india Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/india/ News for India Fri, 19 Nov 2021 12:32:25 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png india Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/india/ 32 32 174330959 छत्तीसगढ़ के चार किसान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के हाथों हुए सम्मानित… http://revoltnewsindia.com/four-farmers-of-chhattisgarh-were-honored-by-union-agriculture-minister-narendra-singh-tomar/4529/ http://revoltnewsindia.com/four-farmers-of-chhattisgarh-were-honored-by-union-agriculture-minister-narendra-singh-tomar/4529/#respond Fri, 19 Nov 2021 12:32:17 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4529 छत्तीसगढ़ के चार किसानों को परंपरागत किस्मों के संरक्षण हेतु ‘पादप जीनोम सेवियर’ पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने दिये पुरस्कार कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे…

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छत्तीसगढ़ के चार किसानों को परंपरागत किस्मों के संरक्षण हेतु ‘पादप जीनोम सेवियर’ पुरस्कार

  • नई दिल्ली में आयोजित समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने दिये पुरस्कार
  • कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एस. सेंगर ने दी बधाई

रायपुर। राज्य के बीजापुर, जांजगीर-चांपा एवं बालोद के प्रगतिशील कृषकों लिंगुराम ठाकुर, दीनदयाल यादव, हेतराम देवांगन एवं संजय प्रकाश चौधरी को देशी एवं परम्परागत किस्मों के संरक्षण एवं संवंर्धन हेतु ‘पादप जीनोम सेवियर पुरस्कार‘ से डेढ़ लाख रूपये की राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

नई दिल्ली के पूसा परिसर में आयोजित सम्मान समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने छत्तीसगढ़ राज्य के चार प्रगतिशील कृषकों सम्मानित किया। यह सम्मान भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रति वर्ष देश के कृषकों को देशी एवं परम्परागत किस्मों के संरक्षण, संवंर्धन एवं उन किस्मों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदान किया जाता है।

सम्मान समारोह में कृषि महाविद्यालय, रायपुर के आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी, डॉ. दीपक शर्मा भी उपस्थित थे। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एस. सेंगर ने पुरस्कृत कृषकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण द्वारा छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के प्रगतिशील कृषक लिंगुराम ठाकुर को सम्मानित किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र, बीजापुर के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए ठाकुर ने आदिवासी बहुल क्षेत्र में धान की विलुप्त प्राय प्रजातियों के संरक्षण एवं संवंर्धन में अहम भूमिका निभाई है।

पादप जीनोम सेवियर पुरस्कार 2021 के तहत छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केन्द्र, जांजगीर चांपा के मार्गदर्शन में कार्यरत कृषक दीनदयाल यादव को छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों के संरक्षण एवं पारंपरिक किस्मों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सम्मानित किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र, जांजगीर चांपा के कुशल मार्गदर्शन में ही कार्यरत कृषक हेतराम देवांगन को सांइ करेला, सांइ लौकी की देशी किस्मों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है।

छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केन्द्र, बालोद के मार्गदर्शन में कार्यरत कृषक संजय प्रकाश चौधरी को अरकार दुबराज के संरक्षण एवं पारंपरिक ज्ञान से जैविक खेती में विभिन्न नवीन प्रयोगों द्वारा चयनित नवीन किस्मों के संरक्षण हेतु सम्मानित किया गया है।

चौधरी पंचगव्य से धान की 11 पारम्परिक किस्मों की जैविक खेती करते हैं, जिससे इन किस्मों मे चावल अत्यधिक सुगंध एवं स्वाद में उत्तम पाया गया है। छत्तीसगढ़ के इन प्रगतिशील कृषकों के अथक परिश्रम एवं प्रयासों से देशी किस्मों के संरक्षण में योगदान हेतु छत्तीसगढ़ राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित हुआ है।

उल्लेखनीय है कि अब तक छत्तीसगढ़ राज्य को 2 कृषक समुदाय पुरस्कार, 4 कृषक सम्मान पुरस्कार एवं 13 कृषक पुरस्कार छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों के कृषकों को प्राप्त हो चुके हैं। पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 (पी.पी.व्ही. एवं एफ.आर.ए. 2001) कृषकों की प्रजातियों को संरक्षित करने एवं जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए पादप जिनोम संरक्षण पुरस्कार प्रदान करता हैं।

यह अधिनियम विश्व का एक मात्र ऐसा अधिनियम हैं जो किसानों के हित में देशी किस्मों को बचाने एवं बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। कृषकों कोे किस्मों के संरक्षण एवं अंश लाभ प्रदान करने के लिए इस प्राधिकरण की स्थापना की गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य के कृषकों द्वारा अब तक 1527 देशी किस्मों का पंजीयन कराया जा चुका है, जो संख्या की दृष्टि से पूरे देश में सर्वप्रथम है, जिनमें से 368 पौध किस्मों का पंजीयन प्रमाण-पत्र प्राधिकरण द्वारा जारी कर दिया गया है, जिसमें धान की 364 किस्में, सरसों की 3 किस्में एवं टमाटर की एक किस्म को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। इंदिरा गॉधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर इस प्राधिकरण में राज्य के कृषकों के देशी किस्मों के पंजीयन हेतु वर्ष 2014-15 से कार्य कर रहा है।

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पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कालेज स्तर) हेतु ऑनलाईन आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र आवश्यक http://revoltnewsindia.com/post-matric-scholarship-requires-online-income-caste-and-residence-certificate-for-college-level/4338/ http://revoltnewsindia.com/post-matric-scholarship-requires-online-income-caste-and-residence-certificate-for-college-level/4338/#respond Wed, 10 Nov 2021 12:16:45 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4338 बीजापुर। वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कालेज स्तर) हेतु आनलाईन आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र तैयार करने छात्रों को…

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बीजापुर। वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कालेज स्तर) हेतु आनलाईन आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र तैयार करने छात्रों को सूचित किया गया है।

भारत सरकार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली के नवीन गाईडलाईन अनुसार छात्रवृत्ति की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों के समस्त प्रमाण पत्रों का आनलाईन छात्रवृत्ति पोर्टल पर डिजीटल माध्यम से सत्यापन किया जाना है।

जिले में संचालित समस्त शासकीय, अशासकीय, आई टी आई, महाविद्यालय, पालीटेकनीक इत्यादि संस्था में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों जो पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की पात्रता रखते है। उनकों सूचित किया जाता है।

कि सत्र 2021-22 से आनलाईन पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कालेज स्तर) में आवेदन करने के लिए लोक सेवा केन्द्र द्वारा जारी आनलाईन आय, जाति, एवं निवास प्रमाण पत्र बनाना अनिवार्य है।

जो edistrict.cgstate.gov.in वेबसाईट पर उपलब्ध हो मान्य होगा, विद्यार्थियों के आधार कार्ड में यदि (नाम, जन्म तिथि, पता) सुधार हो तो अवश्य करा लेवें साथ ही विद्यार्थी द्वारा पोर्टल पर प्रदाय किये गये बैंक खाते को आधार नम्बर से करवाना सुनिश्चित करें।

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति पोर्टल प्रारंभ होने से पूर्व लोक सेवा केेन्द्र के माध्यम से आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र एवं मूल निवास प्रमाण पत्र ऑनलाईन प्राप्त करना साथ ही जिन विद्यार्थियों का पूर्व में ऑफलाईन उक्त प्रमाण पत्र तैयार है वे ऑनलाईन अपडेट कराना सुनिश्चित करें।

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प्रदेश में दोनों खुराकों को मिलाकर अब तक 2.37 करोड़ लगाए गए टीके http://revoltnewsindia.com/so-far-2-37-crore-vaccines-have-been-administered-in-the-state-by-combining-both-the-doses/4305/ http://revoltnewsindia.com/so-far-2-37-crore-vaccines-have-been-administered-in-the-state-by-combining-both-the-doses/4305/#respond Tue, 09 Nov 2021 08:24:02 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4305 प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक के 38.03 लाख और 18 से 44 आयु वर्ग के 32.58 लाख लोग लगवा चुके हैं कोरोना से बचाव के दोनों टीके दोनों खुराकों…

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प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक के 38.03 लाख और 18 से 44 आयु वर्ग के 32.58 लाख लोग लगवा चुके हैं कोरोना से बचाव के दोनों टीके

  • दोनों खुराकों को मिलाकर अब तक 2.37 करोड़ टीके लगाए गए
  • 1.61 करोड़ लोगों ने पहला टीका और 75.94 लाख ने लगवाए हैं दोनों टीके

रायपुर। कोरोना से बचाव के लिए प्रदेश में अब तक (7 नवम्बर तक) दो करोड़ 37 लाख 33 हजार 338 टीके लगाए गए हैं। प्रदेश के एक करोड़ 61 लाख 39 हजार 625 लोगों को इसका पहला टीका और 75 लाख 93 हजार 713 को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।

कोरोना सक्रंमण से बचाव के लिए बालोद जिले में अब तक आठ लाख 43 हजार 755, बलौदाबाजार-भाटापारा में आठ लाख 62 हजार 978, बलरामपुर-रामानुजगंज में चार लाख 45 हजार 146, बस्तर में छह लाख 76 हजार 700, बेमेतरा में पांच लाख 59 हजार 135, बीजापुर में एक लाख 58 हजार 180, बिलासपुर में 16 लाख 67 हजार 300, दंतेवाड़ा में दो लाख 57 हजार 473, धमतरी में सात लाख 69 हजार 322,

दुर्ग में 16 लाख 61 हजार 999, गरियाबंद में चार लाख 11 हजार 321, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में तीन लाख सात हजार 190, जांजगीर-चांपा में 12 लाख 75 हजार 328 और जशपुर में छह लाख 80 हजार 097 टीके लगाए जा चुके हैं।

कबीरधाम जिले में कोरोनारोधी टीके की पहली और दूसरी, दोनों खुराकों को मिलाकर छह लाख आठ हजार 372, कांकेर में छह लाख नौ हजार 254, कोंडागांव में चार लाख 38 हजार 632, कोरबा में नौ लाख 93 हजार 932, कोरिया में पांच लाख 35 हजार 097,

महासमुंद में 12 लाख 70 हजार 712, मुंगेली में चार लाख 16 हजार 616, नारायणपुर में 82 हजार 523, रायगढ़ में 23 लाख 13 हजार 228, रायपुर में 26 लाख 25 हजार 855, राजनांदगांव में 16 लाख 19 हजार 708, सुकमा में दो लाख 31 हजार 490, सूरजपुर में छह लाख नौ हजार 358 तथा सरगुजा में आठ लाख दो हजार 637 टीके अब तक लगाए गए हैं।

प्रदेश भर में तीन लाख दस हजार 601 स्वास्थ्य कर्मियों, तीन लाख 18 हजार 668 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 63 लाख 11 हजार 245 और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 91 लाख 99 हजार 111 नागरिकों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है।

वहीं दो लाख 69 हजार 917 स्वास्थ्य कर्मियों, दो लाख 62 हजार 710 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 38 लाख तीन हजार 177 तथा 18 से 44 आयु वर्ग के 32 लाख 57 हजार 909 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।

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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव-2021: आधुनिक समाज को प्रकृति प्रेम आदिवासियों से सीखने की जरूरत: राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके http://revoltnewsindia.com/national-tribal-dance-festival-and-rajyotsav-2021-modern-society-needs-to-learn-from-nature-loving-tribals-governor-ms-anusu/4152/ http://revoltnewsindia.com/national-tribal-dance-festival-and-rajyotsav-2021-modern-society-needs-to-learn-from-nature-loving-tribals-governor-ms-anusu/4152/#respond Fri, 29 Oct 2021 07:39:20 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4152 आदिवासी संस्कृति और उनके कल्याण के क्षेत्र में अनुभव साझा करने का बेहतर अवसर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश-दुनिया में…

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आदिवासी संस्कृति और उनके कल्याण के क्षेत्र में अनुभव साझा करने का बेहतर अवसर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश-दुनिया में आदिवासियों की संस्कृति बहुत समृद्ध है। आदिवासी, समृद्ध संस्कृति के वाहक होने के साथ ही प्रकृति के पूजक भी हैं। उनकी जीवनशैली और प्रकृति के बीच एक गहरा सामंजस्य है। आदिवासी न्यूनतम आवश्यकताओं पर जीने वाले होते हैं, यह वास्तव में उनकी जीवनशैली का मूलमंत्र है।

वे प्रकृति से उतना ही लेते हैं, जितनी उन्हें आवश्यकता होती है, क्योंकि वे धरती को अपनी माता मानते हैं। आधुनिक समाज को कई मायनों में उनसे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।

आज विश्व, जलवायु परिवर्तन के कारण अनेकों समस्याओं का सामना कर रहा है, इसे हल करने का उपाय प्रकृति से प्रेम करने में और उसका आदर करने में छिपा हुआ है। उक्त बातें राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके ने साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव 2021 के अवसर पर कही।

राज्यपाल सुश्री उइके ने इस समारोह में देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेशों से आए लोक कलाकारों का छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्वागत करते हुए कहा कि हमारे देश में अतिथि देवो भवः की परम्परा है। मुझे विश्वास है कि यहां पधारे अतिथि, छत्तीसगढ़ में अपने प्रवास का आनंद लेंगे और सुखद यादें लेकर जाएंगे। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की अग्रिम बधाई भी दी। 

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान अनेकता में एकता की अनोखी छटा दिखाई दे रही है। ऐसा लग रहा है, मानो यहां लघु भारत आ गया है। यह महोत्सव, विभिन्न परंपराओं और संस्कृतियों का संगम है। इस सुंदर और भव्य राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी पूरी टीम को बधाई दीं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य शासन मिलकर आदिवासी हितों की रक्षा के साथ शिक्षा, आर्थिक कल्याण और सामुदायिक उत्थान को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए उन्हें जागरूक करना और सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना जरूरी है।

इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महती प्रयास किए जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि इस राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में विदेशी कलाकारों के नृत्य के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के करमा, सुआ, शैला आदि देखने को मिलेगा, वहीं विभिन्न प्रदेशों के मनमोहक लोक नृत्य देखने को मिलेंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से जनजातीय समुदायों के बीच कला और संस्कृति की साझेदारी तो हो ही रही है, गौर करने वाली बात यह भी है कि इन समुदायों के कल्याण के लिए देशभर में काम कर रहे

लोग भी एक दूसरे से अपने अनुभवों और उपलब्धियों को साझा कर रहे हैं और एक दूसरे से प्रेरणा ले रहे हैं। इस तरह समग्र रूप में यह आयोजन राष्ट्रीय जनजातीय परिदृश्य में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के इस आयोजन से पूरे छत्तीसगढ़ में जिस तरह के वातावरण का निर्माण हुआ है, उससे ऐसा लग रहा है कि हमारी दीवाली आज से ही शुरु हो गई है।

इस साल छत्तीसगढ़ के लोगों की दीवाली लंबी होने वाली है। इससे जाहिर है कि हमारी खुशियां भी दोगुनी होने वाली है। लोक-गीत, लोक-नृत्य, लोक-शिल्प, लोक-वाद्य और लोक-परंपराएं जब आपस में मिलती हैं, तभी गांवों में दीवाली सजती है। ठीक यही वह समय होता है जब खेतों में धान की बालियां भी सुनहरी होने लगती हैं। छत्तीसगढ़ में इस बार ये सारा संजोग आज से ही शुरु हो गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ में देश-विदेश के पहुना पधारे हैं। देश-विदेश से पधारे मेहमानों ने यहां आकर जो आत्मीयता दिखाई है, उससे हम छत्तीसगढ़िया लोग अभिभूत हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया, फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से न केवल पूरा छत्तीसगढ़, बल्कि देश और दुनिया लाइव देख रही है।

सांसद राहुल गांधी ने भी आज अपना संदेश भेजकर छत्तीसगढ़ शासन के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के जनजातीय कलाकारों को मंच प्रदान करने, प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से लोगों को परिचित कराने के लिए हो रहे इस आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के इस आयोजन की प्रेरणा राहुल गांधी से ही मिली थी। वर्ष 2019 में जब राज्य में पहली पर यह आयोजन हुआ था, तब उन्होंने ही स्वयं उपस्थित होकर इस नयी परंपरा का शुभारंभ किया था। आदिवासियों, किसानों और वनाश्रितों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के साथ-साथ उनकी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के लिए उन्होंने हमें लगातार निर्देशित किया है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य में आदिवासी समुदाय को उनके अधिकार, हक और न्याय देने के लिए हर पात्र वनवासी को वन अधिकार पट्टों का वितरण, तेंदूपत्ता और लघु वनोपजों के मूल्य में वृद्धि, समर्थन मूल्य पर उनके उपज की खरीदी के साथ ही लघुवनोपज एवं कृषि उत्पादों के वैल्यू एडीशन का काम कर रहे है।

राज्य में किसानों की कर्ज मुक्ति, स्व-सहायता समूहों के ऋण की माफी, सुराजी गांव योजना के माध्यम से ग्राम-सुराज के सपने को साकार करने, राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिये किसानों को आदान सहायता देने, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के माध्यम से भूमिहिनों को आर्थिक सहायता, गोधन न्याय योजना के जरिये पशुपालन और कृषि को मजबूत करते हुए महिलाओं के लिए रोजगार

और आय के अवसरों का निर्माण करने जैसी योजनाएं संचालित की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल सुश्री उईके के मार्गदर्शन में मेरे मंत्रीमंडल के साथियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग से छत्तीसगढ़ में विकास का वातावरण निर्मित हुआ है।

इस मौके पर मध्यप्रदेश छिंदवाड़ा से आए लोक नर्तक दल, उज्बेकिस्तान स्वाजीलैण्ड के नर्तक दलों ने शानदार प्रस्तुति दी। हिमांचल प्रदेश के लोक नर्तक दल के कलाकारों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को हिमांचली टोपी और शॉल भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मंत्रीगण, निगम, आयोग एवं मंडल के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में दर्शकगण मौजूद थे। 

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राष्ट्रीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव में कलाकारों का उत्साह चरम पर… http://revoltnewsindia.com/enthusiasm-of-the-artists-at-the-national-tribal-folk-dance-festival-is-at-its-peak/4136/ http://revoltnewsindia.com/enthusiasm-of-the-artists-at-the-national-tribal-folk-dance-festival-is-at-its-peak/4136/#respond Thu, 28 Oct 2021 11:29:46 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4136 देश-विदेश के कलाकार छत्तीसगढ़ में आकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश-विदेश के…

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देश-विदेश के कलाकार छत्तीसगढ़ में आकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश-विदेश के कलाकार पहुंचे हैं। कलाकारों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। आज सुबह साईंस कॉलेज मैदान पहुंचे कलाकारों ने मंच पर पहुंचेने से पहले मैदान में अपना रिहर्सल किया। कलाकारों ने बताया कि छत्तीसगढ़ आकर वे रोमांचित एवं उत्साहित हैं।

यहां उन्हें अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिए शानदार मंच है। देश के अंतिम छोर केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप से आए प्रतिभागी कलाकार मुमताज ने बताया कि हमारी टीम में 20 कलाकार है। कल देर शाम हम रायपुर पहुंचे। यहां पर हमें सभी प्रकार की सुविधाएं छत्तीसगढ़ शासन ने मुहैय्या कराई है।

यहां पर किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं हुई है। हम पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। हम रोमांचित और उत्साहित है। हमारे द्वारा बंदिया लोक नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी। इसी तरह से हरियाणा के केथल शहर से आए मुस्कान शामी एवं कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि हमारे द्वारा हरियाणवी लोकनृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। हम कल दोपहर को रायपुर पहुंचे है। प्रशासन द्वारा यहां बेहतर व्यवस्था की गई है।

यहां पुलिस प्रशासन की व्यवस्था को कलाकारों ने प्रशंसा की तथा कलाकारों के ठहरने, खाने की व्यवस्था की तारीफ की। इसी तरह से पुडुचेरी से आए कलाकार मुरगन ने कहा कि हम पहली बार इस राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव में सम्मिलित होकर उत्साहित है। यहां की सभी व्यवस्थाएं उत्कृष्ट है। हमें किसी प्रकार की तकलीफ नहीं हुई।

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने प्रतिभागियों से मुलाकात कर कलाकारों का हाल जाना। इस दौरान उन्होंने लक्षद्वीप, पुडुचेरी के कलाकारों के साथ स्वयं रू-ब-रू होकर उनके साथ फोटो सेल्फी लेते हुए उनकी संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रतिभागी कलाकारों ने उत्साह से उन्हें बताया कि हम यहां आकर रोमांचित हैं और अपने आपको गौरावान्वित महसूस कर रहे हैं। आने वाले समय में ऐसे कार्यक्रम देशभर में होना चाहिए।

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सात समुंदर पार एनआरआई समुदाय नाचा मनाएगा छत्तीसगढ़ का 21वां स्थापना दिवस: वैश्विक स्तर पर होगा भव्य वर्चुअल आयोजन… http://revoltnewsindia.com/nri-community-across-seven-seas-to-celebrate-chhattisgarhs-21st-foundation-day-will-be-a-grand-virtual-event-globally/4021/ http://revoltnewsindia.com/nri-community-across-seven-seas-to-celebrate-chhattisgarhs-21st-foundation-day-will-be-a-grand-virtual-event-globally/4021/#respond Mon, 25 Oct 2021 12:01:35 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4021 नाचा के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर होगा लाइव प्रसारण रायपुर। सात समुुंदर पार लोग भले चले जाएं अपनी मिट्टी की खुशबू उन्हें हमेशा बांधे रखती है। छत्तीसगढ़ की…

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नाचा के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर होगा लाइव प्रसारण

रायपुर। सात समुुंदर पार लोग भले चले जाएं अपनी मिट्टी की खुशबू उन्हें हमेशा बांधे रखती है। छत्तीसगढ़ की यही खुशबू छत्तीसगढ़ एनआरआई समुदाय-नाचा (उत्तरी अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन) पूरे विश्व में बिखरने जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के 21वें स्थापना दिवस 01 नवंबर के अवसर पर नाचा द्वारा अमेरिका से वैश्विक स्तर पर एक भव्य वर्चुअल आयोजन किया जाएगा। इस वर्चुअल आयोजन में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के उद्देश्यों को बताने के साथ यहां की संस्कृति, भाषा और साहित्य से देश-दुनिया का परिचय कराया जाएगा।

साथ ही छत्तीसगढ़िया समुदाय के सम्मान और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रस्तुति दी जाएगी। यह कार्यक्रम नाचा के यूट्यूब चैनल (www.youtube.com/nachaglobal ) और फेसबुक पेज (www.facebook.com/cgnacha ) के माध्यम से एक नवम्बर को भारतीय समय अनुसार सुबह 7 से 9 बजे तक लाइव होगा।  

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राजधानी के 21 वर्षीय रूबल ने अपने पहले सॉन्ग के जरिए दिया लोगों को संदेश… http://revoltnewsindia.com/the-21-year-old-rubel-from-rajdhani-gave-a-message-to-the-people-through-his-first-song/4017/ http://revoltnewsindia.com/the-21-year-old-rubel-from-rajdhani-gave-a-message-to-the-people-through-his-first-song/4017/#respond Mon, 25 Oct 2021 11:23:57 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4017 रायपुर। वर्तमान दौर में सोशल मीडिया, यूट्यूब कला और कलाकारों के लिए बहुत बड़ा प्लेटफार्म साबित हो रहा है। खास कर संगीत प्रेमियों के लिए यूट्यूब एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन…

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रायपुर। वर्तमान दौर में सोशल मीडिया, यूट्यूब कला और कलाकारों के लिए बहुत बड़ा प्लेटफार्म साबित हो रहा है। खास कर संगीत प्रेमियों के लिए यूट्यूब एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया। टैलेंट को सही दिशा देने और युवाओं को प्रोत्साहित करने में ये प्लेटफार्मों सहायक है।
शहर के 21 वर्षीय रूबल अरोरा ने 6 मिनट 20 सेकंड का पंजाबी वीडियो सॉन्ग रब दूर… तैयार किया है।

गीत के लेखक और गायक रूबल है उन्होंने बताया कि वीडियो में 10 कलाकार है। नया रायपुर माना एयरपोर्ट, कटोरा तालाब, देवेंद्र नगर जैसी लोकेशन पर 6 दिन शूटिंग की गई है। गीत में यह ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसकी आंखें खराब हो जाती है।

उसके पास इलाज कराने के पैसे नहीं होते, लेकिन अच्छे कर्मों की वजह से लोग इलाज करवाने में उसकी मदद करते हैं। गायक पद्मश्री भारतिबन्धु ने रूबल के यूट्यूब चैनल पर सॉन्ग को लांच किया।

रूबल ने पहला ओरिजिनल लॉन्च किया है। हालांकि यह पंजाबी में है लेकिन काफी सरल है। रूबल ने बताया कि जब मैं 8 साल का था तब से म्यूजिक सीख रहा हूं। 5-6 साल से स्टेज परफॉर्म कर रहा हूं करीब 3 साल पहले रीबर्थ बैंड बनाया। कई जगह प्रस्तुति भी दी है।

मुझे इस गीत को लिखने की प्रेरणा गुरुबाणी से मिली मैंने उसमें पढ़ा था कि अच्छे कर्म करेंगे तो फल भी वैसा मिलेगा और जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए। रूबल ने अपने सॉन्ग के जरिए लोगों को संदेश देने की कोशिश की है। और आगे भी ऐसे ही प्रेरणा युक्त म्यूजिक वीडियों देने की बात कही।

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इस बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश एवं विदशों के जनजातिय परिधान रहेगा आकर्षण का केंद्र… http://revoltnewsindia.com/this-time-in-the-national-tribal-dance-festival-the-tribal-costumes-of-the-country-and-abroad-will-be-the-center-of-attraction/3952/ http://revoltnewsindia.com/this-time-in-the-national-tribal-dance-festival-the-tribal-costumes-of-the-country-and-abroad-will-be-the-center-of-attraction/3952/#respond Sat, 23 Oct 2021 14:33:20 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3952 राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान जनजातीय परिधानों, गहनों, शिल्प और डिजाइनों से भी रूबरू होंगे लोग ट्राइबल डांस एरिया और स्पीकर लाउंज के साथ-साथ लाइव शोकेस एरिया, ट्राइबल इंस्पायर्ड…

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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान जनजातीय परिधानों, गहनों, शिल्प और डिजाइनों से भी रूबरू होंगे लोग

ट्राइबल डांस एरिया और स्पीकर लाउंज के साथ-साथ लाइव शोकेस एरिया, ट्राइबल इंस्पायर्ड एग्जीबिट, शिल्प-ग्राम और फूड-एरिया का भी होगा
आयोजन के लिए रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में चल रही हैं भव्य तैयारियां

रायपुर। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 28 अक्टूबर से शुरु हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान लोगों को जनजातीय परंपाओं के परिधानों, गहनों, शिल्पों, डिजाइनों और खान-पान के बारे में भी विस्तार से जनकारियां प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

इस महोत्सव में ट्राइबल डांस एरिया और स्पीकर लाउंज के साथ-साथ लाइव शोकेस एरिया, ट्राइबल इंस्पायर्ड एग्जीबिट, शिल्प-ग्राम और फूड-एरिया का भी निर्माण किया जाएगा।

ट्राइबल डांस एरिया में 28 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जनजातियों द्वारा विभिन्न जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। स्पीकर लाउंज में कला, संगीत, फिल्म, स्वास्थ्य, पर्यटन, खानपान सहित विभिन्न क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों को अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर मिलेगा।

इस मंच के माध्यम से वे अपने समुदाय में हुए विकास और भविष्य की योजनाओं के बारे में अपने विचारों को भी साझा कर पाएंगे। लाइव शोकेस एरिया में आदिवासियों के कार्यों का प्रदर्शन किया जाएगा। लोग जनजातीय कलाकारों से बातचीत करके उनकी कलाओं और शिल्प के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।

ट्राइबल इंस्पायर्ड एक्जिबिट में जनजातीय परंपराओं से प्रेरित परिधानों, गहनों, डिजाइनों आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। शिल्प-ग्राम में आदिवासी हस्तशिल्प का प्रदर्शन और विक्रय किया जाएगा। फूड एरिया में छत्तीसगढ़ के स्थानीय और जनजातीय खान-पान की परंपराओं से लोग परिचित होंगे।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से शासन द्वारा जनजातीय समुदायों और संगठनों के बीच परस्पर सहयोग बढ़ाने और विकास की संभावनाओं का पता लगाने के लिए भी पहल की जा रही है।

इस महोत्सव के माध्यम से ग्रामीण विकास, पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा देने के भी प्रयास किए जाएंगे। नवा-रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन की भव्य तैयारियां की जा रही हैं।

इस महोत्सव में भाग लेने के लिए राज्य के सभी जिलों के कलाकारों द्वारा निरंतर अभ्यास किया जा रहा है। इन कलाकारों के चयन के लिए जिलों में कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में 25 राज्यों तथा 6 देशों के जनजातीय कलाकारों ने हिस्सा लिया था।

इस बार के महोत्सव में भागीदारी के लिए अब तक 8 देशों से सैद्धांतिक स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकी हैं। इनमें युगांडा, नाइजीरिया, उज्बेकिस्तान, स्वाजीलैंड, माले, श्रीलंका, फिलिस्तीन और सीरिया भी शामिल हैं। कोरोना की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण आए अंतराल के बाद अब वर्ष 2021 में पुनः पूरी भव्यता के साथ आयोजन की तैयारी व्यापक स्तर पर की जा रही है।

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ट्विटर के टॉप ट्रेंड रेस में “भूपेश है तो भरोसा है”, “मोदी देश के स्वाभिमान” ट्रेंड को दे रहा है टक्कर http://revoltnewsindia.com/if-bhupesh-is-in-the-top-trend-race-of-twitter-then-it-is-believed-that-modi-is-giving-a-bump-to-the-countrys-self-esteem-trend/3876/ http://revoltnewsindia.com/if-bhupesh-is-in-the-top-trend-race-of-twitter-then-it-is-believed-that-modi-is-giving-a-bump-to-the-countrys-self-esteem-trend/3876/#respond Wed, 20 Oct 2021 13:54:06 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3876 रायपुर। आईएएनएस C-Voter द्वारा कराए गए सर्वे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री के रूप में उभर हैं। इसके बाद लगातार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर में…

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रायपुर। आईएएनएस C-Voter द्वारा कराए गए सर्वे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री के रूप में उभर हैं। इसके बाद लगातार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर में ‘भूपेश बघेल’ ट्रेंड हो रहे हैं। ट्विटर पर ‘Bhupesh hai toh bharosa hai’ बुधवार को दोपहर बाद ट्रेंड करने लगा है। कुछ ही देर में 30 हज़ार से अधिक ट्वीट पार हो चुके हैं, जो कि टॉप ट्रेंडिंग ‘मोदी जी देश के स्वाभिमान’ को टक्कर देने लगा है और लगातार आगे बढ़ रहा है। यह पहली मरतबा है कि प्रदेश का कोई हैवी वैट ट्वीटर ट्रेंड अब नेशनल ट्रेंड को टक्कर देने जा रहा है।

बताते दें कि आईएएनएस-सी वोटर ने अपने सर्वेक्षण के परिणाम सोमवार को जारी किए थे। इसके अनुसार राज्य के 94 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यप्रणाली को लेकर अपनी खुशी जाहिर की थी।

आईएएनएस ने अपनी सर्वे रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि बघेल ने छत्तीसगढ़ में कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, इन योजनाओं में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करना भी शामिल है। कोविड -19 महामारी के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या अभिभावक को खो दिया है।

महतारी दुलार योजना के तहत ऐसे बच्चों की पढ़ाई का खर्च छत्तीसगढ़ सरकार वहन करेगी। नीति आयोग की एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार, सतत विकास लक्ष्यों के लैंगिक समानता पैरामीटर पर छत्तीसगढ़ भारत में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य था।

नीति आयोग 115 संकेतकों पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति को ट्रैक करता है। पिछले साल, छत्तीसगढ़ ने लैंगिक समानता पैरामीटर पर 43 अंक हासिल किए और भारत में सातवें स्थान पर था। इस साल, इसने 61 स्कोर किया और चार्ट में शीर्ष पर रहा।

सीवोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा- ” ऐसे मुख्यमंत्रियों को लोगों ने पसंद किया है जिनमें निर्णय लेने की क्षमताएं हैं और जिनके काम करने की शैली सीईओ जैसी है।

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बस्तर की जनजातीय संस्कृति को सहेजने और संवारने में ‘बादल एकेडमी’ की होगी महत्वपूर्ण भूमिका : भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/bhupesh-baghel-will-play-an-important-role-of-badal-academy-in-preserving-and-beautifying-the-tribal-culture-of-bastar/3757/ http://revoltnewsindia.com/bhupesh-baghel-will-play-an-important-role-of-badal-academy-in-preserving-and-beautifying-the-tribal-culture-of-bastar/3757/#respond Sun, 17 Oct 2021 13:30:53 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3757 मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लेंगवेज (बादल) का किया लोकार्पण बस्तर के लोक नृत्य, स्थानीय बोलियां, साहित्य एवं शिल्पकला के संरक्षण और संवर्द्धन को मिलेगा बढ़ावा…

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  • मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लेंगवेज (बादल) का किया लोकार्पण
  • बस्तर के लोक नृत्य, स्थानीय बोलियां, साहित्य एवं शिल्पकला के संरक्षण और संवर्द्धन को मिलेगा बढ़ावा
  • लगभग 5.71 करोड़ रुपए की लागत से की गई है एकेडमी की स्थापना
  • देश दुनिया बस्तर की संस्कृति से हो सकेगी परिचित
  • अधिकारियों-कर्मचारियों को बस्तर की स्थानीय बोली और भाषा का दिया जाएगा प्रशिक्षण

रायपुर, 17 अक्टूबर 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के समीप आसना ग्राम में बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लेंग्वेज (बादल) के नवनिर्मित परिसर का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि जनजातीय संस्कृति के केन्द्र के रुप में प्रसिद्ध बस्तर के लोक नृत्य, स्थानीय बोलियां, साहित्य एवं शिल्पकला के संरक्षण और संवर्द्धन में आज शुरू हुई  बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लैंग्वेज (बादल) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

इस केन्द्र की स्थापना 5 करोड़ 71 लाख रुपए की लागत से की गई है। बादल एकेडमी के जरिए बस्तर की विभिन्न जनजातीय संस्कृतियों को एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी तक हस्तान्तरण करना, बाकी देश-दुनिया को इनका परिचय कराना, शासकीय कार्यों का सुचारु सम्पादन के लिए यहां के मैदानी कर्मचारी-अधिकारियों को स्थानीय बोली-भाषा का प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर की गौरवशाली संस्कृति की गूंज हिंदुस्तान ही नहीं देश दुनिया में सुनाई देती है। बादल एकेडमी के जरिये बस्तर की संस्कृति को नई पहचान मिलेगी।

बादल एकडमी की स्थापना के लिए पर्यटन विभाग के जीर्णशीर्ण हो चुके आसना में निर्मित अनुपयोगी मोटल का चयन किया गया। इसका क्षेत्रफल लगभग दो एकड़ था, लेकिन राजस्व विभाग एवं अन्य जमीन को मिलाकर इस हेतु लगभग पांच एकड़ जमीन तैयार की गई। जमीन मिलने के पश्चात प्रारंभ हुआ बस्तर अकादमी फॉर डॉस आर्ट लिटरेचर एंड लेंग्वेज (बादल) का निर्माण।

इस अकादमी में प्रमुख रूप से लोकगीत एवं लोक नृत्य प्रभाग, लोक साहित्य प्रभाग, भाषा प्रभाग और बस्तर शिल्प कला प्रभाग है। लोक गीत एवं लोक नृत्य प्रभाग के तहत बस्तर के सभी लोक गीत, लोक नृत्य गीत का संकलन, ध्वन्याकंन, फिल्मांकन एवं प्रदर्शन का नई पीढ़ी को प्रशिक्षण दिया जायेगा।

जिसमें गंवर सिंग नाचा, डण्डारी नाचा, धुरवा नाचा, परब नाचा, लेजागीत, मारीरसोना, जगार गीत, आदि प्रमुख है। लोक साहित्य प्रभाग के तहत बस्तर के सभी समाज के धार्मिक रीति-रिवाज, सामाजिक ताना-बाना, त्यौहार, कविता, मुहावरा आदि का संकलन, लिपिबद्ध कर जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।

भाषा प्रभाग के तहत बस्तर की प्रसिद्ध बोली हल्बी, गोंडी, धुरवी और भतरी बोली का स्पीकिंग कोर्स तैयार कर लोगों को इन बोली का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बस्तर शिल्प कला प्रभाग- इसी तरह बस्तर की शिल्प कलाओं में काष्ठकला, धातु कला, बांसकला, जूटकला, तुम्बा कला आदि का प्रदर्शन एवं निर्माण करने की कला सिखाई जाएगी।

वीर शहीदों के नाम पर किया गया भवनों का नामकरण
बादल एकेडमी में निर्मित तीन भवनों का नामकरण वीर शहीदों के नाम पर किया गया है। इनमें प्रशासनिक भवन का नाम शहीद झाड़ा सिरहा के नाम पर, आवासीय परिसर का नाम हल्बा जनजाति के शहीद गेंदसिंह के नाम पर और लायब्रेरी व अध्ययन भवन को धुरवा समाज के शहीद वीर गुंडाधुर के नाम पर किया गया है। बादल एकेडमी के शुभारंभ के अवसर पर समाज से संबंधित स्थानीय कलाकारों द्वारा इन विभूतियों के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया गया।

बादल और इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के मध्य हुआ एमओयू
इस अवसर पर आज बादल एकेडमी और इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय द्वारा बादल एकेडमी में लोक नृत्य और लोक संगीत के लिए साझा तौर पर कार्य किया जाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा बादल एकेडमी को मान्यता प्रदान करते हुए अपने पाठ्यक्रमों से संबंधित विधाओं का संचालन किया जाएगा।

थिंक-बी और चार अन्य संस्थानों के मध्य हुआ एमओयू
इसके साथ ही यहां आज मुख्यमंत्री की मौजूदगी में थिंक-बी और आईआईएम रायपुर, आईआईआईटी रायपुर, हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंसेस के साथ एमओयू किए गए। उद्यमिता और स्वरोजगार के इच्छुक बस्तर के युवाओं के स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के साथ ही उन्हें इंक्यूबेट करने के लिए यह एमओयू किया गया।

बादल अकादमी में लाइब्रेरी, रिकॉर्डिंग रूम, ओपन थिएटर, डांस गैलरी, चेंजिंग रूम, गार्डन एवं रेसिडेंशियल हाउस, पाथवे, एग्जीबिशन हॉल, कैफेटेरिया बनाए गए हैं।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री एवं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, बस्तर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति दीपक बैज, राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव रेखचन्द जैन, विधायक कोंडागाँव मोहन मरकाम,विधायक राजमन बेंजाम,

देवती कर्मा, विधायक एवं छत्तीसगढ़ राज्य हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चन्दन कश्यप, विधायक विक्रम मंडावी, नगर निगम जगदलपुर की महापौर सफीरा साहू, अध्यक्ष कविता साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि, भतरा,हल्बा, धुरवा,मुरिया, कोया और मुंडा आदिवासी समाज सहित विभिन्न समाज के प्रतिनिधि और सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर भतरा,हल्बा, धुरवा,मुरिया, कोया और मुंडा को

मुख्यमंत्री द्वारा आदिवासी विकास विभाग के माध्यम साजसज्जा,वेशभूषा और वाद्ययंत्र ख़रीदी के लिए 18 लाख 50 हजार राशि दी गई है।

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