sanskriti vibhag chhattisgarh Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/sanskriti-vibhag-chhattisgarh/ News for India Fri, 17 Dec 2021 11:30:43 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png sanskriti vibhag chhattisgarh Archives - REVOLT NEWS INDIA http://revoltnewsindia.com/tag/sanskriti-vibhag-chhattisgarh/ 32 32 174330959 गोवा मुक्ति संग्राम में हमारे पुरखों का भी रहा है महत्वपूर्ण योगदान : भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/bhupesh-baghel-has-also-been-an-important-contributor-of-our-ancestors-in-the-goa-liberation-struggle/4978/ http://revoltnewsindia.com/bhupesh-baghel-has-also-been-an-important-contributor-of-our-ancestors-in-the-goa-liberation-struggle/4978/#respond Fri, 17 Dec 2021 11:30:29 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4978 मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों के त्याग और बलिदान को किया नमनसत्याग्रहियों के परिवारजनों को किया सम्मानित रायपुर, 17 दिसंबर 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोवा मुक्ति…

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मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों के त्याग और बलिदान को किया नमन
सत्याग्रहियों के परिवारजनों को किया सम्मानित

रायपुर, 17 दिसंबर 2021 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोवा मुक्ति संग्राम में हमारे पुरखों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। देश की आजादी की लड़ाई में छत्तीसगढ़ के लोगों ने जिस तरह योगदान दिया, उसी तरह गोवा के मुक्ति संग्राम में भी छत्तीसगढ़ के योद्धाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मुख्यमंत्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अंतर्गत पूरे देश में मनाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम में गोवा मुक्ति संग्राम में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों के त्याग और बलिदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस समारोह में छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों के परिवारजनों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि गोवा से पुर्तगालियों को खदेड़ने के लिए वीर शिवाजी और सम्भाजी ने प्रयास किया आगे चलकर गोवा को मुक्त कराने के लिए डॉ. राम मनोहर लोहिया और मधुलिमिये सहित हमारे अनेक नेताओं ने भी प्रयास किया। छत्तीसगढ़ के पुरखों ने भी गोवा मुक्ति के लिए देश के लोगों के साथ अपनी भागीदारी दी।

लगभग 150 सत्याग्रहियों का दल गोवा गया। इस दल में ठाकुर हरिनारायण सिंह, नंद कुमार पाठक, मोजेस मूलचंद, शरद कुमार रायजादा, बालाराम जोशी, हरि प्रसाद शर्मा, गांधी राम साहू अग्रिम पंक्ति के नेता थे। आगे चलकर सत्याग्रहियों की संख्या 530 पहुंच गई। गोवा में सत्याग्रहियों ने पुर्तगालियों के अनेक प्रकार के अत्याचार और यातनाएं सहीं, गिरफ्तारियां भी दी। अंत में पुर्तगालियों के 450 साल के शासन की समाप्ति हुई।

मुख्यमंत्री ने गोवा मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों में से ऐसे सत्याग्रही जिन्हें केन्द्रीय सम्मान निधि नहीं मिल रही है, उन्हें सम्मान निधि दिलाने और भूमि आबंटन करने की मांग का परीक्षण कराकर आवश्यक पहल करने के लिए आश्वस्त किया।

संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों का गोवा मुक्ति संग्राम में भाग लेना हम सब के लिए गर्व का विषय है। छत्तीसगढ़ से इतनी दूर गोवा जाकर गोवा की आजादी के लिए संघर्ष करना हमारे लिए प्रेरणास्पद है। उन्होंने सत्याग्रहियों के योगदान को याद करते हुए नमन किया।

संस्कृति सचिव अन्बलगन पी. ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों ने देश के विभिन्न हिस्सों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। यहां के सत्याग्रहियों ने अब्दुल रहमान फारूखी के नेतृत्व में गोवा मुक्ति संग्राम में भाग लिया। गोवा पहुंचकर सत्याग्रहियों ने पुर्तगाली पुलिस का डटकर मुकाबला किया। उनका यह संघर्ष प्रेरणास्पद है। 1955 से शुरू हुआ यह संघर्ष लगभग 6 वर्ष तक चला। अंत में 19 दिसम्बर 1961 को गोवा भारत का अंग बना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के तीन वर्ष आज पूरा हो रहा है। ऐसे मौके पर गोवा मुक्ति संग्राम के सत्याग्रहियों के परिवारजनों को सम्मानित करने का उन्हें सौभाग्य मिल रहा है।

उन्होंने कार्यक्रम में गोवा मुक्ति संग्राम के सत्याग्रही स्वर्गीय ठाकुर हरिनारायण सिंह के पुत्र आशीष सिंह ठाकुर तथा पौत्र उपमन्यु सिंह, स्वर्गीय नंद कुमार पाठक के पुत्र संजय पाठक और पुत्रवधु संध्या पाठक, स्वर्गीय मोजेस मूलचंद के पुत्र मुकेश मोजेस और पुत्रवधु एलिजा शैलेष मोजेस, स्वर्गीय शरद कुमार रायजादा के पुत्र शिवेन्द्र रायजादा और पुत्रवधु निशा रायजादा, स्वर्गीय बालाराम जोशी के पुत्र घनश्याम जोशी और पुत्रवधु हर्ष जोशी और स्वर्गीय गांधी राम साहू के पुत्र सुभाष चंद साहू और पौत्र आलहा राम साहू को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

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छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति को आगे बढ़ाने में साहित्यकारों एवं भाषाविदों का महत्वपूर्ण योगदान: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल http://revoltnewsindia.com/significant-contribution-of-writers-and-linguists-in-advancing-chhattisgarhi-language-and-culture-chief-minister-bhupesh-baghel/4692/ http://revoltnewsindia.com/significant-contribution-of-writers-and-linguists-in-advancing-chhattisgarhi-language-and-culture-chief-minister-bhupesh-baghel/4692/#respond Mon, 29 Nov 2021 07:51:00 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4692 छत्तीसगढ़ी साहित्यकार एवं भाषाविद् हुए सम्मानित रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ी साहित्यकारों एवं भाषाविदों के सम्मान समारोह को…

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छत्तीसगढ़ी साहित्यकार एवं भाषाविद् हुए सम्मानित

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ी साहित्यकारों एवं भाषाविदों के सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति, हमारी अस्मिता और पहचान है। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के पीछे अपनी इसी अस्मिता और पहचान को बनाए रखने की ललक थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन सालों में छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और भाषा को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है, इसमें छत्तीसगढ़ी साहित्यकारों और भाषाविदों का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी राजभाषा के 19 साहित्यकारों-भाषाविदों को राज गमछा और प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया और उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दी। सम्मान समारोह की अध्यक्षता संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने की।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद भी छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति को बचाएं रखने के लिए जैसा काम होना चाहिए था, वैसा काम नहीं हो पाया था। छत्तीसगढ़ी राजभाषा जरूर बन गई, लेकिन छत्तीसगढ़ी बोलने और लिखने को लेकर हिचक दूर नहीं हुई थी।

बीते तीन सालों में स्थिति बदली है, अब मंत्रालय से लेकर बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों एवं सार्वजनिक कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ी बोली जाने लगी है। वर्ष 2019 में अरपा-पैरी के धार… हमारा राजगीत बना। स्कूलों में अब छत्तीसगढ़ी एवं स्थानीय बोलियों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति के गौरव को पुनः स्थापित करने का काम किया है। छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहारों पर अवकाश देकर हमनें लोगों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति को लेकर आत्म गौरव को जगाया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस मौके पर साहित्यकारों एवं भाषाविदों ने महात्मा फुले समता पुरस्कार से सम्मानित होने की गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मिला महात्मा फुले समता पुरस्कार वास्तव में छत्तीसगढ़ का सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर महात्मा ज्योतिबा फुले के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने समाज के वंचितों, पीड़ितो और तिरस्कृत लोगों को जीवन की राह दिखाई और उन्हें समाज में सम्मान दिलाया। महात्मा फुले आजीवन समाज में समानता की स्थापना के लिए कार्य किये। वह महान समाज सुधारक थे। ऐसे महापुरूष के नाम पर उन्हें सम्मान मिलना, छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है।

संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़िया लोगों के स्वाभिमान को जगाया  है। हमारी भाषा, संस्कृति एवं परम्परा को मुख्यमंत्री के प्रयासों से एक नई पहचान मिली है।

उन्होंने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उल्लेख किया और कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ की फिल्म नीति बनी है। कलाकारों को आगे बढ़ाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लिए क्रमशः एक करोड़ और 5 करोड़ रूपए के पुरस्कार का प्रावधान किया गया है। संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने कहा कि आज राजभाषा दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ी भाषा को आगे बढ़ाने के संबंध में साहित्यकारों एवं भाषाविदों ने गहन विचार-विमर्श किये।

इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बिहारी लाल साहू, हर प्रसाद निडर, डॉ. अनुसुईया अग्रवाल, डॉ. सुरेश देशमुख, पुनूराम साहू, अरूण निगम, डॉ. कुसुम माधुरी टोप्पो, गिरवरदास मानिकपुरी, रमेश विश्वहार, बंधु राजेश्वर खरे, श्याम वर्मा, गुलाल वर्मा, डॉ. दीनदयाल साहू, संदीप अखिल, नवीन देवांगन, लता राठौर, डॉ. सुधीर पाठक, जयमति कश्यप और तृप्ति सोनी को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार विजय मिश्रा ने किया। इस अवसर पर संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व विवेक आचार्य, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव अनिल भतपहरी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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राज्योत्सव-2021 के समापन अवसर पर विभिन्न अलंकरणों से सम्मानित हुई विभूतियां http://revoltnewsindia.com/at-the-closing-ceremony-of-rajyotsav-2021-the-dignitaries-were-honored-with-various-decorations/4211/ http://revoltnewsindia.com/at-the-closing-ceremony-of-rajyotsav-2021-the-dignitaries-were-honored-with-various-decorations/4211/#respond Tue, 02 Nov 2021 08:50:01 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4211 रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनसुईया उइके ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान पर आयोजित राज्य अलंकरण एवं राज्योत्सव के समापन समारोह पर…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनसुईया उइके ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान पर आयोजित राज्य अलंकरण एवं राज्योत्सव के समापन समारोह पर छत्तीसगढ़ की विभिन्न विभूतियों को उनकी उपलब्धियों एवं राज्य के विकास में योगदान के लिए राज्य अलंकरण सम्मानों से सम्मानित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित मंत्रिमंडल के सदस्य, संसदीय सचिव, सांसद, विधायक, निगम मंडल के अध्यक्ष और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

अलंकरण पुरस्कारों में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए शहीद वीरनारायण सिंह पुरस्कार बिलासपुर जिले के ग्राम लिम्हा (नवापारा) के जानकी प्रसाद पुलस्त को दिया गया। गृह (पुलिस) विभाग द्वारा अपराध अनुसंधान क्षेत्र में पंडित लखन लाल मिश्र सम्मान दुर्ग जिले के नेवई, थाना उतई के कुन्दनलाल गौर, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिया जाने वाले अहिंसा एवं गौ रक्षा के क्षेत्र में यति यतनलाल सम्मान रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर,

खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गुण्डाधूर सम्मान बिलासपुर जिले के खमतराई निवासी रोहणी साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला उत्थान के क्षेत्र में मिनीमाता सम्मान दुर्ग जिले के पंचशील नगर की डॉ. कल्पना देशमुख,

आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सामाजिक चेतना और दलित उत्थान के क्षेत्र में गुरू घासीदास सम्मान दुर्ग जिले के आलबरस, थाना अण्डा के पुरानिक लाल चेलक, सहकारिता विभाग द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में ठाकुर प्यारेलाल सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर को प्रदान किया गया।

इसी तरह आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा उर्दू की सेवा क्षेत्र में हाजी हसन अली सम्मान दुर्ग जिले के न्यू-आदर्श नगर के रौनक जमाल, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पंडित रविशंकर शुक्ल सम्मान रायपुर जिले के सरोना की विद्या राजपूत,

संस्कृति विभाग द्वारा साहित्य-आंचलिक के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पंडित सुन्दरलाल शर्मा सम्मान बिलासपुर के नंदकिशोर तिवारी, संस्कृति विभाग द्वारा संगीत एवं कला के क्षेत्र में चक्रधर सम्मान संयुक्त रूप से दुर्ग जिले के भिलाई नगर निवासी प्रभंजय चतुर्वेदी और रायपुर के सुनील तिवारी को प्रदान किया गया।

संस्कृति विभाग द्वारा लोक कला एवं शिल्प के क्षेत्र में दिया जाने वाला दाऊ मंदराजी सम्मान संयुक्त रूप से बिलासपुर जिले के रतनपुर निवासी काशीराम साहू और मुंगेली जिले के कुकुसदा निवासी रेखा देवार को प्रदान किया गया।

कृषि विभाग द्वारा कृषि के क्षेत्र में डॉ. खूबचंद बघेल सम्मान रायगढ़ जिले के बरमकेला-नवापाली निवासी मुकेश चौधरी, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सामाजिक समरसता क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए महाराजा अग्रसेन सम्मान बस्तर जिले की के.एम.नायडू,

समाज कल्याण विभाग द्वारा दानशीलता, सौहार्द्र एवं अनुकरणीय सहायता के क्षेत्र में दानवीर भामाशाह सम्मान मुंगेली जिले की भवानी साव रामलाल साव धर्मादा ट्रस्ट गांधीवार्ड, मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए श्रीमती बिलासाबाई केंवटीन मत्स्य विकास पुरस्कार दुर्ग जिले के मड़ियापार-धमधा के अनिल कुमार साहू को प्रदान किया गया।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत भाषा के क्षेत्र में संस्कृत भाषा सम्मान रायपुर प्रोफेसर कॉलोनी भैया तालाब के पास निवास करने वाले डॉ. तोयनिधि वैष्णव, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासियों की सेवा और उत्थान के क्षेत्र में दिया जाने वाला भंवर सिंह पोर्ते सम्मान जंगो रायतार समाज कल्याण समिति छत्तीसगढ़ को प्रदान किया गया।

श्रम विभाग द्वारा श्रम के क्षेत्र में महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव सम्मान संयुक्त रूप से एनटीपीसी थर्मल पॉवर स्टेशन जमनीपाली कोरबा, प्रसेनजीत साहा, वी. जनार्दनराव, रामलाल और दीपक कुमार पंडित को प्रदान किया गया।

ग्रामोद्योग विभाग द्वारा बुनकर क्षेत्र में बिसाहूदास महंत पुरस्कार वर्ष 2018-19 जांजगीर-चांपा जिले के सुनील कुमार और राजाराम देवांगन तथा वर्ष 2019-20 का पुरस्कार जांजगीर-चांपा जिले के ही तुकाराम देवांगन और श्रीराम देवांगन को प्रदाय किया गया।

ग्रामोद्योग विभाग द्वारा बुनकर के क्षेत्र में राजराजेश्वरी करूणामाता हाथकरघा प्रोत्साहन पुरस्कार बलौदाबाजार भाटापारा के विकासखंड बिलाईगढ़ के राजेश कुमार देवांगन और बिलाईगढ़ विकासखंड के ग्राम पेण्ड्रावन निवासी टीकाराम देवांगन को दिया गया।

संस्कृति विभाग द्वारा प्रदर्शनकारी लोककला क्षेत्र में देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ निवासी हृदय प्रकाश अनंत और वर्ष 2021 के लिए दुर्ग जिले के छोटे औरी भिलाई-3, निवासी अमोलदास टंडन, संस्कृति विभाग द्वारा लोक शैली पंथी नृत्य प्रदर्शनकारी कला क्षेत्र में देवदास स्मृति पंथी नृत्य पुरस्कार दुर्ग जिले के पेण्ड्रतराई निवासी गौकरण दास बघेल,

संस्कृति विभाग द्वारा हिन्दी-छत्तीसगढ़ी सिनेमा में रचनात्मक लेखन, निर्देशन, अभिनय, पटकथा, निर्माण के क्षेत्र में किशोर साहू सम्मान रायपुर के मनमोहन सिंह ठाकुर, संस्कृति विभाग द्वारा ही हिन्दी-छत्तीसगढ़ी सिनेमा में निर्देशन के लिए दिया जाने वाला किशोर साहू राष्ट्रीय अलंकरण मुम्बई के अपूर्व बड़गैय्या को प्रदान किया गया। 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा, शिक्षा तथा शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए धनवंन्तरि सम्मान रायपुर फाफाडीह निवासी डॉ. के.बी. श्रीनिवास राव को प्रदान किया गया।

जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रिंट मीडिया (हिन्दी)  के क्षेत्र में चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार दंतेवाड़ा की अम्बु शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हिन्दी के क्षेत्र में अंशुमान शर्मा, जनसपंर्क विभाग द्वारा प्रिंट मीडिया अंग्रेजी के क्षेत्र में मधुकर खेर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार रायपुर के टिकेश्वर पटेल,

जनसंपर्क विभाग द्वारा ही रचनात्मक लेखन और हिन्दी भाषा क्षेत्र में प्रदाय किए जाने वाले पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान नई दिल्ली निवासी मृणाल पाण्डे को प्रदान किया गया। विधि एवं विधायी विभाग द्वारा विधि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हेतु बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल सम्मान बलौदाबाजार निवासी ठाकुर भूपेन्द्र प्रताप सिंह और रायपुर निवासी कुमारी शमीम रहमान को प्रदान किया गया।

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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव-2021: आधुनिक समाज को प्रकृति प्रेम आदिवासियों से सीखने की जरूरत: राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके http://revoltnewsindia.com/national-tribal-dance-festival-and-rajyotsav-2021-modern-society-needs-to-learn-from-nature-loving-tribals-governor-ms-anusu/4152/ http://revoltnewsindia.com/national-tribal-dance-festival-and-rajyotsav-2021-modern-society-needs-to-learn-from-nature-loving-tribals-governor-ms-anusu/4152/#respond Fri, 29 Oct 2021 07:39:20 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4152 आदिवासी संस्कृति और उनके कल्याण के क्षेत्र में अनुभव साझा करने का बेहतर अवसर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश-दुनिया में…

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आदिवासी संस्कृति और उनके कल्याण के क्षेत्र में अनुभव साझा करने का बेहतर अवसर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश-दुनिया में आदिवासियों की संस्कृति बहुत समृद्ध है। आदिवासी, समृद्ध संस्कृति के वाहक होने के साथ ही प्रकृति के पूजक भी हैं। उनकी जीवनशैली और प्रकृति के बीच एक गहरा सामंजस्य है। आदिवासी न्यूनतम आवश्यकताओं पर जीने वाले होते हैं, यह वास्तव में उनकी जीवनशैली का मूलमंत्र है।

वे प्रकृति से उतना ही लेते हैं, जितनी उन्हें आवश्यकता होती है, क्योंकि वे धरती को अपनी माता मानते हैं। आधुनिक समाज को कई मायनों में उनसे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।

आज विश्व, जलवायु परिवर्तन के कारण अनेकों समस्याओं का सामना कर रहा है, इसे हल करने का उपाय प्रकृति से प्रेम करने में और उसका आदर करने में छिपा हुआ है। उक्त बातें राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके ने साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव 2021 के अवसर पर कही।

राज्यपाल सुश्री उइके ने इस समारोह में देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेशों से आए लोक कलाकारों का छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्वागत करते हुए कहा कि हमारे देश में अतिथि देवो भवः की परम्परा है। मुझे विश्वास है कि यहां पधारे अतिथि, छत्तीसगढ़ में अपने प्रवास का आनंद लेंगे और सुखद यादें लेकर जाएंगे। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की अग्रिम बधाई भी दी। 

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान अनेकता में एकता की अनोखी छटा दिखाई दे रही है। ऐसा लग रहा है, मानो यहां लघु भारत आ गया है। यह महोत्सव, विभिन्न परंपराओं और संस्कृतियों का संगम है। इस सुंदर और भव्य राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी पूरी टीम को बधाई दीं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य शासन मिलकर आदिवासी हितों की रक्षा के साथ शिक्षा, आर्थिक कल्याण और सामुदायिक उत्थान को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए उन्हें जागरूक करना और सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना जरूरी है।

इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महती प्रयास किए जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि इस राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में विदेशी कलाकारों के नृत्य के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के करमा, सुआ, शैला आदि देखने को मिलेगा, वहीं विभिन्न प्रदेशों के मनमोहक लोक नृत्य देखने को मिलेंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से जनजातीय समुदायों के बीच कला और संस्कृति की साझेदारी तो हो ही रही है, गौर करने वाली बात यह भी है कि इन समुदायों के कल्याण के लिए देशभर में काम कर रहे

लोग भी एक दूसरे से अपने अनुभवों और उपलब्धियों को साझा कर रहे हैं और एक दूसरे से प्रेरणा ले रहे हैं। इस तरह समग्र रूप में यह आयोजन राष्ट्रीय जनजातीय परिदृश्य में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के इस आयोजन से पूरे छत्तीसगढ़ में जिस तरह के वातावरण का निर्माण हुआ है, उससे ऐसा लग रहा है कि हमारी दीवाली आज से ही शुरु हो गई है।

इस साल छत्तीसगढ़ के लोगों की दीवाली लंबी होने वाली है। इससे जाहिर है कि हमारी खुशियां भी दोगुनी होने वाली है। लोक-गीत, लोक-नृत्य, लोक-शिल्प, लोक-वाद्य और लोक-परंपराएं जब आपस में मिलती हैं, तभी गांवों में दीवाली सजती है। ठीक यही वह समय होता है जब खेतों में धान की बालियां भी सुनहरी होने लगती हैं। छत्तीसगढ़ में इस बार ये सारा संजोग आज से ही शुरु हो गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ में देश-विदेश के पहुना पधारे हैं। देश-विदेश से पधारे मेहमानों ने यहां आकर जो आत्मीयता दिखाई है, उससे हम छत्तीसगढ़िया लोग अभिभूत हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया, फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से न केवल पूरा छत्तीसगढ़, बल्कि देश और दुनिया लाइव देख रही है।

सांसद राहुल गांधी ने भी आज अपना संदेश भेजकर छत्तीसगढ़ शासन के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के जनजातीय कलाकारों को मंच प्रदान करने, प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से लोगों को परिचित कराने के लिए हो रहे इस आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के इस आयोजन की प्रेरणा राहुल गांधी से ही मिली थी। वर्ष 2019 में जब राज्य में पहली पर यह आयोजन हुआ था, तब उन्होंने ही स्वयं उपस्थित होकर इस नयी परंपरा का शुभारंभ किया था। आदिवासियों, किसानों और वनाश्रितों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के साथ-साथ उनकी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के लिए उन्होंने हमें लगातार निर्देशित किया है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य में आदिवासी समुदाय को उनके अधिकार, हक और न्याय देने के लिए हर पात्र वनवासी को वन अधिकार पट्टों का वितरण, तेंदूपत्ता और लघु वनोपजों के मूल्य में वृद्धि, समर्थन मूल्य पर उनके उपज की खरीदी के साथ ही लघुवनोपज एवं कृषि उत्पादों के वैल्यू एडीशन का काम कर रहे है।

राज्य में किसानों की कर्ज मुक्ति, स्व-सहायता समूहों के ऋण की माफी, सुराजी गांव योजना के माध्यम से ग्राम-सुराज के सपने को साकार करने, राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिये किसानों को आदान सहायता देने, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के माध्यम से भूमिहिनों को आर्थिक सहायता, गोधन न्याय योजना के जरिये पशुपालन और कृषि को मजबूत करते हुए महिलाओं के लिए रोजगार

और आय के अवसरों का निर्माण करने जैसी योजनाएं संचालित की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल सुश्री उईके के मार्गदर्शन में मेरे मंत्रीमंडल के साथियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग से छत्तीसगढ़ में विकास का वातावरण निर्मित हुआ है।

इस मौके पर मध्यप्रदेश छिंदवाड़ा से आए लोक नर्तक दल, उज्बेकिस्तान स्वाजीलैण्ड के नर्तक दलों ने शानदार प्रस्तुति दी। हिमांचल प्रदेश के लोक नर्तक दल के कलाकारों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को हिमांचली टोपी और शॉल भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मंत्रीगण, निगम, आयोग एवं मंडल के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में दर्शकगण मौजूद थे। 

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राष्ट्रीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव में कलाकारों का उत्साह चरम पर… http://revoltnewsindia.com/enthusiasm-of-the-artists-at-the-national-tribal-folk-dance-festival-is-at-its-peak/4136/ http://revoltnewsindia.com/enthusiasm-of-the-artists-at-the-national-tribal-folk-dance-festival-is-at-its-peak/4136/#respond Thu, 28 Oct 2021 11:29:46 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4136 देश-विदेश के कलाकार छत्तीसगढ़ में आकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश-विदेश के…

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देश-विदेश के कलाकार छत्तीसगढ़ में आकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश-विदेश के कलाकार पहुंचे हैं। कलाकारों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। आज सुबह साईंस कॉलेज मैदान पहुंचे कलाकारों ने मंच पर पहुंचेने से पहले मैदान में अपना रिहर्सल किया। कलाकारों ने बताया कि छत्तीसगढ़ आकर वे रोमांचित एवं उत्साहित हैं।

यहां उन्हें अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिए शानदार मंच है। देश के अंतिम छोर केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप से आए प्रतिभागी कलाकार मुमताज ने बताया कि हमारी टीम में 20 कलाकार है। कल देर शाम हम रायपुर पहुंचे। यहां पर हमें सभी प्रकार की सुविधाएं छत्तीसगढ़ शासन ने मुहैय्या कराई है।

यहां पर किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं हुई है। हम पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। हम रोमांचित और उत्साहित है। हमारे द्वारा बंदिया लोक नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी। इसी तरह से हरियाणा के केथल शहर से आए मुस्कान शामी एवं कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि हमारे द्वारा हरियाणवी लोकनृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। हम कल दोपहर को रायपुर पहुंचे है। प्रशासन द्वारा यहां बेहतर व्यवस्था की गई है।

यहां पुलिस प्रशासन की व्यवस्था को कलाकारों ने प्रशंसा की तथा कलाकारों के ठहरने, खाने की व्यवस्था की तारीफ की। इसी तरह से पुडुचेरी से आए कलाकार मुरगन ने कहा कि हम पहली बार इस राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव में सम्मिलित होकर उत्साहित है। यहां की सभी व्यवस्थाएं उत्कृष्ट है। हमें किसी प्रकार की तकलीफ नहीं हुई।

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने प्रतिभागियों से मुलाकात कर कलाकारों का हाल जाना। इस दौरान उन्होंने लक्षद्वीप, पुडुचेरी के कलाकारों के साथ स्वयं रू-ब-रू होकर उनके साथ फोटो सेल्फी लेते हुए उनकी संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रतिभागी कलाकारों ने उत्साह से उन्हें बताया कि हम यहां आकर रोमांचित हैं और अपने आपको गौरावान्वित महसूस कर रहे हैं। आने वाले समय में ऐसे कार्यक्रम देशभर में होना चाहिए।

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LIVE : राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021 का भव्य शुभारंभ… http://revoltnewsindia.com/grand-launch-of-live-national-tribal-dance-festival-2021/4123/ http://revoltnewsindia.com/grand-launch-of-live-national-tribal-dance-festival-2021/4123/#respond Thu, 28 Oct 2021 07:44:47 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4123 रायपुर। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आज भव्य शुभारंभ किया जा रहा है। इस महोत्सव का आयोजन राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान किया गया है। इस महोत्सव के उद्घाटन समारोह…

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रायपुर। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आज भव्य शुभारंभ किया जा रहा है। इस महोत्सव का आयोजन राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान किया गया है। इस महोत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए हैं, वहीं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएम भूपेश बघेल कर रहे हैं। इस महोत्सव में विशिष्ट अतिथि के तौर पर कई बड़े नेताओं ने शिरकत की है।

इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में हर देश और प्रांत के कलाकार अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे हैं। जिसमें 07 देश, 27 राज्य और 06 केन्द्र शासित प्रदेशों से आए नर्तक दल पूरे जोश और उत्साह के साथ रंगा-रंग प्रस्तुति के लिए तैयार है।

आज के कार्यक्रम के प्रारूप
दोपहर 12.30 से 2 बजे तक नाइजीरिया, फिलीस्तीन, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा के नर्तक दल अपनी प्रस्तुति देंगे। फिर सभी मेहमान आयोजन स्थल पर लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे।इसके बाद आदिवासी नृत्य महोत्सव की प्रतियोगिताएं शुरू होंगी। दोपहर 2.30 बजे से विवाह संस्कार विधा पर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

इसमें कर्मा नृत्य, मध्य प्रदेश का कर्मा, झारखंड का कोडसी, जम्मू-कश्मीर का गोजरी नृत्य, आंध्र प्रदेश का गुरयाबल्लु, असम का कारबी-तिवा, आंध्र प्रदेश का डिम्सा, ओडिशा का धप, तेलंगाना का कोम्मुकोया, मध्य प्रदेश का दंडार, ओडिशा का बोण्डा और गुजरात का मेवासी नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।

वहीं, शाम 6.30 से रात्रि 7.30 बजे तक पारंम्परिक त्यौहार एवं अनुष्ठान, फसल कटाई-कृषि एवं अन्य पारंपरिक विधाओं के नृत्यों की प्रतियोगिता छत्तीसगढ़ का करमा नृत्य, उत्तराखंड का झींझीं हन्ना, तेलंगाना का गुसाड़ी-डिम्सा, झारखंड का उरांव और गुजरात के सिद्धी गोमा नृत्य की प्रस्तुति होनी है।

शाम को विदेशी नर्तक देंगे प्रस्तुति
महोत्सव में शाम 8 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक विदेशों से आए लोक नर्तक अपनी कला-संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। इसमें राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उपस्थित रहेंगे। इसमें स्वाजीलैण्ड, उज्बेकिस्तान और माली के नर्तक दल अपनी प्रस्तुति देंगे।

दूसरे दिन के कार्यक्रम प्रारूप
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस सत्र की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत करने वाले हैं। बता दें कि इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल होंगे। वहीं, 30 अक्टूबर को रात 8 बजे से समारोह का पुरस्कार वितरण किया जाएगा।

इसके अलावा एक नवम्बर को 21वां राज्य स्थापना दिवस पर राज्य अलंकरण समारोह का भी आयोजन किया जाना है।

देखेंगे-LIVE VIDEO

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संस्कृति मंत्री भगत ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव आयोजन स्थल की तैयारियों का लिया जायजा http://revoltnewsindia.com/culture-minister-bhagat-took-stock-of-the-preparations-for-the-venue-of-the-national-tribal-dance-festival/4105/ http://revoltnewsindia.com/culture-minister-bhagat-took-stock-of-the-preparations-for-the-venue-of-the-national-tribal-dance-festival/4105/#respond Wed, 27 Oct 2021 13:08:11 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4105 साइंस कॉलेज मैदान में तैयार हो रहा है मुख्य मंच एवं शासकीय विभागों का स्टॉल 28 अक्टूबर से तीन दिवसीय भव्य राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव रायपुर, 27 अक्टूबर 2021 संस्कृति…

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  • साइंस कॉलेज मैदान में तैयार हो रहा है मुख्य मंच एवं शासकीय विभागों का स्टॉल
  • 28 अक्टूबर से तीन दिवसीय भव्य राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव

रायपुर, 27 अक्टूबर 2021 संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत आज दोपहर राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए तैयार हो रहे मुख्य मंच और शासकीय विभागों के स्टालों सहित अन्य व्यवस्थाओं की तैयारियों का जायजा लिया।

उन्होंने मुख्य समारोह स्थल के साथ-साथ विभागीय स्टालों में बिजली-पानी, साज-सज्जा सहित आगंतुकों के आने-जाने के व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था सहित सभी आवश्यक पहलुओं की बारीकी से निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक आकर्षक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाना है। इस संबंध में सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण कर ली जाये।

इसके अलावा एक नवम्बर को 21वां राज्य स्थापना दिवस पर राज्य अलंकरण समारोह का भी आयोजन किया जाना है। इस दृष्टिकोण से सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मंत्री भगत ने पार्किंग  व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा केंद्र, पुलिस नियंत्रण कक्ष सहित सभी जरूरी तैयारियां पूर्ण रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस मौके पर जनप्रतिनिधिगण सहित संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य व संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।    

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संस्कृति विभाग द्वारा इस वर्ष आठ विधाओं में दिया जाएगा छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण सम्मान… http://revoltnewsindia.com/this-year-chhattisgarh-state-decoration-honor-will-be-given-in-eight-categories-by-the-department-of-culture/4063/ http://revoltnewsindia.com/this-year-chhattisgarh-state-decoration-honor-will-be-given-in-eight-categories-by-the-department-of-culture/4063/#respond Tue, 26 Oct 2021 13:59:54 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=4063 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर दिया जाएगा देवदास बंजारे स्मृति सम्मान रायपुर, 26 अक्टूबर 2021 छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 1 नवंबर को संस्कृति विभाग द्वारा इस…

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर दिया जाएगा देवदास बंजारे स्मृति सम्मान

रायपुर, 26 अक्टूबर 2021 छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 1 नवंबर को संस्कृति विभाग द्वारा इस वर्ष अलग-अलग 8 विधाओं में विभूतियों को छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण सम्मान दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पहले चार विधाओं में विभूतियों को छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण सम्मान दिया जाता था।

साथ ही कोरोना महामारी के चलते विगत एक-दो वर्षों से एक-दो विधाओं में पुरस्कार की घोषणा नहीं हो पाई थी। इन विधाओं के विभूतियों को भी राज्य अलंकरण समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इस तरह 1 नवंबर 2021 को 21वां राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कुल 8 विधाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा।

इनमें साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले को पंडित सुन्दर लाल शर्मा सम्मान, संगीत एवं कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए चक्रधर सम्मान, लोककला-शिल्पकला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले को दाऊ मंदराजी सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

इसी प्रकार पंथी नर्तक देवदास की स्मृति में पंथी नृत्य सम्मान तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार, विदेशों में स्थापित छत्तीसगढ़ के निवासियों को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान, हिन्दी-छत्तीसगढ़ी सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभूतियों को किशोर साहू सम्मान तथा हिन्दी-छत्तीसगढ़ी सिनेमा के निर्देशन में बेहतर कार्य करने वाले विभूतियों को किशोर साहू राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान  से सम्मानित किया जाएगा।

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कलाकारों और साहित्यकारों ने संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से की मुलाकात http://revoltnewsindia.com/artists-and-writers-met-culture-minister-amarjit-bhagat/3275/ http://revoltnewsindia.com/artists-and-writers-met-culture-minister-amarjit-bhagat/3275/#respond Mon, 27 Sep 2021 12:00:00 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=3275 पेंशन के लिए आय-सीमा में बढ़ोत्तरी पर जताया आभार रायपुर। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से रविवार को छत्तीसगढ़ फिल्म उद्योग से जुड़े कलाकारों और साहित्यकारों ने सौजन्य मुलकात की। कलाकारों…

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पेंशन के लिए आय-सीमा में बढ़ोत्तरी पर जताया आभार

रायपुर। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से रविवार को छत्तीसगढ़ फिल्म उद्योग से जुड़े कलाकारों और साहित्यकारों ने सौजन्य मुलकात की। कलाकारों और साहित्यकारों ने संस्कृति विभाग द्वारा कलाकारों और साहित्यकारों को दिए जाने वाले पेंशन योजना के लिए आय-सीमा में बढ़ोत्तरी किए जाने पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और राज्य सरकार के प्रति आभार जताया।

साथ ही राज्य के कलाकारों, निर्माता-निर्देशकों, टेक्नीशियनों व छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों के लिए अवसर उपलब्ध कराने के लिए तैयार किए गए छत्तीसगढ़ फिल्म नीति 2021 के लिये भी कलाकारों ने मंत्री भगत को धन्यवाद ज्ञापित किया।

गौरतलब है कि संस्कृति विभाग द्वारा आर्थिक सहायता (पेंशन) योजना के तहत वर्ष 2007 से 60 वर्ष से अधिक एवं ख्यातिप्राप्त तथा आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों व साहित्यकारों कोे मासिक आर्थिक सहायता प्रदान किया जा रहा है।

इसके लिए पहले आय-सीमा परिवार के अकेले सदस्य के लिए 14 हजार 400 रूपए, दो सदस्यों के लिए 18 हजार रूपए तथा तीन या तीन से अधिक सदस्यों के लिए 24 हजार रूपए निर्धारित था, जिसे राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल और संस्कृति मंत्री के मार्गदर्शन में आय-सीमा में पांच गुणा बढ़ोत्तरी करते हुए परिवार के एकल सदस्य के लिए 72 हजार रूपए, दो सदस्यों के लिए एक लाख 44 हजार रूपए और तीन या तीन से अधिक सदस्यों के लिए दो लाख 16 हजार रूपए कर दिया है।

इससे प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा कलाकारों और साहित्यकारों को इसका लाभ मिल सकेगा।
कलाकार और साहित्यकारों में अजय अग्रवाल, दिलीप षडंगी, प्रशांत ठाकर, तारिक़ खान, रियाज़ भाई और कुमार पंडित सहित अनेक साहित्यकार एवं कलाकार शामिल थे।

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