जगदलपुर Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/जगदलपुर/ News for India Sat, 05 Mar 2022 14:38:12 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png जगदलपुर Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/जगदलपुर/ 32 32 174330959 राज्यपाल उइके शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में हुई शामिल http://revoltnewsindia.com/governor-uike-attended-the-third-convocation-of-shaheed-mahendra-karma-university/6790/ http://revoltnewsindia.com/governor-uike-attended-the-third-convocation-of-shaheed-mahendra-karma-university/6790/#respond Sat, 05 Mar 2022 14:38:04 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6790 राज्यपाल अनुसुईया उइके ने 95 विद्यार्थियों को प्रदान किया स्वर्ण पदक, बस्तर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए की जाएगी ठोस पहल: राज्यपाल उइके रायपुर, 05 मार्च 2022 राज्यपाल अनुसूईया उइके आज बस्तर स्थित…

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राज्यपाल अनुसुईया उइके ने 95 विद्यार्थियों को प्रदान किया स्वर्ण पदक, बस्तर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए की जाएगी ठोस पहल: राज्यपाल उइके

रायपुर, 05 मार्च 2022 राज्यपाल अनुसूईया उइके आज बस्तर स्थित शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के तीसरा दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। राज्यपाल सह कुलाधिपति अनुसुईया उइके द्वारा दीक्षांत के गरिमामयी अवसर पर 95 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। साथ ही वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 में उत्तीर्ण स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई।

राज्यपाल उइके ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पदक प्राप्त करने वालों विद्यार्थियों में लगभग 75 फीसदी बालिकाएं हैं, जो इस बात का सूचक है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। ये अपनी दक्षता, क्षमता और प्रतिबद्धता से नए भारत की गाथा लिखने को तैयार हैं। राज्यपाल उइके ने कहा कि प्रकृति की सुरम्य गोद में बसे बस्तर के विद्यार्थी कोरोना जैसी कठिन परिस्थिति में भी अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहे और अपने अथक परिश्रम एवं साधना से वांछित लक्ष्य को प्राप्त किया।

राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा कि जनजातीय बाहुल्य अंचल में स्थापित इस विश्वविद्यालय ने दूर दराज के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कहा कि अंचल के आदिवासी युवाओं के उच्च शिक्षा के सपने को साकार करने के लिए बस्तर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने बस्तर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की बात कही।

राज्यपाल ने युवा विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी यहां की भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को बेहतर ढंग से जानने के साथ ही समाज से सीधे जुड़े हुए हैं। बस्तर से बाहर जाने पर यहां के आदिवासियों की सहज सरल व्यवहार, सुरम्य वातावरण तथा प्रकृति द्वारा इस अंचल को दिए गए सौन्दर्य के उपहार के संबंध में जरुर बताएं। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए समाज को कुछ लौटाने का सुअवसर आ गया है। उन्होंने सभी युवाओं से अपने दायित्वों का निवर्हन करने और देश-प्रदेश की उन्नति में भागीदार बनने की अपील की।

मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ. अरुण कुमार सिन्हा ने शिक्षा को निरंतर प्रवाहित होने वाली धारा बताया। उन्होंने औपचारिक शिक्षा के साथ ही अनौपचारिक शिक्षा को व्यक्तित्व निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। कुलपति डाॅ. शैलेन्द्र कुमार सिंह ने इस अवसर पर शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय में हो रहे विकास के संबंध में जानकारी दी।

इस अवसर पर सांसद फुलोदेवी नेताम, दीपक बैज, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, महापौर सफीरा साहू, विश्वविद्यालय के व्याख्यातागण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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राज्यपाल उइके का किया गया आत्मीय स्वागत http://revoltnewsindia.com/governor-uike-was-accorded-a-warm-welcome/6747/ http://revoltnewsindia.com/governor-uike-was-accorded-a-warm-welcome/6747/#respond Fri, 04 Mar 2022 12:35:20 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6747 जगदलपुर, 04 मार्च 2022 राज्यपाल अनुसूईया उइके के तीन दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर पहुंचने पर स्थानीय मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में आत्मीय स्वागत किया गया। एयरपोर्ट में महापौर सफीरा…

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जगदलपुर, 04 मार्च 2022 राज्यपाल अनुसूईया उइके के तीन दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर पहुंचने पर स्थानीय मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में आत्मीय स्वागत किया गया।

एयरपोर्ट में महापौर सफीरा साहू पूर्व मंत्री अरविंद नेताम, केदार कश्यप, महेश गागड़ा, लता उसेंडी, कमिश्नर श्याम धावड़े, बस्तर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह, पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज,मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर रजत बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मीणा, अपर कलेक्टर अरविंद एक्का सहित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने राज्यपाल उइके का आत्मीय स्वागत किया।

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बस्तर की जनजातीय संस्कृति को विश्व पटल पर पहुंचाने छत्तीसगढ़ शासन प्रतिबद्ध : विधायक बेंजाम http://revoltnewsindia.com/chhattisgarh-government-committed-to-bring-the-tribal-culture-of-bastar-on-the-world-stage-mla-benjamin/6651/ http://revoltnewsindia.com/chhattisgarh-government-committed-to-bring-the-tribal-culture-of-bastar-on-the-world-stage-mla-benjamin/6651/#respond Wed, 02 Mar 2022 09:36:45 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6651 चित्रकोट महोत्सव का हुआ रंगारंग शुभारंभ जगदलपुर, 02 मार्च 2022 महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर भारत की नियाग्रा कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात के तट पर मंगलवार 1…

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चित्रकोट महोत्सव का हुआ रंगारंग शुभारंभ

जगदलपुर, 02 मार्च 2022 महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर भारत की नियाग्रा कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात के तट पर मंगलवार 1 मार्च को तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मां दुर्गा तथा दंतेश्वरी की छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम ने इस भव्य आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह बस्तर की जनजातीय संस्कृति को विश्व पटल पर पहुंचाने का एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि बस्तर की लोक संस्कृति सहज और सरल होने के साथ ही अत्यंत आकर्षक भी है, जिससे पूरे विश्व को परिचित कराने की आवश्यकता है तथा इस दिशा में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बहुत ही सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा नारायणपुर विधायक चन्दन कश्यप ने कहा कि चित्रकोट महोत्सव बस्तर की अनेक जनजातीय संस्कृतियों का मिलन स्थल है। यहां महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर लगने वाले मेले में जहां अपने परिचितों और नाते रिश्तेदारों से मिलने का अवसर मिलता है वहीं यहां की स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठाने का सौभाग्य भी प्राप्त होता है, इसलिए ऐसे सुअवसर का भरपूर आनंद उठाना चाहिए।

संसदीय सचिव और जगदलपुर विधायक रेखचन्द जैन ने पर्यटन मानचित्र में चित्रकोट के स्थान को अद्वितीय बताते हुए कहा कि चित्रकोट महोत्सव के आयोजन के कारण इसकी प्रसिद्धि में दिनोंदिन वृद्धि हो रही है। उन्होंने बस्तरिया लोक परम्परा में मेले मंडई को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके बहाने लोगों को एक दूसरे से मिलने-जुलने का अवसर मिल जाता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे ही एक छोटे से मेले से यह चित्रकोट महोत्सव का रूप ले चुका है, जहाँ बस्तर की अलग-अलग जनजातियों के साथ ही प्रदेश की विभिन्न लोक संस्कृति के दर्शन भी होते हैं।

चित्रकोट महोत्सव के अवसर पर आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में रहने वाली खेल प्रतिभाओं को भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां आयोजित विकास प्रदर्शनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अंचल की जनता की समृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी मिलती है।

जनप्रतिनिधियों ने उठाया खेलकूद प्रतियोगिताओं का आनंद
मंचीय कार्यक्रम प्रारंभ होने के पूर्व यहां आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं का आनंद जनप्रतिनिधियों ने भरपूर उठाया। चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम सहित उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने यहां आयोजित कबड्डी और वॉलीबॉल के मैचों का आनंद लिया।

जनजातीय परिधानों पर आधारित फैशन शो बनी आकर्षण का केन्द्र
चित्रकोट महोत्सव में बस्तरिया जनजातीय परिधानों पर आधारित फैशन शो प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा। दरभा विकासखण्ड के 28 प्रतिभागियों ने बस्तर में प्रमुखता से पाई जाने वाली मुरिया, माड़िया, धुरवा और हल्बा जनजाति द्वारा पहने जाने वाले परिधानों व आभूषणों के साथ रैम्प पर चलकर दर्शकों का मन मोह लिया।

लोकनृत्य और जसगीत ने लुभाया दर्शकों का मन
चित्रकोट महोत्सव के पहले दिन सुकमा के लोकनर्तकों द्वारा मंडई नृत्य, दंतेवाड़ा जिले के कावड़गांव और बस्तर जिले के आंजर के लोकनर्तकों द्वारा गौर नृत्य, लामकेर के लोकनर्तकों द्वारा गेड़ी नृत्य व बकावण्ड के लोकनर्तकों द्वारा ओड़िया कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

इसके साथ ही आनंदिता तिवारी भूमिका साहा ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया, जिनका भरपूर आनंद दर्शकों ने लिया। जसगीत गायिका जसमीत कौर द्वारा भक्ति गीतों की प्रस्तुति तथा रास परब संस्था द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी दर्शकों के मन को लुभाया।

इस अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष महेश बघेल, कलेक्टर रजत बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास, अपर कलेक्टर अरविंद एक्का सहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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सुरक्षा, विकास और विश्वास के साथ बस्तर को बढ़ाएं आगे: अमिताभ जैन http://revoltnewsindia.com/take-bastar-forward-with-safety-development-and-confidence-amitabh-jain/6608/ http://revoltnewsindia.com/take-bastar-forward-with-safety-development-and-confidence-amitabh-jain/6608/#respond Mon, 28 Feb 2022 15:09:01 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6608 मुख्य सचिव ने की बस्तर संभाग में संचालित विकास कार्यो की प्रगति की समीक्षा रायपुर, 28 फरवरी 2022 मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि सुरक्षा, विकास और विश्वास के…

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मुख्य सचिव ने की बस्तर संभाग में संचालित विकास कार्यो की प्रगति की समीक्षा

रायपुर, 28 फरवरी 2022 मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि सुरक्षा, विकास और विश्वास के मूलमंत्र के साथ बस्तर को शांति और समृद्धि की राह में तेजी से आगे बढ़ाया जाए। जैन ने आज बस्तर संभाग में संचालित विकास कार्यों की विस्तार पूर्वक समीक्षा की।

जगदलपुर स्थित कलेक्टोरेट के प्रेरणा कक्ष में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने बस्तर संभाग में दुर्गम अंचलों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में निर्माण कार्यों के लिए अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए कार्य किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में सड़कों के निर्माण के साथ ही सार्वजनिक आवागमन को बढ़ाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने हाट-बाजारों में सुगमतापूर्वक व्यापार व व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल वातावरण के निर्माण पर भी जोर दिया।

मुख्य सचिव जैन ने कहा कि गांवों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा, विद्युत और मोबाईल नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध करायी जाए, जिससे ग्रामीणों का जीवन सुगम हो। उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों में परंपरागत बिजली पहुंचाने के लिए कार्ययोजना तैयार शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी दिए। मुख्य सचिव ने बैठक में दूरस्थ अंचलों में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, पेयजल तथा रोजगारमूलक गतिविधियों की भी समीक्षा की।

उन्होंने बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सुविधाओं में मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना को महत्वपूर्ण एवं जनोपयोगी बताया। उन्होंने योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए समर्पित दलों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए। बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए स्थापित किए जा रहे सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को प्रारंभ करने के साथ ही उसके संचालन के संबंध में चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने बैठक में संपूर्ण बस्तर संभाग में बेहतर मोबाईल कनेक्टिविटी की समीक्षा की। उन्होंने मोबाईल कनेक्टिविटी सेवा प्रदाताओं के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए त्वरित कार्य करने के निर्देश दिए। रावघाट रेल लाइन के विस्तार तथा रेल संचालन के संबंध में भी जानकारी ली और प्रभावित गांवों में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने हेतु भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों को निर्देशित किया।

बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत साहू, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेकानंद सिन्हा, सीआरपीएफ के आईजी साकेत कुमार सिंह, सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक एसके त्यागी, कमिश्नर श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, वन मंडलाधिकारी, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित सीआरपीएफ, बीएसएफ, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, स्वास्थ्य एवं विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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अतिसंवेदनशील ग्राम मुतनपाल पहुंचे कलेक्टर बंसल का बस्तरिया परम्परा के अनुसार किया गया आत्मीय स्वागत http://revoltnewsindia.com/collector-bansal-who-reached-the-susceptible-village-mutanpal-was-accorded-a-warm-welcome-according-to-the-bastariya-tradition/6374/ http://revoltnewsindia.com/collector-bansal-who-reached-the-susceptible-village-mutanpal-was-accorded-a-warm-welcome-according-to-the-bastariya-tradition/6374/#respond Fri, 18 Feb 2022 07:48:31 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6374 पेयजल की समस्या को दूर करने पर ग्रामीणों ने दिया कलेक्टर को बुलावा रात्रि विश्राम के लिए मुतनपाल पहुंचे कलेक्टर ने सुनी ग्रामीणों की समस्याएं जगदलपुर, 18 फरवरी 2022 बास्तानार…

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  • पेयजल की समस्या को दूर करने पर ग्रामीणों ने दिया कलेक्टर को बुलावा
  • रात्रि विश्राम के लिए मुतनपाल पहुंचे कलेक्टर ने सुनी ग्रामीणों की समस्याएं

जगदलपुर, 18 फरवरी 2022 बास्तानार विकास खण्ड के अतिसंवेदनशील ग्राम मुतनपाल में गुरुवार को पहुंचे कलेक्टर रजत बंसल का आत्मीय स्वागत ग्रामीणों द्वारा बस्तरिया परम्परा के अनुसार किया गया। उनके साथ इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास भी मौजूद थे।

युवोदय के स्थानीय स्वयंसेवक मुन्ना द्वारा ग्रामीणों की पेयजल संबंधी समस्या को जिला प्रशासन के समक्ष रखे जाने के बाद हुए त्वरित निराकरण से खुश ग्रामीणों ने कलेक्टर को बुलावा भेजा था, जिस पर कलेक्टर ने मुतनपाल पहुंचने के साथ ही रात्रि विश्राम भी किया। इस अवसर पर उन्होंने माडोपारा स्थित मुन्ना के निवास भी पहुंचे और वहाँ उपस्थित ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी।

यहां इस दौरान कलेक्टर एवं उपस्थित अधिकारियों को भुनी हुई कुल्थी और सोयाबीन के साथ ही उबाली हुई झुडंगा भी परोसी गई, जिसके स्वाद की प्रशंसा सभी ने की। बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने मोहल्ले में पक्के सड़क की मांग रखने के साथ ही सिंचाई सुविधा एवं मछली पालन हेतु तालाब की मांग भी रखी। ग्रामीणों ने इसके साथ ही मुर्गी व बकरी पालन में भी रुचि जताई। ग्रामीणों ने संयुक्त खातों को विभक्त करने की मांग भी की।

कलेक्टर ने खातों के बंटवारे की कार्यवाही शीघ्र करने के साथ ही निर्धारित दिनों में स्थानीय ग्राम पंचायत में उपलब्ध रहने के निर्देश पटवारी को दिए, जिससे ग्रामीणों की राजस्व विभाग से संबंधित समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा सके। उन्होंने इस दौरान मुतनपाल जैसे अतिसंवेदनशील और दुर्गम क्षेत्र में कोरोना नियंत्रण, सुपोषण, शिक्षा आदि कार्य को भली-भाँति जनजन तक पहुंचाने के लिए युवोदय के स्वयंसेवकों की प्रशंसा की और स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आर्थिक उन्नति के लिए भी कार्य करने की आशा व्यक्त की।

अतिथियों ने उठाया बस्तरिया व्यंजनों का आनंद
मुतनपाल में रात्रि विश्राम के लिए कलेक्टर बंसल के साथ पहुंचे अतिथियों का स्वागत युवोदय की स्वयंसेवक विनीत के यहां स्थानीय व्यंजनों के साथ किया गया। यहाँ कोदो चावल, सुखी मशरूम, आमट जिसमें सेमी, मुनगा भाजी, चना, प्याज भाजी और चापड़ा डाली गई थी, इसके साथ ही सुकसी, केऊ कन्द की चटनी, चापड़ा चटनी, केले की सब्जी आदि का स्वाद भी लिया उल्लेखनीय है कि कलेक्टर बंसल ग्रामीणों की समस्याओं को जानने और उनके समाधान के लिए पूर्व में भी दुर्गम संवेदनशील क्षेत्रों में जाने के साथ ही रात्रि विश्राम भी करते रहे हैं। कलेक्टर बंसल ने बस्तर जिले में पदस्थापना के बाद दरभा विकास खण्ड के मादर कोंटा, कोलेंग और जगदलपुर विकास खण्ड के तिरिया में भी रात्रि विश्राम कर चुके हैं।

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आदिवासी कला-संस्कृति के प्रदर्शन के साथ ट्रांसजेंन्डर्स का रैम्प वॉक http://revoltnewsindia.com/ramp-walk-of-transgenders-with-display-of-tribal-art-and-culture/6275/ http://revoltnewsindia.com/ramp-walk-of-transgenders-with-display-of-tribal-art-and-culture/6275/#respond Mon, 14 Feb 2022 15:38:01 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6275 समाज कल्याण विभाग ने ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने किया अनूठा आयोजन रायपुर, 14 फरवरी 2022 तृतीय लिंग के व्यक्तियों (ट्रांसजेंडर्स) के प्रति समाज में सकारात्मक वातावरण बनाने…

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समाज कल्याण विभाग ने ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने किया अनूठा आयोजन

रायपुर, 14 फरवरी 2022 तृतीय लिंग के व्यक्तियों (ट्रांसजेंडर्स) के प्रति समाज में सकारात्मक वातावरण बनाने और जागरूकता लाने नक्सल प्रभावित वनांचल बस्तर संभाग में अनूठा फैशन शो आयोजित किया गया। समाज कल्याण विभाग द्वारा चेतना फाउंडेशन के सहयोग से जगदलपुर के आर्ट गैलरी में शनिवार शाम आयोजित इस कार्यक्रम में कांकेर, कोण्डागांव और बस्तर के 32 ट्रांसजेंडर्स शामिल हुए।

उन्होंने बस्तर की संस्कृति, परिधान और आभूषणों को प्रदर्शित करते हुए उत्साह से रैम्प वॉक किया। इस अवसर पर ट्रांसजेंडर्स ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। आयोजन ने समाज से कटे रहने वाले किन्नर समाज को लोगो सेेे घुलने-मिलने और समावेशित होने का अच्छा अवसर प्रदान किया।

जिला प्रशासन की ओर से रैम्प वॉक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए प्रथम, द्धितीय और तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः तीन, दो और एक हजार रूपए के साथ कई वॉउचर्स दिए गए। इस दौरान तृतीय लिंग के व्यक्तियों को पहचान पत्र का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में महापौर, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।

बस्तर किन्नर समाज की अध्यक्ष रजनी यादव ने कहा कि किन्नर समाज को बढ़ते देखकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। पहले किन्नरों को हीन भावना से देखा जाता था। धीरे-धीरे किन्नरों को बराबरी का दर्जा प्राप्त हो रहा है। फैशन शो और सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन से किन्नर समाज बहुत खुश और उत्साहित है।

समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक वैशाली मरड़वार ने बताया कि तृतीय लिंग के व्यक्तियों को खुद को समाज का हिस्सा समझना जरूरी है। समाज का हिस्सा बनाने के लिए उन्हें एक बड़ा प्लेटफार्म देना जरूरी था, इसलिए विभाग ने उनके लिए कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम के माध्यम से लोगों में किन्नर समाज को लेकर जागरूकता आएगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए कलागुड़ी का उद्घाटन किया था। यहां ढोकरा, बेल मेटल, टेराकोटा, काष्ठ के विभिन्न शिल्प को प्रदर्शित किया गया है। फैशन शो में ट्रांसजेंडर्स ने कलागुड़ी के आभूषणों और परिधानों के माध्यम से आदिवासी कला और संस्कृति को बढ़ाने का काम भी किया है।

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छत्तीसगढ़ में कई माफियाओं के बीच अब प्रधानमंत्री आवास माफिया भी-बृजमोहन http://revoltnewsindia.com/among-many-mafias-in-chhattisgarh-now-the-prime-ministers-house-mafia-too-brijmohan/6129/ http://revoltnewsindia.com/among-many-mafias-in-chhattisgarh-now-the-prime-ministers-house-mafia-too-brijmohan/6129/#respond Tue, 08 Feb 2022 15:32:17 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=6129 रायपुर। पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में इस समय कई तरह के माफिया जो सक्रिय हैं, उनमें एक और प्रधानमंत्री आवास माफिया भी जुड़…

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रायपुर। पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में इस समय कई तरह के माफिया जो सक्रिय हैं, उनमें एक और प्रधानमंत्री आवास माफिया भी जुड़ गया है। जगदलपुर में एक कांग्रेस पार्षद व्दारा प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर गरीबों से 25-25 हजार जो वसूला गया वह इस बात का उदाहरण है। इसके विरोध में भाजपा के आह्वान पर आज जगदलपुर बंद रहा। भाजपा के लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।

एकात्म परिसर में आज मीडिया से बातचीत करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जगदलपुर के संजय गाँधी वार्ड की कांग्रेसी पार्षद कोमल सेना द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना दिलाने के नाम पर वार्ड के 40 से अधिक परिवारों से 25-25 हजार रूपये की धन उगाही की गई। करीब 10 लाख रुपये की ठगी की गई है।

पीड़ित परिवारों ने शहर के बोधघाट थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज करने फरियाद की, मगर उन्हें लौटा दिया गया। मामला प्रकाश में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पीड़ितों को न्याय दिलाने आवाज़ बुलंद की। भाजपा का प्रतिनिधि मण्डल इस प्रकरण को लेकर एसपी से मिला और दोषी पार्षद के विरूद्ध कार्यवाही करने मांग की। राजनीतिक दबाव के कारण किसी भी तरह की कार्रवाई न होने पर भाजपा ने पीड़ित परिवारों के साथ 22 जनवरी से बोधघाट थाना के सामने अनिश्चितकालीन धरना आरंभ किया।

18 दिन तक लगातार भाजपा का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। 25-26 जनवरी को बस्तर प्रवास पर आये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में इस मामले की जाँच की जाने की घोषणा की, लेकिन जाँच जैसी कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस प्रशासन विवेचना का बहाना कर एफआईआर दर्ज करने से इंकार करता रहा। जबकि पीड़ित परिवारों द्वारा पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष शपथ पत्र भी दिया गया। भाजपा ने न्याय की लड़ाई को आगे बढा़ते हुए 8 फरवरी को जगदलपुर बंद का आह्वान किया।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज जगदलपुर बंद के लिये शांतिपूर्वक समर्थन माँगने निकले भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने जबरिया गिरफ्तार किया। पूर्व मंत्री केदार कश्यप, प्रदेश महामंत्री किरण देव, पूर्व विधायक संतोष बाफना, जिला अध्यक्ष रूपसिंह मण्डावी,लच्छूराम कश्यप, बैदूराम कश्यप, रामाश्रय सिंह सहित करीब 470 भाजपा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गई है।

इन्हें शहर से बाहर के थाना क्षेत्र बकावण्ड, बडा़ंजी, नगरनार के अलावा अज्ञात स्थानों में ले जाया गया है। कांग्रेस के दमनकारी रवैये व जिला प्रशासन के दबाव के बावजूद जगदलपुर की जागरूक जनता ने बंद का समर्थन किया। पूर्व मंत्री केदार कश्यप एवं सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर नगरनार थाने में रखा गया है।

बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने लूट मचा रखी है। जरा सुनिए, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस मुद्दे को लेकर क्या कहा-

मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, मीडिया प्रभारी नालिनेश ठोकने, वरिष्ठ नेता नरेश गुप्ता, जिला मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल एवं युवा मोर्चा मीडिया प्रभारी उमेश घोरमोड़े उपस्थित थे।

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जगदलपुर में आकार लेने लगी है राज्यस्तरीय शहीद गुण्डाधुर तीरंदाजी अकादमी http://revoltnewsindia.com/state-level-shaheed-gundadhur-archery-academy-has-started-taking-shape-in-jagdalpur/5844/ http://revoltnewsindia.com/state-level-shaheed-gundadhur-archery-academy-has-started-taking-shape-in-jagdalpur/5844/#respond Sat, 29 Jan 2022 10:30:16 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5844 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर की थी घोषणा जगदलपुर, 29 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस के अवसर पर जगदलपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गई घोषणा…

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर की थी घोषणा

जगदलपुर, 29 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस के अवसर पर जगदलपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप शहीद गुण्डाधुर राज्य स्तरीय तीरंदाजी अकादमी की स्थापना की तैयारियां शुरु हो गई हैं। इस अकादमी में बस्तर के खिलाड़ियों के साथ-साथ राज्य के उत्कृष्ट तीरंदाजों को आवासीय एवं गैर आवासीय उच्च स्तरीय प्रशिक्षण की सुविधा प्राप्त होगी।

खिलाड़ियों को विश्वस्तर की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय मापदण्डों के अनुरूप जगदलपुर क्रीड़ा परिसर में 120 मीटर का सुरक्षित आरचरी रेंज तैयार किया गया है। इसमें इंडियन आरचरी के साथ ओलम्पिक के इंवेन्ट रिकर्व एवं कम्पाउंड के 50 – 60 खिलाड़ी एक साथ एक समय में अभ्यास व प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। 30 मीटर इंडोर आरचरी रेंज की भी सुविधा खिलाड़ियों के लिए तैयार की गयी है, ताकि बरसात के दिनों में भी प्रशिक्षण प्रभावित न हो।

50 गुना 30 मीटर के विशाल कवर्ड शेड सहित ट्रेनिंग सेन्टर भवन में खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम, रेस्ट रूम, प्रशिक्षक के लिए रूम,  टेक्निीकल विडीयो एनालिसेस रूम, स्टोर रूम, आफिशियल लाउंच आदि का निर्माण किया गया है। अकादमी के लिए निर्धारित मापदण्डों के आधार पर खिलाड़ियों का चयन कर उन्हें आवासीय प्रशिक्षण के साथ शिक्षा आदि की भी सुविधा प्रदान की जायेगी।

प्रशिक्षण के लिए स्थानीय प्रशिक्षक के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता, ओलम्पिक आदि में पदक प्राप्त खिलाड़ी या उनकी संस्था से अनुबंध कर विश्वस्तरीय प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। इससे राज्य के खिलाड़ी भी ओलम्पिक, एशियाड, कॉमनवेल्थ जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए तैयार किए जा सकेंगे। इसके लिए शासन के साथ-साथ सी.एस.आर. का भी सहयोग लिया जायेगा। अकादमी संचालन के लिए प्रशासनिक ढांचें के साथ कीमती प्रशिक्षण सामग्री, सायकलॉजिकल, मेंटल तथा फिजिकल सेन्टर का प्रावधान किया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के साथ-साथ उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ना भी लक्ष्य
अकादमी का उद्देश्य राज्य के तीरंदाज खिलाड़ियों को आधुनिक खेल सुविधाओं, उपकरणों, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों के माध्यम से ओलम्पिक में मेडल के लक्ष्य को हासिल करना है। इसके माध्यम से आदिवासी अंचलों पारम्परीक खेल के लिए युवाओं को प्रोत्साहित कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए जाएंगे।

शासन की उत्कृष्ट खिलाड़ी नीति के तहत उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। अकादमी की नियमावली का निर्धारण कर प्रशासकीय एवं प्रशिक्षण अमले द्वारा उसका क्रियान्वयन किया जाएगा। खिलाडियों की आवास,  चिकित्सा,  शिक्षा,  खेल प्रतियोगिताओ में प्रतिनिधित्व,  नियमित प्रशिक्षण,  बीमा आदि की सुविधाएं अकादमी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगी।

अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर होगा खिलाड़ियों का चयन
अकादमी में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। इसमें एन्थ्रोपोमेट्रिक मेजरमेंट-आई डोमिनेंट टेस्ट,  ब्रीथ एण्ड विकनेस, ड्रा लेंग्थ टेस्ट, लंग्स केपेसिटी, चेस्ट एक्सपोंशन, कार्डियो एफिसिएंसी, स्पेसिफिक फीटनेस टेस्ट-इण्डोरेंस स्ट्रेंग्थ, बॉडी कार्डिनेशन  एण्ड बैलेंस, जनरल बैटरी टेस्ट, टूर्नामेंट स्कोर-इण्डियन राउण्ड 30 मीटर, रिकव्हर, कम्पाउंड राउण्ड 50 मीटर 70 मीटर,  मनोविज्ञान एवं मानसिक फिटनेस टेस्ट-खेल में रूचि, खेल के प्रति समर्पण, व्यवहार आचरण, आत्मविश्वास, मेडीकल फिटनेस-मान्यता प्राप्त चिकित्सालय के अधिकृत चिकित्सक द्वारा प्रमाणित स्वास्थ प्रमाण पत्र शामिल हैं।

उक्त टेस्ट के साथ जूनियर एवं सब जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त खिलाड़ियों का प्राथमिकता दी जायेगी। अकादमी के माध्यम से आर्चरी फेडरेशन आफ इंडिया से एफिलेशन प्राप्त कर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता एवं प्रशिक्षण कैम्प के आयोजन कराये जा सकेगें। साथ ही ओलम्पिक मेडल विजेता खिलाड़ियों के द्वारा संचालित अकादमियों से अनुबंध कर उनके स्वयं के अनुभव व प्रशिक्षकों का लाभ अकादमी के खिलाड़ियों को प्राप्त हो सकेगा। अकादमी में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर खेलो इंडिया के अंतर्गत भारतीय खेल प्राधिकरण के उच्च स्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र की सुविधा के भी प्रयास किये जाएंगे।

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बस्तर के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी: मुख्यमंत्री बघेल… http://revoltnewsindia.com/chhattisgarh-government-committed-for-the-development-of-bastar/5801/ http://revoltnewsindia.com/chhattisgarh-government-committed-for-the-development-of-bastar/5801/#respond Thu, 27 Jan 2022 09:38:43 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5801 मुख्यमंत्री ने किया 109 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन जनसम्पर्क विभाग की पत्रिका ’न्याय का छत्तीसगढ़ मॉडल’ का किया विमोचन रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा…

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  • मुख्यमंत्री ने किया 109 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन
  • जनसम्पर्क विभाग की पत्रिका ’न्याय का छत्तीसगढ़ मॉडल’ का किया विमोचन

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ सहित समूचे बस्तर के विकास के लिए कृतसंकल्पित है तथा बस्तर के विकास में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हम सब मिलकर जनभावनाओं के अनुरूप गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के तर्ज पर एक खुशहाल, समृद्ध एवं शांतिपूर्ण बस्तर का निर्माण कर विकास की गंगा बहायेंगे।

मुख्यमंत्री बघेल ने जगदलपुर प्रवास के दौरान दलपत सागर के समीप समुंद चौक में आयोजित कार्यक्रम में 109 करोड़ रूपए लागत के कुल 29 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इस दौरान उन्होंने 41 करोड़ 31 लाख रूपए के कुल 21 कार्यों का लोकार्पण एवं 68 करोड़ 10 लाख रूपए के कुल 8 कार्यों का भूमिपूजन किया।

इस अवसर पर बघेल ने छत्तीसगढ़ सरकार के तीन वर्षों के विकास कार्यों पर आधारित जनसम्पर्क विभाग की पत्रिका ’न्याय का छत्तीसगढ़ मॉडल’ का विमोचन भी किया। सभा स्थल में पहुंचने के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने समुंद चौक में स्थित भगवान श्री राम एवं श्री कृष्ण के मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना कर प्रदेश एवं बस्तर की खुशहाली की कामना की।

इस अवसर पर सांसद दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, विधायक चित्रकोट राजमन बेंजाम, महापौर सफीरा साहू, क्रेडा के अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एम.आर. निषाद, निगर निगम के सभापति कविता साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण जगदलपुर एवं बस्तर के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालीकोंटा में आज अमृत मिशन योजनातंर्गत सिवरेज मास्टर प्लांट का लोकार्पण होने से जगदलपुर शहर की पहचान ऐतिहासिक दलपत सागर में जाने वाली शहर की गंदे पानी की समस्या से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से गंदे पानी को शुद्धीकरण के बाद इन्द्रावती नदी में छोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज से कुछ साल पहले शहर के इस ऐतिहासिक दलपत सागर जल कुंभियों से लदा रहता था। लेकिन हमारी सरकार एवं नगर निगम के प्रयासों से दपलत सागर आज जलकुंभी की समस्या से मुक्त होकर एक स्वच्छ, सुन्दर एवं मनोरम तालाब बन गया है। बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले तीन वर्षों के दौरान समाज के प्रत्येक क्षेत्रों में निरंतर विकास के कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में दन्तेवाड़ा जिले के छिन्दनार में अबूझमाड़ एवं महाराष्ट्र को जोड़ने वाली पुल का लोकार्पण किया गया है।

इस अवसर पर उन्होेंने पिछले तीन वर्षों के दौरान बस्तर में किसानों के उत्थान, आवागमन की सुविधा, पर्यटन के माध्यम से रोजगार का सृजन आदि विभिन्न विकास कार्याे की भूरी-भूरी सराहना की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा बस्तर में हवाई सुविधाओं का विस्तार, फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना, स्वामी आत्मानंद आदर्श अंग्रेजी माध्यम स्कूल, ई-लाईब्रेरी आदि की स्थापना के अलावा युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं एवं खेलकूद के लिए जरूरी मदद एवं अनुकूल परिवेश प्रदान किया जा रहा है।

बस्तर एवं आदिवासियों की कला, संस्कृति, भाषा-बोली, जीवन शैली आदि को भी सहेजने एवं संवारने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में बादल संस्था मिल का पत्थर साबित होगा। सांसद दीपक बैज ने छत्तीसगढ़ एवं बस्तर में हुए विकास कार्याे पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोरोना कॉल के विषम परिस्थितियों में भी विकास कार्य निर्बाध गति से जारी रहा है। जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व के कारण ही संभव हो सका है।

इस अवसर पर संसदीय सचिव रेखचंद जैन, महापौर सफीरा साहू ने भी पिछले तीन वर्षों के दौरान बस्तर एवं छत्तीसगढ़ में हुए विकास कार्याे की मुक्तकंठ से सराहना की। कार्यक्रम में संभागायुक्त श्याम धावड़े, आईजी पुलिस सुन्दरराज पी, बस्तर कलेक्टर रजत बंसल, एसपी जितेन्द्र मीणा सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री बघेल ने जगदलपुर में हर्षोल्लास के वातावरण में किया ध्वजारोहण http://revoltnewsindia.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%98%e0%a5%87%e0%a4%b2-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%97%e0%a4%a6%e0%a4%b2/5750/ http://revoltnewsindia.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%98%e0%a5%87%e0%a4%b2-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%97%e0%a4%a6%e0%a4%b2/5750/#respond Wed, 26 Jan 2022 11:09:14 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=5750 मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की श्रमिक परिवारों की बेटियों की शिक्षा, रोजगार तथा विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण…

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  • मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की
  • श्रमिक परिवारों की बेटियों की शिक्षा, रोजगार तथा विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ की घोषणा
  • श्रम कल्याण के प्रयासों को आगे बढ़ाने जिला मुख्यालय तथा विकासखण्ड स्तर पर स्थापित होंगे ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’
  • खरीफ वर्ष 2022-23 से दलहन फसलों की भी खरीदी समर्थन मूल्य पर
  • ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना’ के पहली किस्त की राशि एक फरवरी को
  • ‘मानव हस्तक्षेप रहित ऑनलाइन डायरेक्ट भवन अनुज्ञा सिस्टम’ की शुरुआत: अब 500 वर्ग मीटर तक भवन निर्माण अनुज्ञा शीघ्र
  • ‘छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन’: आगामी 5 वर्षों में 15 लाख नये रोजगार के अवसर के सृजन का लक्ष्य
  • प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की संख्या 1333 से बढ़कर हुई 2058
  • ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’: कोदो, कुटकी एवं रागी की हो रही खरीदी
  • मुख्यमंत्री बघेल ने कहा-समावेशी और टिकाऊ विकास का ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ हमारे गौरव का प्रतीक

रायपुर, 26 जनवरी 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज 73वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में हर्ष और उल्लास के वातावरण में ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सशस्त्र बल के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

मुख्यमंत्री बघेल ने इस मौके पर प्रदेश के निरंतर विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यो, नीतियों, योजनाओं तथा उपलब्धियों पर केन्द्रित जनता के नाम संदेश का वाचन किया। समारोह में मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेशवासियों के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणाएं करते हुए कहा कि-

  1. हमारी सरकार, इसी वर्ष, समस्त अनियमित भवन निर्माण के नियमितीकरण हेतु एक व्यवहारिक, सरल एवं पारदर्शी कानून लाएगी, जिससे अनेक नागरिक प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। इस कानून के प्रावधानों का लाभ लेकर हमारे नागरिक अपनी मेहनत से किए गए निर्माण को नियमित कराकर स्वाभिमान से जीवन-यापन एवं रोजगार कर सकेंगे।
  2. इसके साथ ही रिहायशी क्षेत्रों में संचालित व्यवसायिक गतिविधियों के नियमितीकरण हेतु आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे ताकि हमारे हजारों भाई-बहन आत्मविश्वास के साथ अपना व्यवसाय संचालित कर सकें।
  3. आप सभी को बताते हुए हर्ष हो रहा है कि मेरी घोषणा के 15 दिन के भीतर प्रदेश के नगर निगमों में 500 वर्ग मीटर तक के भवनों में मानवीय हस्तक्षेप के बिना ’डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली’ प्रारम्भ कर दी गई है। उसी तर्ज पर मैं घोषणा करता हूं कि प्रदेश में अब नगर निगम से बाहर के क्षेत्रों, जो कि निवेश क्षेत्र में शामिल हैं, में भी 500 वर्ग मीटर तक भवन विन्यास बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के तय समय-सीमा में जारी किए जाएंगे।
  4. प्रदेश के नगरीय निकायों में नल कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया को ’डायरेक्ट भवन अनुज्ञा’ की तर्ज पर मानवीय हस्तक्षेप मुक्त बना कर समय-सीमा में नल कनेक्शन दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
  5. हमारी सरकार ने शहरी क्षेत्रों में आबादी, नजूल एवं स्लम पर स्थित पट्टों को भी फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया था, जिससे नागरिकों को भूमि-स्वामी हक प्राप्त हुआ। आज मैं इस मंच से घोषणा करता हूं कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शासकीय पट्टे की भूमियों को फ्री होल्ड किया जाएगा।
  6. अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों में उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु औद्योगिक नीति में संशोधन कर इस प्रवर्ग हेतु 10 प्रतिशत भू-खण्ड आरक्षित किए जाएंगे, जो कि भू-प्रीमियम दर के 10 प्रतिशत दर तथा 1 प्रतिशत भू-भाटक पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
  7. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत प्रदेश के नगर निगमों में 18 लाख से अधिक नागरिकों का इलाज निःशुल्क किया जा चुका है। इस योजना की सफलता को देखते हुए मैं यह घोषणा करता हूं कि शीघ्र ही इस योजना को प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में लागू किया जाएगा।
  8. नव-युवाओं को नई सुविधाएं देने के लिए मैं यह घोषणा करता हूं कि प्रदेश में लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रकिया का सरलीकरण किया जाएगा और इस हेतु वृहद स्तर पर ‘परिवहन सुविधा केंद्र’ प्रारम्भ किए जाएंगे। इन केन्द्रों को केवल लर्निंग लाइसेंस बनाने हेतु अधिकृत किया जाएगा अपितु इन केन्द्रों में परिवहन विभाग से संबंधित समस्त सेवाएं नागरिकों को अपने निवास के पास मिल सकेंगी एवं प्रदेश के युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा।
  9. कर्मचारी कल्याण की दिशा में कुछ नए कदमों को साझा करना चाहूंगा कि शीघ्र ही हम प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के हित में अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत राज्य सरकार के अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करेंगे।
  10. आज इस मंच से घोषणा करता हूं कि शासकीय कर्मचारियों की कार्य क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार अब 5 कार्य दिवस प्रति सप्ताह प्रणाली पर कार्य करेगी।
  11. हमारी बहनों की सुरक्षा हेतु हम प्रतिबद्ध हैं, इसी कारण आज मैं आप सभी के समक्ष घोषणा करना चाहूंगा कि इस हेतु हम प्रत्येक जिले में ’महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ’ का गठन कर उसे प्रभावी रूप से महिला सुरक्षा हेतु उपयोग करेंगे।
  12. मैं घोषणा करता हूं कि प्रदेश में तीरंदाजी को प्रोत्साहित करने हेतु जगदलपुर में ’शहीद गुंडाधूर’ के नाम पर राज्य स्तरीय तीरंदाजी अकादमी प्रारम्भ की जाएगी।
  13. वृक्ष कटाई के नियमों की जटिलता एवं उसके कारण वृक्षारोपण हेतु नागरिकों की अरूचि को देखते हुए राज्य सरकार शीघ्र ही इन नियमों का नागरिकों के हित में सरलीकरण करने जा रही है। इस हेतु हम समस्त प्रासंगिक अधिनियमों एवं नियमों में आवश्यक संशोधन लाने जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में श्रम कल्याण के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय तथा विकासखण्ड स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’ की स्थापना की जाएगी। इसी तरह श्रमिक परिवारों की बेटियों की शिक्षा, रोजगार, स्व-रोजगार तथा विवाह में सहायता के लिए भी आज मैं एक नई योजना की घोषणा करता हूं, जो ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ के नाम से जानी जाएगी।

मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के तहत ‘छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल’ में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रूपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि नई फसलों और इससे संबंधित किसानों को बेहतर दाम दिलाने की दिशा में हम एक और बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। आज मैं यह घोषणा करता हूं कि आगामी खरीफ वर्ष 2022-23 से प्रदेश में दलहन फसलों जैसे मूंग, उड़द, अरहर की खरीदी भी न्यूनतम मूल्य पर की जाएगी।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा-छत्तीसगढ़ की ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है, जिन्हे खरीफ सीजन के बाद रोजगार का संकट हो जाता है। ऐसे भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए हमने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना’ के तहत इसी वित्तीय वर्ष से लाभ देने की भी घोषणा की थी।

जिसके तहत प्रतिवर्ष 6 हजार रूपए प्रदान करने का प्रावधान है। दिसम्बर 2021 में विशेष ग्राम सभाओं से पात्र हितग्राहियों का अंतिम चयन हो चुका है। गणतंत्र दिवस के तत्काल पश्चात 1 फरवरी को पहली किस्त की राशि पात्र हितग्राहियों को अंतरित की जाएगी।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा-जब हम अपने गौरवशाली संविधान की बात करते हैं तो हमारी आंखों के सामने उन अमर शहीदों के चेहरे नजर आते हैं, जिनकी बदौलत भारत आजाद हुआ था अमर शहीद गैंदसिंह, शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुण्डाधूर जैसी विभूतियों की बदौलत 1857 की क्रांति के पहले से हमारा छत्तीसगढ़, भारत की राष्ट्रीय चेतना से जुड़ा था। आजादी के आंदोलन से लेकर गणतंत्र का वरदान दिलाने तक जिन महान विभूतियों ने अपना योगदान दिया, उन सबकों मैं सादर नमन करता हूं।

हमारे दूरदर्शी पुरखों ने आजादी की लड़ाई के साथ-साथ आजाद भारत के संविधान का सपना ही नहीं देखा था, बल्कि इसकी ठोस तैयारी भी शुरू कर दी थी। यही वजह है कि हमारे संविधान में देश की विरासत, लोकतांत्रिक मूल्य, पंचायत की अवधारणा को अहम स्थान मिला। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, प्रथम विधि मंत्री बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, प्रथम उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल, प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद सहित, संविधान निर्माण की प्रक्रिया में शामिल महानुभावों और उस दौर की विभूतियों ने भारत के नवनिर्माण की नींव रखी थी, उसी पर देश बुलंदियों के नए-नए शिखरों पर पहुंचा  है। मैं उन सभी के योगदान को याद करते हुए सादर नमन करता हूं।

आज जब हम अपने देश की पावन पहचान, तिरंगे झण्डे की छांव में खड़े होते हैं तो आन-बान और शान से लहराते हुए तिरंगे में हमें अपनी महान विरासत के अनेक रंग दिखाई पड़ते हैं, जो हमे भाव-विभोर करते हैं और गौरव का अहसास दिलाते हैं। हमें अपनी आजादी को बचाने, गणतंत्र को मजबूत करने, संविधान के प्रति आस्था और निष्ठा दोहराने के लिए प्रेरित करते हैं। हमें इस बात का पुरजोर अहसास होता है कि हमारा संविधान ही हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों, मौलिक अधिकारों का प्रणेता है, इसे सहेजकर रखना हम सबका परम कर्त्तव्य है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- मेरा मानना है कि आज भी हमारी सबसे बड़ी जरूरत आपसी एकता की है, समन्वय की है, आपसी प्यार और सहभागिता से आगे बढ़ने की है, ताकि नकारात्मक विचारों को किसी भी क्षेत्र में स्थान न मिल पाए। हमारी जरूरत सद्भावना के साथ विकास की है। हर हाथ को काम देने की है।

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद एक नया अवसर मिला था कि सही प्राथमिकताओं से विकास की सही दिशा तय की जाए लेकिन विडम्बना है कि डेढ़ दशक का लंबा समय गलत प्राथमिकताओं के कारण खराब हो गया। हमें तीन वर्ष पहले जब जनादेश मिला तो हमने छत्तीसगढ़ में न्याय, नागरिक अधिकारों और जन-सशक्तीकरण का काम मिशन मोड में किया है। यही वजह है कि आज प्रदेश में चारों ओर न्याय, विश्वास, विकास और उसमें जन-जन की भागीदारी की छटा दिखाई पड़ रही है।

तीन साल पहले प्रदेश में बेचैनी और बदहाली का सबसे बड़ा कारण था कि जनता के सपनों, जनता की जरूरतों और सत्ता की सोच में एकरूपता नहीं थी। मैंने गांव-गांव दौरे किए और हर समाज, हर वर्ग के लोगों से मिलकर वास्तव में जनता के सपने पूरे करने की रणनीति अपनाई और यहां अलग-अलग जरूरतों के लिए योजनाएं बनाई।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा-मैंने और हमारे साथियों ने देखा था कि उस वक्त किसान भाई धान का सही दाम नहीं मिलने के कारण निराश थे। हमने वादा निभाया और सरकार बनते ही 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया। इस काम में बाधाएं आई तो उसका भी समाधान किया। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के तहत राज्य के बजट से हमने 11 हजार करोड़ रूपए से अधिक की राशि किसानों को देने की व्यवस्था की है। अब इस योजना में धान सहित खरीफ की सभी फसलों, लघु धान्य फसलों जैसे कोदो, कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन तथा उद्यानिकी फसलों को भी शामिल किया गया है।

मैं किसान का बेटा हूं इसलिए किसानों के सुख-दुख को भली-भांति समझता हूं। हमने किसानों के हित में जो क्रांतिकारी कदम उठाए, उससे किसानों का हौसला बढ़ा, जिसके कारण प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का नया कीर्तिमान बना। विगत वर्ष हमने 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी की थी और इस साल 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। मात्र तीन वर्षों में धान बेचने हेतु पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 24 लाख तक पहुंच गई है अर्थात 60 प्रतिशत अधिक किसानों का पंजीयन सुखद संकेत है कि सरकार और खेती पर किसानों का भरोसा लौटा है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा-प्रदेश में उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए ‘छत्तीसगढ़ शाकम्भरी बोर्ड’ चाय और कॉफी के उत्पादन व प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए ‘टी-कॉफी बोर्ड’ का गठन किया गया है। मछली पालन और लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया गया है। ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत धान उत्पादक किसान यदि अपने पंजीकृत रकबे में धान के बदले वृक्ष लगाते हैं तो उन्हें भी तीन वर्ष तक 10 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

इसके अलावा निजी व्यक्ति, ग्राम, पंचायतों, संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को भी इस योजना और प्रोत्साहन राशि के दायरे में रखा गया है। मेरा मानना है कि हरियाली और आर्थिक सशक्तीकरण के साझा प्रयासों में वृक्ष किसानों की भी बड़ी भूमिका रहेगी। ये सारे प्रयास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे। प्रदेश में पहली बार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन कर 725 नई समितियों का पंजीयन किया गया है।

इस तरह अब प्रदेश में इन समितियों की संख्या 1 हजार 333 से बढ़कर 2 हजार 58 हो गई है, जिससे किसानों को ऋण वितरण व अन्य योजनाओं का लाभ अधिक सुविधाओं के साथ दिया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र 2021 में मैंने किसानों के सिंचाई पम्प ऊर्जीकरण के 35 हजार से अधिक लंबित आवेदनों का समाधान एक साल में करने की घोषणा की थी। मुझे खुशी है कि 26 हजार से अधिक पम्प ऊर्जीकृत हो गए हैं।

शेष पर तेजी से कार्यवाही की जा रही है ताकि मार्च 2022 तक ऐसा कोई भी प्रकरण लंबित नहीं रहे। पहले हमने 1 नवम्बर 2018 तक किसानों का लंबित 244 करोड़ रूपए का सिंचाई जल कर माफ किया था। दूसरी बार 30 जून 2021 तक पुनः 80 करोड़ रूपए का सिंचाई कर माफ कर दिया है। इस तरह कृषि ऋण माफी, सिंचाई हेतु निःशुल्क विद्युत प्रदाय, अनुदान जैसी आर्थिक राहत में विस्तार किया गया है। जाहिर है कि किसानों को सुविधा देने के हर मामले में हमने संवेदनशीलता के साथ तत्परता से कार्यवाही की है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में 60 प्रतिशत राशि कृषि कार्यों को बढ़ावा देने के लिए खर्च करने का प्रावधान भारत सरकार द्वारा किया गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में हमने कृषि व संबंधित कार्यों के लिए 76 प्रतिशत राशि खर्च की है। इसी प्रकार जल-जंगल-जमीन से संबंधित कार्यों के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए 65 प्रतिशत के प्रावधान के विरूद्ध हमने छत्तीसगढ़ में 82 प्रतिशत राशि खर्च की है।

कोरोना के दौर में मनरेगा से गांवों में बड़े पैमाने पर रोजगार देने का कीर्तिमान बनाया गया था, वहीं अन्य विभागों की योजनाओं के साथ अभिसरण से हमने मनरेगा की व्यापक सार्थकता साबित की है। हमारी ‘सुराजी गांव योजना’ गांवों में नई अर्थव्यवस्था की बुनियाद बनाने में सफल हो रही है। इसके अंतर्गत नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी विकास के काम अब बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। ‘गोधन न्याय योजना ने ग्रामीण तथा शहरी गौ-पालकों को आजीविका का नया जरिया उपलब्ध कराया है।

इस योजना से अभी तक 122 करोड़ रूपए से अधिक का गोबर खरीदा जा चुका है। इससे वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन और उपयोग की एक नई क्रांति ने जन्म लिया है, जिससे देश में आसन्न रासायनिक खाद संकट को हल करने में मदद मिलेगी। गौठान अब रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित हो रहे हैं। गोबर से बिजली, प्राकृतिक पेंट तथा अन्य उत्पादों का निर्माण करने की पहल की गई है। अब गोबर की आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक उपयोगिता के सभी पहलुओं पर व्यापक और सुसंगत ढंग से काम करने के लिए ‘गोधन न्याय मिशन’ का गठन मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- प्रदेश में जरूरतमंद तबकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का अतुलनीय योगदान रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में डेढ़ दशक में यह व्यवस्था भी बदहाली की भेंट चढ़ गई थी। हमने ‘सार्वभौम पीडीएस’ का वादा निभाया, जिसका लाभ 2 करोड़ 55 लाख लोगों को मिलने लगा है। यह वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार शत्-प्रतिशत कवरेज है। विगत एक वर्ष में 778 नई उचित मूल्य दुकानें शुरू की गई हैं।

आयरन फोलिक एसिड युक्त फोर्टिफाइड चावल वितरण की शुरूआत हमने कोण्डागांव जिले से की थी, जिसे अब पूरे प्रदेश में मध्यान्ह भोजना योजना तथा पूरक पोषण आहार योजना में लागू कर दिया गया है। इस तरह खाद्यान्न सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा के लिए भी नए उपाय किए जा रहे हैं। बस्तर में मुझे कुपोषण की विभीषिका का पता चला था और हमने तत्काल कदम उठाया था, जिसे बढ़ाते हुए पूरे प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ की शुरुआत की गई थी।

हमारी इस पहल से लगभग 1 लाख 60 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त हुए हैं तथा 1 लाख से अधिक महिलाएं एनीमिया से मुक्त हुई हैं। पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के अंतर्गत 25 लाख से अधिक बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। इस तरह स्वस्थ-सुपोषित नई पीढ़ी छत्तीसगढ़ की शक्ति बनेगी। हम चाहते हैं कि महिला स्व-सहायता समूहों ने प्रदेश के सामाजिक, आर्थिक विकास में जो योगदान दिया है, उसे और गति मिले, इसलिए महिलाओं को स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए 2 लाख रूपए का ऋण प्रदान करने की व्यवस्था ‘सक्षम योजना’ के तहत की गई है।

छत्तीसगढ़ महिला कोष के माध्यम से ऋण लेने वाले महिला स्व-सहायता समूहों पर लगभग 13 करोड़ रूपए का ऋण लंबित होने के कारण इनके कामकाज ठप हो गए थे। हमने 6 हजार से अधिक समूहों के ऐसे ऋणों को न सिर्फ माफ कर दिया है बल्कि सभी समूहों की ऋण लेने की पात्रता भी दोगुनी कर दी है। ‘छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ (बिहान) के अंतर्गत 22 लाख से अधिक महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है और उन्हें रोजगार दिलाया गया है।

आदिवासी संस्कृति, कलाएं, रहन-सहन हमारे लिए गर्व का विषय है लेकिन डेढ़ दशकों तक इस समाज की आशाओं के विपरीत कार्य करने का बहुत बड़ा नुकसान आदिवासी अंचलों में होता रहा है। वहीं दूसरी ओर भौगोलिक परिस्थितियों और समाज की सरलता का लाभ उठाते हुए नक्सलवादियों ने भी इन्हें हिंसक गतिविधियों का केन्द्र बना लिया था। इस पृष्ठभूमि में हमने आदिवासी बसाहटों में समुचित और सुसंगत विकास की रणनीति अपनाई, जिससे परस्पर विश्वास के वातारण में एक नई शुरूआत हो।

आज मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी का अनुभव हो रहा है कि हम अपनी रणनीति में सफल हो रहे हैं, जिसका लाभ आदिवासी अंचलों में दिखाई पड़ रहा है। तेन्दूपत्ता संग्रहण की पारश्रमिक दर 4 हजार रूपए प्रतिमानक बोरा करते हुए हमने एक नई शुरुआत की थी। पहले मात्र 7 लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था थी, जिससे बढ़ाकर अब 61 कर दिया जाएगा। रैली कोसा को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा कर दी गई है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- लोहंडीगुड़ा में जमीन वापसी से न्याय की जो शुरूआत की गई थीं, वह पहल आर्थिक, सामाजिक हर क्षेत्र में फैली। नक्सली हिंसा के कारण बंद स्कूलों को चालू कराना, अदालती मामलों से मुक्ति, निरस्त वन अधिकार दावों की समीक्षा, व्यक्तिगत तथा सामुदायिक वन अधिकार अधिमान्यता पत्रों का वितरण, कुपोषण मुक्त बस्तर, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान, डीएमएफ व अन्य निधियों की मदद से काजू, कॉफी, पपीता जैसी नए ढंग की खेती को बढ़ावा, कनिष्ठ सेवा चयन आयोग का गठन, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, आमचो बस्तर,

विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश, सड़क, बिजली तथा मोबाइल नेटवर्क, हवाई सेवा, देवगुड़ी क्षेत्र विकास प्राधिकरण में स्थानीय नेतृत्व, मधुर गुड़ योजना, बस्तर दशहरा के लिए मांझी, चालकी, आदि की मानदेय राशि में वृद्धि, नारायणपुर जिले में मसाहती सर्वेक्षण जैसे अनेक प्रयासों से स्थानीय जनता और सरकार के बीच आपसी विश्वास का मजबूत रिश्ता बना है। यह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है जो आदिवासी अंचलों में विकास के नए-नए द्वार खोलती जाएगी।

हमने ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’ का शुभारंभ भी कर दिया है जो कोदो, कुटकी, रागी, आदि लघु धान्य फसलों की उत्पादकता, विपणन, वेल्यू एडीशन, आदि के लिए देश की सर्वोच्च संस्थाओं के साथ मिलकर काम करेगा। इसका लाभ भी मुख्य रूप से आदिवासी अंचलों के किसानों को मिलेगा। प्रदेश के 14 आदिवासी बहुल जिलों के 25 विकासखण्डों में 1 हजार 735 करोड़ रूपए की लागत से ‘चिराग परियोजना’ की शुरुआत कर दी गई है, जो इन स्थानों में आजीविका के नए साधन जुटाने में मददगार होगी।

मुझे यह बताते हुए खुशी होती है कि वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2021-22 में 455 प्रतिशत अधिक हर्बल उत्पादों को विक्रय हुआ और इसे आगामी एक वर्ष में 1100 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। ‘थिक बी’ और ‘बादल’ अकादमी से आदिवासी अंचलों के युवाओं को अपनी संस्कृति, प्रतिभा, शैक्षणिक और नवाचार की क्षमताओं को निखारने में मदद मिलेगी। इस तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अधोसंरचना विकास की बयार से बस्तर में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

जनजातीय समूहों से सुझाव लेकर पेसा नियम का प्रारूप तैयार किया गया है। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ आदिवासी कल्याण तथा विकास की दिशा में नए प्रतिमान स्थापित करेगा, जिससे राज्य के विकास में आदिवासी समाज की बहुत महत्वपूर्ण भागीदारी दर्ज होगी। हमने शहरों में सुधार और विकास के काम में भी जनता पर विश्वास और जन-भागीदारी को मूलमंत्र बनाया है।

इस दिशा में एक नया कदम उठाते हुए ‘मानव हस्तक्षेप रहित ऑनलाइन डायरेक्ट भवन अनुज्ञा सिस्टम’ की शुरूआत की है, जिसमें आवेदक द्वारा दिए गए दस्तावेज पर विश्वास करते हुए 500 वर्ग मीटर तक के आवासीय भू-खण्डों की भवन निर्माण अनुज्ञा यथाशीघ्र प्राप्त हो जाएगी। ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ अंतर्गत 100 से अधिक घर पहुंच सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

मुझे खुशी है कि आजीविका और भागीदारी के संगम से हमने स्वच्छता अभियान को भी सशक्त किया है। कचरा प्रसंस्करण को स्वच्छता दीदियों के रोजगार से जोड़ा और व्यापक जन-चेतना से शासन की विभिन्न योजनाओं को जोड़कर छत्तीसगढ़ के स्वच्छता मॉडल को राष्ट्रीय पहचान दिलाई है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ को भारत सरकार ने लगातार तीसरी बार देश के सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार दिया है। मैं चाहूंगा कि सुधार, जन-भागीदारी और विकास से गणतंत्र की मजबूती में हमारे ऐसे कई योगदान दर्ज हों।

हमने सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जन-सुविधाओं से जुड़ी समस्त अधोसंरचना के विकास के साथ राहत और रोजगार का ध्यान रखा है। बिजली की ट्रांसमिशन प्रणाली में सुधार और विस्तार के माध्यम से पारेषण हानि को कम किया, वहीं बेहतर प्रबंधन से प्रणाली की उपलब्धता को 99.79 प्रतिशत पहुंचाया, जो एक कीर्तिमान है। विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ाने के साथ बिजली बिल हाफ योजना का लाभ 40 लाख 45 हजार उपभोक्ताओं तक पहुंचा दिया गया है, जिससे उन्हें 2 हजार 200 करोड़ रुपए की बचत हुई।

विभिन्न योजनाओं से प्रदेश में 24 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्यों में शिक्षित बेरोजगारों को भागीदार बनाने के लिए ‘ई-श्रेणी पंजीयन’ के तहत 5 हजार से अधिक युवाओं का पंजीयन किया गया है और उन्हें विकासखण्ड स्तर पर सरलीकृत प्रक्रिया से लगभग 200 करोड़ रुपए के निर्माण कार्य आबंटित किए गए हैं। प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए केलो परियोजना, खारंग परियोजना, मनियारी परियोजना, अरपा भैंसा-झार परियोजना को इस वर्ष पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है।

ग्रामीण अंचल में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल-जीवन मिशन के अंतर्गत सितम्बर 2023 तक 48 लाख से अधिक घरों में नल कनेक्शन देने की योजना है, जिसमें से लगभग 8 लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसी प्रकार 124 नगरीय निकायों में नल-जल योजनाएं पूर्ण की गई हैं तथा 44 नगरीय निकायों में कार्य प्रगति पर है। स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार हेतु डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और उपकरणों की संख्या में कई गुना वृद्धि की गई है।

वहीं जिन स्थानों में जनता अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाती, वहां अस्पतालों की सुविधाएं पहुंचाने के लिए ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना’,  ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’, ‘दाई-दीदी क्लीनिक योजना’ से 18 लाख से अधिक लोगों की जांच और उपचार किया गया। ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना’,  ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’ के माध्यम से उपचार में लगने वाले 50 हजार से लेकर 20 लाख रुपए तक खर्च की चिंता से लोगों को मुक्त किया गया है।

जन-सुविधा के विस्तार और जनता को महंगी दवाई के बोझ से राहत दिलाने के लिए ‘श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना’ प्रारंभ की गई थी, जिसका विस्तार अब सभी शहरों में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा-हमने नई पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए स्कूल शिक्षा से उच्च शिक्षा तक और रोजगार से लेकर संस्कार विकसित करने तक अनेक कदम उठाए हैं।

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट शालाओं की तर्ज पर अब ऐसी हिन्दी शालाओं की स्थापना भी प्रत्येक जिलों में की जाएगी। 5-6 वर्ष के बच्चों के लिए ऐसे स्थानों पर प्ले स्कूल ‘बालवाड़ी’ की स्थापना की जाएगी, जहां आंगनवाड़ी और प्राथमिक शाला एक ही प्रांगण में हों। प्रथम चरण में ऐसी 6 हजार से अधिक बालवाड़ी प्रारंभ की जाएगी। नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का उत्कृष्ट आवासीय विद्यालय स्थापित किया जाएगा।

हमने बच्चों की जरूरतों को पूरी संवेदनशीलता के साथ समझा है, इसलिए कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए ‘महतारी दुलार योजना’ शुरू की थी, जिसके तहत 2 हजार 500 से अधिक बच्चों को 2 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति दी गई है। इसके अतिरिक्त स्कूल फीस भी माफ की गई है। कोरोना के कारण विश्व स्तर पर शिक्षा के स्तर में गिरावट महसूस की गई थी, जिसके लिए हमने उपचारात्मक शिक्षा ‘नवा जतन 2.0 अभियान’ चलाने का निर्णय लिया है। हमने शिक्षा को सिर्फ किताबी ज्ञान का माध्यम नहीं बनाया बल्कि लक्ष्य साफ रखा है कि शिक्षा युवाओं को सक्षम और रोजगार के योग्य बनाए।

रोजगारपरक शिक्षण-प्रशिक्षण देने के लिए प्रदेश में अभी तक 125 स्थानों पर आईटीआई संस्थाएं प्रारंभ की जा चुकी हैं। अब प्रत्येक विकासखण्ड में आईटीआई खोली जाएंगी। सबसे बड़े रोजगार के साधन कृषि को भी उच्च शिक्षण संस्थाओं का सहारा देने के लिए तीन वर्षों में 10 नए कृषि महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र तथा महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है।

हमने सरकारी विभागों तथा अर्द्धसरकारी संस्थाओं में सीधी भर्ती तथा अन्य माध्यमों से बहुत पैमाने पर नौकरी के दरवाजे खोले हैं। गांवों, वन क्षेत्रों, परम्परागत कौशल के काम और स्थानीय संसाधनों के वेल्यू एडीशन से भी राज्य में बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बने हैं। हमारी औद्योगिक नीति की सफलता से 32 हजार लोगों को रोजगार मिला है और 90 हजार लोगों को रोजगार मिलना प्रस्तावित है। विगत तीन वर्षों में युवाओं की आंखों में स्वावलंबन की चमक बढ़ते देखकर हमारा उत्साह बढ़ा है।

यही वजह है कि हमने छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया है, जिसके तहत आगामी पांच वर्षों में 15 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए हम अपनी पूरी ताकत लगाएंगे। प्रदेश के आस्था स्थलों को पर्यटन विकास की सुविधाओं से जोड़ते हुए हमने चंदखुरी में माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का जीर्णाेद्धार किया है, वहीं राम वन गमन पथ पर 75 स्थानों को चिन्हांकित कर इनके विकास की कार्ययोजना बनाई है। प्रथम चरण में इनमें से 9 स्थानों का विकास कार्य प्रगति पर है। ये स्थान भी बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के माध्यम बनेंगे।

भाइयों और बहनों, न्याय के लिए संघर्ष और कानून का राज चलाने की प्रतिबद्धता हमारी विरासत है। आजादी का आंदोलन न्याय के लिए था। संविधान का निर्माण और संविधान में संशोधनों के जरिए नागरिक अधिकारों के दायरे में लगातार विस्तार करते जाने को हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व ने सदा अपना कर्त्तव्य समझा। हम इसी विरासत को आगे बढ़ाने पर विश्वास करते हैं।

तृतीय लिंग युवाओं को पुलिस बल में भर्ती करना, बस्तर के जवानों को बस्तर फाइटर्स बल में भर्ती करना, सुरक्षा बलों की देख-रेख में बस्तर के दुर्गम और नक्सल प्रभावित अंचलों में 5 वृहद पुलों का निर्माण, मोबाइल टॉवरों की स्थापना, सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से जनता का आत्मविश्वास बढ़ाना और इन सबके माध्यम से नागरिक सुविधाओं में वृद्धि को भी हम न्याय की दिशा में बढ़ते कदम ही मानते हैं।

चिटफंड कंपनियों द्वारा प्रदेश की मासूम जनता से ठगी गई राशि वापस दिलाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का नतीजा है कि अब तक चिटफंड कंपनियों के 840 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, 11 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूल कर जनता को लौटाई गई है और अब बड़े पैमाने पर कुर्की और संपत्ति नीलामी के माध्यम से और अधिक राशि लौटाने का प्रयास किया जाएगा।

प्रशासनिक सुविधाएं भी न्याय का अंग हैं। विगत तीन वर्षों में हमने 5 नए जिलों के गठन की घोषणा की, जिसमें एक जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही विकास की नई गाथा लिख रहा है। वहीं अन्य चार जिलों का औपचारिक उद्घाटन भी शीघ्र किया जाएगा। हमने लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से 132 सेवाएं ऑनलाइन की थीं, जिनमें एक वर्ष में 25 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए।

भाइयों और बहनों, हम धरती को माता कहते हैं, इसकी पहचान हम भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में करते हैं तो मेरा मानना है कि हमारा संविधान मां के आंचल के समान है, जिसकी छांव में सबसे ज्यादा सुरक्षा महसूस की जाती है। जब हमने ‘नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का संकल्प लिया था तब हमारे मन में महतारी और प्रदेशवासी सभी भाई-बहनों और इस तरह हमारे विस्तृत कुटुंबरूपी प्रदेश के मान-सम्मान और कल्याण की कामना ही थी।

संसाधनों से भरी हमारी धरती समस्त छत्तीसगढ़वासियों को रोजगार और खुशहाल भविष्य की सुरक्षा दे सकती है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमने समावेशी और टिकाऊ विकास का जो मॉडल अपनाया, वह ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ के रूप में आज हम सबके लिए गौरव का प्रतीक बन गया है। कोरोना महामारी के दौरान उत्पन्न विभिन्न समस्याओं से सक्षमता के साथ निपटने में भी हमारे छत्तीसगढ़ मॉडल की बड़ी भूमिका रही है।

हमारी सरकार ने सारी व्यवस्थाएं कर रखी हैं, मुझे विश्वास है कि परस्पर सविश्वास, एकजुटता तथा कोरोना प्रोटोकॉल के पालन से तीसरी लहर पर भी हम जल्दी ही काबू पा लेंगे। मैं आप सबसे अनुरोध करता हूं कि आप सतर्क रहें। आपका बेहतर स्वास्थ्य और सक्रिय योगदान ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मेरा एक ही सपना और एक ही लक्ष्य है कि नवा छत्तीसगढ़ 2 करोड़ 80 लाख लोगों के हाथों से गढ़ा जाए, जिसमें सबकी भागीदारी हो, जिसमें सबको न्याय मिले, जिसमें सबकी खुशहाली सुरक्षित रहे। आगे भी हमारे प्रयास इसी दिशा में रहेंगे। आपका प्यार और समर्थन मेरी सबसे बड़ी पूंजी है और इस पूंजी के निवेश से हम दुनिया की सबसे अधिक पूंजी छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित भी करेंगे।

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