रायपुर। पाटन ब्लॉक के मर्रा गांव के सरकारी स्कूल में गणित पढ़ाने वाले एक शिक्षक हीरा सिंह ठाकुर ने आज से 46 साल पहले शिक्षा की ऐसी अलख जगाई कि उनका एक शिष्य छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री और दूसरा प्रदेश के एक मात्र तकनीकी विश्वविद्यालय CSVTU का कुलपति बन गया।

सीएम बघेल शिक्षक दिवस पर शॉल और श्रीफल देकर सम्मान देना वे आज तक नहीं भूले। राजनीति में चाहे जीते, चाहे हारे, गुरु की महत्ता आज भी वैसे ही है जैसे बचपन में थी।
खपरैल छत वाले घर और अभाव में रहकर ज्ञान के प्रकाश से हजारों छात्रों की जिंदगी सवार दी। ईमानदारी से पढ़ाई और बच्चों को सही शिक्षा देने वाले गुरु हीरा का सम्मान उस वक्त और भी ज्यादा बढ़ गया, जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हजारों की भीड़ में भी शीश झुकाकर उनका चरण स्पर्श किए।
शिक्षक हीरा सिंह ठाकुर स्कूल में सख्त शिक्षक के रूप में जाने जाते थे, पर छात्र भूपेश पढऩे में सामान्य होने के बावजूद उनसे झिझकते नहीं थे। हर दिन सुबह 6 बजे चार किमी. पैदल चलकर बेलौदी से मर्रा, गणित पढऩे उनके घर आया करते थे। स्कूल और गणित की पढ़ाई करने वे रोजाना 16 किमी. पैदल चलते थे।
गुरु हीरा अपने शिष्य से मिलने पहली बार मुख्यमंत्री निवास पहुंचे तो उन्हें गांव में कृषि महाविद्यालय खोलने के प्रस्ताव पर मंजूरी देकर सीएम ने असली गुरु दक्षिणा दी और कहे आपने जो सोचा है, उससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।
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