सीएम बघेल ने बताया छत्तीसगढ़ में मामा द्वारा भांजे की चरण स्पर्श करने की अनोखी परंपरा क्यों है…

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मुख्यमंत्री ने सपत्नीक भगवान श्री राम और लक्ष्मण की पूजा की

रायपुर। विजयादशमी के अवसर पर शुक्रवार शाम रायपुर के डब्ल्यू.आर.एस. कालोनी में आयोजित दशहरा उत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रावण के पुतले का दहन किया।

उन्होंने प्रदेशवासियों को विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएं दी और सभी के जीवन में सुख, शांति एवं प्रेम के संचार की कामना की। उन्होंने कहा कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई का, असत्य पर सत्य का, अनीति पर नीति के विजय का पर्व है।

उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व के माध्यम से रावण का पुतला इस बात का द्योतक है कि बुराई और अहंकार चाहे कितनी भी बड़ी और ऊंची हो उसका पतन अवश्य होता है।  इसके पहले मुख्यमंत्री ने डब्ल्यूआरएस मैदान पहुंचकर धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल के साथ रामलीला में भगवान बने श्रीराम और लक्ष्मण की तिलक लगाकर पूजा की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम का छत्तीसगढ़ से गहरा नाता रहा है। दक्षिण कौशल राज्य की पुत्री से राजा दशरथ का विवाह हुआ और इससे उनके आंगन में भगवान राम का जन्म हुआ।

वनवासी के रूप में भगवान राम ने लगभग 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में बिताए। इस कारण वे वनवासी राम हैं। उन्होंने यहां शिवरीनारायण में माता शबरी से जुठे बेर खाए। इस कारण वे शबरी के राम है और माता कौशल्या के कारण वे कौशल्या के राम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का जन मानस आज भी भांजे के रूप में भगवान श्रीराम को देखता है और इसी कारण केवल छत्तीसगढ़ में मामा द्वारा भांजे की चरण स्पर्श करने की परंपरा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वयं भगवान श्रीराम का जयकारा लगवाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा भगवान श्रीराम के छत्तीसगढ़ में कोरिया के सीतामणि हरचौका से लेकर दक्षिण सुकमा के रामाराम तक करीब 2200 किलोमीटर के रास्ते को राम वन गमन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है और इसके प्रथम चरण में 9 स्थानों को विकसित करने के लिए चयन किया गया है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में माता कौशिल्या के मंदिर के जीर्णाेद्धार का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित जीवन मूल्य आज भी हमारे लिये आदर्श एवं मार्गदर्शक हैं। आज आवश्यकता है कि हम अपने अंदर के अहंकार, क्रोध, घृणा जैसे मनोविकारों को समाप्त करें। भगवान श्रीराम के आदर्शों को हृदय में संजोए हुए समाज और देश का उत्थान करने का संकल्प लें और छत्तीसगढ़ की प्रगति में अपना योगदान दें।

कार्यक्रम को डब्ल्यू.आर.एस. सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष तथा विधायक एवं छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा ने भी सम्बोधित किया और बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम चरण में 137 करोड़ रूपए की राशि से राम वन गमन पथ को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर संस्कृति एवं खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत, डब्ल्यू.आर.एस. सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के संरक्षक एवं महापौर एजाज ढेबर, महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, डी.आर.एम. श्याम सुन्दर गुप्ता, सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के सलाहकार श्रीनिवास राव तथा अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

इस अवसर पर कोलकता और रायपुर के कलाकारों द्वारा आकर्षक आतिशबाजी की गई और रामलीला का मंचन किया गया। मुख्यमंत्री सहित उपस्थित नगरवासियों ने इस अवसर पर खूबसूरत और मनमोहक आतिशबाजी का आनंद उठाया।

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