकार ने कुछ नहीं किया और उनको जो पेंशन मिलता है उसमें कोई वृद्धि नहीं की गई. सीएम आगे कहा कि इस फिल्म में उस प्रकार की संदेश देने की कोशिश की गई है, लेकिन मुझे लगता है वह सफल नहीं होंगे।

‘बीजेपी के मंत्री आतंकवादियों को छोड़ने जाते थे’
छत्तीसगढ़ के मुखिया ने कहा कि ऐसी हिंसक पिक्चर दिखाने से समाज में कोई अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा। जो घटना घटी है उसकी मैं निंदा करता हूं, जितने बार मौका मिलेगा उतने बार निंदा करूंगा। आतंकवाद का कभी भी कोई समर्थन नहीं हो सकता, लेकिन एक तरफा दिखाया जाना यह उचित नहीं है। इन्हीं के शासनकाल में इन्हीं के समर्थन में सब कुछ हुआ। सीएम ने कहा कि इनके गृह मंत्री की बेटी को छुड़ाने के लिए आतंकवादी को छोड़ा जाता है। उनके मंत्री तक टेरेरिस्ट को छोड़ने गए थे। जो बाद में भारत में कितनी हिंसा हुई थी उसका खामियाजा हम लोग भुगते हैं। बीजेपी के समर्थन में जो सरकार बनी तब इनके मंत्री आतंकवादियों को छोड़ने गए थे।

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नगर निगम के बजट में महापाैर एजाज ढेबर ने खाेला सुविधाओं का पिटारा… http://revoltnewsindia.com/in-the-budget-of-the-municipal-corporation-mayor-ejaz-dhebar-opened-a-box-of-facilities/7059/ http://revoltnewsindia.com/in-the-budget-of-the-municipal-corporation-mayor-ejaz-dhebar-opened-a-box-of-facilities/7059/#respond Tue, 15 Mar 2022 15:45:47 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7059 रायपुर। नगर निगम का वर्ष 2022-23 का अनुमानित बजट महापौर एजाज़ ढेबर ने आज पेश। इसमें रायपुर वासियाें के लिए सुविधाओं का पिटारा खाेला गया है। बजट में संतुलित विकास…

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रायपुर। नगर निगम का वर्ष 2022-23 का अनुमानित बजट महापौर एजाज़ ढेबर ने आज पेश। इसमें रायपुर वासियाें के लिए सुविधाओं का पिटारा खाेला गया है। बजट में संतुलित विकास पर जोर दिया गया है। कोई बड़े वादे नहीं किए गए हैं। पुराने या हाल ही में शुरु हुए कार्यों के क्रियान्वयन पर बल दिया गया है।

बजट में बताया गया है कि रायपुर शहर की लाइफ लाइन खारून नदी के शुद्धिकरण की दिशा में बड़ी पहल होगी। लघु व्यवसायियों के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी। शहर को टैंकर मुक्त किया जाएगा। निगम के सभी 10 जोन में एम्बूलेंस की व्यवस्था की जाएगी। मुक्ति धामों में अंतिम संस्कार हेतु निम्न आय वर्ग के लोगों को निशुल्क गौ काष्ठ उपलब्ध कराया जाएगा। स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 80 क्लीनिक खोले जाएंगे।

ये हैं वादे किए गए बजट में
1. रायपुर की जीवनदाायिनी खारुन नदी के शुद्धिकरण का लक्ष्य आगामी 3 वर्षों की कार्य योजना में शामिल किया गया है। इसके तहत रायपुर शहर से बहकर नदी में पहुंचने वाले अपशिष्ट मिश्रित 17 नालों के पानी शुद्धिकरण हेतु 206 एमएलडी के चाार एसटीपी शुरु होंगे।

2. पौनी पसारी योजना व नये वेंडिंग जोन का निर्धारण कर लघु व्यवसायियों को सुगम व्यवसाय के  लिए सहायता करने पूरे नगर निगम क्षेत्र में कार्य योजना तैयार कर इसका क्रियान्वयन किया जाएगा।

3. टैंकर मुक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने अमृत मिशन योजना का त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।

4. संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। मरीजों को समय पर एम्बुलेंस जैसी ज़रूरी सुविधाएं तत्काल प्राप्त हों इसके लिए सभी 10 जोन में पृथक-पृथक 10 एम्बुलेंस की व्यवस्था नगर निगम व्दारा की जाएगी।

5. परिवार में  किसी सदस्य की मृत्यु के उपरांत शव को सूरक्षित रखने डी प्रीजर की आवश्यकता महसूस की जाती है। रायपुर नगर निगम इस दिशा में संवेदनशील पहल करते हुए निगम के सभी 10 जोन में पृथक-पृथक डी प्रीजर की सुविधा उपलब्ध कराएगा।

6. नगर निगम क्षेत्र के सभी मुक्तिधामों में दाह संस्कार हेतु गौ काष्ठ उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें निम्न आय वर्ग के लोगों को उनके मृत परिजनों के दाह संस्कार हेतु निशुल्क गौ काष्ठ निगम व्दारा उपलब्ध कराया जाएगा।

7. इस वित्तीय वर्ष में निर्धन परिवारों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने भाटागांव स्थित बिन्नी बाई सोनकर उत्कृष्ट विद्यालय का अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में उन्नयन करके सुविधा संपन्न बनाया जाएगा।

8. घरेलू ज़रूरत की उपयोगी सेवाए जैसे कारपेंटर, प्लंबर, टीवी, फ्रीज, कूलर, मैकेनिक आदि की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने ऑन लाइन पोर्टल एप तैयार किया जाएगा। इससे स्थानीय कामगारों को रोजगार मिलेगा एवं आम लोगों को घर बैठे उनकी ज़रूरतें पूरी होंगी।

9. स्वास्थ्य सेवा की पहुंच सुगमतापूर्वक हर घर तक हो सके इसके लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का कवरेज बढाया जाएगा एवं मोहल्ला क्लीनिक स्थापित होंगे। मोहल्ला क्लीनिक हेतु शासन व्दारा 70 वार्डों में एवं 10 जोन कार्यालयों में कुल 80 क्लीनिक की स्थापना की जाएगी। प्रत्येक मोहल्ला क्लीनिक हेतु 25-25 लाख की स्वीकृति शाासन से प्राप्त होगी।

10. शासकीय विद्यालयों को अध्ययन, अध्यापन के साथ अधोसंरचना तौर पर विकसित कर बौद्धिक, शैक्षिक, खेल व साांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने सुदृढ़ आधारशिला  तैयार की जाएगी।

11. रायपुर के खेल मैदानों को सुविधाजनक रूप से विकसित करने के साात तालाबों व उद्यानों को भी नया कलेवर आगामी 3 वर्षों में दिया जाएगा।

ये सुविधाएं मिलेंगी नागरिकाें काे
श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर :- छत्तीसगढ़ राज्य के निर्धन के एवं मध्यम वर्गीय परिवार चिकित्सा एवं दवा पर होने वाले व्यय के भार से चिंतामुक्त हो सकें, दवाएं रियायती दर पर एवं सबकी पहुंच पर हो, इस उद्देश्य से आम नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की जेनेरिक दवाइयां सस्ती दरों पर सुलभ कराने हेतु छत्तीसगढ़ में श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना संचालित की जा रही है। राज्य प्रवर्तित श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजनांतर्गत नगर निगम, रायपुर क्षेत्र में भी धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर से रियायती दर पर दवाएं उपलब्ध है। इसके तहत प्रथम चरण में नेताजी सुभाष स्टेडियम एवं अमलीडीह मोहल्ला क्लीनिक के समीप 19 अक्टूबर 2021 से जेनेरिक मेडिकल स्टोर शुरू किया गया। अगले चरण में नगर निगम रायपुर द्वारा कैनाल लिंकिंग रोड,

अंतर्राज्यीय बस स्टैंड, डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल एवं जी.ई. रोड आयुर्वेदिक कॉलेज के समीप भी जेनेरिक मेडिकल स्टोर की स्थापना की गई है। इन दवा दुकानों पर दवाएं गुणवत्तायुक्त एवं 72% तक रियायती दरों पर उपलब्ध होने से निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के लिए दवाओं पर होने वाला खर्च को कम करने में सहायता मिली हैं लाखों गरीब परिवार, जो आर्थिक तंगी के कारण दवा खरीदने में असमर्थ थे, उन्हें राज्य सरकार के इस प्रयास से एक बड़ी मदद पहुंची है।

मुख्यमंत्री स्लम योजना एवं धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना से अब सैकड़ों परिवार सीधे तौर पर जुड़कर कम राशि खर्च कर दवा खरीदने में सक्षम होकर अपनी बीमारी का सही उपचार करा रहे हैं। इन जेनेरिक दवाओं के रियायती दर पर विक्रय से 24 हजार से ज्यादा परिवार लाभान्वित हुए हैं। इन परिवारों को लगभग एक करोड़ 10 लाख की रियायत प्राप्त हुई है। यदि ये परिवार इन्ही दवाइयों को अन्य दुकानों से क्रय करते तो इन्हें लगभग एक करोड़ 77 लाख रुपये खर्च करने पड़ते इस एक करोड़ 10 लाख रूपये की बचत राशि को ये परिवार अब अपने जीवन की बेहतरी एवं अन्य आवश्यक कार्यों के लिए उपयोग करेंगे।

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना :- न्यूनतम आय वर्ग के ऐसे बच्चें, जिनके पालक सुविधा व संसाधनों के अभाव में अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा उपलब्ध कराने में स्वयं को असमर्थ महसूस करते हैं, इन परिवारों के सपनों को साकार करने के लिए अंग्रेजी माध्यम में निःशुल्क गुणवत्तायुक्त उच्च स्तरीय शिक्षा-संसाधन सुलभ कराने हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना का शुभारंभ किया गया है। गत वित्तीय वर्ष में शासकीय बी. पी. पुजारी स्कूल में इस योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम में अध्यापन की सुविधा शुरू की गई थी।

वर्ष 2021-22 में नगर निगम रायपुर क्षेत्र के शासकीय स्कूलों आर.डी. तिवारी स्कूल, बी पी पुजारी एवं शहीद स्मारक स्कूल में भी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रारंभ की गई। वर्तमान में इन तीनों स्कूलों में 2144 विद्यार्थी अध्ययन प्राप्त कर अपने कैरियर को नई दिशा दे रहे हैं। इन स्कूलों में निम्न आय वर्ग से जुड़े परिवारों के साथ, शासकीय, अशासकीय संस्थानों, सीमांत व बड़े व्यवसायी परिवारों के बच्चे एक साथ अध्ययन कर सामाजिक समरसता की एक नई इबारत लिख रहे हैं।

निजी अंग्रेजी स्कूलों से भी उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित इस विद्यालय में बौद्धिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ ही खेल गतिविधियों को भी व्यापक प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसकी वजह से यहां अध्यनरत बच्चें ज्ञान, विज्ञान के साथ ही राष्ट्रीय स्तर की खेल गतिविधियों में भी अपना परचम लहरा रहे हैं। इस योजना के तहत चयनित इन विद्यालयों में कक्षा 1 से 12वीं तक अंग्रेजी माध्यम में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है।

अध्यापन कार्य हेतु पृथक सेट-अप तैयार कर शैक्षणिक वातावरण तैयार किया गया है और वर्चुअल क्लास एवं स्मार्ट क्लास के माध्यम से अध्यापन कार्य का संचालन योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों द्वारा किया जाता है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में आधुनिक प्रयोगशाला, कम्प्यूटर कक्ष, उन्नत लाइब्रेरी तैयार की गई है। बी.पी. पुजारी स्कूल में राष्ट्रीय स्तर का बास्केटबॉल मैदान तैयार किया गया है, साथ ही आर.डी. तिवारी स्कूल के खेल मैदान के उन्नयन हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है।

सरोवर सौंदर्यीकरण कार्य :- तालाबों के शहर के रूप में ख्यातिलब्ध रायपुर के पुराने तालाब अपना अस्तित्व खोने लगे थे, अवैध अतिक्रमण, सुविधा विहीन तालाबों से आम नागरिक दूर होते जा रहे थे। ऐतिहासिक विरासत को संवारने व संजोने के अपने अहम प्रयासों की कड़ी में रायपुर नगर निगम ने शहर के महत्वपूर्ण तालाबों के सफाई, संरक्षण, संवर्धन और सौंदर्यीकरण का निर्णय लेते हुए इन तालाबों को पुनर्जीवित व पुनः प्रतिष्ठित करने का संकल्ला लिया है।

जो कि तालाबों की विरासत को संरक्षित करने की ऐतिहासिक पहल है। रायपुर में ऐतिहासिक विरासत के रूप में अपनी पहचान रखने वाले बूढ़ातालाब- स्वामी विवेकानंद सरोवर सहित 42 तालाबों का 53 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण की योजना तैयार कर इस पर क्रियान्वयन शुरू किया गया है। सरोवर को धरोहर के रूप में सुरक्षित रखने के इन प्रयासों का प्रतिफल है कि शहर के तालाब, जिनसे बच्चों, बड़ों के बीच दूरी बनती जा रही थी, अब वहां निर्मित सुंदर बाग-बगीचे, पाथवे, क्रीडा केन्द्र फिर से गुलजार हो कर इन तालाबों को पुनः नई पहचान दे रहे हैं।

शहर की अनमोल विरासत से आम लोगों को जोड़ने वाले बूढ़ातालाब का सौंदर्यीकरण की शुरूआत वर्ष 2020 में हुई। दो चरणों में निर्धारित कार्य योजना के प्रथम चरण में तालाब की गंदगी, कचरे, जल कुंभियों, जमे गाद को दूर कर तालाब के पानी को स्वच्छ किया गया है। तालाब के किनारे नव निर्मित संरचना से स्वामी विवेकानंद जी की विशाल प्रतिमा तक पहुंचने हेतु फ्लोटिंग जल सेतु का निर्माण किया गया, साथ ही आकर्षक प्रवेश द्वार चिल्ड्रन पार्क, दो स्तरीय पाथवे, म्यूजिकल फाउंटेन, आकर्षक लैण्ड स्केपिंग और जगमगाती रोशनी के बीच नौकायान का आनंद रायपुर निवासियों के साथ-साथ प्रदेश भर से पहुंचने वाले पर्यटक ले रहे हैं।

बूढ़ा तालाब विकास योजना के द्वितीय चरण का कार्य प्रगतिरत है तथा ओपन थिएटर एंव चॅडिंग जोन निर्मित कर रायपुरवासियों के दैनिक जीवन के अभिन्न अंग के रूप में विकसित करने की योजना है, जो इस तालाब के संरक्षण एवं संवर्धन को आत्मनिर्भरता प्रदान करेगा। तालाब संवर्धन की इन योजनाओं के पूरा हो जाने से आम निस्तारी के लिए लोगों को अपने क्षेत्र में उपयुक्त तालाब सुलभ होगा और इनके संवर्धन से जल संरक्षण की दिशा में सहायता मिलेगी।

उद्यानों का विकास :- आम नागरिकों को आमोद-प्रमोद, व्यायाम व सैर के लिए सुव्यवस्थित स्थल उपलब्ध कराने की योजना के तहत नगर निगम रायपुर एवं रायपुर स्मार्ट सिटी लिमि. द्वारा लगभग 32 करोड़ रुपये की लागत से 48 उद्यानों को स्मार्ट सेल्फ सस्टेनेबल रूप में विकसित करने की योजना तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करकमलों से 13 जून 2021 को द्वितीय चरण के अंतर्गत प्रस्तावित शेष 30 उद्यानों के विकास कार्यों का शुभारंभ किया गया। नगर निगम रायपुर एवं रायपुर स्मार्ट सिटी लिमि. द्वारा उन स्थलों को भी उद्यान के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो रिक्त शासकीय भू-खंड होने के कारण कतिपय लोगों द्वारा बेजा कब्जा कर स्वतः उपयोग में लाया जा रहा था।

स्मार्ट रोड योजना का क्रियान्वयन :- तेजी से महानगर का स्वरूप ले रहे रायपुर शहर में सघन आबादी व आवाजाही वाले क्षेत्रों में अबाधित यातायात व पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु स्मार्ट रोड योजना की परिकल्पना रायपुर में पूरी हो रही है। प्रथम कार्य योजना के अंतर्गत रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा ऑक्सीजोन के समीप 220 मीटर सड़क को जी.ई. रोड से राजा तालाब रोड तक जोड़ने हेतु स्मार्ट रोड निर्मित किया गया था। गत वित्तीय वर्ष में

175 रूपये की लागत से शहर के महत्वपूर्ण 7 मार्गों को स्मार्ट सड़क के रूप में चिन्हित कर इन्हें विकसित करने की योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ किया गया है। रायपुर नगर की सड़कों को सु-व्यवस्थित, सु-नियोजित व जन सुविधा अनुरूप उन्नत करने हेतु स्मार्ट सड़क योजना का भूमिपूजन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करकमलों से 13 जून 2021 को हुआ है।

इसके तहत खालसा स्कूल से कलेक्ट्रेट चौक, शास्त्री चौक से जयस्तंभ होकर फाफाडीह चौक, विद्यावरण शुक्ल चौक से महिला थाना चौक होकर राजीव गांधी चौक तक एवं कोतवाली से महात्मा गांधी सदन नगर पालिक निगम कार्यालय तक, कालीबाड़ी-कोतवाली जयस्तंभ चौक, बूंदेश्वर मंदिर-लाखेनगर, बुढ़ातालाब परिधि महाराजबंध तालाब, स्मार्ट रोड (फेस-2) सौंदर्यीकरण कार्य, आमापारा चौक से लाखे नगर होकर राजकुमार कॉलेज जीई रोड तक स्मार्ट सड़क का निर्माण होगा।

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महापौर एजाज ढेबर गोबर से बने ब्रीफकेस लेकर पहुंचे निगम, मां के पैर चूम घर से निकले बजट पेश करने http://revoltnewsindia.com/mayor-ejaz-dhebar-arrived-with-a-briefcase-made-of-cow-dung-kissed-his-mothers-feet-to-present-the-budget/7034/ http://revoltnewsindia.com/mayor-ejaz-dhebar-arrived-with-a-briefcase-made-of-cow-dung-kissed-his-mothers-feet-to-present-the-budget/7034/#respond Tue, 15 Mar 2022 10:44:14 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=7034 रायपुर। रायपुर नगर निगम वर्ष 2022-23 के लिए महापौर एजाज ढेबर अपना बजट पेश करने जा रहा है। महापौर एजाज ढेबर अपने घर से मां के पैरों को चूम कर…

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रायपुर। रायपुर नगर निगम वर्ष 2022-23 के लिए महापौर एजाज ढेबर अपना बजट पेश करने जा रहा है। महापौर एजाज ढेबर अपने घर से मां के पैरों को चूम कर और हाथ में गोबर से बना ब्रीफकेस लेकर रायपुर नगर निगम पहुंचे। राज्य गीत गाकर सभी पार्षदों की मौजूदगी में नगर निगम की सामान्य सभा शुरू हुई। जिसमें बजट पेश किया जाना है।

महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि मां की आशीर्वाद के साथ शहर के विकास का प्रयास करूंगा

मंगलवार को सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई। बैठक शुरू होते ही भजपा के पार्षदों ने सम्पतिकर, यूजर चार्ज और गोलबाजार के मामले को लेकर सभापति से जवाब मांगने के लिए निवेदन किया, लेकिन जवाब नहीं मिला तो भजपा के पार्षदों ने नारेबाजी कर हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा के आठ पार्षदों ने टेबल के ऊपर खड़े होकर हंगामा करने लगे। इसपर सभापति ने आठों पार्षदों के निलंबित कर दिया था।

निलबंन के बाद भाजपा के सभी पार्षद सदन से बाहर निकलकर महापौर हाय- हाय के नारे लगाने लगे। इस दौरान सदन की करवाई चलती रही। छह पार्षदों ने इस बार मच्छर, आवारा मवेसी और सामुदायिक भवन पर सवाल लगाकर जबाब मांगा था। जिसका एमआइसी के सदस्यों ने जबाब दिया।

महापौर एजाज ढेबर के आग्रह पर भाजपा के पार्षदों के निलबंन वापस ले लिया है। लेकिन भाजपा के पार्षद अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं। वह नगर निगम मुख्य गेट पर नारे लगा रहे हैं। प्रश्न काल खत्म होते ही एक घंटे के लिए सामान्य सभा की बैठक को आस्थगित कर दिया है।

बता दें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में छत्तीसगढ़ का बजट गोधन से बने सूटकेस में पेश किया था। गोबर से बना सूटकेस काफी चर्चा का विषय और आकर्षण का केंद्र रहा। इसी तर्ज पर मंगलवार को रायपुर नगर निगम का बजट भी गोधन से बने सूटकेस में महापौर एजाज ढेबर के हाथों में नजर आया।

छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव एवं आर्थिक सुदृढ़ीकरण का परिचायक बन चुकी है। इसी गोधन से बने सूटकेस के साथ आज महापौर एजाज ढेबर रायपुर नगर निगम का बजट प्रस्तुत कर रहे हैं। बता कि सीएम भूपेश बघेल की फोटो भी गोधन से बने सूटकेस के साथ सामने आई थी।

सूटकेस पर संस्कृत में ‘गोमय वसते लक्ष्मी’ लिखा था। इसका अर्थ है- गोबर में लक्ष्मी का वास होता है। इस सूटकेस को रायपुर गोकुलधाम गौठान में काम करने वाली महिला स्वयं सहायता समूह ‘एक पहल’ की महिलाओं ने तैयार किया है।

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छत्तीसगढ़ सरकार के बजट से सभी वर्गों को लाभ दिलाने का प्रयास : भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/efforts-are-being-made-to-benefit-all-sections-from-the-budget-of-chhattisgarh-government-bhupesh-baghel/6952/ http://revoltnewsindia.com/efforts-are-being-made-to-benefit-all-sections-from-the-budget-of-chhattisgarh-government-bhupesh-baghel/6952/#respond Fri, 11 Mar 2022 17:03:02 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6952 छत्तीसगढ़ के किसानों और मजदूरों के हित में यदि हमें कर्ज लेना पड़े तो हम लेंगे, राज्य को मिलने वाले केन्द्रीय कर और अनुदान का हिस्सा लगातार हो रहा कम,…

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छत्तीसगढ़ के किसानों और मजदूरों के हित में यदि हमें कर्ज लेना पड़े तो हम लेंगे, राज्य को मिलने वाले केन्द्रीय कर और अनुदान का हिस्सा लगातार हो रहा कम, लाखों अधिकारियों-कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने लागू की गई पुरानी पेंशन योजना, मुख्यमंत्री ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा का दिया जवाब

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि बजट का लाभ सभी वर्गों को मिले। गरीबों के जीवन स्तर में बदलाव आए। सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अच्छे अवसर मिले। गरीबों, आदिवासियों और आम लोगों की जेब में सीधे पैसा जाए और उनके जीवन में बदलाव आए।

उन्होंने कहा कि बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। लोगों को राशन, बिजली, किसानों को निःशुल्क बिजली की व्यवस्था, किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना और भूमिहीन कृषि मजदूरों को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के माध्यम से सहायता दी जा रही हैं। लाखों अधिकारियों-कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों और मजदूरों के हित में यदि हमें कर्ज लेना पड़े तो हम लेंगे, इनको धोखा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से किया गया वादा निभाया है। किसानों को धान का 2500 रूपए क्विंटल देने का वादा किया था। लगातार इसे रोकने की कोशिश की गई। लेकिन हमने कहा कि इससे एक रूपए भी कम नहीं होगा। हमने अपना वादा निभाया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सदन में पूरे बजट के दौरान एक बार भी हमारे सदन के सदस्यों ने टोका-टाकी नहीं की, यह इस बजट की सफलता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने खराब गुणवत्ता की इतनी पतली सड़क बनाई की तीन साल में ही उखड़ गई। उस समय छत्तीसगढ़ नक्सलगढ़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन आज नक्सल घटनाओं में कमी आई है।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष से कहा कि आपने बोनस नहीं दिया और अब हमें कहते हैं कि बोनस दो। पहले केन्द्रीय योजनाओं में केन्द्र का हिस्सा 90 प्रतिशत होता था। बाद में यह 60 प्रतिशत और वर्तमान में राज्य और केन्द्र का हिस्सा 50-50 प्रतिशत हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों की कर्जमाफी की, 25 सौ में धान खरीदा, आज किसान अपने पसंद का मकान बना रहे हैं।

उन्होंने केन्द्र सरकार के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय गुणवत्ता परीक्षकों के माध्यम से पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में निर्मित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों का परीक्षण करवाया गया, जिसमें 99.75 प्रतिशत कार्य संतोषप्रद पाया गया। छत्तीसगढ़ सड़क निर्माण में 85 प्रतिशत उपलब्धि के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। इसके लिए भारत सरकार ने 221 करोड़ रूपए का पुरस्कार छत्तीसगढ़ को प्रदान किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में 6000 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत की निविदा जारी की गई है, 3342 किलोमीटर की स्वीकृति जारी की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ को अनुदान और केन्द्रीय करों में हिस्सा कम दे रही है। जबकि हम राज्य के राजस्व में लगातार वृद्धि कर रहे है। ऐसा पहली बार हुआ है कि केन्द्रीय कर अनुदान और छत्तीसगढ़ का राजस्व बराबर है। छत्तीसगढ़ का राजस्व 44 हजार 500 करोड़ रूपए और केन्द्रीय कर अनुदान भी 44 हजार 500 करोड़ रूपए है। उन्होंने जीएसडीपी के संबंध में कहा कि वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ का जीएसडीपी 11.54 जबकि केन्द्र का 9.2 प्रतिशत रहा। वर्ष 2020-21 में जब कोरोना पीक पर था, केन्द्र का जीएसडीपी माईनस 7.7 था।

उस समय छत्तीसगढ़ में इसे 1.7 में रोकने में सफलता पायी। छत्तीसगढ़ ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक से कम ऋण लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के 15 साल में 4 मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हुए। हमारे तीन वर्ष में कोरबा, कांकेर, महासमुंद मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली और दुर्ग के निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया गया। राज्य में कुपोषण में कमी आई है। हम बीपीएल और एपीएल परिवारों को 35 किलो प्रति परिवार चावल दे रहे हैं। राज्य सरकार 68 लाख कार्डधारियों को राशन दे रही है। इस बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। राज्य सरकार नौकरी दे रही है, इसलिए हमारा स्थापना व्यय बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना से पशुपालन और डेयरी के व्यवसाय के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है, खेत की सुरक्षा हो रही है। प्रधानमंत्री ने भी छत्तीसगढ़ में किए गए गोबर से नवोन्वेष को पूरे देश में लागू करने की बात कही है। केन्द्र सरकार और लोकसभा का दल छत्तीसगढ़ की इस योजना के अध्ययन के लिए आ रही है।

उन्होंने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष हिन्दी माध्यम के 32 स्वामी आत्मानंद स्कूल प्रारंभ किए जाएंगे। हमारी कोशिश होगी कि हर जिले में कम से कम ऐसा एक स्कूल प्रारंभ हो। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में बस्तर और सरगुजा में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुई हैं। वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शराब और गांजे की अवैध तस्करी रोकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत भू-भाग में वन है। हमारी कोशिश है कि वनों में रहने वाले लोगों के जीवन में परिवर्तन आए। इन क्षेत्रों में वन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया है। वहीं कोरोनाकाल में भी लघुवनोेपजों की खरीदी की गई है। छत्तीसगढ़ ऐसा अकेला राज्य है जहां कोदो-कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है।

लाख पालन और मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। हमारी कोशिश है कि लोगों की आय बढ़े, उनके जीवन स्तर में बदलाव आए, कुपोषण खत्म हो और लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय कमलविहार जैसी आवासीय योजनाएं प्रारंभ की गई, नई राजधानी बनाई गयी, लेकिन लोग वहां नहीं बस रहे हैं। इन योजनाओं के लिए आपने कर्ज लिया जिसे हम पटा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बजट भाषण : छत्तीसगढ़ विधानसभा, रायपुर 09 मार्च 2022 http://revoltnewsindia.com/budget-speech-of-chief-minister-bhupesh-baghel-chhattisgarh-legislative-assembly-raipur-09-march-2022/6877/ http://revoltnewsindia.com/budget-speech-of-chief-minister-bhupesh-baghel-chhattisgarh-legislative-assembly-raipur-09-march-2022/6877/#respond Wed, 09 Mar 2022 14:19:12 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6877 माननीय अध्यक्ष महोदय,अपनी सरकार का चौथा बजट प्रस्तुत करने के पूर्व मैं युद्ध की विभीषिका से आशंकित संपूर्ण विश्व के लिये मंगल.कामना, यजुर्वेद की इन पंक्तियों के साथ करना चाहता…

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माननीय अध्यक्ष महोदय,
अपनी सरकार का चौथा बजट प्रस्तुत करने के पूर्व मैं युद्ध की विभीषिका से आशंकित संपूर्ण विश्व के लिये मंगल.कामना, यजुर्वेद की इन पंक्तियों के साथ करना चाहता हूँ
ॐ विश्वानि देव सवितः दुरितानि परा सुव।
यत्भद्रम् तत् न आसुव।।

अध्यक्ष महोदय,
मेरा सौभाग्य है कि भारत की आजादी की 75 वीं सालगिरह के वर्ष में मैं अपनी सरकार का यह बजट प्रस्तुत कर रहा हूँ। मुझे संतोष है कि बीते तीन वर्षाें के दौरान हमारी सरकार ने आजादी के नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये हैं। बापू की स्मृतियों को संजोने एवं उनके विचारों पर आधारित विकास के रास्तों को प्रदर्शित करने के लिये नवा रायपुर में सेवा ग्राम की स्थापना की जायेगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 100 करोड़ है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस पर व्यय हेतु नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।

2. हमने अपनी विरासत और विकास योजनाओं को लेकर जो कहा था, उसे करके भी दिखाया है। जिसके कारण ग्रामीण तथा वनांचलों में रोजगार के नये अवसर बने हैं तथा हमें ग्राम केन्द्रित नयी अर्थव्यवस्था स्थापित करने में सफलता मिली है। विकास के इस ‘‘छत्तीसगढ़ मॉडल’’ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।

3. हमारी सरकार द्वारा पहले वर्ष में ही 17 लाख 96 हजार किसानों का 8 हजार 744 करोड़ रूपये का कृषि ऋण माफ किया गया। किसानों से धान की खरीदी 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर की गयी। खरीफ 2018 के धान हेतु 15 लाख 77 हजार किसानों को 6 हजार 22 करोड़ रूपये की बोनस.राशि का तत्काल भुगतान किया गया।

4. बस्तर के विकास का नया अध्याय शुरू करते हुए संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है। हमारे इस कदम से वहाँ के निवासियों को कृषि एवं व्यवसाय हेतु पट्टे दिये जा सकेंगे। नये उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी। शासकीय भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य गतिविधियों के लिये भी सरलता से भूमि उपलब्ध हो सकेगी।

5. राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में 6 हजार वार्षिक सहायता राशि दी जा रही है। इस वर्ष 3 लाख 54 हजार 513 भूमिहीन कृषि मजदूरों को 71 करोड़ 08 लाख की प्रथम किश्त का भुगतान किया जा चुका है। आगामी वर्ष से 6 हजार वार्षिक सहायता की राशि को बढ़ाकर 7 हजार करने की घोषणा करता हूँ।

6. प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के देवस्थलों पर पूजा करने वाले व्यक्ति, जिन्हें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी इत्यादि भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है, का आदिवासियों के सांस्कृतिक जीवन एवं सामाजिक संस्कारों में विशेष महत्व है। आदिवासियों के सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्कार को जीवित रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इन पुजारियों/बैगा/गुनिया/मांझी आदि जिनमें आदिवासियों के देवस्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया भी शामिल है, को राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ दिये जाने की घोषणा करता हूँ।

7. सुराजी गांव के स्वप्न को साकार करने के लिये प्रदेश में स्थापित गोठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जायेगा। इन औद्योगिक पार्कों में स्थानीय खाद्य उत्पादों एवं लघु वनोपज उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन (टंसनम ।ककपजपवद) के लिये प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना की जायेगी। बांस एवं काष्ठ शिल्प, मेटल शिल्प तथा अन्य हस्त शिल्प से संबंधित लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिये स्थानीय युवाओं को सहयोग दिया जायेगा।

8. इन औद्योगिक पार्काें में तैयार किये जाने वाले उत्पादों का चयन हितग्राहियों के कौशल, कच्चे माल की उपलब्धता तथा तैयार उत्पाद की उपभोक्ताओं में मांग को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा। इन औद्योगिक पार्कों में उन्नत अधोसंरचना तथा बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये 600 करोड़ का प्रावधान है।

9. गोधन न्याय मिशन, टी-कॉफी बोर्ड का गठन, मछली पालन एवं लाख उत्पादन को कृषि के समकक्ष दर्जा देना, मिलेट मिशन एवं वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से रोजगार के नये अवसरों का सृजन हुआ है। इन उत्पादों के विपणन का कार्य छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रान्ड के नाम से किया जा रहा है।

10. नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कौशल विकास कार्यक्रम का विभिन्न नवाचारी योजनाओं के साथ समन्वय एवं राज्य स्थित विशिष्ट शिक्षण संस्थाओं की विशेषज्ञता का लाभ लेते हुए रोजगार एवं स्वरोजगार की नवीन संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इस हेतु छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की शुरूआत के लिये 2 करोड़ का प्रावधान है।

11. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों का परीक्षा शुल्क माफ करने की घोषणा करता हूँ।

12. शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पुरानी मांग पर विचार करते हुए एन.पी.एस योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा करता हूँ।

13. शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में भी आगामी वर्ष से वृद्धि की घोषणा करता हूँ।

आर्थिक स्थिति
14. अध्यक्ष महोदय, अब मैं राज्य की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा सदन के सामने प्रस्तुत करता हूँ। राज्य के चालू वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर भाव पर वर्ष 2020-21 की तुलना में चालू वर्ष के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 11.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।

15. वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर राज्य में कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इस प्रकार कृषि एवं सेवा क्षेत्र में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर, राष्ट्रीय स्तर के समतुल्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से 3.64 प्रतिशत अधिक है।

16. प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2020-21 में 3 लाख 52 हजार 161 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 4 लाख 61 करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.60 प्रतिशत अधिक है।

17. वर्ष 2020-21 में अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 05 हजार 778 रूपये की तुलना में वर्ष 2021-22 में 1 लाख 18 हजार 401 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 11.93 प्रतिशत अधिक है।

18. वर्ष 2021-22 के राज्य बजट में केन्द्रीय करों एवं केन्द्रीय सहायता अनुदान मद में कुल 44 हजार 325 करोड़ का प्रावधान रखा गया था। वर्ष 2022-23 के केन्द्रीय बजट को देखते हुए इस वर्ष राज्य के बजट में कुल 44 हजार 573 करोड़ की राशि केन्द्र से प्राप्त होना अनुमानित है। जून 2022 के पश्चात् जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान समाप्त किये जाने के कारण केन्द्रीय प्राप्तियों में कम वृद्धि अनुमानित है।

19. वर्ष 2021-22 के बजट में राज्य के स्वयं के कर एवं करेत्तर राजस्व से कुल 35 हजार करोड़ की प्राप्ति अनुमानित की गयी थी। राज्य के स्वयं के राजस्व स्रोतों में वृद्धि हेतु किये जा रहे सतत् प्रयासों से राजस्व प्राप्तियों में निरंतर वृद्धि दर्ज होने के परिणामस्वरूप इस वर्ष राज्य मद से प्राप्तियों में 44 हजार 500 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है। इस प्रकार राज्य के स्वयं के राजस्व प्राप्तियों में 27 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में केन्द्रीय प्राप्तियों में केवल 1 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।

कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था
20. किसानों की उन्नति के लिये हमारी सरकार द्वारा किये गये ठोस प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य में कृषि एक लाभप्रद व्यवसाय के रूप में उभरा है। खरीफ वर्ष 2017 में 12 लाख किसानों से उपार्जित 57 लाख मीट्रिक टन धान की तुलना में खरीफ वर्ष 2021 में 21 लाख 77 हजार किसानों से 98 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जित किया गया है। इस प्रकार विगत 3 वर्षाें के दौरान 9 लाख 77 हजार नये किसानों का पंजीयन हुआ है एवं उपार्जित धान की मात्रा में भी 41 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गयी है।

21. धान सहित समस्त खरीफ फसलों, लघु धान्य फसलों, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ अधिकतम 10 हजार की आदान सहायता देने की व्यवस्था है। विगत 2 वर्षाें में 10 हजार 152 करोड़ की सहायता राशि 20 लाख से अधिक किसानों को भुगतान की जा चुकी है। इस योजना के लिये 6 हजार करोड़ का प्रावधान है।

22. विविध फसलों को बढ़ावा देने के क्रम में गन्ना की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 271 रूपये के स्थान पर 355 रूपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। इस वर्ष 12 लाख मीट्रिक टन गन्ना खरीदी हेतु 112 करोड़ का प्रावधान है।

23. पिछड़े क्षेत्र वाले 14 जिलों के 25 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा, कृषि उत्पाद का मूल्य संवर्धन एवं कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग परियोजना प्रारंभ की गई है। इसके लिये 200 करोड़ का प्रावधान है।

24. प्रदेश के किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कृषक समग्र विकास योजना में 123 करोड़ का बजट प्रावधान है।

25. फसल बीमा योजना में 575 करोड़, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में 323 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर स्थापित करने के लिये 60 करोड़ एवं कृषि यंत्रों के वितरण एवं प्रचार प्रसार हेतु 87 करोड़ का प्रावधान है।

26. 10 हजार 404 हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान तथा 9 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी उत्पादन एवं 1 हजार 895 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती के लिये कृषकों को सहायता अनुदान का लक्ष्य रखा गया है।

27. कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों के सुरक्षित भंडारण की क्षमता में वृद्धि हेतु दुर्ग जिले में इन्टीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना की जायेगी। इसमें अत्याधुनिक गामा विकिरण तकनीक का उपयोग किया जायेगा। इसके लिये 24 करोड़ का प्रावधान है।

28. खाद्य पदार्थाें में कीटनाशक अवशेषों की जाँच के लिये एन.ए.बी.एल. (छ।ठस्) से मान्यता प्राप्त फाइटो-सेनेटरी प्रयोग शाला स्थापित की जायेगी। इसकी स्थापना से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिसका आर्थिक लाभ सीधे कृषकों को प्राप्त हो सकेगा। इसके लिये 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।

29. प्रदेश भर में अब तक स्वीकृत 10 हजार 590 गौठानों में से 8 हजार 119 गौठानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। यहाँ उपलब्ध विशेष सुविधा के तहत अब तक 1 लाख 86 हजार 641 कृत्रिम गर्भाधान किये गये हैं, जिससे 57 हजार 943 बछड़ों का जन्म हुआ है।

30. गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 63 लाख 89 क्विंटल गोबर का क्रय किया जाकर पशुपालकों को 127 करोड़ 79 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। इसमें स्वावलंबी गोठानों द्वारा स्वयं के आय से भुगतान की गयी 12 करोड़ की राशि भी शामिल है।

31. गौठानों में उपलब्ध गोबर से 11 लाख 65 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट एवं 4 लाख 65 हजार क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन हुआ है। अब तक 91 करोड़ 11 लाख का वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट विक्रय किया जा चुका है। स्व-सहायता समूह के हितग्राहियों को 31 करोड़ 34 लाख की लाभांश राशि वितरित की गयी है।

32. चारे की व्यवस्था हेतु अब तक 7 हजार चारागाहों की स्वीकृति दी गयी है। लगभग 5 हजार चारागाहों में चारा रोपण किया जाकर गौठानों में हरा चारा उपलब्ध कराया जा रहा है।

33. सूखा चारा उपलब्ध कराने हेतु ग्रामीणों को पैरा-दान के लिए जागरूक एवं प्रेरित करके गौठानों में 15 लाख 67 हजार क्विंटल पैरा एकत्रित किया गया है।

34. गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करते हुए अबतक 750 गौठानों में 21 तेल मिल, 28 दाल मिल 40 आटा मिल एवं 680 मिनी राइस मिलों की स्थापना की गई है।

सिंचाई सुविधाओं का विकास
35. सिंचाई परियोजनाओं का वास्तविक लाभ किसानों तक पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए लघु एवं मध्यम सिंचाई की योजनाओं पर हमने विशेष ध्यान दिया है। परिणामस्वरूप वर्ष 2018 में वास्तविक सिंचित क्षेत्रफल 10 लाख 90 हजार हेक्टेयर से बढ़कर अब 13 लाख 58 हजार हेक्टेयर हो चुका है।

36. वर्ष 2022-23 में 1 हजार 705 नवीन कार्यों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान है। इन कार्याें से 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित होगी। नवीन मद अंतर्गत 249 वृहद्कार्य, 53 मध्यम कार्य तथा 835 लघु सिंचाई कार्य तथा 404 एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण कार्य शामिल हैं।

37. केलो परियोजना हेतु 90 करोड़, अरपा भैसाझार परियोजना के लिए 45 करोड़ तथा समोदा परियोजना को पूर्ण करने के लिए 14 करोड़ का प्रावधान है।

38. नाबार्ड की सहायता से सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण हेतु 690 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 931 करोड़, एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण के लिए 260 करोड़ तथा तटबंध निर्माण कार्याें हेतु 125 करोड़ का प्रावधान है।

39. इस वर्ष 10 वृहद्, 15 मध्यम, 3 लघु सिंचाई एवं 06 मेगा उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं के सर्वेक्षण हेतु 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान है।

40. वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के संधारण हेतु 100 करोड़ का प्रावधान है।

41. 5 एच.पी. तक के कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु अनुदान योजना के लिये 2 हजार 600 करोड़ का प्रावधान है। इस योजना से लगभग 5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।

42. सौर सुजला योजना अंतर्गत 3 एवं 5 एच.पी. क्षमता के 15 हजार सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना की जायेगी। इसके लिये 417 करोड़ का प्रावधान है।

43. प्रधानमंत्री कुसुम योजना अंतर्गत 10 हजार सोलर पम्पों की स्थापना हेतु राज्यांश मद में 100 करोड़ का प्रावधान है।

ग्रामीण विकास गतिविधियां
44. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत 7 जिलों के 43 संकुल संगठनों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हुए कैशलेश इकॉनॉमी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्थान परियोजना अंतर्गत प्रदेश के 9 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति की 172 महिलाओं को सी.आर.पी (Community Resource Person½ के रूप में प्रशिक्षित करके कुल 9 हजार 820 परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा।

45. मिलाप परियोजना अंतर्गत राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिले में 17 हजार 315 प्रवासी श्रमिकों का चिन्हांकन कर उनके समग्र विकास हेतु कार्य प्रारंभ किया गया है। उपरोक्त विभिन्न गतिविधियों हेतु ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के लिये 450 करोड़ का प्रावधान है।

46. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत 8 लाख 22 हजार 832 आवास पूर्ण हो चुके हैं। योजना में 800 करोड़ का प्रावधान है।

47. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत 3 हजार 82 ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य तथा 275 ग्राम पंचायतों में बायोगैस संयंत्र की स्थापना का कार्य पूर्ण हो चुका है। योजना में 500 करोड़ का प्रावधान है।

48. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 900 कि.मी. सड़क एवं 24 वृहद् पुलों के निर्माण का भौतिक लक्ष्य है। नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, सुकमा एवं दन्तेवाड़ा में 47 स्टील ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव है। योजना में 1 हजार 675 करोड़ का प्रावधान है।

49. मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़, ग्राम पंचायत को मूलभूत कार्य हेतु अनुदान योजना में 260 करोड़ तथा पन्द्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को अनुदान मद में 1 हजार 114 करोड़ का प्रावधान है।

रेशम एवं अन्य शिल्प गतिविधियां
50. बस्तर संभाग में उपलब्ध रैली ककून वर्तमान में व्यापारियों द्वारा क्रय करके अन्य राज्यों को निर्यात किये जाने के कारण राज्य की जनता को समुचित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता था। अतः रैली ककून का संग्रहण कर राज्य में ही धागा उत्पादन एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत की जायेगी।

51. रेशम विभाग के माध्यम से रैली ककून का क्रय करने हेतु ग्राम नानगूर विकासखण्ड जगदलपुर में ककून बैंक की स्थापना की जायेगी। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिये वितरण किया जायेगा। स्व-सहायता समूहों को धागाकरण हेतु प्रशिक्षण एवं मशीन उपकरण की सहायता दी जायेगी।

52. पोस्ट यार्न गतिविधियों के लिये सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। मिशन के माध्यम से 200 स्व-सहायता समूहों की लगभग 4 हजार महिलाओं को प्रतिमाह 6 से 7 हजार तक की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। इसके लिये 4 करोड़ 53 लाख का बजट प्रावधान है।

53. कुम्भकार परिवारों द्वारा पारम्परिक लकड़ी के चाक से मिट्टी के बर्तन, गमले, खपरा आदि का निर्माण जीविकोपार्जन के लिये किया जाता है। कार्यकुशलता एवं गुणवत्ता में वृद्धि के लिये कुम्भकार परिवारों को विद्युत चाक का वितरण किया जायेगा। इसके लिये 2 करोड़ का प्रावधान है।

पेयजल सुविधाएँ
54. राज्य के 48 लाख 60 हजार परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस हेतु जल जीवन मिशन में 1 हजार करोड़ का प्रावधान है।

55. नगरीय निकायों में जल प्रदाय योजना के लिये अनुदान मद में 30 करोड़ तथा ऋण हेतु 55 करोड़ का प्रावधान है।

56. गौठानों में 860 नग नलकूप खनन हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है।

57. नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में ग्रीष्म काल में पानी की समस्या के निराकरण हेतु रविशंकर जलाशय से टीला एनीकट तक पाइप लाइन बिछाने की अनुमानित लागत 106 करोड़ है। इस हेतु नवीन मद में 2 करोड़ का प्रावधान है।

शैक्षणिक सुविधाएँ
58. कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवार के बच्चों को आधुनिक शिक्षा-अधोसंरचना का लाभ दिलाने का हमारा प्रयास सफल रहा है। अंग्रेजी माध्यम से संचालित 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में 1 लाख 35 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।

59. इस नयी पहल के प्रति अभिभावक एवं विद्यार्थियों की अभिरूचि को देखते हुए इस वर्ष से हिन्दी माध्यम के भी 32 स्वामी आत्मानंद विद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। इससे 17 हजार 500 बच्चे लाभान्वित होंगे।

60. इस वर्ष 11 पूर्व माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल में एवं 12 हाईस्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में उन्नयन किये जाने हेतु नवीन मद में प्रावधान है।

61. भवन विहीन 40 हाईस्कूलों एवं 17 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण किया जायेगा। इसके लिये 50 करोड़ का प्रावधान है।

62. रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय कुतुल, कच्चापाल, ईरकभट्ठी, कुंदला एवं आकाबेड़ा में कर्मचारी आवास एवं अहाता निर्माण हेतु 6 करोड़ 95 लाख का नवीन मद में प्रावधान है।

63. अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये संचालित भवन विहीन छात्रावास-आश्रमों हेतु 106 भवनों का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।

64. बस्तर जिला जगदलपुर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिये बजट में प्रावधान है।

65. 16 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोलने हेतु बजट में प्रावधान है।

66. भवन विहीन 18 शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण तथा 22 महाविद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापन कक्षों का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण किया जायेगा।

67. शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिये 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है।

68. प्रदेश के 28 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संबद्ध हायर सेकेण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों के मांग अनुसार नवीन ट्रेड प्रारंभ करने के लिये बजट में सेट-अप एवं 10 करोड़ 96 लाख का प्रावधान है।

महिला एवं बाल विकास
69. एकीकृत बाल विकास सेवा, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार तथा नवा जतन कार्यक्रम जैसी योजनाओं एवं मुख्यमंत्री पोषण अभियान के समन्वित प्रयास से विगत तीन वर्षाें के दौरान कुपोषण में 8ण्7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

70. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत से कम है।

71. वर्ष 2019 में 4 लाख 33 हजार कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित करके मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ किया गया था। इनमें से 1 लाख 72 हजार बच्चे अब तक कुपोषण के कुचक्र से बाहर आ चुके हैं।

72. छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा वितरित महिला स्व-सहायता समूहों का 12 करोड़ 77 लाख का बकाया ऋण माफ किया गया है। इस योजना में दिये जाने वाले प्रथम ऋण की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख से 2 लाख तक कर दी गयी है। प्रथम ऋण को सफलतापूर्वक वापस करने पर 2 लाख से 4 लाख तक के द्वितीय ऋण का प्रावधान किया गया है।

73. छत्तीसगढ़ महिला कोष के लिये वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2022-23 के प्रावधान में 30 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 5 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।

स्वास्थ्य सुविधाएँ
74. प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने हेतु नवीन भवनों का निर्माण, आधुनिक लैब एवं उपकरणों की स्थापना के साथ-साथ अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था हेतु प्रयास किये गये हैं।

75. विगत 2 वर्षाें के दौरान स्वास्थ्य विभाग में 2 हजार 409 पदों पर भर्ती की गयी है, जिसमें चिकित्सा अधिकारी 1 हजार 329, बहुउद्देशीय पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता 282 एवं बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता 328, लैब टेक्नीशियन 278 तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 192 कर्मचारी सम्मिलित हैं।

76. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत राज्य के तीन जिला अस्पताल एवं 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित कुल 27 अस्पतालों को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।

77. जगरगुंडा जिला सुकमा में 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अहिवारा जिला दुर्ग में 10 बिस्तर एन.आर.सी. की स्थापना हेतु 45 नवीन पदों के सृजन एवं खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल के भवन निर्माण हेतु बजट में प्रावधान है।

78. अम्बिकापुर एवं कांकेर के चिकित्सा महाविद्यालयों में उपकरण क्रय हेतु 37 करोड़ तथा रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय में कार्डियोवेस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग में 150 पदों के सृजन हेतु नवीन मद में प्रावधान है।

79. चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में स्नातक छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास निर्माण तथा कर्मचारियों के लिये आवास निर्माण हेतु 03 करोड़  का प्रावधान है।

80. प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन हेतु 126 करोड़ एवं पन्द्रहवें वित्त आयोग अंतर्गत 454 करोड़ का नवीन मद  में प्रावधान है।

वानिकी गतिविधियां
81. कैम्पा मद की राशि से क्षतिपूर्ति वनीकरण के अतिरिक्त वनों की सुरक्षा, वन्य प्राणियों के रहवास में सुधार तथा वन क्षेत्र में भूजल संरक्षण के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में 1 हजार 950 नालों को उपचारित करने के लिये 300 करोड़ का प्रस्ताव है।

82. वन प्रबंधन समिति के सदस्यों को स्व-सहायता समूहों का गठन कर वनोपज आधारित लघु एवं मध्यम उद्योगों के माध्यम से वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

83. छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा वर्तमान में 65 वनोपज का क्रय किया जा रहा है। संघ द्वारा 2018 में 3 करोड़ 81 लाख के वनोपज का क्रय किया गया था, जबकि 2020-21 में क्रय किये गये वनोपज का मूल्य 153 करोड़ है।

84. छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ के द्वारा कोदो-कुटकी 3 हजार रूपये एवं रागी 3 हजार 377 रूपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय किया जा रहा है। साथ ही, 10 हजार प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि भी प्रदाय की जा रही है।

85. प्रदेश के विभिन्न स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय हेतु प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना की जायेगी। इसके लिये 5 करोड़ का प्रावधान है।

नगरीय सुविधाएँ
86. नागरिकों को उचित मूल्य पर जेनेरिक दवाईयां एवं सर्जिकल सामान उपलब्ध कराने के लिये 136 श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स की स्थापना की गई है। इस योजना के तहत अबतक 17 करोड़ 92 लाख बाजार मूल्य की दवाईयों पर 10 करोड़ रूपये की छूट देते हुए 5 लाख 92 हजार नागरिकों को लाभान्वित किया गया है।

87. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस एवं दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। योजना की सफलता को देखते हुए इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका एवं नगरपंचायतों के लिये लागू किया जायेगा। इसके लिये 50 करोड़ का प्रावधान है।

88. शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु ‘‘मोर जमीन मोर मकान’’ तथा ‘‘मोर मकान मोर चिन्हारी’’ योजनाओं के तहत 450 करोड़ का प्रावधान है।

89. आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से नगरीय निकायों के सम्पत्ति के ऑफसेट मूल्य को कलेक्टर गाइडलाइन में निर्धारित दर से 30 प्रतिशत कम करने की घोषणा करता हूँ।

90. मिशन अमृत 2.0 के तहत शहरों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल तथा समस्त घरों में नल कनेक्शन प्रदाय करने के लिये 200 करोड़ एवं नगरीय निकायों को जल आवर्धन योजना में 380 करोड़ का प्रावधान है।

91. कोरबा, दन्तेवाड़ा, सक्ती, शिवरीनारायण एवं चन्द्रपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना हेतु 20 करोड़ का प्रावधान है।

खेल एवं युवा कल्याण गतिविधियां
92. राज्य की युवाशक्ति को संगठित कर प्रदेश के विकास में सहभागिता बढ़ाने हेतु राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 एवं नगरीय क्षेत्रों में 1 हजार 605 क्लबों का गठन किया जायेगा। इसके लिये 75 करोड़ का प्रावधान है।

93. नारायणपुर जिले में आदिवासी विद्यार्थियों के मल्लखंभ कौशल को निखारने के लिये मल्लखंभ अकादमी की स्थापना की जायेगी। इसके लिये 2 करोड़ 83 लाख का प्रावधान है।

94. लाभांडी जिला रायपुर में निर्माणाधीन टेनिस अकादमी के सेट-अप एवं फर्नीचर उपकरण के लिये 1 करोड़ 70 लाख का प्रावधान है।

जनप्रतिनिधियों के माध्यम से स्थानीय विकास गतिविधियां
95. जनता की मांग के अनुरूप स्थानीय विकास के कार्यों की त्वरित स्वीकृति दिये जाने के उद्देश्य से विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ करने की घोषणा करता हूँ। इसके लिए 364 करोड़  का प्रावधान है।

96. जिला पंचायत अध्यक्षों हेतु 15 लाख, उपाध्यक्षों हेतु 10 लाख एवं सदस्यों हेतु 4 लाख प्रतिवर्ष के मान से जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ का प्रावधान है।

97. जनपद पंचायत अध्यक्षों हेतु 5 लाख, उपाध्यक्षों हेतु 3 लाख एवं सदस्यों हेतु 2 लाख प्रतिवर्ष के मान से जनपद पंचायत विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान है।

98. जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों के मानदेय में भी वृद्धि की गयी है। जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, जिला पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार एवं जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह किया गया है।

99. जनपद पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, जनपद पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार एवं जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1 हजार 500 से बढ़ाकर 5 हजार प्रतिमाह करने की घोषणा करता हूँ।

100. सरपंचो का भत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार एवं पंचों का भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 रूपये प्रतिमाह किया गया है। इसके लिये 184 करोड़ का प्रावधान है।

101. ग्राम पंचायतों को और अधिक आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने की कड़ी में अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खदानों का संचालन पंचायतों द्वारा किये जाने की घोषणा करता हूँ। साथ ही, किसी भी ग्राम पंचायत की सहमति के बिना पंचायत क्षेत्र में कोई भी खदान संचालित नहीं की जायेगी।

102. अबूझमाड़ क्षेत्र के 237 ग्राम अब तक असर्वेक्षित होने के कारण यहां के किसान विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित थे। इस क्षेत्र के 9 गांवों का सर्वे पूरा करके 676 किसानों को अस्थायी भू-अभिलेख दिये जा चुके हैं। शेष ग्रामों का सर्वेक्षण शीघ्र ही पूर्ण किया जायेगा।

राजस्व एवं पुलिस प्रशासन
103. प्रदेश में 6 नवीन तहसीलें देवकर एवं भिंभौरी जिला बेमेतरा, जरहागांव जिला मुंगेली, दीपका एवं भैंसमा जिला कोरबा, कोटाडोल जिला कोरिया स्थापित की जायेंगी। इसके लिये 84 पदों के सेट-अप का प्रावधान है।

104. 11 नवीन अनुविभाग कार्यालयों की स्थापना मालखरौदा जिला जांजगीर-चाम्पा, बलरामपुर एवं राजपुर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज, धमधा जिला दुर्ग, भोपालपट्टनम एवं भैरमगढ़ जिला बीजापुर, बागबहरा जिला महासमुंद, भरतपुर एवं खड़गवां-चिरमिरी जिला कोरिया, तिल्दा-नेवरा जिला रायपुर तथा सहसपुर-लोहारा जिला कबीरधाम में की जायेगी। इसके लिये 77 पदों के सेट-अप का प्रावधान है।

105. प्रदेश के ब्लॉक मुख्यालय में कार्यरत शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु आवास भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिये नवीन मद में 58 करोड़ का प्रावधान है।

106. चिटफंड कंपनियों से पीड़ित 17 हजार 404 निवेशकों को 11 करोड़ 23 लाख की राशि वापस दिलायी गयी है।

107. मानव तस्करी की रोकथाम हेतु राज्य स्तर पर एन्टी ह्यूूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो तथा सतर्कता एवं शिकायत सेल का गठन किया जायेगा। इसके लिये 23 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।

108. बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों तथा पदोन्नति का लाभ देने के लिये ‘‘डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स’’ नाम से नवीन कैडर का गठन करने की घोषणा करता हूँ।

109. नव गठित जिलों (मानपुर-मोहला-चौकी, सक्ती, सारंगढ-बिलाई गढ़ एवं मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) की स्थापना हेतु 1 हजार 100 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।

110. जिला बिलासपुर एवं जगदलपुर में एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था हेतु 114 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।

111. 03 नवीन पुलिस चौकी क्रमशः भैंसा जिला रायपुर, घटारानी जतमई जिला गरियाबंद, राहूद जिला जांजगीर की स्थापना हेतु 99 पदों के सृजन का प्रावधान है।

112. 05 पुलिस चौकी क्रमशः मारो जिला बेमेतरा, जेवरा-सिरसा जिला दुर्ग, नैला जिला जांजगीर चाम्पा, खरसिया जिला रायगढ़ एवं वाड्रफनगर जिला बलरामपुर का थाने में उन्नयन हेतु 226 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।

113. 300 नग बुलेट प्रुफ जैकेट क्रय हेतु 03 करोड, वाटर कूलर क्रय हेतु 1 करोड़ 58 लाख तथा समस्त थानों में सीसीटीव्ही कैमरा लगाने हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।

114. शहीदों के सम्मान हेतु रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक की स्थापना, पुलिस मेमोरियल टॉवर एवं अन्य निर्माण कार्याें के लिये बजट में प्रावधान है।

115. पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवासीय सुविधा हेतु 320 आवास गृहों को क्रय करने के लिये 65 करोड़ का प्रावधान है।

116. राज्य के 9 जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बंदी बैरक निर्माण   एवं अन्य निर्माण कार्याें हेतु 16 करोड़ 96 लाख का प्रावधान है।

भवन व सड़कों का निर्माण एवं संधारण
117. लोक निर्माण विभाग के बजट में कुल 6 हजार 638 करोड़ का प्रावधान है। राज्य बजट के अतिरिक्त अन्य संसाधनों से भी वित्त व्यवस्था करते हुए वर्तमान में 16 हजार करोड़ से भी अधिक लागत के सड़क एवं पुल निर्माणाधीन है।

118. राज्य मार्गो के निर्माण हेतु 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के निर्माण हेतु 458 करोड़, ग्रामीण मार्गो के निर्माण हेतु 810 करोड़, वृहद एवं मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 315 करोड़ तथा रेल्वे ओवरब्रिज निर्माण हेतु 90 करोड़ का प्रावधान है।

119. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 659 नवीन निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। इसमें 502 सड़क कार्य हेतु 365 करोड़, 134 वृहद् एवं मध्यम पुल कार्य हेतु 103 करोड़ तथा 8 नवीन शासकीय विश्रामगृह के निर्माण हेतु 3 करोड़ का प्रावधान है। 15 रेलवे ओवरब्रिज कार्य के सर्वेक्षण हेतु 8 करोड़ 65 लाख का प्रावधान है।

120. मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना अंतर्गत राज्य में निर्मित शासकीय भवनों जैसेः- स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी इत्यादि को पक्की सड़क से जोड़ने हेतु पहुंच मार्ग के निर्माण की लोकप्रियता को देखते हुए बजट में 150 करोड़ का प्रावधान है।

121. एशियन विकास बैंक की सहायता से निर्माणाधीन सड़क विकास परियोजना के लिए 884 करोड़ का प्रावधान है।

122. नाबार्ड की सहायता से ग्रामीण मार्गो एवं मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 236 करोड़ का प्रावधान है।

वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित एवं 2022-23 का बजट अनुमान
123. अध्यक्ष महोदय, अब मैं वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित एवं 2022-23 का बजट अनुमान सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूं।

124. वर्ष 2021-22 में कुल प्राप्ति के बजट अनुमान 97 हजार 145 करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 99 हजार 601 करोड़ है। इस प्रकार बजट अनुमान की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान में 2.52 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।

125. कुल प्राप्तियों में होने वाली वृद्धि को देखते हुए अधिक आवश्यकता वाली योजनाओं हेतु अतिरिक्त राशि दिये जाने का प्रस्ताव है। परिणामस्वरूप कुल व्यय का बजट अनुमान 97 हजार 106 करोड़ से बढ़ा करके पुनरीक्षित अनुमान 99 हजार 559 करोड़ प्रस्तावित किया गया है।

126. वर्ष 2022-23 में 1 लाख 04 हजार करोड़ की कुल प्राप्ति का बजट अनुमान है, जो गत वर्ष की अनुमानित बजट प्राप्तियों से 7 प्रतिशत अधिक है। कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 44 हजार 500 करोड़, केन्द्र से प्राप्तियां 44 हजार 573 करोड़ एवं पूंजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ अनुमानित है।

127. वर्ष 2022-23 के लिए विनियोग का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ का है। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुनर्प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 1 लाख 04 हजार करोड़ अनुमानित है। राजस्व व्यय 88 हजार 372 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ है। वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.6 प्रतिशत है।

128. प्रदेश में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के विकास के लिए अनुसूचित जनजाति उपयोजना मद मे 33 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति उपयोजना मद में 12 प्रतिशत का बजट प्रावधान किया गया है।

129. वर्ष 2022-23 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिये 37 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिये 23 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।

राजकोषीय स्थिति
130. अध्यक्ष महोदय, राज्य का स्थापना व्यय प्रतिवर्ष बढ़ रहा है। राज्य के सभी वर्ग के लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ देने के लिये भी प्रतिवर्ष अधिक राशि की आवश्यकता को देखते हुए राज्य के स्वयं के राजस्व को बढ़ाने की दिशा में हम निरंतर प्रयत्नशील हैं।

131. राज्य में कर एवं करेत्तर राजस्व अर्जन करने वाले विभागों में प्रचलित कराधान नियम/अधिनियम, प्रचलित कर दरों तथा अन्य सुसंगत दस्तावेजों का अध्ययन एवं समीक्षा करके करवृद्धि के सुझाव प्रस्तुत करने हेतु वित्त विभाग के अंतर्गत ‘‘करावर्धन प्रकोष्ठ’’ का गठन किया जायेगा।

132. पंजीयन विभाग के द्वारा अभिलेखों के पंजीयन शुल्क पर रोजगार एवं युवा विकास उपकर अधिरोपित किया जायेगा, जिससे 100 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी।

133. मार्च 2021 की स्थिति में राज्य का ऋणभार कुल बजट की तुलना में 80 प्रतिशत तथा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में ऋणभार 22 प्रतिशत है, जो कि भारत सरकार एवं अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है।

134. राज्य के आय-व्यय को संतुलित रखने की दृष्टि से व्यय में मितव्ययिता संबंधी प्रावधानों को आगे भी निरंतर रखा जायेगा।

135. राज्य का सकल वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत है।

136. वर्ष 2022-23 हेतु कुल प्राप्तियां 1 लाख 04 हजार करोड़ के विरूद्ध शुद्ध व्यय 1 लाख 04 हजार करोड़ अनुमानित है।

137. राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 89 हजार 73 करोड़ एवं कुल राजस्व व्यय 88 हजार 372 करोड़ अनुमानित है। अतः वर्ष 2022-23 में कुल 701 करोड़ का राजस्व आधिक्य ( Revenue surplus) अनुमानित है।
कर प्रस्ताव
अध्यक्ष महोदय, वर्ष 2022-23 के लिये कोई कर प्रस्ताव नहीं है।
इस प्रकार वर्ष 2022-23 का वार्षिक वित्तीय विवरण तथा अनुदान की मांगे सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूँ।

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विधानसभा में दिवंगतों को दी गई श्रद्धांजलि… http://revoltnewsindia.com/tributes-paid-to-the-departed-in-the-assembly/6805/ http://revoltnewsindia.com/tributes-paid-to-the-departed-in-the-assembly/6805/#respond Mon, 07 Mar 2022 12:00:05 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6805 रायपुर, 7 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के प्रथम दिन आज सदन में दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सदन में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य…

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रायपुर, 7 मार्च 2022 छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के प्रथम दिन आज सदन में दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सदन में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य रमेश वर्ल्यानी, अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा तथा छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व सदस्य मदन सिंह डेहरिया और भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी गई। सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने निधन उल्लेख करते हुए दिवंगतों का जीवन परिचय दिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

सदन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वर्गीय रमेश वर्ल्यानी ने समाजवादी नेता के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की थी। वे 1977 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। उन्होंने अनेक पदों पर रहते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वाह किया। वे पेशे से कर सलाहकार थे, वे आर्थिक मामलों में गहरी रूचि रखते थे।

समय-समय पर हम लोग उनसे सामाजिक आर्थिक विषयों पर सलाह लिया करते थे। सिंधी समाज सहित सभी समाजों में वे लोकप्रिय थे। उनकी बौद्धिक बातचीत और सौम्य व्यवहार से उनकी उपस्थिति गरिमामय हुआ करती थी। उनका जाना हम सब के लिए अपूरणीय क्षति है।

मुख्यमंत्री ने अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा तथा छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व सदस्य मदन सिंह डहरिया को श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि मदन सिंह डहरिया अनुसूचित जाति वर्ग के कद्दावर नेता थे। उनका जन्म जांजगीर जिले के अमरताल में हुआ था। वे लगातार 7 कार्यकाल तक सरपंच रहे। उन्होंने 2 बार विधानसभा पहुंचकर अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे दूसरी बार वर्ष 1998 में मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के साथ उन्हें छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी काम करने का अवसर मिला। उनका निधन पूरे बिलासपुर संभाग और प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।

भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेश्कर को भी श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बाल्यकाल से ही उनकी रूचि संगीत में थी। उन्होंने पार्श्व गायिका के रूप में विभिन्न भाषाओं में 30 हजार से अधिक गीतों का गायन किया। उन्हें भारत रत्न सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री बघेल ने इन तीनों दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक मोहन मरकाम, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, सौरभ सिंह, पुन्नूलाल मोहले, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने भी दिवंगत विभूतियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सदन में सभी दिवंगतों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

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राज्यपाल के अभिभाषण से बजट सत्र का हुआ शुभारंभ, अभिभाषण में राज्यपाल ने तीन सालों की उपलब्धियों का किया जिक्र, पढ़े पूरा अभिभाषण http://revoltnewsindia.com/the-budget-session-started-with-the-governors-address-in-the-address-the-governor-mentioned-the-achievements-of-three-years-read-the-full-address/6800/ http://revoltnewsindia.com/the-budget-session-started-with-the-governors-address-in-the-address-the-governor-mentioned-the-achievements-of-three-years-read-the-full-address/6800/#respond Mon, 07 Mar 2022 11:06:21 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6800 रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा के 13वें सत्र में अभिभाषण प्रस्तुत किया। जिसका मूल पाठ इस प्रकार है- माननीय सदस्यगण, छत्तीसगढ़ विधानसभा के वर्ष 2022 के,…

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रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा के 13वें सत्र में अभिभाषण प्रस्तुत किया। जिसका मूल पाठ इस प्रकार है- माननीय सदस्यगण, छत्तीसगढ़ विधानसभा के वर्ष 2022 के, पहले सत्र के अवसर पर आप सबको बधाई और शुभकामनाएं। मैं आप सबका हार्दिक अभिनंदन करती हूं।

मुझे खुशी है कि माननीय सदस्य के रूप में आप लोगों ने इस सदन की गौरवशाली परंपराओं का निर्वाह किया है। लोकतंत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जनहित तथा प्रदेशहित के प्रति आपका समर्पण अनुकरणीय रहा है। यही वजह है कि हमारा छत्तीसगढ़ राज्य जनहितकारी विकास के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है। मैं कामना करती हूं कि आप लोग इसी तरह छत्तीसगढ़ की यश-पताका को ऊंचा उठाए रखेंगे।

2. मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि स्थानीय संसाधनों और जनता के आत्मगौरव के प्रति मेरी सरकार के बेहद संवेदनशील व्यवहार को भरपूर सराहना मिल रही है। समावेशी विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल बहुत सफल रहा है। मैं चाहती हूं कि आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के साथ ही प्रदेश के समग्र विकास में आई तेजी का सिलसिला लगातार जारी रहे और इसमें आप सबका भरपूर सहयोग मिले।

3. मेरी सरकार वास्तव में किसानों, वन आश्रितों और मजदूरों की सरकार है, जिनके आत्म-सम्मान के लिए आय और भागीदारी बढ़ाने की रणनीति अपनाई गई है। खेती के प्रति लोगों का रुझान लौटना अपने आप में बड़ी सफलता मानी जा रही है। खरीफ वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में अब तक का सबसे बड़ा कीर्तिमान बना है, जिसके अनुसार इस वर्ष लगभग 21 लाख 77 हजार किसानों ने 97 लाख 98 हजार मीट्रिक टन धान बेचा है।

4. किसानों की सुविधाएं और आय बढ़ाने के लिए मेरी सरकार ने इस वर्ष 173 नवीन धान खरीदी केन्द्र खोले। समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया गया। धान के साथ ही अन्य खरीफ फसलों को भी ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ का लाभ लगातार दिया जा रहा है। इसमें उद्यानिकी तथा लघु धान्य फसलों को भी शामिल किया गया है। किसानों को ब्याजमुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष 5 हजार 900 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अभी तक 85 प्रतिशत राशि दी जा चुकी है। लगभग 6 दशक बाद प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन किया गया है, जिससे 725 नवीन समितियां भी कृषि ऋण वितरण व अन्य योजनाओं के संचालन में सहयोग दे रही हैं। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में प्रथम एथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु एमओयू के तहत कार्य प्रगति पर है, वहीं अतिशेष धान से भी एथेनॉल उत्पादन के लिए काफी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं ताकि धान के बम्पर उत्पादन का बेहतर उपयोग किया जा सके। मेरी सरकार के इन उपायों से किसान परिवारों का मनोबल और उत्साह बढ़ा है।

5. मेरी सरकार ने प्रदेश के 14 आदिवासी बहुल जिलों के 25 विकासखण्डों में 1 हजार 735 करोड़ रुपए की लागत से ‘चिराग परियोजना’ की शुरुआत कर दी है, जिससे आदिवासी अंचलों में आजीविका के नए साधन बनेंगे।

6. मेरी सरकार ने ‘सुराजी गांव योजना’ के माध्यम से नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी को बचाने का जो संकल्प लिया था, वह सफलता के नए-नए शिखरों को छू रहा है। नाला उपचार के हजारों कार्यों से भू-जल स्तर बढ़ा है। ‘गोधन न्याय योजना’ का लगातार विस्तार किया जा रहा है, जिससे गोबर विक्रेताओं को लगभग 127 करोड़ रुपए की राशि सीधे प्रदान की गई है। वहीं वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट तथा सुपर कम्पोस्ट प्लस उत्पादन, विक्रय तथा इसके उपयोग पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है ताकि रासायनिक खाद की कमी से निपटने में जैविक खाद का विकल्प तैयार किया जा सके। इसके अलावा गोबर से बिजली, प्राकृतिक पेंट तथा अन्य सामग्रियों के उत्पादन और विक्रय को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। ‘ग्रामीण औद्योगिक पार्क’ विकसित किए जा रहे हैं। ‘गोधन न्याय मिशन’ से इस अभियान को नई ऊंचाई मिलेगी। घुरुवा से 6 लाख मीट्रिक टन जैविक खाद का निर्माण किया गया है। 3 लाख बाड़ियों का विकास किया जा चुका है, जिससे गांवों में सब्जी तथा फलों की उपलब्धता बढ़ी है।

7. मेरी सरकार ने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ की शुरुआत इसी वित्तीय वर्ष से करने का वादा भी निभाया है। इस योजना के तहत पंजीकृत व्यक्ति को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए देने का प्रावधान है, जिसकी पहली किस्त के रूप में प्रथम भुगतान हितग्राहियों को किया जा चुका है।

8. आदिवासी अंचलों में चाय, कॉफी, काजू, तीखुर, अलग-अलग विशेषताओं वाले चावल, उच्च गुणवत्ता के फल, विदेशों में बेचे जाने योग्य पोषक उत्पादों के काम में स्थानीय लोगों की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। इससे स्थानीय लोगों और उनके उत्पादों के साथ प्रदेश को भी एक नई पहचान मिली है। मैं चाहूंगी कि मेरी सरकार के जनसशक्तीकरण के इन प्रयासों को आप सबका समर्थन और सहयोग लगातार मिले।

9. मेरी सरकार ने वन आश्रित परिवारों को वन संसाधनों के माध्यम से नई शक्ति दी है। तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रतिमानक बोरा करने के अलावा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 61 कर दी गई है। ‘छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड’ के नाम से 121 उत्पादों के प्रसंस्करण तथा 200 उत्पादों के विपणन की व्यवस्था की गई है। लाख पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। कोदो, कुटकी और रागी के लिए भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’ के गठन से लघु धान्य फसलों की अपार संभावनाएं आकार लेंगी।

10. मेरी सरकार ने संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से 27 लाख परिवारों को वनोपज के कारोबार में भागीदार बनाया है। ‘शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना,’ ‘मुख्यमंत्री बांस बाड़ी योजना’, ‘नदी तट वृक्षारोपण योजना’, ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’, कैम्पा मद से वन विकास, वन सुरक्षा, वन्यप्राणियों का संरक्षण, भू-जल संरक्षण जैसे प्रयासों का सकारात्मक असर वन अंचलों में दिखाई पड़ने लगा है।

11. मेरी सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में कुशल प्रबंधन से प्राप्त उपलब्धियों को किसानों तथा आर्थिक रूप से कमजोर तबकों तक पहुंचाकर उन्हें शक्ति-सम्पन्न बनाने की रणनीति अपनाई, साथ ही विद्युत अधोसंरचना के विकास पर जोर दिया। सभी लंबित 35 हजार 161 कृषि पम्प कनेक्शन के आवेदनों को एक साथ स्वीकृत करते हुए ऊर्जीकृत करने का जो अभियान शुरू किया गया था, वह इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण किया जा रहा है। अभी तक 90 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य पूर्ण किया जाना एक बड़ी उपलब्धि है।

12. मेरी सरकार ने शहरों, गांवों सहित सभी क्षेत्रों में सड़क अधोसंरचना के विकास के लिए एक बड़ी कार्ययोजना बनाई है, जिसके तहत 24 हजार करोड़ रुपए की लागत से सड़क, पुल-पुलिया निर्माण के कार्य कराए जा रहे हैं। प्रत्येक निविदा अनुबंध में बेरोजगार इंजीनियरों की उपस्थिति और ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था से लगभग 8 हजार स्थानीय युवाओं की निर्माण कार्यों में भागीदारी तय की गई है। ई-श्रेणी में विकासखण्ड स्तर पर 225 करोड़ रुपए के कार्य पंजीकृत युवाओं को आबंटित किए गए हैं।

13. ‘बिजली बिल हाफ योजना’ के तहत 40 लाख 56 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को 2 हजार 100 करोड़ रुपए से अधिक की छूट मिल चुकी है। 5 लाख 81 हजार किसानों को सिंचाई पम्प कनेक्शन में छूट का लाभ मिल रहा है। वहीं 17 लाख से अधिक परिवारों को 30 यूनिट तक प्रतिमाह निःशुल्क विद्युत आपूर्ति की जा रही है। आर्थिक मंदी और कोरोना काल में प्रदेश के इस्पात उद्योगों को ऊर्जा प्रभार में राहत का लाभ भी दिया गया।

14. ‘मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना’, ‘मुख्यमंत्री मजरा-टोला विद्युतीकरण योजना’, ‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना
विकास योजना’, स्कूलों का विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा से सिंचाई पम्पों का ऊर्जीकरण जैसे कार्यों की सफलता बहुत महत्वपूर्ण है। कुशल प्रबंधन और उत्तम रखरखाव से प्रदेश के बिजली घरों में उत्पादन के कीर्तिमान बनाए, वहीं पारेषण प्रणाली की उपलब्धता भी 99 प्रतिशत से अधिक रही, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।

15. मेरी सरकार ने गांवों के विकास में ग्रामीण अधोसंरचना को प्राथमिकता दी, साथ ही सारी गतिविधियों का केन्द्र बेहतर आजीविका तथा रोजगार के अवसरों को बनाया। ‘महात्मा गांधी नरेगा योजना’ से गांवों में भरपूर रोजगार दिया गया, जो कोरोना जैसे संकटकाल में प्राणतत्व साबित हुआ। वर्ष 2020-21 में योजना प्रारंभ होने से अब तक 18 करोड़ 41 लाख मानव दिवस सृजित किए गए, जो संशोधित लक्ष्य की 100 प्रतिशत पूर्ति करते हैं। इस अवधि में 7 लाख 88 हजार परिवारों को 100 मानव दिवस रोजगार दिया गया, जिसमें वन अधिकार पट्टाधारी लगभग 46 हजार परिवार शामिल हैं।

16. मेरी सरकार ने कृषि तथा प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और इस दिशा में जो ठोस प्रयास किए हैं, उसके कारण भारत सरकार के निर्धारित मापदण्डों से 26 प्रतिशत अधिक राशि इन कार्यों पर खर्च की है। महात्मा गांधी नरेगा तथा अन्य योजनाओं के अनुसरण से 4 लाख से अधिक निर्माण कार्य कराए गए हैं, 7 हजार 835 गौठान, 5 हजार 484 चारागाह, 740 नवीन ग्राम पंचायत भवन तथा 6 हजार आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कराया जा रहा है।

17. ‘स्वच्छ भारत मिशन’, ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’, ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना’, ‘छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’, ‘ग्रामीण शहरी क्लस्टरों का विकास’, ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना’, ‘मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना’, सरपंचों का डिजिटल हस्ताक्षर, एकीकृत सुविधा केन्द्रों का विकास जैसे अनेक मोर्चों पर एक साथ काम करते हुए मेरी सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के साथ ग्रामीण विकास में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। मुझे यह कहते हुए अत्यंत गौरव की अनुभूति होती है कि तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर जो 36 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, उनमें से अधिकांश पुरस्कार अनुसूचित क्षेत्रों की पंचायत राज संस्थाओं को मिले हैं।

18. ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में जनता के धन की सुरक्षा और सुरक्षित लेन-देन की व्यवस्था की गई है, जिसमें 21 हजार से अधिक बैंक मित्र, 26 हजार से अधिक बीसी सखियां, 551 नई बैंक शाखाएं तथा 600 एटीएम का सहयोग मिलने लगा है।

19. मेरी सरकार ने ऐसी अधोसंरचनाओं के विकास पर बल दिया है, जिससे अधूरे पड़े कार्य शीघ्रता से पूरे हों और उनका लाभ तुरंत जनता को मिले। इस रणनीति से 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित की गई, वहीं बेहतर प्रबंधन से 3 लाख हेक्टेयर से अधिक वास्तविक सिंचाई में वृद्धि की गई है। केलो, खारंग, मनियारी, अरपा-भैंसाझार परियोजनाओं के शेष काम वर्ष 2022 में ही पूर्ण करने का लक्ष्य है। इतना ही नहीं, किसानों पर बरसों से लंबित सिंचाई जल कर की राशि 342 करोड़ रुपए अब तक माफ की गई है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला है।

20. प्रदेश में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अब घर-घर में नल कनेक्शन देने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत 48 लाख 59 हजार 443 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल देने का कार्य वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में की जा रही प्रगति उत्साहवर्धक है।

21. मेरी सरकार ने न्याय दिलाने के शुरुआती कदम के रूप में निरस्त वन अधिकार दावों की समीक्षा का निर्णय लिया था, जिसके कारण अब तक 4 लाख 45 हजार 833 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र तथा 45 हजार 305 सामुदायिक वन अधिकार पत्र और 23 लाख हेक्टेयर भूमि पर मान्यता दी गई है। इससे बड़े पैमाने पर आय बढ़ाने के अवसर सृजित किए गए हैं। वन अधिकार पत्रों के तहत आबंटित भूमि पर उपजाए धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी, ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं।

22. मेरी सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में शिक्षा की व्यापकता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। 16 जिलों में 150 आदर्श छात्रावासों तथा आश्रम शालाओं का विकास किया जा रहा है। अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए जिला दुर्ग में 200 सीटर आवासीय कोचिंग संस्थान स्थापित करने की पहल की गई है। ‘स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालयों’ में सफलता के नए कीर्तिमान रचे गए हैं। साथ ही ‘सहयोग योजना’ के तहत 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इन उपायों से नक्सल प्रभावित परिवारों के साथ ही अनुसूचित क्षेत्रों के नौनिहालों में नई आशा का संचार हुआ है।

23. अनुसूचित क्षेत्रों के जिलों में सरकारी विभागों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के जिला संवर्ग के रिक्त पदों पर स्थानीय युवाओं की भर्ती सुनिश्चित की जा रही है। सरगुजा, बस्तर संभाग के जिलों के अलावा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही तथा कोरबा जैसे 14 जिलों में यह व्यवस्था की गई है। विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन करते हुए भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

24. मेरी सरकार ने जिला खनिज संस्थान न्यास निधि का उपयोग व्यापक जनहित में करने के लिए अनेक सुधार किए हैं, जिसके तहत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अतिरिक्त महिलाओं एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्यों का नामांकन सुनिश्चित किया गया है। सही नीति और सही अमल के कारण इस निधि की औसत प्राप्ति 1 हजार 200 करोड़ रुपए वार्षिक से बढ़कर 2 हजार करोड़ रुपए हो गई है। इसी तरह गौण खनिजों से प्राप्त राशि का शत-प्रतिशत वितरण ग्रामीण विकास, पंचायतों और स्थानीय निकायों में करने के निर्णय से विगत वर्ष लगभग 261 करोड़ रुपए इन क्षेत्रों को दिए गए हैं।

25. मेरी सरकार ने लोककलाओं, परंपराओं, स्थानीय कौशल, संस्कृति और पर्यटन को समग्रता से देखते हुए ऐसा वातावरण बनाया है, जिसमें संरक्षण के साथ रोजगार के अवसरों को भी समेकित किया जा सके। अनुसूचित वर्गों में आत्मगौरव के संचार के लिए नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह जी एवं बाबा गुरु घासीदास जी के नाम पर स्मारक एवं संग्रहालय स्थापित करने की पहल की गई है।

26. इस क्रम में परंपरागत बुनकरों द्वारा निर्मित गमछे को राजकीय गमछे का दर्जा दिया गया है। प्रदेश में पहली बार वार्षिक सांस्कृतिक कैलेण्डर का निर्माण किया गया है। फिल्म नीति 2021 लागू कर दी गई है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन दूसरी बार भी सफलतापूर्वक किया गया। चौमासा कार्यक्रम के अंतर्गत 1 हजार 58 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। ‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’ का गठन कर दिया गया है। ‘लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना’,‘छात्रवृत्ति योजना’, ‘मानस मण्डली प्रोत्साहन योजना’ लागू की गई है।

27. मेरी सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर ध्यान दिया है। ग्रामोद्योग के परंपरागत आधार को नया आयाम दिया गया है। हाथकरघा वस्त्रों को उचित दाम दिलाने हेतु गोदना-शिल्प, टाई-डाई, इम्ब्राडरी वर्क, मधुबनी आर्ट, स्टेनसिल, कसीदाकारी जैसे प्रिंट को बढ़ावा दिया जा रहा है। बैगा, उरांव, डोंगरिया गोंड एवं लोधी समुदाय में प्रचलित परंपरागत डिजाइन के वस्त्रों को नया जीवन देकर उत्पादन कराया जा रहा है। प्राचीन स्मारकों पर आधारित डिजाइन श्रृंखला जैसे बाबा गुरु घासीदास, जैतखाम, कौशल्या, रामायण, सिरपुर एवं दूधाधारी डिजाइन को कपड़ों में बुनाई कला के माध्यम से उकेरा गया है। केला, अलसी, सीसल, घींचा जैसे प्राकृतिक रेशों से भी वस्त्र निर्माण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ट्राईफेड द्वारा आदिवासी बुनकरों के द्वारा निर्मित वस्त्रों की बिक्री का इंतजाम किया गया है। इसी प्रकार धातु, माटी, बांस आदि सामग्रियों से हस्तशिल्प की परंपरा को भी नई सुविधाओं के साथ नया बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी खान-पान को बढ़ावा देने के लिए 16 जिलों में गढ़कलेवा के नए केन्द्र स्थापित किए गए हैं।

28. मेरी सरकार ने स्वस्थ और सचेतन छत्तीसगढ़ निर्माण की अवधारणा को सिर्फ अस्पतालों और दवाओं तक सीमित न रखकर सम्पूर्ण जीवनचक्र से जोड़ा है। स्वस्थ जीवन के लिए सबसे जरूरी है पर्याप्त और पोषणयुक्त भोजन। इसलिए मेरी सरकार ने सार्वभौम पीडीएस लागू किया और लाभान्वितों की संख्या को 2 करोड़ 12 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ 55 लाख कर दिया है। वर्ष 2021 में 2 लाख 34 हजार राशनकार्ड जारी किए गए तथा 11 लाख 29 हजार सदस्यों के नाम जोड़े गए। पोषण सुरक्षा के लिए बस्तर में पात्र हितग्राहियों को 17 रुपए किलो की दर से 2 किलो गुड़ दिया जा रहा है। फोलिक एसिड तथा विटामिन बी 12 युक्त फोर्टिफाइड चावल वितरण का कार्य अब सभी जिलों में मध्याह्न भोजन तथा पूरक पोषण आहार योजना के तहत किया जा रहा है। कोरोना काल में निःशुल्क चावल वितरण का जो कार्य शुरू किया गया था वह मार्च 2022 तक जारी रहेगा।

29. मेरी सरकार ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ के रूप में एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभा रही है। इस कार्य में आंगनवाड़ी सेवाएं, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन तिहार, नवा जतन, महतारी जतन योजना आदि का सहयोग भी मिल रहा है। इस अभियान का सुपरिणाम है कि एनएफएचएस 5 के ताजा आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर राष्ट्रीय औसत से भी कम होकर 31.3 प्रतिशत हो गई है।

30. मेरी सरकार ने स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास हेतु 3 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तथा 1 निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया है। इसी प्रकार नए 50 उपस्वास्थ्य केन्द्र, 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 2 जिला अस्पताल, 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की स्वीकृति दी। साथ ही विभिन्न संस्थाओं का उन्नयन भी किया गया है।

31. कोरोना महामारी से निपटना पूरी दुनिया के लिए एक नया अनुभव था। मेरी सरकार ने बहुत तत्परता और दूरदर्शिता के साथ इस चुनौती का सामना किया और बड़े पैमाने पर कोरोना की जांच तथा उपचार की अधोसंरचना बनाई। ये सुविधाएं दर्शाती हैं कि मेरी सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है।

32. स्वास्थ्य सेवाओं को बसाहटों, गांवों तथा शहरी स्लम बस्तियों तक पहुंचाने तथा महंगे उपचार से जनता को राहत दिलाने के लिए मेरी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना’, ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’, ‘दाई-दीदी क्लीनिक’, ‘श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स’, ‘डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’, हमर अस्पताल, दीर्घायु वार्ड आदि योजनाएं तथा ‘मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ संचालित किया। राज्य में मलेरिया परजीवी सूचकांक वर्ष 2018 में 2.63 प्रतिशत था, जो अब 2 तिहाई घटकर 0.92 प्रतिशत रह गया है। निश्चित तौर पर यह सफलता की एक बड़ी मिसाल है।

33. मेरी सरकार ने प्रदेश में न्याय व्यवस्था की मजबूती के लिए 37 व्यवहार न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। अपराध पीड़ित बच्चों के प्रकरणों के लिए (पॉक्सो) फास्ट ट्रेक कोर्ट तथा अधिवक्ताओं के लिए राज्य अधिवक्ता संस्थान की स्थापना कर रही है।

34. मेरी सरकार ने महिला-स्वावलंबन के लिए नए-नए उपाय किए हैं। अपनी जमीन-अपना घर महिलाओं को शक्ति देते हैं। मेरी सरकार ने छोटे भू-खण्डों की खरीद-बिक्री पर रोक हटाई, पंजीयन की प्रक्रिया को सरल किया। बाजार मूल्य दरों को 40 प्रतिशत तक कम किया। आवासीय भवनों के पंजीयन शुल्क में रियायत दी और महिलाओं के पक्ष में पंजीयन कराने पर स्टाम्प शुल्क में 1 प्रतिशत की छूट दी। इसका लाभ लाखों परिवारों को मिला है और निश्चित तौर पर महिलाओं को बड़ी राहत मिली है।

35. मेरी सरकार ने श्रमिक परिवारों की बेटियों के पालन-पोषण तथा विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ की नई पहल की है, जिसमें ‘छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल’ में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। इसी प्रकार राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेंटर, जिला तथा विकासखण्ड मुख्यालय स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’, प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना, डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली तथा इसी की तर्ज पर नल कनेक्शन, महिला स्व-सहायता समूहों को छत्तीसगढ़ महिला कोष से प्रदत्त बकाया ऋण माफी, ग्रामीण क्षेत्रों में भी शासकीय पट्टे की भूमि को फ्री-होल्ड करने जैसे फैसलों का लाभ निश्चित तौर पर महिलाओं को राहत पहुंचाने वाला है।

36. राजस्व न्यायालय के कार्यों में पारदर्शिता तथा तेजी लाने के लिए ‘ई-कोर्ट’ प्रारंभ किए गए हैं, जिसमें नागरिकों को कहीं से भी लॉनलाइन आवेदन करने की सुविधा, पंजीयन से लेकर निराकरण की कार्यवाही तथा अंतिम आदेश की ऑनलाइन जानकारी, पक्षकारों को पेशी तिथि की सूचना एसएमएस के माध्यम से तथा विचाराधीन प्रकरणों से संबंधित भूमियों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है। भूमि के पंजीयन, नामांतरण, डायवर्सन, फ्री-होल्ड, वार्षिक भू-भाटक के एकमुश्त भुगतान में राहत, शासकीय भूमि के आबंटन आदि प्रक्रियाओं को सरल किया गया है।

37. कोविड से मृत व्यक्तियों के आश्रितों को 102 करोड़ रुपए की राहत, बेमौसम बारिश तथा ओलावृष्टि प्रभावितों को 9 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई है, जो संकटग्रस्त लोगों को मदद करने की मेरी सरकार की दृढ़इच्छा-शक्ति का प्रतीक है।

38. छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की बुनियाद मजबूत करने के लिए मेरी सरकार ने ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना’ शुरू की थी, जिसके तहत 171 शालाओं में उच्च स्तरीय अधोसंरचना तथा सुविधाएं जुटाई गईं। अब ऐसी ही हिन्दी माध्यम शालाएं विकसित करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। इस योजना से सरकारी शालाओं में पढ़ने वाले कमजोर तबकों के बच्चों का मनोबल बढ़ा है, उन्हें अपना भविष्य संवारने का अवसर मिला है। वहीं इन शालाओं में प्रवेश भी अब प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का उत्कृष्ट विद्यालय स्थापित किया जाएगा। वहीं कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए ‘महतारी दुलार योजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत प्रभावित बच्चों की फीस माफी के अलावा इन्हें छात्रवृत्ति भी दी जा रही है।

39. उच्च शिक्षा का दायरा और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मेरी सरकार ने विगत एक वर्ष में 26 नए सरकारी महाविद्यालय प्रारंभ किए हैं। बीपीएल परिवारों के युवाओं को डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति दी जा रही है। निःशुल्क बालिका शिक्षा की व्यवस्था की है। राज्य के 25 जिलों में कन्या महाविद्यालय की स्थापना हो चुकी है, वहीं शासकीय कॉलेजों में बालिकाओं की संख्या डेढ़ गुनी हो गई है। सकल नामांकन अनुपात 3.5 से बढ़कर 18.6 प्रतिशत हो गया है। महाविद्यालयों में शैक्षिक तथा अन्य पदों पर भर्ती से शिक्षा और प्रबंधन में सुधार आया है।

40. शिक्षा के साथ रोजगारपरक कौशल विकास पर जोर दिया गया है। प्रशिक्षण पूर्व काउंसिलिंग तथा प्रशिक्षण पश्चात नियोजन की सुविधाएं दी गई हैं। हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई का प्रमाण-पत्र देने की व्यवस्था भी की गई है। मुख्यमंत्री पॉलिटेक्निक गुणवत्ता विकास योजना, मुख्यमंत्री प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन एवं विकास योजना, शिक्षा ऋण के ब्याज में छूट की योजना, युवा क्षमता विकास योजना, मॉडल कैरियर सेंटर योजना, राष्ट्रीय अर्हता कौशल फ्रेम वर्क आदि उपायों से प्रदेश में युवाओं को अपना लक्ष्य साधना आसान हुआ है।

41. मेरी सरकार ने युवाओं के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया है। इसके लिए 13 हजार 269 ‘राजीव युवा मितान क्लब’ की स्थापना की जा रही है। बिलासपुर में आवासीय तीरंदाजी, हॉकी तथा एथलेटिक अकादमी, रायपुर में गैर आवासीय हॉकी, तीरंदाजी, बालिका फुटबॉल, एथलेटिक तथा धनुर्विद्या अकादमी आदि संस्थाओं के माध्यम से प्रदेश में खेलकूद को भी व्यावसायिक स्तर पर अपनाने की प्रेरणा युवाओं को मिल रही है।

42. मेरी सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत नशाबंदी के संबंध में अध्ययन करने हेतु तीन समितियों का गठन किया है, जो विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रही हैं। विगत दो वर्षों में 99 मदिरा दुकानों तथा रेस्टोरेंट बार को बंद किया गया है। प्रदेश में मदिरा के अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए दो नए आबकारी संभाग गठित किए गए हैं, वहीं 28 स्थानों पर आबकारी जांच चौकी संचालित की जा रही है।

43. ‘राम वनगमन पर्यटन परिपथ’ के विकास के संकल्प को मेरी सरकार बहुत गंभीरता से पूरा कर रही है। प्रदेश के 75 स्थानों को चिन्हांकित किया गया है, जिसमें से प्रथम चरण में 9 स्थानों पर अधोसंरचना विकास का काम किया जा रहा है। रायपुर के निकट ग्राम चंदखुरी में माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार करते हुए इसका लोकार्पण किया गया है। विभिन्न जिलों में पर्यटन विकास कार्यों के लिए भूमि आरक्षित कराई जा रही है, जिसमें निजी निवेशकों, स्थानीय प्रशासन तथा शासन की भागीदारी से समुचित विकास कार्य किए जाएंगे। चंदखुरी, सरोधा दादर, सतरेंगा तथा बालाछापर सरना में जो विकास के कार्य किए गए हैं, उससे पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।

44. मेरी सरकार ने आम जनता को घरपहुंच सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में परिवहन विभाग को भी शामिल किया है। इसके माध्यम से हेल्पलाइन नंबर पर जानकारी देने तथा विभिन्न दस्तावेज स्पीड पोस्ट के माध्यम से घर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। नवा रायपुर में वाहन चालन प्रशिक्षण तथा अनुसंधान संस्थान की स्थापना कर दी गई है, वहीं लर्निंग लायसेंस बनाने के लिए लगभग 1 हजार परिवहन सुविधा केन्द्र पूरे राज्य में खोले जाएंगे।

45. समाज कल्याण के क्षेत्र में मेरी सरकार ने नए कदम उठाए हैं। थर्ड जेण्डर लोगों को शासकीय सेवा में चयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। थर्ड जेण्डर लोगों को राज्य पुलिस बल में नियुक्ति दी गई है। वहीं अब इनके लिए आश्रय-सह पुनर्वास केन्द्र स्थापित किया जा रहा है, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़ है।

46. छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम द्वारा दिव्यांगजनों को प्रदत्त ऋण की नियमित वापसी करने वालों को शेष राशि में सब्सिडी प्रदान करने हेतु नई योजना भी प्रारंभ की गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘प्रशामक देख-रेख गृह’ की स्थापना दुर्ग, कबीरधाम तथा बालोद जिलों में की गई है।

47. मेरी सरकार के विशेष प्रयासों से जगदलपुर तथा बिलासपुर हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। मां दन्तेश्वरी एयरपोर्ट, जगदलपुर से हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर सेक्टर में तथा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट, बिलासपुर (चकरभाठा) से दिल्ली-जबलपुर- बिलासपुर- प्रयागराज सेक्टर में अब नियमित विमान सेवा का संचालन हो रहा है, जिससे इस क्षेत्र में विकास के नए द्वार खुले हैं।

48. राज्य शासन द्वारा मां महामाया एयरपोर्ट, अम्बिकापुर दरिमा के रनवे के विकास के लिए 43 करोड़ 98 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। शीघ्र ही एयरपोर्ट का लायसेंस प्राप्त कर यहां से भी घरेलू विमान सेवा प्रारंभ करने की योजना है।

49. प्रदेश में विमानन अधोसंरचना विकास के क्रम में राज्य शासन द्वारा कोरिया जिला में एक नवीन हवाई पट्टी विकसित करने तथा कोरबा जिला में एक व्यावसायिक एयरपोर्ट के विकास की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। माना एयरपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं तथा अंतरराष्ट्रीय कार्गो सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। इस नेक काम में सभी को अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए।

50. मेरी सरकार ने पुलिस बल को विश्वास-विकास -सुरक्षा का मंत्र दिया है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ का पुलिस बल जनता को सुरक्षा देने के अलावा स्थानीय स्तर पर जनता का मनोबल तथा अधोसंरचना विकास में भी योगदान दे रहा है। नई प्रौद्योगिकी तथा नई सोच से अपराधों की जांच और रोकथाम के लिए पुलिस बल की विभिन्न इकाइयों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिसमें फारेंसिक, डायल-112, पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय आदि के लिए किए गए कार्य प्रमुख हैं।

51. महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति एप, पुलिसकर्मियों का मानसिक तनाव दूर करने के लिए ‘स्पंदन’ कार्यक्रम, नक्सल प्रभावित अंचलों में 900 से अधिक परिवारों को मुकदमों से मुक्ति, ठगी की आरोपी चिटफण्ड कंपनियों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही से न्याय का विस्तार हुआ है। चिटफण्ड कंपनियों में पैसा जमा करने वाले 17 हजार से अधिक निवेशकों को 11 करोड़ रुपए से अधिक राशि लौटाई जा चुकी है।

52. विभिन्न प्रयासों से नक्सली हिंसा की घटनाओं में प्रभावी रोक लगी है। वहीं 46 नक्सलवादियों को धराशायी करने तथा 555 नक्सलवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में बड़ी सफलता मिली है। इस तरह प्रदेश में शांति व्यवस्था का दायरा भी लगातार बढ़ रहा है। जिसके कारण हर क्षेत्र में विकास की गतिविधियों का भी विस्तार हो रहा है।

53. मेरी सरकार ने हर हाथ को काम देने की दिशा में बहुत ही स्पष्ट सोच रखी है, जिसके तहत सरकारी विभागों, अर्द्धसरकारी संस्थाओं में स्थायी भर्ती तथा अन्य माध्यमों से नौकरी के दरवाजे खोले गए हैं। नई औद्योगिक नीति में भी पर्यावरण सम्मत रोजगार प्रधान संस्थाओं को प्राथमिकता दी गई है, जिसके कारण 1 हजार 950 औद्योगिक इकाइयों में लगभग 84 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ तथा लगभग 36 हजार लोगों को रोजगार मिला। इसके अलावा 166 एमओयू के माध्यम से लगभग 78 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश तथा 1 लाख 8 हजार लोगों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है। रोजगार के नए अवसरों के सृजन हेतु ‘छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन’ का गठन किया गया है। जिसके तहत आगामी 5 वर्षों में 15 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

54. राज्य में कारगर प्रशासन और आम जनता की सुविधा के लिए ऑनलाइन सेवाओं का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। विभिन्न विभागों की 132 सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं, जिससे एक वर्ष में 25 लाख से अधिक लोगों ने घर बैठे शासकीय सेवाओं का लाभ लिया है। इस तरह लोक सेवा केन्द्र सुशासन और जन-सुविधा केन्द्र की भूमिका भी निभा रहे हैं। वहीं ‘मुख्यमंत्री सीजी कैम्प पोर्टल’ से जनहितकारी योजनाओं की मॉनीटरिंग की व्यवस्था की गई है। यही वजह है कि मेरी सरकार को त्वरित क्रियान्वयन वाली सरकार के रूप में ख्याति मिली तथा अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है।

55. मेरी सरकार द्वारा राज्य की अस्मिता, स्थानीय संसाधनों के सदुपयोग, सबके स्वावलंबन, उन्नत स्वास्थ्य एवं शिक्षा के साथ समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों से न सिर्फ तात्कालिक संकटों का समाधान हुआ है बल्कि राज्य की दीर्घकालीन विकास नीति की बुनियाद भी मजबूत हुई है। समावेशी विकास का ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ बहुमुखी सफलताओं का प्रतीक बन गया है। मेरी कामना है कि आप सब मिलकर छत्तीसगढ़वासियों की आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने के लिए पूर्ण समर्पण से कार्य करें और गरिमामय नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने में अपना बहुमूल्य योगदान दें।

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PM के UP में दिए भाषण पर CM का तंज: भूपेश बघेल ने कहा-कथित ‘गुजरात मॉडल’ वालों ने ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ गुनगुनाया http://revoltnewsindia.com/cms-taunt-on-pms-speech-in-up-bhupesh-baghel-said-the-people-of-the-so-called-gujarat-model-hummed-the-chhattisgarh-model/6425/ http://revoltnewsindia.com/cms-taunt-on-pms-speech-in-up-bhupesh-baghel-said-the-people-of-the-so-called-gujarat-model-hummed-the-chhattisgarh-model/6425/#respond Mon, 21 Feb 2022 09:48:20 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6425 छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर से तंज कसा है। प्रधानमंत्री के उत्तर प्रदेश की चुनावी सभा में दिए गए भाषण का हवाला देते हुए…

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर से तंज कसा है। प्रधानमंत्री के उत्तर प्रदेश की चुनावी सभा में दिए गए भाषण का हवाला देते हुए CM ने सोशल मीडिया पर लिखा, हमने छत्तीसगढ़ में कर दिखाया, हमारी नेता ने उत्तर प्रदेश में अपनाया, कथित ‘गुजरात मॉडल’ वालों ने आज मंच से ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ गुनगुनाया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की बात कर रहे थे। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार गोठानों के जरिए दो रुपए प्रति किलोग्राम की दर से मवेशियों का गोबर खरीदती है। वहीं गोठानों में मवेशियों के लिए डे-शेल्टर की व्यवस्था। यहां चारा-पानी की व्यवस्था सरकारी मदद से होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश में भी छुट्‌टा पशुओं की समस्या बहुत विकराल है। किसानों का कहना है, छुट्‌टा घूम रहे मवेशी फसलों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं। उनको भगाने के चक्कर में लोग घायल होते हैं और आपसी विवाद भी बढ़ रहे हैं। कांग्रेस ने गोधन न्याय योजना का वादा अपने मेनिफेस्टो में किया है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव के बाद छुट्‌टा पशुओं की समस्या के समाधान की योजना लागू करने का वादा किया है। उन्होंने कहा, गोबर बेचकर भी पैसा मिलने लगेगा तो लोग छुट्‌टा मवेशियों को भी घर में बांध लेने की सोचेंगे।

तीन दिन से उत्तर प्रदेश में हैं CM भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 19 फरवरी से उत्तर प्रदेश में हैं। पहले दिन उन्होंने लखनऊ जिले की विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के लिए जनसभा की। रविवार को उन्होंने रायबरेली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ मंच साझा किया। उसके अलावा जिले की कई सीटों पर प्रचार किया। मुख्यमंत्री सोमवार को प्रयागराज जिले की सीटों पर प्रचार करने निकले हैं।

हर भाषण में न्याय योजनाओं की बात
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर बार छत्तीसगढ़ मॉडल की हवाला दे रहे हैं। इसमें वे 2500 रुपए में धान खरीदने की बात, कर्ज माफी, भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 6 हजार रुपए देने वाली न्याय योजना की भी बात की है। गोबर खरीदने और छुुट्‌टा मवेशियों के प्रबंधन से जुड़ी गोधन न्याय योजना की बात उनकी सभाओं में जोर देकर कही जा रही है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लखनऊ के लिए रवाना, बीजेपी प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के दौरे पर CM ने कहा- बस्तर में पुरंदेश्वरी ने थूका, इसलिए वहां से साफ हो गई भाजपा http://revoltnewsindia.com/chief-minister-bhupesh-baghel-left-for-lucknow-on-the-visit-of-bjp-in-charge-d-purandeshwari-cm-said-purandeshwari-spit-in-bastar-so-bjp-got-cleared-from-there/6406/ http://revoltnewsindia.com/chief-minister-bhupesh-baghel-left-for-lucknow-on-the-visit-of-bjp-in-charge-d-purandeshwari-cm-said-purandeshwari-spit-in-bastar-so-bjp-got-cleared-from-there/6406/#respond Sat, 19 Feb 2022 12:37:08 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6406 रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज लखनऊ के लिए रवाना हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि तीसरा चरण का मतदान तो कल हो जाएगा। चौथा, पांचवा, छठवां, सातवां चरण के लिए…

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज लखनऊ के लिए रवाना हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि तीसरा चरण का मतदान तो कल हो जाएगा। चौथा, पांचवा, छठवां, सातवां चरण के लिए सभी लोग लगे हुए हैं। दो चरण में भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह पिछड़ गई है। अब संकेत आने शुरू हो गए हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जा रही है।

छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के दौरे पर सीएम भूपेश बघेल कसा तंज कसते हुए कहा कि नगरीय निकाय चुनाव के सदमे से उबर गए लगता हैं। अब फिर से आई है और हंटर हंटर चलाएं तो ठीक रहेगा बस्तर में पुरंदेश्वरी ने थूका था। इसलिए बस्तर से बीजेपी साफ हो गई है।

बड़े नेताओं को दौरे पर नहीं बुलाए जाने पर बोले बिल्कुल स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी नया नेतृत्व खोज रही है। पुराने जो लोग हैं उसको दरकिनार करना चाहते हैं। इतने सालों तक रहे हैं। उनके साथ इस तरीके का अपमान उनके पार्टी के द्वारा किया जा रहा है। यह तो बहुत चिंतनीय है।

राज्यपाल अनुसूईया उइके के बयान पर सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग यदि मांग कर रहे हैं। उसको अनदेखा क्यों किया जाना चाहिए। हाल बेहाल में नियुक्ति की गई है। वह तो छत्तीसगढ़ के नहीं थे। हम अपनी मांग नहीं रख सकते। क्या आखिर राज्यपाल भी तो हमारी राज्यपाल है। राज्यपाल राजनीति करना बंद करें। जो राजनीति कर रहे हैं। वह अच्छी बात नहीं है छत्तीसगढ़ के हित के लिए बिल्कुल भी नहीं है।

रेत और सीमेंट के बढ़ रहे दामों पर बोले कि जहां तक सीमेंट की बात है। वह हमारे हाथों में नहीं है। भारत सरकार के अधीन है। दूसरी बात यह है कि रेत के मामले में लगातार शिकायत मिल रही थी। अवैध उत्खनन होने की कार्यवाही की गई तो उसका रिएक्शन देखने को मिल रहा है। बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा।

कुमार विश्वास के बयान पर कहा कि केजरीवाल को जवाब देना चाहिए। 12,000 ई स्मार्ट क्लास बनाएं। जो कि 75 साल में नहीं बना था। बोल रहे हैं स्मार्ट क्लास का कॉन्सेप्ट अभी आया है। कुछ वर्ष पहले आया है। उसके पहले तो नहीं था। स्मार्ट क्लास का कॉन्सेप्ट दुनिया में नहीं था।

कुमार विश्वास के सवाल का उनको सीधा-सीधा जवाब देना चाहिए। देश की एकता से जुड़ा हुआ है। अखंडता से जुड़ा हुआ है। भावनाओं से जुड़ा हुआ है। इसलिए उनको दाएं बाएं नहीं करना चाहिए। सीधे उनको सवाल का जवाब देना चाहिए। आप पार्टी भारतीय जनता पार्टी की बी टीम है।

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