सीडीएस शहीद विपिन रावत के निवास पहुंच छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव शोककुल परिवार से भेंट की और दिवंगतों को दी श्रद्धांजलि

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रायपुर। आज छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव दिल्ली पहुंचे, यहां उन्होंने सीडीएस शहीद विपिन रावत के निवास स्थान पहुंचकर परिजनों से भेंट कर शोकाकुल परिवारजनों से संवाद किया। शहीद सीडीएस विपिन रावत की धर्मपत्नी मधुलिका रावत के माता-पिता के साथ सिंहदेव के घनिष्ठ पारिवारिक संबंध रहे हैं।

बता दें भारतीय सेना के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत पत्नी मधुलिका रावत मध्य प्रदेश के शहडोल जिला निवासी नेता कुंवर मृगेंद्र सिंह की बेटी थीं. मृगेंद्र सिंह का संबंध शहडोलपुर जिले में स्थित सोहागपुर रियासत से है। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने परिजनों के साथ पुरानी स्मृतियों पर चर्चा की, जो दोनों ही परिवारों के लिए भावुक पल रहा। सीडीएस बिपिन रावत और मधुलिका रावत की दो बेटियां हैं।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने इस असामायिक निधन को अपूर्णीय क्षति बताते हुए दिवंगत आत्माओं को शांति व परिवार को यह अतुलनीय क्षति सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

इस दौरान सिंहदेव ने कहा कि सीडीएस विपिन रावत का योगदान देश के लिए महत्वपूर्ण था। देश की सुरक्षा के लिए सरकार ने उनको विशेष जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसको वे बखूबी अंजाम दे रहे थे। पड़ोसी देशों से देश की सुरक्षा के लिए अग्रिम मोर्चे पर हमेशा डटे रहे और सेना के जवानों को प्रोत्साहित करते रहे।

चीन और पाकिस्तान से होने वाले खतरों को भांपते हुए हमेशा आगे बढ़कर उनको जवाब देते थे और सेनाओं की तैनाती की रणनीति बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। उनकी रणनीति का फायदा यह रहा कि दुश्मन देश हमला करने के पहले सोचता था। बालाकोट का सर्जिकल स्ट्राइक भी उनके नेतृत्व में हुआ था।

सिंहदेव ने कहा उनके जाने के बाद देश में रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए इस तरह के जांबाज और सूझबूझ के धनी व्यक्तित्व की कमी खलती रहेगी। इस दुखद घटना में महत्वपूर्ण अधिकारी के साथ भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी भी शहीद हो गए। इससे पूरा देश स्तब्ध है।

गौरतलब है कि भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना के हेलिकॉप्टर क्रैश होने से शहीद हो गए। इस दुर्घटना में उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और सैनिक सवार थे।

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