Janjgir News Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/janjgir-news/ News for India Wed, 23 Feb 2022 08:48:51 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png Janjgir News Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/janjgir-news/ 32 32 174330959 राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान- 27 फरवरी से… http://revoltnewsindia.com/national-intensive-pulse-polio-vaccination-campaign-from-february-27/6495/ http://revoltnewsindia.com/national-intensive-pulse-polio-vaccination-campaign-from-february-27/6495/#respond Wed, 23 Feb 2022 08:48:48 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6495 2,35,792 बच्चों की पिलाई जाएगी पोलियो की दवा कलेक्टर ने अभिभावकों से की अपने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने की अपील जांजगीर चांपा, 23 फरवरी 2022 जिले में तीन…

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  • 2,35,792 बच्चों की पिलाई जाएगी पोलियो की दवा
  • कलेक्टर ने अभिभावकों से की अपने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने की अपील

जांजगीर चांपा, 23 फरवरी 2022 जिले में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान 27 फरवरी से संचालित किया जाएगा। अभियान में जिले के शून्य से 5 वर्ष तक उम्र के 2 लाख, 35 हजार 792 बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने अभिभावकों से शून्य से 5 वर्ष के बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाने की अपील की है।

जांजगीर को पोलियोमुक्त जिला बनाने  कलेक्टर ने पंचायत, जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों, जागरूक नागरिकों से इस अभियान को सफल बनाने सहयोग करने का अनुरोध किया है। 27 फरवरी को पल्स पोलियो अभियान के प्रथम दिन बूथों के माध्यम से जिले के शहरी क्षेत्रों के 37,300 और ग्रामीण क्षेत्रों के 1 लाख 98 हजार 492 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी।

आगामी 27 फरवरी से संचालित तीन दिवसीय अभियान में प्रथम दिवस पर बूथों में और शेष दो दिवस अर्थात 28 और 29 फरवरी को घर-घर भ्रमण कर 0 से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। जिले के शहरी क्षेत्रों में 37,300 बच्चे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 1,98,492 इस प्रकार कुल कुल 2,35,792 बच्चों को पोलियो ड्राप्स से लाभान्वित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.आर. बंजारे ने बताया कि जिले में 1,560 बूथ, 36 ट्रांजिट दल, 30 मोबाइल यूनिट बनाई गई है।

विकासखण्ड नवागढ़ में 254 बूथ, अकलतरा 155, बलौदा 161, पामगढ़ 155, बम्हनीडीह 148, सक्ती 182, मालखरौदा 147, जैजैपुर 184 एवं डभरा 174 बूथ बनाये गये है। ट्रांजिट टीम बस स्टैन्ड एवं रेल्वे स्टेशनों पर कार्यरत रहेंगे। मोबाइल टीमों द्वारा क्षेत्रों में भ्रमण कर बाहर के स्लम बस्ती क्षेत्रों मजदूरी करने वालों की अलग बसाहट, ईंट भट्ठा, गिटटी खदानों, नदी किनारे  अलग से बसाहटों, ग्रामों के दूरस्थ स्थान, घुमन्तू जनसंख्या की बसाहट आदि स्थानों पर रहने वालों के बच्चों को खोजकर पोलियो दवा पिलाई जावेगी।

उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने राजस्व, महिला बाल विकास शिक्षा विभाग, पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग, मितानिनों, ग्राम के कोटवार, निजी चिकित्सालय, सामाजिक कार्यकर्ता, सरपंच, पंच, पार्षद विगत वर्ष की भांति सहयोग लिया जायेगा। मॉनिटरिंग के लिए 210 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा राज्य, जिला, विकासखण्ड और सेक्टर स्तर के अधिकारियों द्वारा पल्स पोलियो अभियान की सतत् मॉनिटरिंग की जाएगी।

कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.आर. बंजारे द्वारा आम नागरिकों से अपील कर कहा है कि अपने निर्धारित आयु के बच्चों को पोलियों कि दो बूंद दवा पिलाकर जिले को पोलियो मुक्त अभियान सफल बनाने अपना अमूल्य योगदान दें।

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खेत में हुई सिंचाई सुविधा तो खेती हुई बेहतर http://revoltnewsindia.com/irrigation-facility-in-the-field-is-better-then-farming/5607/ http://revoltnewsindia.com/irrigation-facility-in-the-field-is-better-then-farming/5607/#respond Thu, 20 Jan 2022 10:11:17 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5607 धान की 25 क्विंटल हुई ज्यादा पैदावार सब्जी-भाजी उत्पादन के साथ मछलीपालन से हो रही अतिरिक्त कमाई रायपुर, 20 जनवरी 2022 छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं का फायदा…

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  • धान की 25 क्विंटल हुई ज्यादा पैदावार
  • सब्जी-भाजी उत्पादन के साथ मछलीपालन से हो रही अतिरिक्त कमाई

रायपुर, 20 जनवरी 2022 छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं का फायदा पहुंचाकर उनकी आमदनी बढ़ाने में सहयोग किया जा रहा है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना जैसी योजनाओं से किसानों के खेतों में कुआं, डबरी खुदवाकर सिंचाई की सुविधा मुहैय्या कराया जा रहा है। जांजगीर-चांपा जिले के दमाऊ पहाड़ की सुरम्यवादियों के बीच बसे हुए गांव बरपालीकला के रहने वाले फुलेशराम अब बेहद खुशहाल जीवन जी रहे है। उनकी खुशी का कारण है, उनके खेतों में बनी हुई निजी डबरी।

यह डबरी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से बनी है। जिसमें एकत्र हुई बारिश की बूंदों से उनके जमीन में नमी बनी रहती है और धान की फसल बेहतर होने लगा है। डबरी से मिले फायदे से फुलेशराम इतने उत्साहित हैं कि उन्होंने इसके इर्द-गिर्द ही अपने भविष्य की योजनाओं का ताना-बाना बुन लिया है। वे धान की फसल के साथ ही मछलीपालन और सब्जी-भाजी उत्पादन का कार्य कर रहे हैं।

फुलेशराम की डबरी सक्ती विकासखण्ड से 15 किलोमीटर दूर बरपाली कलां ग्राम पंचायत में है। उनके पास 5 एकड़ जमीन है, जिस पर वे वर्षों से खेती-किसानी करते आ रहे हैं। लेकिन जल संचय या जल स्त्रोतों के अभाव में एक ही फसल ले पा रहे थे। रोजगार सहायक ने परामर्श दिया कि महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से खेतीहर किसानों की जमीन पर डबरी और कुआं निर्माण जैसे जल संसाधनों का निर्माण किया जा सकता है। निर्माण के दौरान हितग्राही को उसमें मजदूरी करने का अवसर भी मिलता है।

फुलेशराम ने खेत में डबरी बनाने के लिए ग्राम पंचायत में आवेदन जमा किया। पात्रता के आधार पर खेत में निजी डबरी निर्माण के लिए 2.99 लाख रूपए की मंजूरी मिल गई। वहाँ डबरी खुदाई का काम 4 दिसंबर 2020 को शुरू हो गया। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना श्रमिकों के साथ ही उन्होंने भी डबरी की खुदाई में कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।

मेहनत सफल हुई और फुलेशराम के खेत में डबरी का निर्माण 20 फरवरी 2021 को पूरा हो गया। इस कार्य में गांव के ही 91 परिवारों को 1,452 मानव दिवस रोजगार प्रदान किया गया। जिसके लिए 2 लाख 75 हजार 880 रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया। फुलेशराम के परिवार को भी इसमें रोजगार मिला और उन्हें इसके लिए 19 हजार 380 रूपए की मजदूरी भी प्राप्त हुई।

फुलेशराम बताते हैं कि पहले खेती के लिये बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता था। ऐसी स्थिति में लगभग 80 क्विंटल के आस-पास ही धान की पैदावार हो पाती थी। डबरी से सिंचाई की सुविधा मिलने से उतनी ही जमीन पर 105 क्विंटल धान की पैदावार हुई, जो पिछले साल की तुलना में 25 क्विंटल अधिक थी। उन्होंने बताया कि इस साल हुई अधिक पैदावार से जो मुनाफा होगा, उससे वे खेती-किसानी के उपकरण खरीदेंगे। मुनाफा बढ़ने से फुलेशराम का पूरा परिवार खुशहाल है।

फुलेशराम ने डबरी के आसपास की जमीन पर टमाटर, मिर्च, धनिया, बरबट्टी आदि सब्जियां भी लगाई हैं, जो उनके परिवार के प्रतिदिन के भोजन की जरुरतों को पूरा कर रही हैं। इसके अलावा बारिश के बाद जब डबरी में पर्याप्त पानी भर गया था, तो उन्होंने मछलीपालन के उद्देश्य से उसमें 5 किलोग्राम मछली बीज डाले थे, जो आने वाले दिनों में उनकी अतिरिक्त आय का साधन होगी।

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’गढ़बो नवा 36गढ़ के 36 माह’ : बिजली बिल हाफ योजना से लाखों परिवारों को भारी भरकम बिजली बिल से मिली राहत http://revoltnewsindia.com/garhbo-nawa-36-garh-ke-36-months-electricity-bill-half-scheme-millions-of-families-get-relief-from-huge-electricity-bill/4432/ http://revoltnewsindia.com/garhbo-nawa-36-garh-ke-36-months-electricity-bill-half-scheme-millions-of-families-get-relief-from-huge-electricity-bill/4432/#respond Mon, 15 Nov 2021 08:57:18 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4432 रायपुर। बिजली बिल हाफ योजना’ प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी  बदलाव की योजना साबित हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी घरेलू बिजली…

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रायपुर। बिजली बिल हाफ योजना’ प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी  बदलाव की योजना साबित हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए 01 मार्च 2019 से ‘हाफ बिजली बिल योजना’ लागू की। घरों का हजार रुपए का बिजली बिल कुछ सैकड़ों में सिमट गया।

इस योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति माह 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर प्रभावशील टैरिफ पर 50 प्रतिशत की छूट की पात्रता है। जांजगीर-चांपा जिले के नैला नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 5 निवासी विद्युत उपभोक्ता संजय गर्ग का कहना है कि हाफ बिजली बिल योजना लागू होने से आम लोगों को भारी-भरकम बिजली बिल से राहत मिली है।

उन्होंने बताया कि इस योजना के लागू होने के पहले उनके घर का बिल दो से ढाई हजार रूपये तक आता था। लेकिन अब बिजली बिल हजार  से बारह सौ रूपये के लगभग आ रहा है। इस प्रकार उनकी प्रतिमाह करीब एक हजार रुपए की बचत होती है।

उन्होंने राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हाफ बिजली बिल योजना लागू कर छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी संवेदनशीलता को प्रदर्शित किया है। यह योजना घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी योजना है। प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ता कम बिजली बिल आने से खुश है।

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‘नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह‘ : समूह के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही महिलाएं http://revoltnewsindia.com/women-becoming-economically-and-socially-empowered-through-the-36-months-of-nawa-chhattisgarh-group/4346/ http://revoltnewsindia.com/women-becoming-economically-and-socially-empowered-through-the-36-months-of-nawa-chhattisgarh-group/4346/#respond Thu, 11 Nov 2021 07:29:03 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4346 मुर्गीपालन व्यवसाय बना औराईकला की महिला समूह के लिए आय का जरिया  रायपुर। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से  महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतत प्रयास…

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मुर्गीपालन व्यवसाय बना औराईकला की महिला समूह के लिए आय का जरिया

 रायपुर। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से  महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतत प्रयास कर रही है। राज्य में पिछले 36 माह में  विभिन्न विभागों एवं शासकीय योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को समूह के माध्यम से रोजगार एवं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की पहल के सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं।

गौठानों से जुड़ी महिला समूह वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के साथ-साथ मुर्गीपालन, बकरीपालन, सब्जी उत्पादन जैसी आयमूलक गतिविधियों को अपनाकर करोड़ों रूपए का कारोबार और लाभांश अर्जित करने लगी है।

छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर-चाँपा जिले के बलौदा विकासखण्ड के गांव औराईकला की स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए गौठान में बनाया गया पोल्ट्री शेड उनके लिए कर्मभूमि और आय का जरिया बन गया। समूह की महिलाएं यहां मुर्गीपालन व्यवसाय अपनाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने लगी है। इससे उनके परिवार के रहन-सहन और सामाजिक स्थिति में बदलाव आया है।

 ग्राम पंचायत औराईकला के मोहारपारा की जय सती माँ स्व सहायता समूह की महिलाओं ने शुरूआती दिनों में छोटी-छोटी बचत करके जो पैसा जमा किया, उसे कम ब्याज पर जरूरतमंदों को देकर उनकी मदद की। इससे वे गाँव में लोकप्रिय होने लगीं और धीरे-धीरे आर्थिक रुप से मजबूत भी हुई।

कुछ रकम जमा हुई, तो उन्होंने मुर्गीपालन व्यवसाय करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्हें एक बड़े शेड की जरूरत थी। समूह की महिलाओं ने अपनी इस जरूरत को ग्राम पंचायत के माध्यम से ग्राम सभा के समक्ष रखी। ग्राम सभा के अनुमोदन के आधार पर 5 लाख रुपये की लागत से महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत समूह के लिए मुर्गीपालन शेड निर्माण का कार्य मंजूर किया गया।

समूह की अध्यक्ष रूप बाई छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) योजना से अनुदान राशि के रुप में मिले रिवाल्विंग फंड के 15 हजार रूपए एवं सी.आई.एफ. (सामुदायिक निवेश निधि) के 60 हजार रुपए से उनके समूह ने शेड में मुर्गीपालन का काम शुरू किया।

उन्होंने काकरेल प्रजाति के 600 चूजे खरीदे, जिन्हें नियमित आहार, पानी, दवा एवं अन्य सुविधाएं देकर छह सप्ताह में बड़ा किया। मौसम खराब होने के कारण कई चूजों की मौत हो गई, जिससे समूह को काफी नुकसान हुआ। इन सबके बावजूद समूह की महिलाओं ने हार नहीं मानी और अपने आत्मबल और समूह की दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर फिर से मुर्गीपालन के काम में जुट गई।

इस बार समूह ने 600 ब्रायलर चूजे खरीदे और उनकी देखभाल करना शुरू किया। धीरे-धीरे ये चूजे बड़े हो गए। आखिरकार इन महिलाओं की मेहनत रंग लाई और चाँपा के एक बड़े व्यवसायी ने मुर्गों को बेहतर दाम देकर खरीद लिया।

इस बार समूह को मुर्गीपालन से लाभ हुआ और सभी खर्चों को काटकर उन्हें लगभग 30 हजार रूपए की बचत हुई। समूह की सचिव मालती चौहान बताया कि लाभ होने से समूह की सभी सदस्य काफी खुश हैं। समूह ने फिर से लगभग 600 चूजे और खरीद कर पाला। जिसके विक्रय से समूह को लगभग 50 हजार रूपए का मुनाफा हुआ। मुर्गीपालन व्यवसाय से लगातार मुनाफा होने से गांव की अन्य महिलाएं भी इस अपनाने के लिए प्रेरित हुई है। 

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