स्वर्गीय बुढ़ान शाह ने समाज को संगठित करने का कार्य किया: सुश्री उइके

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रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज महासमुन्द जिले के पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम अरण्ड में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बुढ़ान शाह के पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई और उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बुढ़ान शाह ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेते हुए समाज को संगठित करने का कार्य किया है। यह हम सभी लोगों के लिए गर्व की बात है।

राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी समाज अपने ज्ञान को संरक्षित करें, नई पीढ़ी को जानकारी दें तथा तकनीक के माध्यम से जोड़ते हुए उन्हें नया स्वरूप प्रदान करें। इससे हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगा, अच्छी आय होगी, जिससे वे स्वयं अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्य में लगाएंगे और देश की प्रगति में योगदान देंगे।

सुश्री उइके ने कहा कि मैंने स्वयं आदिवासी समाज में जन्म लिया है साथ ही इस समाज को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि बुढ़ान शाह जी गांधी जी द्वारा चलाये जा रहे स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन से प्रेरित थे। वे उन्हें अपना आदर्श मानते थे।

गांधी जी ने जब दाण्डी यात्रा के साथ नमक सत्याग्रह किया तो बूढ़ान शाह भी रायपुर में इस आंदोलन में शामिल हुए और नमक कानून तोड़कर गिरफ्तार हुए। शाह निरंतर राष्ट्रीय आंदोलनों में सक्रिय रहे और शंकर राव एवं यति यतन लाल के साथ ग्राम तमोरा में जंगल सत्याग्रह में शामिल हुए और उन्हें सजा भी हुई।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के आजादी के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने की घोषणा की है। इस अवसर हम आजादी के नायकों को याद कर रहे हैं। इसी तारतम्य में स्वतंत्रता सेनानी बूढ़ान शाह जी के योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वे संत विनोबा भावे के भू-आंदोलन से भी प्रभावित थे और उन्होंने भू-आन्दोलन से प्रभावित होकर लोगों को प्रेरित किया, जिससे 4190 एकड़ भूमि कास्तकारों को दान कर भूमि स्वामी बनाकर गोपालपुर गांव बसाया। बूढ़ान शाह ने जीवन भर समाज के निचले तबकों के हक के लिए संघर्ष करते रहे।

सुश्री उइके ने कहा कि आज अरण्ड ग्राम के जिस जमीन पर यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, यह वीरों की भूमि रही है। यहां जहान सिंह और चन्द्रपाल डड़सेना जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने जन्म लिया है और देश की आजादी में योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि हम यह कल्पना कर सकते हैं कि इस गांव की आबादी अपेक्षाकृत कम रही होगी और विकास की धारा से दूर भी रहा होगा, परन्तु उस समय यहां के लोगों में इतनी जागरूकता होना अपने आप में एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसका श्रेय कहीं न कहीं यहां की मिट्टी और ऐसे महापुरूषों को जन्म देने वाली माताओं को जाता है।

राज्यपाल ने कहा कि मुझे बताया गया कि इस गांव में पूर्ण शराबबंदी है। इस गांव की महिलाओं और पुरूषों के समूह इस अभियान को थामे हुए हैं। लगता है कि जो हमारे पूर्वज थे, जिन्होंने गांधी जी के आदर्शों को अपनाया था, उनका आशीर्वाद अभी भी इस गांव में है, इसलिए आज महात्मा गांधी के रास्तों पर चलते हुए शराबबंदी जैसे कार्यक्रम को मूर्त रूप प्रदान कर रहे हैं।

उन्होंने इस अभियान में योगदान देने वाले सभी प्रबुद्धजनों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने आत्मनिर्भर ग्राम की संकल्पना की थी और इस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है। इसे फलीभूत करने के लिए हम अपने स्वसहायता समूह को शासकीय योजनाओं से जोड़ें और उन्हें प्रशिक्षित करें, ताकि वे स्वयं के उत्पाद बनाएं और उनके उत्पादों को ट्राइफेड तथा शासन के विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बाजार उपलब्ध कराएं।

इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने भी राज्यपाल के समक्ष अपने मांगों एवं समस्याओं को रखते हुए इसका शीघ्र निराकरण करने का आग्रह किया।

राज्यपाल सुश्री उइके ने सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं उपस्थित ग्रामीणों और समिति के सदस्यों को उनके मांगों एवं समस्याओं के निराकरण सुनिश्चित करने हेतु त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों को देवगुड़ी बनाने तथा देव स्थलों में मूर्तियों को संरक्षित करने को कहा।

राज्यपाल ने ग्रामीणों एवं समाज प्रमुखों की मांग पर मौके पर उपस्थित राजस्व अधिकारियों को जमीन संबंधी समस्याओं के निराकरण, चौक पर स्वर्गीय बुढ़ान शाह की प्रतिमा स्थापित करने सहित अन्य समस्याओं के शीघ्र निराकरण करने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर महासमुन्द लोकसभा क्षेत्र के सांसद चुन्नी लाल साहू, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविन्द नेताम, संसदीय सचिव एवं खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव ने भी संबोधित किया।

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