Mahasamund Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/mahasamund/ News for India Thu, 10 Mar 2022 11:47:58 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png Mahasamund Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/mahasamund/ 32 32 174330959 मनरेगा महिला मेट अनिता महिलाओं को आगे बढ़ाने कर रही काम http://revoltnewsindia.com/mnrega-female-mate-anita-is-working-to-advance-women/6909/ http://revoltnewsindia.com/mnrega-female-mate-anita-is-working-to-advance-women/6909/#respond Thu, 10 Mar 2022 11:47:57 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6909 महासमुंद, 10 मार्च 2022 ज़िले के सरायपाली विकासखण्ड के कुटेला गांव में मनरेगा प्रगति के पीछे अनिता की अपनी एक दास्तां है। ग्राम पंचायत कुटेला की साधारण सी नजर आने…

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महासमुंद, 10 मार्च 2022 ज़िले के सरायपाली विकासखण्ड के कुटेला गांव में मनरेगा प्रगति के पीछे अनिता की अपनी एक दास्तां है। ग्राम पंचायत कुटेला की साधारण सी नजर आने वाली 21 वर्षीय अनिता सिदार के हाथों में गांव के मनरेगा श्रमिकों को कार्य आबंटन और उनसे कार्य कराने की महती जिम्मेदारी है। वे पिछले 1 वर्ष से गांव में योजनान्तर्गत महिला मेट की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं।

यही कारण है कि जहाँ वर्ष 2021-21 में 470 मनरेगा परिवारों को 16 हजार 678 मानव दिवस का रोजगार मिला था एवं वह वर्ष 2021-22 के 11 माह के भीतर में 382 परिवारों को 12 हजार 819 मानव दिवस का रोज़गार प्राप्त हो चुका है और अभी वित्तीय वर्ष की समाप्ति को आधा माह से ज़्यादा का समय बचा है।

प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने रायपुर से वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर उन्हें उत्कृष्ट कार्य करने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रशस्ति पत्र ज़िला पंचायत अध्यक्ष एवं सीईओ ज़िला पंचायत एस.आलोक ने सौंपा।

जिले के सरायपाली गांव में सम्पन्न परिवार में पली-बढ़ी अनिता, वर्तमान में स्नातक की पढ़ाई कर रही है, अपने परिवार में सबसे अलग थी उसके मन में महिला विकास एवं महिलाओं को आगे बढ़ाने एवं उन्हे अपने अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए हमेशा आगे है। गांव के सरपंच द्वारा उन्हे महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत मेट कार्य के बारे में बताया जिसे वह अपने स्वेच्छा से वर्तमान में मेट कार्य कर रही है।

साल 2020 से ग्राम रोजगार सहायक वृन्दावती साहू के मार्गदर्शन में काम करना प्रारम्भ कर दिया। अपनी लगनशीलता के बलबूते वे थोड़े दिनों में ही मेट के काम में दक्ष हो गई। महात्मा गांधी नरेगा के विभिन्न पहलुओं से मेटों को अवगत कराने और उनके उन्मुखीकरण के लिए जनपद पंचायत-सरायपाली में दो-सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया था, जिसमें अनिता ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया। वे बताती हैं कि प्रशिक्षण से उनकी कार्य-कुशलता में वृद्धि हुई है।

वे अब कार्यस्थल पर श्रमिकों का बेहतर तरीके से प्रबंधन कर पाती हैं। साथ ही नागरिक सूचना पटल निर्माण और जॉब कार्ड अद्यतनीकरण के बारे में काफी कुछ जानने और सीखने को मिला। महात्मा गांधी नरेगा को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानने वाली अनिता बीते दिनों को याद करते हुए बताती है कि उन्होंने योजना से मिले पारिश्रमिक में से 11 हजार रुपए जोड़कर रखे थे और उस पैसे उसने अपने पढ़ाई पर खर्च किए है। ताकि उन्हे पढ़ाई के लिए किसी पर आश्रित न रहना पड़े।

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गौरैया संरक्षण के लिए महासमुंद वन मंडल की एक पहल http://revoltnewsindia.com/an-initiative-of-mahasamund-forest-board-for-sparrow-conservation/6704/ http://revoltnewsindia.com/an-initiative-of-mahasamund-forest-board-for-sparrow-conservation/6704/#respond Thu, 03 Mar 2022 12:33:01 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6704 गौरैया संरक्षण के लिए महासमुंद वन मंडल की एक पहल, हम सबकी जिम्मेदारी, गौरैया का गौरव लौटाएं: कलेक्टर क्षीरसागर, वन चेतना केंद्र में मोर चिरैया कार्यक्रम का किया गया आयोजन…

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गौरैया संरक्षण के लिए महासमुंद वन मंडल की एक पहल, हम सबकी जिम्मेदारी, गौरैया का गौरव लौटाएं: कलेक्टर क्षीरसागर, वन चेतना केंद्र में मोर चिरैया कार्यक्रम का किया गया आयोजन कलेक्टर, एसपी, सीईओ सहित विद्यार्थियों ने सीखा घोंसला बनाना

महासमुंद, 03 मार्च 2022 गर्मी की मौसम की आहट शुरू हो गई है। घर की छतों पर गौरैया (स्पैरो) पक्षी और परिंदों के लिए दाना-पानी भरकर रखें। ताकि विलुप्त होते गौरैया चिड़िया का कुनबा बढ़ सके। घर के बाहर ऊॅचाई व सुरक्षित जगह पर घोंसले लटकाएं। आँगन और पार्काें में नींबू, अमरूद, कनेर, चांदनी आदि के पेड़ लगाएं। इन पेड़ों पर गौरैया अपना आशियाना बनाती है। अब घरों के आस-पास गौरैया की मधुर चीं-चीं की आवाज भी सुनने को नहीं मिल रही।

क्योंकि गांव, शहर में क्रांकीट के मकान और मोबाईल टॉवर से निकलने वाली तरंगे गौरैया चिड़िया एवं अन्य पक्षियों के अस्तित्व के लिए खतरा बन रही है। ये पक्षी अपनी कुनबा बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहें हैं। हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि गौरैया का गौरव लौटाएं। ताकि फिर वह लोगों के आंगन और छत पर फुदकती नजर आएं। उक्त बातें कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने मोर चिरैया कार्यक्रम में कही।

यह कार्यक्रम वन विभाग के सहयोग से आज वन चेतना केंद्र कोडार महासमुंद में आयोजित था। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एस. आलोक सहित विद्यार्थी और शिक्षक गण शामिल हुए। कलेक्टर क्षीरसागर ने कहा कि समय पर न चेते तो आने वाली पीढ़ियों को न केवल गौरैया चिड़िया बल्कि अन्य चिड़ियों के किस्सें किताबों में पढ़ने को मिलेंगे।

कार्यक्रम के शुभारम्भ में वनमण्डलाधिकारी पंकज राजपूत ने कार्यक्रम के उद्देश्य बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को चिड़ियों की जानकारी देना तथा चीड़ियों के लिए घोसला बनाने का प्रशिक्षण देना है। क्योंकि एक समय था जब घर आंगन में गौरैया चिड़िया की चिंहचिंहाट और उछल कूद आम हुआ करती थी।

किंतु यह नन्हीं चिड़िया गौरैया देखते-देखते हम सबसे दूर होती जा रही है। इसके पीछे हमारे बदलते परिवेश और रहन-सहन बड़ी वजह है। अब गौरैया को न तो ढंग से खाने को दाना-पानी नहीं मिलता। फलस्वरूप इसी की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। गौरैया की विलुप्त होने के मुख्य कारणों में घर की बनावट भी प्रमुख है। पहले घरों की छतें खपरैल और मिट्टी की होती थी, जिस पर ये चिड़िया अपना घोसला आसानी से बना लेती थी। किंतु अब शहरों के साथ-साथ गांवों में भी देखने को कम मिलता है।

20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाएगा
वनमण्डलाधिकारी ने बच्चों को घोंसला बनाने की सामग्री दी और उन्हें घोंसला बनाने का प्रशिक्षण भी दिया। विद्यार्थियों के संग कलेक्टर, एसपी और सीईओ ने भी घोंसला बनाने की विधि सीखी और घोंसला बनाया। विद्यार्थियों ने भी पूरे उत्साह के साथ घोसला बनाने की कला सीखी और अपने घरों में गौरैया चिड़िया के लिए सभी जरूरी व्यवस्था दाना-पानी सुरक्षित स्थान पर रखने का संकल्प लिया। मालूम हो कि विलुप्त हो रही गौरैया चिड़िया के अस्तित्व बचाने के लिए वर्ष 2010 से हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है।

इस दौरान पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. आलोक ने भी बताया कि गौरैया चिड़िया मानव के आसपास ही रहना पसंद करती है, जिससे कि इन्हें खाना और आश्रय दोनों मिल सके। गौरैया मुख्य रूप से दानें और बीज खाना पसंद करती है। यह पक्षी सर्वाहारी होती है।

वनमण्डलाधिकारी ने बताया कि मोर चिरैया पहल से जुड़ने के लिए www.mor-chiraiya.org एवं क्यूआर स्कैनर कोड के माध्यम से जुड़ सकते है और रियायती दरों पर अपने घरों के आस-पास घोंसला लगाने के लिए कम कीमत पर ऑर्डर कर सकते है।

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दो दिवसीय सिरपुर महोत्सव का आयोजन आज से, सिरपुर महोत्सव में होगी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति http://revoltnewsindia.com/two-day-sirpur-festival-will-be-organized-from-today-colorful-cultural-programs-will-be-presented-in-sirpur-mahotsav/6309/ http://revoltnewsindia.com/two-day-sirpur-festival-will-be-organized-from-today-colorful-cultural-programs-will-be-presented-in-sirpur-mahotsav/6309/#respond Wed, 16 Feb 2022 09:07:39 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6309 रायपुर। सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल सिरपुर में माघ पूर्णिमा के अवसर पर होने वाले दो दिवसीय सिरपुर महोत्सव का आगाज आज से हो रहा है। इस महोत्सव में स्थानीय कलाकार विभिन्न…

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रायपुर। सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल सिरपुर में माघ पूर्णिमा के अवसर पर होने वाले दो दिवसीय सिरपुर महोत्सव का आगाज आज से हो रहा है। इस महोत्सव में स्थानीय कलाकार विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। दिन में विभागीय योजनाओं का कलाजत्था व प्रदर्शनी द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा।

सिरपुर महोत्सव का उद्घाटन आज शाम को छह बजे प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत करेंगे।

वहीं समापन 17 फरवरी को होगा, जिसके मुख्य अतिथि प्रदेश के गृह, लोक निर्माण, जेल, पर्यटन, धार्मिक, न्यास एवं धर्मस्व विभाग तथा जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू होंगे।

16 एवं 17 फरवरी तक होने वाले इस आयोजन को लेकर दर्शकों के क्षमता के अनुरूप टेंट व्यवस्था की गई है। इसमें दर्शकों को बैठने के साथ ही ग्रीन रूम के अलावा पास में ही जनसंपर्क द्वारा सरकारी योजनाओं एवं उपलब्धियों पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। वहीं स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित सामग्रियों के स्टाल भी बिक्री हेतु सजेंगे।

आज होने वाले आयोजन
आज दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक विभागीय योजनाओं का कलाजत्था के माध्यम से प्रदर्शन किया जाएगा। दोपहर- तीन बजे से साढ़े तीन बजे तक पंथी नृत्य का कार्यक्रम होगा।

चार बजे तक दिशा नाट्य मंच महासमुंद द्वारा नाटक आजादी का अमृत महोत्सव का मंचन होगा, शाम साढ़े चार बजे से कर्मा नृत्य पार्टी खट्टी के कलाकारों द्वारा कर्मा नृत्य का प्रदर्शन करेंगे, शाम साढ़े छह बजे से अनंदिता तिवारी की कत्थक एकल नृत्य देखने को मिलेगा, शाम 6ः40 बजे से रात्रि 10 बजे तक मुख्य कार्यक्रम लोक छाया की प्रस्तुति होगी।

गुरुवार यह कार्यक्रम होंगे
17 फरवरी को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक कला जत्था द्वारा विभागीय योजनाओं एवं उपलब्धियों पर आधारित जानकारी प्रस्तुति के माध्यम से दी जाएगी। दोपहर तीन बजे से साढ़े तीन बजे तक ग्राम पचरी की जय सतनाम पार्टी द्वारा पंथी नृत्य का प्रदर्शन होगा। चार बजे तक नांदबारू सिरपुर की मंडली द्वारा सुआ नृत्य दर्शकों को देखने मिलेगा।

फुलझरिया कर्मा पार्टी बिलखंड बसना द्वारा चार बजे से साढ़े चार बजे तक कर्मा नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा।
दिशा नाटक मंच द्वारा सायं साढ़े चार बजे 4ः50 बजे तक नाटक लेड़गा अउ डेडगा के बोझा का मंचन होगा।

इसी दिन मुख्य अतिथि शाम 5ः50 बजे सिरपुर महोत्सव का समापन करेंगे
इस मौके पर साढ़े छह बजे से 6ः40 बजे ताक आर्या नंदे द्वारा ओड़िशी एकल नृत्य की प्रस्तुति होगी। इसके बाद अनुज नाइट का आयोजन होगा।

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छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल के छात्रों का प्रोजेक्ट रहा राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल http://revoltnewsindia.com/the-project-of-government-school-students-of-chhattisgarh-was-the-first-at-the-national-level/4724/ http://revoltnewsindia.com/the-project-of-government-school-students-of-chhattisgarh-was-the-first-at-the-national-level/4724/#respond Wed, 01 Dec 2021 07:29:30 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4724 फसलों के बीच में उगे खरपतवार की पहचान और निदान में मिलेगी मददमहासमुंद के नर्रा गांव के किसान पुत्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया रायपुर। भारत…

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फसलों के बीच में उगे खरपतवार की पहचान और निदान में मिलेगी मदद
महासमुंद के नर्रा गांव के किसान पुत्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया

रायपुर। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आयोजित प्रतियोगिता के जारी परिणाम में देश के टॉप 20 प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ के छात्रों के फसलों के बीच में उगे खरपतवारों को पहचानने के प्रोजेक्ट का चयन किया गया है। राज्य के महासमुंद जिले के शासकीय कुलदीप निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नर्रा के छात्र वैभव देवांगन और धीरज यादव द्वारा तैयार किया गया है।

केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने नई दिल्ली के भारतीय पर्यावास सेंटर में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के इन दोनों छात्रों को मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इन छात्रों द्वारा भारतीय पर्यावास सेंटर नई दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को आयोजित प्रदर्शनी में अपने प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया गया। अंतिम रूप से विजेता घोषित करने के पहले दोनों छात्रों का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विशेषज्ञ द्वारा ऑनलाईन साक्षात्कार लिया गया।

प्रदर्शनी का अवलोकन केन्द्रीय राज्यमंत्री सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी किया। इस अवसर पर विभाग के सचिव और डिजीटल इंडिया के सीईओ अभिषेक सिंह और अन्य अधिकारी मौजूद थे। इस विद्यालय के व्याख्याता सुबोध कुमार तिवारी ने लॉकडाउन के समय छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का अध्यापन ऑनलाईन कराया।

छात्रों ने इस तकनीक के उपयोग से कृषि प्रधान राज्य के किसानों की सुविधा के लिए प्रोजेक्ट बनाये। ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले किसान पुत्र छात्र वैभव देवांगन और धीरज यादव ने फसलों के बीच उगे खरपतवारों को पहचानने का सॉफ्टवेयर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के उपायोग से बनाया है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आयोजित प्रतियोगिता एक नजर में- कुल 52 हजार 628 छात्र पंजीकृत हुए। प्रथम चरण में 11 हजार 466 छात्रों ने प्रशिक्षण लिया। देश के 35 राज्य से 2536 शिक्षकों ने लिया प्रशिक्षण। पूरे देश से 2441 छात्रों से 2704 आईडियाज जमा किए गए।

प्रथम चरण का परिणाम 12 जनवरी 2021 को जारी किया गया, जिसमें द्वितीय चरण के लिए 125 छात्रों की सूची जारी की गई। बाल दिवस की पूर्व संध्या पर 13 नवम्बर को टॉप 60 के परिणामों की सूची जारी की गई, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले के सरकारी स्कूल नर्रा के दो प्रोजेक्टों का चयन हुआ। इसके बाद अंतिम चरण में फायनल टॉप-20 में छत्तीसगढ़ की एक प्रोजेक्ट का चयन किया गया।

उल्लेखनीय है कि सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम ए.आई. फॉर यूथ में देश के केवल सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को नवीनतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से रू-ब-रू कराने और उनके द्वारा समाज की समस्याओं का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) के उपयोग से समाधान ढूढंने के लिये यह कार्यक्रम चलाया गया।

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स्वर्गीय बुढ़ान शाह ने समाज को संगठित करने का कार्य किया: सुश्री उइके http://revoltnewsindia.com/the-late-budhan-shah-organized-the-society-ms-uike/3791/ http://revoltnewsindia.com/the-late-budhan-shah-organized-the-society-ms-uike/3791/#respond Tue, 19 Oct 2021 10:10:03 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3791 रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज महासमुन्द जिले के पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम अरण्ड में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बुढ़ान शाह के पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल…

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रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज महासमुन्द जिले के पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम अरण्ड में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बुढ़ान शाह के पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई और उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बुढ़ान शाह ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेते हुए समाज को संगठित करने का कार्य किया है। यह हम सभी लोगों के लिए गर्व की बात है।

राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी समाज अपने ज्ञान को संरक्षित करें, नई पीढ़ी को जानकारी दें तथा तकनीक के माध्यम से जोड़ते हुए उन्हें नया स्वरूप प्रदान करें। इससे हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगा, अच्छी आय होगी, जिससे वे स्वयं अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्य में लगाएंगे और देश की प्रगति में योगदान देंगे।

सुश्री उइके ने कहा कि मैंने स्वयं आदिवासी समाज में जन्म लिया है साथ ही इस समाज को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि बुढ़ान शाह जी गांधी जी द्वारा चलाये जा रहे स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन से प्रेरित थे। वे उन्हें अपना आदर्श मानते थे।

गांधी जी ने जब दाण्डी यात्रा के साथ नमक सत्याग्रह किया तो बूढ़ान शाह भी रायपुर में इस आंदोलन में शामिल हुए और नमक कानून तोड़कर गिरफ्तार हुए। शाह निरंतर राष्ट्रीय आंदोलनों में सक्रिय रहे और शंकर राव एवं यति यतन लाल के साथ ग्राम तमोरा में जंगल सत्याग्रह में शामिल हुए और उन्हें सजा भी हुई।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के आजादी के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने की घोषणा की है। इस अवसर हम आजादी के नायकों को याद कर रहे हैं। इसी तारतम्य में स्वतंत्रता सेनानी बूढ़ान शाह जी के योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वे संत विनोबा भावे के भू-आंदोलन से भी प्रभावित थे और उन्होंने भू-आन्दोलन से प्रभावित होकर लोगों को प्रेरित किया, जिससे 4190 एकड़ भूमि कास्तकारों को दान कर भूमि स्वामी बनाकर गोपालपुर गांव बसाया। बूढ़ान शाह ने जीवन भर समाज के निचले तबकों के हक के लिए संघर्ष करते रहे।

सुश्री उइके ने कहा कि आज अरण्ड ग्राम के जिस जमीन पर यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, यह वीरों की भूमि रही है। यहां जहान सिंह और चन्द्रपाल डड़सेना जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने जन्म लिया है और देश की आजादी में योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि हम यह कल्पना कर सकते हैं कि इस गांव की आबादी अपेक्षाकृत कम रही होगी और विकास की धारा से दूर भी रहा होगा, परन्तु उस समय यहां के लोगों में इतनी जागरूकता होना अपने आप में एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसका श्रेय कहीं न कहीं यहां की मिट्टी और ऐसे महापुरूषों को जन्म देने वाली माताओं को जाता है।

राज्यपाल ने कहा कि मुझे बताया गया कि इस गांव में पूर्ण शराबबंदी है। इस गांव की महिलाओं और पुरूषों के समूह इस अभियान को थामे हुए हैं। लगता है कि जो हमारे पूर्वज थे, जिन्होंने गांधी जी के आदर्शों को अपनाया था, उनका आशीर्वाद अभी भी इस गांव में है, इसलिए आज महात्मा गांधी के रास्तों पर चलते हुए शराबबंदी जैसे कार्यक्रम को मूर्त रूप प्रदान कर रहे हैं।

उन्होंने इस अभियान में योगदान देने वाले सभी प्रबुद्धजनों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने आत्मनिर्भर ग्राम की संकल्पना की थी और इस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है। इसे फलीभूत करने के लिए हम अपने स्वसहायता समूह को शासकीय योजनाओं से जोड़ें और उन्हें प्रशिक्षित करें, ताकि वे स्वयं के उत्पाद बनाएं और उनके उत्पादों को ट्राइफेड तथा शासन के विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बाजार उपलब्ध कराएं।

इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने भी राज्यपाल के समक्ष अपने मांगों एवं समस्याओं को रखते हुए इसका शीघ्र निराकरण करने का आग्रह किया।

राज्यपाल सुश्री उइके ने सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं उपस्थित ग्रामीणों और समिति के सदस्यों को उनके मांगों एवं समस्याओं के निराकरण सुनिश्चित करने हेतु त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों को देवगुड़ी बनाने तथा देव स्थलों में मूर्तियों को संरक्षित करने को कहा।

राज्यपाल ने ग्रामीणों एवं समाज प्रमुखों की मांग पर मौके पर उपस्थित राजस्व अधिकारियों को जमीन संबंधी समस्याओं के निराकरण, चौक पर स्वर्गीय बुढ़ान शाह की प्रतिमा स्थापित करने सहित अन्य समस्याओं के शीघ्र निराकरण करने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर महासमुन्द लोकसभा क्षेत्र के सांसद चुन्नी लाल साहू, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविन्द नेताम, संसदीय सचिव एवं खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव ने भी संबोधित किया।

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राज्य सरकार आदिवासियों के हकों और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध: भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/state-government-bhupesh-baghel-committed-to-protect-the-rights-and-interests-of-tribals/3299/ http://revoltnewsindia.com/state-government-bhupesh-baghel-committed-to-protect-the-rights-and-interests-of-tribals/3299/#respond Tue, 28 Sep 2021 07:41:34 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3299 आदिवासी समाज की समस्याओं के निदान के लिए मंत्रिमण्डलीय उप समिति एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित राजनांदगांव, धमतरी, बालोद, गरियाबंद और महासमुंद जिले से आए…

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  • आदिवासी समाज की समस्याओं के निदान के लिए मंत्रिमण्डलीय उप समिति एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित
  • राजनांदगांव, धमतरी, बालोद, गरियाबंद और महासमुंद जिले से आए आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल से लिया योजनाओं पर फीडबैक
  • वन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण को सामाजिक बैठकों की चर्चा का बनाएं प्रमुख विषय
  • शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार आदिवासियों के हकों और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार आदिवासी समाज को उनके संवैधानिक और कानूनी अधिकार देने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। आदिवासी समाज से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए राज्य सरकार ने मंत्रिमण्डलीय उप समिति एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के सचिवों की उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है।

सचिवों की उच्च स्तरीय कमेटी आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं प्रमुखों से सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक विकास के साथ-साथ आदिवासी समाज के संवैधानिक हितों के संरक्षण के लिए विचार-विमर्श कर अपनी रिपोर्ट मंत्रिमण्डलीय उप समिति को प्रस्तुत करेगी। मंत्रिमंडलीय उप समिति यह रिपोर्ट केबिनेट में प्रस्तुत करेगी।

मुख्यमंत्री सोमवार शाम को अपने निवास कार्यालय में राजनांदगांव, धमतरी, बालोद, गरियाबंद और महासमुंद जिले से आए आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री विभिन्न जिलों के आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री निवास में आमंत्रित कर उनसे सीधे संवाद करके राज्य सरकार की योजनाओं की मैदानी स्थिति की जानकारी, अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है या नहीं,

योजनाओं के क्रियान्वयन में यदि कोई समस्या आ रही है, तो इसकी जानकारी ले रहे हैं। साथ ही वे आदिवासी समाज के लोगों से यह भी पूछ रहे हैं कि समाज के हित में और कौन-कौन से कार्य करने की आवश्यकता है। इसी कड़ी में आज पांच जिलों से आए आदिवासी समाज के लोगों से मुख्यमंत्री विचार-विमर्श किया। इसके पहले बस्तर संभाग के 7 जिले से आदिवासी समाज और अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के लोग मुख्यमंत्री निवास आ चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि आदिवासी समाज सहित सभी लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर उपलब्ध हों और छत्तीसगढ़ की संस्कृति आगे बढ़े, और अधिक समृद्ध हो।

उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठन अपने समाज के अधिक से अधिक लोगों को राज्य शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठन अपनी बैठकों में वन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण के विषय को चर्चा के प्रमुख बिन्दु के रूप में शामिल करें और समाज के लोगों से यह जानकारी लें कि उन्हें वन अधिकार पट्टे मिले हैं या नहीं यदि पट्टे नहीं मिले हैं तो इसके लिए संबंधित एसडीएम कार्यालय में आवेदन जमा कराए जाएं।

बघेल ने कहा कि आदिवासी अंचलों में बारहमासी नदी-नाले तो हैं लेकिन इन क्षेत्रों के 85 विकासखण्डों में सिंचाई का प्रतिशत कम है। राज्य सरकार द्वारा नदी-नालों में वाटर रि-चार्जिंग के लिए नरवा योजना का संचालन वन विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लेने की पहल भी समाज द्वारा की जानी चाहिए।

ऐसे नदी-नाले जहां वाटर रि-चार्जिंग करनी है, वहां के प्रस्ताव दिए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े बांध बनाने से जंगल और आदिवासियों की जमीन डूब क्षेत्र में आ जाती है, लेकिन इसकी जगह पर यदि नरवा योजना के कार्य कराए जाते हैं तो उस क्षेत्र में न सिर्फ सिंचाई की सुविधा मिलेगी, बल्कि भू-जल स्तर भी बढ़ेगा। वन और जमीन भी सुरक्षित रहेगी।

बघेल ने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यदि ग्राम पंचायतें अपने पंचायत क्षेत्र की शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण कराती है और उनकी देखभाल करती है तो ग्राम पंचायतों को भी तीन वर्ष तक 10 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इस योजना का ग्राम पंचायतें अधिक से अधिक लाभ लेकर अपनी आय में वृद्धि कर सकती हैं।

इस योजना में फलदार वृक्ष लगाने जाने चाहिए, जिससे आय में आय में और अधिक वृद्धि होगी। जाति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया के सरलीकरण की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पिता के पास जाति प्रमाण पत्र हैं तो उनके बच्चों को भी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। स्कूलों में कैम्प लगाकर बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। यदि किसी के पास प्रमाण स्वरूप कोई दस्तावेज नहीं है तो ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव के आधार पर भी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आदिवासियों सहित किसान, मजदूर, महिलाओं और गरीबों की आय में वृद्धि का प्रयास कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने कर्ज माफी, 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए भी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष मजदूर परिवार को 6 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक सितम्बर से 30 नवम्बर तक इस योजना का फार्म भरे जा रहे हैं। समाज के लोग सभी पात्र लोगों से इस योजना के लिए आवेदन दिलाने का कार्य प्राथमिकता से करें। 

उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 52 कर दी गई है। तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। पहली बार कोदो-कुटकी, रागी का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।

इन फसलों को खरीफ की फसलों के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है। आय बढ़ाने के लिए तेलघानी बोर्ड गठित किया गया है, इससे गांव-गांव में तेल पेराई के लिए मशीन लगाने के लिए सहायता दी जाएगी।

जिससे तिलहन फसलों- सरसों, अलसी सहित टोरा, नीम, करंज का तेल निकाला जा सकेगा और लोगों को आय का एक नया जरिया मिलेगा। छत्तीसगढ़ के तीज-त्यौहारों- हरेली, पोरा-तीजा, विश्व आदिवासी दिवस मुख्यमंत्री निवास में मनाया जा रहा है। इससे हमारे त्यौहारों को सम्मान मिला है।

इस अवसर पर संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव, इन्द्रशाह मंडावी, कुंवर सिंह निषाद, शिशुपाल सोरी, विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, किस्मतलाल नंद, भुवनेश्वर बघेल, अमितेष शुक्ल ने भी प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित किया।

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