Rajyapal chhattisgarh Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/rajyapal-chhattisgarh/ News for India Sun, 03 Oct 2021 11:37:04 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png Rajyapal chhattisgarh Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/rajyapal-chhattisgarh/ 32 32 174330959 परिवार की बहुएं बड़ों को सम्मान दे और बच्चों में संस्कार रोपित करें : सुश्री उइके http://revoltnewsindia.com/the-daughters-in-law-of-the-family-respect-the-elders-and-inculcate-rites-in-the-children-ms-uike/3449/ http://revoltnewsindia.com/the-daughters-in-law-of-the-family-respect-the-elders-and-inculcate-rites-in-the-children-ms-uike/3449/#respond Sun, 03 Oct 2021 11:36:07 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3449 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ’सुहिणी सोच संस्था’ द्वारा आयोजित बहुरानी सम्मेलन में हुई शामिल  रायपुर, 03 अक्टूबर 2021 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ’सुहिणी सोच सामाजिक संस्था’ द्वारा आयोजित प्रथम बहुरानी…

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राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ’सुहिणी सोच संस्था’ द्वारा आयोजित बहुरानी सम्मेलन में हुई शामिल

 रायपुर, 03 अक्टूबर 2021 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ’सुहिणी सोच सामाजिक संस्था’ द्वारा आयोजित प्रथम बहुरानी सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुई।

उन्होंने कहा सुहिणी सोच सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित बहुरानी सम्मेलन एक अनोखा कार्यक्रम है। अभी तक हमनें युवा सम्मेलन, बुजुर्ग सम्मेलन यहां तक महिलाओं का सम्मेलन देखा था। मगर पहली बार मुझे ऐसा अनुभव हो रहा है कि एक रिश्तों पर आधारित कार्यक्रम पर शामिल हो रही है। इसके लिए उन्होंने आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि परिवार की बहुएं बड़ों को सम्मान दे और बच्चों में संस्कार रोपित करें।

राज्यपाल ने कहा कि हम ऐसे देश में निवास करते हैं जहां की संस्कृति अनूठी है। यहां पर परिवार का महत्व है। परिवार में हर संबंधों के पीछे एक भावना का महत्व होता है। यहां संयुक्त परिवार में बुजुर्ग, दादा-दादी, माता-पिता, बेटे-बेटियां, बहुएं सब साथ में रहते है। इसके उलट पश्चिमी देशों में एकाकी परिवार की अवधारणा पाई जाती है।

भारतीय समाज में महिलाओं को विशेष स्थान दिया गया है। हमेशा से उन्हें पूजनीय माना गया है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां बेटियों को विशेष सम्मान दिया जाता रहा है, दूसरे घर से विवाह कर आने वाली लड़की जिसे हम बहू कहते है उसे बेटी का दर्जा दिया जाता है। इसके उलट पश्चिमी देशों में हर रिश्ते के पीछे एक कानूनी आधार होता है। वे बहू को डॉटर इन लॉ से संबोधित करते है।

सुश्री उइके ने कहा कि इस कार्यक्रम का विशेष महत्व है, क्योंकि यहां पर सिर्फ बहुएं ही शामिल हुई हैं। जब किसी परिवार में विवाह होता है तो यह केवल एक संस्कार ही नहीं दो परिवारों का मिलन भी होता है। एक परिवार जिसने अपनी बेटी को जन्म से पाल पोस कर बड़ा किया और विवाह के समय अपनी जीवन भर की पूंजी-बेटी को दूसरे परिवार को सौंप देता है।

इस प्रकार विवाह, परिवारों के बीच भावनात्मक संबंध स्थापित करता है। एक बहू जब दूसरे घर जाती है तो नया परिवेश मिलता है। उसे परिवार के हिसाब से ढलना पड़ता है। उसके जीवन में संपूर्ण परिवर्तन आ जाता है। बहू को अपने ससुराल के बड़ो तथा छोटों दोनों के प्रति ध्यान रखना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि हम एक तरह से देखे तो बहू से ही उस परिवार की समाज में तस्वीर बनती है, उसे परिवार का दर्पण भी कहा जाता है।

बहू अपने परिवार तथा बच्चों में संस्कार का बीज बोती है। बहू से ही परिवार में एकता और सामंजस्य के भाव आते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हम बहुओं को बेटी के नजरिए से देखें और उससे वैसा ही व्यवहार करें जैसे हम अपनी बेटियों से करते हैं। हम उनके खान-पान और रहन-सहन का ध्यान रखें तो वे भी आपको बराबर सम्मान देंगी।

उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक समाज की आवश्यकता अनुरूप आज अधिकतर परिवार नौकरी या दूसरे कारणों से एकांकी परिवार के रूप में परिवर्तित हो रहे हैं। परिवार में अधिकतर पति-पत्नी रह जाते हैं। संयुक्त परिवार ना होने से बहू की अवधारणा खत्म होते दिख रही है। ऐसी परिस्थितियों में ऐसे कार्यक्रमों का महत्व बढ़ जाता है।

कार्यक्रम में बहुओं को संस्कारों और आचार-व्यवहार की सीख दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बहू को बाद में एक सास की भूमिका भी निभानी पड़ती है। आप सभी लोग अपने घर के बुजुर्ग सास-ससुर को विशेष सम्मान दे। किसी भी स्थिति में उन्हें दुखी होकर वृद्धाआश्रम जैसे संस्थानों का मुंह ना देखना पड़े। अपने बेटों-बेटियों में संस्कार रोपण करें।

पुत्रों में ऐसा संस्कार डाले कि वह हर महिला को सम्मान की नजर से देखें। अगर वह कोई गलत कार्य करता है तो उसे तुरंत रोक लगाए। जिससे महिला अपराधों पर नियंत्रण कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बेटियों को शिक्षित करें और इतना सशक्त बनाएं कि वे अपने पैरों पर खड़े हो सके।

उनको आगे बढ़ने से ना रोके, उन्हें हिम्मत दे कि वे भी एक प्रशासनिक अधिकारी या राजनेता या स्वरोजगार के जरिये समाज व देश की प्रगति में भागीदार बन सकती है। इस अवसर पर संत सांई युधिष्ठिर लाल, सांई लाल दास, सीए चेतन तारवानी, सुहिणी सोच संस्था के अध्यक्ष पायल जेसवानी, फाउंडर मनीषा शर्मा ने पूर्व अध्यक्ष काजल लालवानी, सचिव माही गुलामी सहित बड़ी संख्या में सिंधी समाज की महिलाएं उपस्थित थीं।

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उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों को समन्वित रूप से ठोस प्रयास करने होंगे : राज्यपाल सुश्री उइके http://revoltnewsindia.com/universities-will-have-to-make-concerted-and-concerted-efforts-to-enhance-the-quality-of-higher-education/3336/ http://revoltnewsindia.com/universities-will-have-to-make-concerted-and-concerted-efforts-to-enhance-the-quality-of-higher-education/3336/#respond Thu, 30 Sep 2021 06:45:59 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3336 अगले शैक्षणिक सत्र से नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी की जाए विद्यार्थियों को मानसिक सलाह देने की व्यवस्था की जाए राजभवन में विश्वविद्यालय समन्वय समिति की बैठक आयोजित…

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  • अगले शैक्षणिक सत्र से नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी की जाए
  • विद्यार्थियों को मानसिक सलाह देने की व्यवस्था की जाए
  • राजभवन में विश्वविद्यालय समन्वय समिति की बैठक आयोजित

रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में आज राजभवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में विश्वविद्यालय समन्वय समिति की 27वीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल सहित समन्वय समिति के सदस्य उपस्थित थे।

बैठक में राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, विद्यार्थियों को आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग के अनुसार काबिल बनाने और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम तैयार किये जाने आदि के संबंध में सार्थक चर्चा की गई और कुछ महत्वपूर्ण निर्णय पारित किए गए।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सभी महाविद्यालयों का नैक के जरिए मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अध्ययन के दौरान कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने के लिए भी एक प्रकोष्ठ बनाया जाना चाहिए, जिससे वे अपनी क्षमता के अनुरूप विषयों का चयन कर रोजगार प्राप्त कर सके।

साथ ही सभी महाविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल भी गठित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 को राज्य में लागू करने की दिशा में शीघ्र प्रयास किये जाएं। उन्होंने विश्वविद्यालयों से इस संबंध में पाठयक्रम बनाने के निर्देश दिए, ताकि अगले शैक्षणिक सत्र से यह लागू किया जा सके।

उन्होंने सभी कुलपतियों को महाविद्यालयों का नियमित निरीक्षण करने के लिए कहा और विश्वविद्यालय की गतिविधियों के संबंध में त्रैमासिक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा का ज्ञान भी दिया जाना चाहिए, जो कि एक मजबूत राष्ट्र का आधार स्तंभ होता है।

 सुश्री उइके ने कहा कि कोविडकाल के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और प्राध्यापकगण सभी को विद्यार्थियों के साथ संवेदनापूर्ण तरीके से व्यवहार करना चाहिए। हर विश्वविद्यालय अपने यहां एक मनोचिकित्सकों की टीम की व्यवस्था करें, जिसके माध्यम से कोविडकाल में विद्यार्थियों की मानसिक परेशानियों को दूर करने के लिए काउंसिलिंग करें।

उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को गांव में जाकर गर्भवती माताओं और बच्चों में कुपोषण रोकने के संबंध में भी जागरूकता लानी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि इसी माह जारी एन.आई.आर.एफ. (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) की 2021 की रैंकिंग लिस्ट में प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय का नाम शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में शामिल नहीं था, जिसे सुधारने की आवश्यकता है।

विश्वविद्यालयों को शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एकजुट होकर विशेष प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हम इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। सभी विश्वविद्यालयों को अपने क्षेत्र के तहत ऐसे गुमनाम स्वाधीनता संग्राम सेनानियों के बारे में जानकारी लेकर आम जनता से साझा करना चाहिए, जिनका नाम इतिहास में दर्ज नहीं हो सका।

सुश्री उइके ने कहा कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में उत्कृष्ट शोध किये जाने पर अधिक ध्यान देना होगा। संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ हमारे प्राचीन ग्रंथों पर आधारित शोध करें तथा अपने पाठ्यक्रम को रोजगारमुखी बनाएं। उन्हें औद्योगिक संस्थानों से भी लिंकेज करने का प्रयास करें, ताकि फाईन आर्ट तथा अन्य विधाओं के कलाकारों को रोजगार मिल सके। उन्होंने समन्वय समिति की बैठक नियमित रूप से कराने के निर्देश भी दिए। 
 
स्वास्थ्य एवं पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के जरिए आसपास के गांवों में जाकर उनकी स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर जागरूकता लाएं। इसके लिए कुछ विश्वविद्यालयों ने गांव गोद भी लिए हैं, जहां राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के विद्यार्थी जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम को शिविर लगाने के लिए सहायता करते हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग को इस संबंध में फीडबैक भी मिलता है, जो कि अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि एन.एस.एस. के विद्यार्थियों ने कोविडकाल के दौरान स्वास्थ्य विभाग को काफी सहयोग दिया जो सराहनीय है। 

उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि वर्ष 2022 तक राज्य के सभी महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन हो सके, इसके लिए विभाग द्वारा व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा महाविद्यालयों में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पद भरने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जिसके तहत प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, खेल अधिकारी आदि के पद भरे जाएंगे।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए ई-लाईब्रेरी का प्रावधान भी किया जा रहा है, जिससे वे महाविद्यालय आकर या अपने मोबाईल के जरिए भी पुस्तकों का अध्ययन कर सके। उन्होंने कहा कि इस वर्ष महाविद्यालयों में छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी को देखते हुए 15 हजार से अधिक सीटें बढ़ाई गई है, ताकि कोई भी विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित न रह सके। 

समन्यवय समिति में प्रतिभाशाली एवं आर्थिक रूप से कमजोर शोधार्थियों को विभाग द्वारा फैलोशिप दिये जाने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की गई है। इस संबंध में वित्त विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थाओं में ई-गर्वनेंस लागू करने के प्रस्ताव पर भी सहमति व्यक्त की गई है।

बैठक में बी.ए., बी.एड., बी.एस.सी., बी.एड. एवं बी.कॉम बी.एड. का नया पाठयक्रम प्रारंभ किये जाने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी गई। यह चार वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम है। बैठक में विश्वविद्यालयों में बजट, शिक्षा गुणवत्ता हेतु पाठ्य पुस्तकों के अध्ययन को प्रोत्साहन, राजकीय उच्च शिक्षण संस्थानों के ई-गवर्नेंस पर विचार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने के संबंध में चर्चा के पश्चात सहमति व्यक्त की गई।

बैठक में विधि एवं विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव रामकुमार तिवारी, राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव शहला निगार, कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव के.सी. पैकरा, वित्त एवं योजना विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव भुवनेश यादव, उच्च शिक्षा विभाग की आयुक्त शारदा वर्मा, राज्यपाल के विधि सलाहकार आर.के. अग्रवाल, राज्यपाल के उपसचिव दीपक कुमार अग्रवाल, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष शिववरण शुक्ल एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण उपस्थित थे। 

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नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा देने से राष्ट्र निर्माण की नींव मजबूत होगी : राज्यपाल सुश्री उइके http://revoltnewsindia.com/giving-education-based-on-moral-values-u200bu200bwill-strengthen-the-foundation-of-nation-building-governor-ms-uike/3316/ http://revoltnewsindia.com/giving-education-based-on-moral-values-u200bu200bwill-strengthen-the-foundation-of-nation-building-governor-ms-uike/3316/#respond Wed, 29 Sep 2021 07:40:57 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3316 राज्यपाल छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा आयोजित ‘‘उच्च शिक्षा नीति एवं आदर्श व्यक्तित्व निर्माण’’ पर अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में शामिल हुई रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक…

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राज्यपाल छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा आयोजित ‘‘उच्च शिक्षा नीति एवं आदर्श व्यक्तित्व निर्माण’’ पर अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में शामिल हुई

रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के परिप्रेक्ष्य में ‘‘उच्च शिक्षा नीति एवं आदर्श व्यक्तित्व निर्माण’’ विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में शामिल हुई। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड संस्था ने इस वेबीनार को सबसे लंबे चलने वाले वेबीनार (सुबह 07ः00 से शाम 07ः00 बजे तक 12 घंटे) के रूप में शामिल किया।

इसके लिए राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिववरण शुक्ला को बधाई दी। वेबीनार में 15 विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, शिक्षाविद्, प्रशासनिक अधिकारीगण शामिल हुए।

राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को मूल्यों पर आधारित शिक्षा पर जोर दिया गया है। इससे आचार-विचार और संस्कार विकसित होंगे और इसी से राष्ट्र निर्माण की नींव मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप नई शिक्षा नीति अस्तित्व में आई और इससे पूरे भारत के शिक्षा जगत में व्यापक बदलाव दिखाई देगा।

नई शिक्षा नीति भारत वर्ष को उच्च शिक्षा के वैश्विक स्तर पर स्थापित करने तथा भारत को पुनः विश्वगुरू बनाये जाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। देश एवं प्रदेश के हर विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आवश्यक हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप ही पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके जरिए आम जनता विद्यार्थियों सहित सभी को हमारे ऐसे गुमनाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी याद किया जा रहा है, जिन्हें इतिहास में जगह नहीं मिल पाई थी। नई पीढ़ी आज उनके संघर्षों के बारे में जान रही है। यह भावना राष्ट्रवाद को और अधिक मजबूती प्रदान करेगी।

राज्यपाल ने कहा कि वास्तव में शिक्षा ही वह माध्यम होता है, जो किसी व्यक्ति को इतना योग्य बनाता है कि वह हर चुनौती का सामना कर सके। नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की बात कही गई है, ताकि वह शैक्षणिक रूप से उन्नत हो और जीवन में चहुंमुखी प्रदर्शन कर सके।

सैकड़ों साल पहले हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी थी कि विदेशों से विद्यार्थी हमारे यहां अध्ययन करने आते थे, परन्तु धीरे-धीरे कई कारणों से हमारी शिक्षा व्यवस्था में गिरावट आने लगी और शिक्षण संस्थान भी नष्ट होते गए। नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारी इस प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।

इस शिक्षा नीति के तहत हमारे देश के विद्यार्थी चाहे किसी भी कक्षा में हो, वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करेंगे और तेजी से बदलते समय की जरूरत के हिसाब से पढ़ाई करेंगे। इसमें विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा देने के प्रावधान के साथ ही विश्वव्यापी बनाने के साथ-साथ परंपराओं से जोड़कर भी रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि हम ऐसी शिक्षा प्रदान करें जो विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएं, वह नौकरी खोजने के बजाए, नौकरी दाता बनें। शिक्षा का माध्यम अपनी बोली, भाषा को बनाएं। हमारे देश में ज्ञान का अपार भंडार है। हमारे ग्रंथों पर विदेशों में शोध किए जा रहे हैं और उन्हें अपनाया भी जा रहा है। योग जो हमारी प्राचीन विद्या है, उसे पूरे विश्व ने अपनाया है और विश्व योग दिवस के रूप में आयोजन भी किया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि हम यदि मंथन करें तो आज अथाह विद्या के मालिक होने के बावजूद हमारे देश में पश्चिमीकरण के प्रति दौड़ क्यों लगी है, क्यों हम दूसरी भाषाओं और संस्कृतियों को अपना रहे हैं। कहीं न कहीं इसका कारण हमारे पाठ्यक्रम और शिक्षा के माध्यम में रहा है। हमने अभी भी कई पुराने ग्रंथों, विद्या को सहेज कर रखने में कोताही बरती है और नई पीढ़ी को उसका ज्ञान भी नहीं दिया है।

उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम अपने पाठ्यक्रम में ऐसे विषयों को शामिल करें जो प्राचीन विद्या और ज्ञान पर आधारित हो। उन पर शोध करने के लिए शोधार्थियों को प्रोत्साहित करें।

आज हम कोरोना जैसी भयानक बीमारियों से जूझ रहे हैं, हो सकता है कि हमारी प्राचीन औषधि पद्धति के जरिए इस प्रकार की बीमारियों से लड़ने की दवा मिले, जिसे हम अभी तक चिन्हित नहीं कर पाए हैं। नई शिक्षा नीति आज हमें तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ अपनी संस्कृति और पुरातन विद्या से भी जोड़कर रखने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

उन्होंने कहा कि हमारे पास विश्वविद्यालयों में, शिक्षाविदों की बहुत बड़ी टीम है। निजी विश्वविद्यालय व्यावसायिक होने के बजाए ऐसी शिक्षा प्रदान करें जिससे संस्थान से अध्ययन करने के बाद, विद्यार्थी के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास हो, वह अपनी संस्कृति पर गर्व कर सके और विदेश जाने के बजाए देश में ही रहकर उत्कृष्ट कार्य करे और देश की प्रगति में भागीदार बनें।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिववरण शुक्ला, पूर्व निर्वाचन आयुक्त सुशील त्रिवेदी, विभिन्न विश्वविद्यालयों के वर्तमान और पूर्व कुलपति तथा आयोग के सदस्य, अधिकारीगण, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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श्री सत्य साईं बाबा ने संसार को मानवता का संदेश दिया: सुश्री उइके http://revoltnewsindia.com/sri-satya-sai-baba-gave-the-message-of-humanity-to-the-world/2933/ http://revoltnewsindia.com/sri-satya-sai-baba-gave-the-message-of-humanity-to-the-world/2933/#respond Tue, 14 Sep 2021 07:18:44 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=2933 राज्यपाल ने श्री सत्य साईं संजीवनी हास्पिटल में मातृ एवं बाल देखभाल केन्द्र का उद्घाटन किया रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल में मातृ एवं बाल…

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राज्यपाल ने श्री सत्य साईं संजीवनी हास्पिटल में मातृ एवं बाल देखभाल केन्द्र का उद्घाटन किया

रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल में मातृ एवं बाल देखभाल केन्द्र ‘‘ममत्व’’ का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर वहां भर्ती गर्भवती माताओं, हृदय रोग से स्वस्थ हुए बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की और उन बच्चों के स्वस्थ जीवन और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राज्यपाल परिसर में स्थित हनुमान मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल हुई।

उन्होंने श्री सत्य साईं बाबा को नमन किया तथा अस्पताल का अवलोकन किया। साथ ही अस्पताल में भर्ती गर्भवती माताओं से मुलाकात की। राज्यपाल इस अवसर पर गोद भराई की रस्म में शामिल भी हुई और माताओं के सुरक्षित मातृत्व के लिए शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा ने संसार को मानवता का संदेश दिया है। उनका मानना था कि ईश्वर से प्रेम करने का श्रेष्ठ रास्ता है सबसे प्रेम करें और सबकी सेवा करें। वे मानव सेवा को सर्वोपरि मानते थे।

यह अस्पताल उनकी इसी अवधारणा पर कार्य कर रहा है। राज्यपाल ने रामायण के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री हनुमान ने भगवान श्रीराम के भ्राता लक्ष्मण के युद्ध में घायल होने पर संजीवनी बूटी से प्राणों की रक्षा की थी। उन्होंने बूटी लाने के लिए पूरे पहाड़ को ही साथ ले आए थे। इसी तरह यह हॉस्पिटल आम जनों को संजीवनी देने का कार्य कर रहा है। संजीवनी अस्पताल से बच्चों के हृदय रोग का इलाज निःशुल्क होता है, जिससे उन्हें नवजीवन मिलता है।

राज्यपाल ने कहा कि आज से करीब पांच महीने पहले इस मातृ एवं बाल देखभाल केन्द्र का शिलान्यास हुआ था, परन्तु कोरोना काल और बारिश के बावजूद इतने न्यूनतम समय में अस्पताल का तैयार होना एक बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए उन्होंने श्री सत्य साईं हेल्थ एवं एजुकेशन ट्रस्ट के चेयरमेन श्री सी. श्रीनिवास तथा पूरे प्रबंधन को बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा ने पूरे संसार को प्रेम, दया और मानवता का संदेश दिया है। वे एक तरह से राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के तौर पर भी स्वीकार किए जाते हैं। उनका मानना था कि विभिन्न मतों को मानने वाले अपने-अपने धर्म को मानते हुए अच्छा मानव बनें।
 राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि मदर एंड चाईल्ड केयर सेंटर ‘स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चे’ की अवधारणा पर प्रारंभ किया जा रहा है। इस केन्द्र के प्रारंभ होने से प्रदेश में मां और बच्चों के इलाज की अच्छी सुविधा मिलेगी।

गर्भवती माताओं का निःशुल्क इलाज होगा तथा डिलीवरी भी मुफ्त होगी। इससे निर्धन वर्ग की जनता को बहुत मदद मिलेगी, गर्भावस्था के समय मां की देखभाल से स्वस्थ बच्चे का जन्म होगा। साथ ही कुपोषण की दर में भी कमी होगी। एक स्वस्थ बच्चा बड़ा होकर स्वस्थ नागरिक बनेगा और देश की प्रगति में अधिक से अधिक योगदान देगा। साथ ही बच्चों की देखरेख भी निःशुल्क की जाएगी। यहां बच्चे के स्वास्थ्य और हृदय की माता के गर्भ में ही जांच किये जाने की आधुनिकतम सुविधा उपलब्ध है, जिससे जन्म लेने के बाद बच्चे का तुरंत इलाज किया जा सकता है। यह सुविधा वर्तमान में बड़े शहरों के अस्पतालों में ही उपलब्ध है।

सद्गुरू श्री मधुसुदन साईं ने कहा कि यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि जन्मभूमि की सेवा करने के साथ ही हम अब जननी की भी सेवा करने जा रहे हैं। उन्होंने सभी चिकित्सकों और स्टॉफ को इसके लिए बधाई दी।श्री सत्य साईं हेल्थ एवं एजुकेशन ट्रस्ट के चेयरमेन श्री सी. श्रीनिवास ने कहा कि श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल ने कोविड महामारी के दौरान भी लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई। संस्थान द्वारा डॉ. सी. राजेश्वरी संगवारी क्लिनिक के माध्यम से आम जनता को उनके दरवाजे तक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के बच्चों का भी यहां हृदय का निःशुल्क ऑपरेशन किया गया है।

कार्यक्रम में सद्गुरू श्री मधुसुदन साईं एवं श्री सत्य साईं हेल्थ एवं एजुकेशन ट्रस्ट के चेयरमेन सी. श्रीनिवास ने भी अपना संबोधन दिया। साथ ही स्वस्थ हो चुके बच्चों के माता-पिता ने अपने अनुभव भी साझा किए। इस अवसर पर राज्यपाल को प्रतीक चिन्ह दिया गया। राज्यपाल ने भी सद्गुरू श्री मधुसुदन साईं और श्रीनिवास का सम्मान किया। इस अवसर पर श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के चांसलर श्री बी.एन. नरसिम्हा मूर्ति, श्री सत्य साईं एवं एजुकेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी विवेक गौर, अस्पताल के चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ भी उपस्थित थे।

 

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स्काउट्स एवं गाइड्स ने वसुधैव कुटुम्बकम की भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है : सुश्री उइके http://revoltnewsindia.com/scouts-and-guides-have-played-an-important-role-in-enhancing-the-spirit-of-vasudhaiva-kutumbakam/2849/ http://revoltnewsindia.com/scouts-and-guides-have-played-an-important-role-in-enhancing-the-spirit-of-vasudhaiva-kutumbakam/2849/#respond Thu, 09 Sep 2021 14:11:00 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=2849 राज्यपाल ने उत्कृष्ट स्काउट, गाइड, रोवर, रेंजर, स्काउटर और गाईडर को किया पुरस्कृत रायपुर, 09 सितम्बर 2021 भारत स्काउट्स एवं गाइड्स संस्था बच्चों में अनुशासन और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करती है I संस्था से जुड़े विद्यार्थियों में मानव सेवा की भावना भी उत्पन्न होती…

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राज्यपाल ने उत्कृष्ट स्काउट, गाइड, रोवर, रेंजर, स्काउटर और गाईडर को किया पुरस्कृत

रायपुर, 09 सितम्बर 2021 भारत स्काउट्स एवं गाइड्स संस्था बच्चों में अनुशासन और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करती है I संस्था से जुड़े विद्यार्थियों में मानव सेवा की भावना भी उत्पन्न होती है, जो जीवन भर उनके काम आती है। स्काउट और गाइड को यह सिखाया जाता है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। इसने विविधता में एकता की भावना’ तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उक्त बातें राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने राजभवन के दरबार हाल में आयोजित भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के राज्य अलंकरण समारोह में कही। इस अवसर पर उत्कृष्ट स्काउट, गाइड, रोवर, रेंजर, स्काउटर और गाइडर को सम्मानित भी किया। इस अवसर भारत स्काउट एवं गाइड छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष एवं स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, उपाध्यक्ष एवं विधायक शकुंतला साहू, आयुक्त एवं विधायक विनोद चन्द्राकर, कार्यकारी अध्यक्ष राजेश अग्रवाल भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने कहा कि इस संगठन ने भारत स्काउट्स एवं गाइड्स एक ऐसी संस्था है, जो विद्यार्थियों को संस्कारित करने का कार्य करती है। स्काउट एवं गाईड को कम सुविधाओं में तथा कठिन परिस्थितियों में स्वयं को ढाल कर जीवन जीने की कला सिखाई जाती है। कहा जाता है कि ‘‘वन्स ए स्काउट ऑलवेज स्काउट’’। यदि बच्चे में एक बार स्काउटिंग का बीज रोपित कर दिया जाए तो वह जीवन भर स्काउट बना रहता है।

स्काउटिंग सभी धर्मों के प्रति श्रद्धा रखना सिखाती है। युवाओं में नेतृत्व क्षमता का गुण विकसित करने का कार्य भी यह संस्था करती है। यहां मुझे स्वामी विवेकानंद का वह कथन याद आ रहा है कि ‘‘अगर मुझे तेजस्वी, श्रद्धासंपन्न और दृढ़विश्वासी और निःस्वार्थ सेवा करने वाले कुछ युवा मिल जाएं तो मैं पूरी दुनिया को बदल कर रख सकता हूं।’’

राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्काउटिंग का हमारे देश में अहम योगदान है। कोरोना काल में भी हमारे रोवर्स-रेंजर्स, स्काउटर एवं गाइडर ने अनेक सेवा कार्य जैसे भोजन वितरण, सूखा राशन वितरण, घर-घर दवा पहुंचाना एवं आम लोगों में जनजागरूकता फैलाने जैसे कार्य निःस्वार्थ भाव से किए, जिसके फलस्वरूप पूरे भारत में कोरोनाकाल में सेवा कार्य हेतु भारत को तीसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसके लिए आप सभी बधाई के प्राप्त हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण देने के लिए यहां के ट्रेनर्स को अनेकों बार राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान पचमढ़ी में आमंत्रित किया जाता है। राज्य में प्रतिवर्ष विभिन्न कार्यक्रम तो होते ही है, राष्ट्रीय स्तर में भी हमारा राज्य सभी कार्यक्रमों में सहभागिता करता है।

राज्य से प्रतिवर्ष शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग से 1000 बच्चे पचमढ़ी जाकर निःशुल्क डिजास्टर मैनेजमेंट एवं एडवेंचर कोर्स कर रहे हैं। देश के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में हमारे स्काउट्स-गाइड्स ने दिव्यांग जनों की सहायता कर एक मिसाल प्रस्तुत की है। मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि हमारे राज्य के स्काउट्स गाइड इसी प्रकार सेवा के कार्य करते रहेंगे और अपने प्रदेश एवं देश का नाम रोशन करेंगे।

स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि स्काउट्स एवं गाइड्स ने कोरोना काल में कोरोना के प्रति जागरूकता लाने, मास्क वितरण, दवाईयां और भोजन पहुंचाने में उल्लेखनीय कार्य किया। उन्होंने कहा कि स्काउट्स एवं गाइड्स के प्रशिक्षण केन्द्रों और जिलों में कार्यालय को विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उत्कृष्ट स्काउट्स गाइड्स को पुरस्कृत करने की जो शुरूआत की है वह पूरे देश के लिए अनुकरणीय हैं।

समारोह को स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के आयुक्त एवं विधायक विनोद चन्द्राकर एवं कार्यकारी अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट रोवर-रेंजर्स, स्काउट्स एवं गाइड्स और स्काउटर एवं गाइडर को राज्यपाल की ओर से नगद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। साथ ही थैंक्स अवार्ड भी प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में रायपुर जिले से अवन्या शुक्ला तथा उत्कृष्ट स्काउट्स गाइड्स एवं रोवर रेंजर नमन साहू, जीवेश साहू, अनीश पटेल, डागेश्वरी, मुस्कान मैत्री, नंदनी सिन्हा, महेन्द्र बाबू टंडन, राहुल सिंह नेताम, मेघा मिश्रा, करूणा, संतोष कुमार साहू, दीपक ध्रुवंशी, गाइडर सुधा तिवारी एवं सरस्वती गिरिया को पुरस्कृत किया गया।

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राज्यपाल ने शिक्षक दिवस पर दी शुभकामनाएं… http://revoltnewsindia.com/best-wishes-from-the-governor-on-teachers-day/2716/ http://revoltnewsindia.com/best-wishes-from-the-governor-on-teachers-day/2716/#respond Sat, 04 Sep 2021 12:46:28 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=2716 रायपुर, 04 सितम्बर 2021 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि…

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रायपुर, 04 सितम्बर 2021 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद् भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक, देश एवं समाज के भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे अपने विद्यार्थियों को अनुशासनप्रिय बनाते हैं एवं उनमें नैतिक मूल्यों के गुण रोपित कर उनकी प्रतिभा का विकास करते हैं, जिससे वे आदर्श नागरिक बनकर राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देते हैं।

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राज्यपाल ने उच्च शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए एकजुट होने का किया आव्हान http://revoltnewsindia.com/the-governor-called-for-unity-to-improve-the-standard-of-higher-education/2699/ http://revoltnewsindia.com/the-governor-called-for-unity-to-improve-the-standard-of-higher-education/2699/#respond Sat, 04 Sep 2021 07:48:51 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=2699 रायपुर- भारत युवाओं का देश है, यहां पर युवाओं की आबादी निरंतर बढ़ रही है। यह माना जाता है कि 2025 तक लगभग दो-तिहाई भारतीय इसमें शामिल होंगे। युवा देश…

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रायपुर- भारत युवाओं का देश है, यहां पर युवाओं की आबादी निरंतर बढ़ रही है। यह माना जाता है कि 2025 तक लगभग दो-तिहाई भारतीय इसमें शामिल होंगे। युवा देश की प्रगति में अधिक से अधिक योगदान दें, इसके लिए शिक्षा को उच्च गुणवत्तायुक्त बनाना होगा। इससे युवाओं को अच्छी शिक्षा प्राप्त होगी और इस प्रतिस्पर्धा के युग में मजबूत कर स्थान बना पाएंगे और राष्ट्र निर्माण में अधिक से अधिक योगदान दे पाएंगे।

यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कही। वे एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, उत्तर प्रदेश नोएडा द्वारा आयोजित आई.सी.आर.आई.टी.ओ.-2021 अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह को वर्चुअली संबोधित कर रही थी। उन्होंने उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए एकजुट होने और सार्थक प्रयास करने का आव्हान किया।

नई शिक्षा नीति-2020 में सभी वर्गों का समावेश

राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति-2020 में सभी वर्गों को समावेशी शिक्षा देने, जेंडर इन्क्लूजन फंड बनाने पर भी विशेष जोर दिया गया है। शिक्षा नीति में राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन बनाने की बात कही गई है, जिससे विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा निजी विश्वविद्यालय को निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम करें और उसे जल्द लागू करें।

मुझे बताया गया कि एमिटी विश्वविद्यालय में उच्चकोटि का अनुसंधान और इनोवेशन करने के प्रयास किये जा रहे हैं। यहां 1 लाख 75 हजार से अधिक विद्यार्थी और 02 लाख से अधिक भूतपूर्व विद्यार्थी हैं, जो आज अपने-अपने क्षेत्रों में सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा कोविड-19 के दौरान ऑनलाइन शिक्षण का अच्छा कार्य किया गया है, यह सराहनीय है।

भारत में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली बहुत शुरूआती चरण

राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अनेक शिक्षण संस्थानों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई। भारत में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली बहुत शुरूआती चरण में है और अभी भी आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। विश्व स्तर पर शीर्ष विश्वविद्यालयों द्वारा विभिन्न ऑनलाइन पाठ्यक्रम पेश किए जा रहे हैं, जबकि भारत में इस पद्धति का विकास उतने अच्छे तरीके से नहीं हो पाया है। इसलिए, जब तक हम पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली विकसित नहीं कर लेते, तब तक हमें एक लंबा रास्ता तय करना है।

ऑनलाइन शिक्षा पर कई माड्यूल शुरू
राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी, स्वयं, एन.आई.आर.एफ. और रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) आदि प्रारंभ किए गए हैं, जिससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में डिजिटल डिवाइड से निपटने और ऑनलाइन शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और आगे बढ़ने के लिए शिक्षण के कई माड्यूल शुरू किए हैं। इनके जरिए विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे विशेष पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे। शिक्षकों के कौशल को बढ़ाने के लिए दीक्षा पोर्टल आदि प्रारंभ किए गए हैं। इसकेे अलावा अन्य शिक्षण प्लेटफार्मों का भी उपयोग किया जा रहा है।

राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रकाशित की जाने वाली स्मारिका का वर्चुअल विमोचन किया। विश्वविद्यालय द्वारा राज्यपाल को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। इस अवसर पर डॉ. अशोक चौहान, डॉ. अतुल चौहान, प्रोफेसर अजय राणा, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद् और विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

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राज्यपाल ने कृष्ण जन्माष्टमी पर दी शुभकामनाएं… http://revoltnewsindia.com/best-wishes-from-the-governor-on-krishna-janmashtami/2509/ http://revoltnewsindia.com/best-wishes-from-the-governor-on-krishna-janmashtami/2509/#respond Mon, 30 Aug 2021 07:08:04 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=2509 रायपुर- राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल सुश्री उइके ने शुभकामना संदेश में कहा है कि भगवान…

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रायपुर- राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने शुभकामना संदेश में कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भागवद् गीता के माध्यम से मानव को जीने की सही राह दिखाई। उन्होंने कहा कि गीता का संदेश जनमानस के लिए युगों-युगों से पथ प्रदर्शक रहा है। भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश आज भी प्रासंगिक है। यह हमें कर्म एवं ज्ञान का पथ दिखाता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की है।

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श्री वाजपेयी जी समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध थे : सुश्री उइके http://revoltnewsindia.com/mr-vajpayee-was-committed-to-the-welfare-of-the-last-person-in-the-society-ms-uikey/2325/ http://revoltnewsindia.com/mr-vajpayee-was-committed-to-the-welfare-of-the-last-person-in-the-society-ms-uikey/2325/#respond Tue, 17 Aug 2021 07:35:17 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=2325 अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘भारत में सर्व समावेशी राजनीति की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित वेबीनार में शामिल हुईं राज्यपाल रायपुर- राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके कल 16 अगस्त को अटल…

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अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘भारत में सर्व समावेशी राजनीति की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित वेबीनार में शामिल हुईं राज्यपाल

रायपुर- राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके कल 16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर द्वारा श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर ‘‘भारत में सर्व समावेशी राजनीति की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित वेबीनार में मुख्य अतिथि बतौर शामिल हुई। राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी महान जन नेता थे। श्री वाजपेयी जी समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध थे। इसी संकल्पना के आधार पर उन्होंने जनजातीय कार्य मंत्रालय का अलग से गठन किया। साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग का पृथक-पृथक गठन किया। साथ ही सामाजिक न्याय मंत्रालय की भी संरचना की। 
राज्यपाल ने अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा कि श्री वाजपेयी जी के नेतृत्व में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य के रूप में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। साथ ही उन्होंने एक सांसद के रूप में राज्यसभा में जाने का मौका दिया। राज्यपाल ने कहा कि श्री वाजपेयी जी की संकल्पना थी कि समाज के निचले तबके को आगे बढ़ने का मौका मिले। इसलिए उन्होंने सभी वर्ग के लोगों को काम करने का अवसर प्रदान किया। 
राज्यपाल ने बताया कि श्री वाजपेयी जी महिला आयोग के हिमाचल प्रदेश में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई तब वहां के लोगों ने उनके सामने समाज में महिलाओं के संबंध में कुरीतियों से ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि जब कोई रीति, कुरीति बन जाती है तब उन्हें कानून से रोका जाना चाहिए।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि अटल जी, जननायक व राजनीतिज्ञ के साथ-साथ सहज सौम्य व्यक्तित्व के धनी थे। उनके प्रत्येक विचार, किसी पार्टी या विशेष व्यक्ति के हित में ना होकर संपूर्ण राष्ट्रमंगल की भावना से ओत-प्रोत होते थे। वे कहते थे ‘‘देश एक मंदिर है, हम पुजारी हैं, राष्ट्रदेव की पूजा में हमें खुद को समर्पित कर देना चाहिए।’’ वे भारतीय राजनीति के वास्तविक अजातशत्रु रहे और वर्तमान पक्ष-विपक्षी दलों को उनके व्यक्तित्व के आदर्शो को आत्मसात् करने का प्रयास करना चाहिये। यह उनकी असल अटल पहचान है। उनके जाने के बाद विराट और उत्कृष्ट व्यक्तित्व के जननायक की कमी हम सबको खलती है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी श्री वाजपेयी जी के समावेशी संकल्पना के पद चिन्हों पर चल रहे हैं।
इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं प्रसिद्ध चिंतक डॉ. महेश शर्मा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति डॉ. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने भी उद्बोधन दिया। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने स्वागत उद्बोधन दिया।

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आज हर महिला को रानी लक्ष्मीबाई बनने की आवश्यकता है: राज्यपाल सुश्री उइके http://revoltnewsindia.com/today-every-woman-needs-to-be-rani-lakshmibai-governor-ms-uike/2250/ http://revoltnewsindia.com/today-every-woman-needs-to-be-rani-lakshmibai-governor-ms-uike/2250/#respond Sat, 14 Aug 2021 08:08:18 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=2250 राज्यपाल हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबीनार में हुई शामिल रायपुर- आज के परिवेश में हर महिला को सशक्त होने की आवश्यकता है। यदि किसी महिला को उनके अधिकारों की…

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राज्यपाल हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबीनार में हुई शामिल

रायपुर- आज के परिवेश में हर महिला को सशक्त होने की आवश्यकता है। यदि किसी महिला को उनके अधिकारों की प्राप्ति नहीं होती है तो इसका कारण उनमें आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। आज हर महिला को रानी लक्ष्मीबाई बनने की आवश्यकता है। उन्हें चाहिए दूसरे महिला के साथ अत्याचार हो रहा है तो उसे रोके और उसकी मदद करें और आत्मविश्वास बनाएं रखिए। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका विषय पर आधारित वेबीनार को संबोधित करते हुए कह रही थी। राज्यपाल ने ऑनलाइन प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहे है। हमारी स्वतंत्रता संग्राम में अनेक लोगों ने योगदान दिया। इसमें से अनेक का नाम हम जानते है, मगर कई ऐसे है जो गुमनामी में खो गए है। हमारी शिक्षा प्रणाली में ऐसे महानायकों का उल्लेख बहुत कम मिलता है। नई पीढ़ी को ऐसे महानायकों की जानकारी मिले, इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसे महानायकों को याद करने के उद्देश्य से अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
राज्यपाल ने कहा कि आजादी के इस लड़ाई में पुरूष एवं महिला ने संयुक्त रूप से योगदान दिया। रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, सरोजनी नायडु, सूचेता कृपलानी जैसे अनेक नाम हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया। राज्यपाल ने कहा कि उस समय महिलाओं की स्थिति अपेक्षाकृत जागरूकता कम थी, तब भी उनमें इतना जज्बा था कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
उन्होंने ने कहा कि सन् 1857 का विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम वह घटना थी जिसकी नायक एक नारी थी, उस नारी की प्रशंसा अंग्रेज भी करते थे। लक्ष्मीबाई की नेतृत्व क्षमता को देखकर अंग्रेज सेनापति ने कहा था कि यह महिला बहुत बहादुर तथा सर्वश्रेष्ठ हैं। बेगम हजरत महल के सैनिक दल में शामिल महादेवी ने अकेले बत्तीस अंग्रेज सैनिकों को मार गिराया था।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं भी त्याग और बलिदान के लिए जानी जाती है। सन् 1920 में महात्मा गांधी के रायपुर प्रवास पर उनके द्वारा की गई दान की अपील से प्रभावित होकर महिलाओं ने अपने गहने, वस्त्र तथा नगद राशि बड़ी मात्रा में दान कर दी। गांधी जी के प्रभाव में महिलाएं गांव-गांव में स्वतंत्रता आन्दोलन का प्रचार करने लगी। सुश्री उइके ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि जब कभी भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास लिखा जायेगा। भारतीय महिलाओं के त्याग को उच्च स्थान प्राप्त होगा। अनेक ऐसी महिलाएं है जिनका भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में महत्वपूर्ण योगदान हैं। हमें उनसें प्रेरणा लेनी चाहिए।

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