HindiNews Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/hindinews/ News for India Mon, 27 Sep 2021 12:05:15 +0000 en hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 http://revoltnewsindia.com/wp-content/uploads/2020/05/cropped-LLL-2-32x32.png HindiNews Archives - REVOLT NEWS INDIA https://revoltnewsindia.com/tag/hindinews/ 32 32 174330959 सफल रहा ‘छत्तीसगढ़ बंद’ : किसान आंदोलन ने जनता का माना आभार, कहा “मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्ती के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा” http://revoltnewsindia.com/successful-chhattisgarh-bandh-kisan-andolan-thanked-the-people-and-said-that-the-struggle-against-corporate-bias-of-modi-government-will-continue/3281/ http://revoltnewsindia.com/successful-chhattisgarh-bandh-kisan-andolan-thanked-the-people-and-said-that-the-struggle-against-corporate-bias-of-modi-government-will-continue/3281/#respond Mon, 27 Sep 2021 12:03:21 +0000 https://revoltnewsindia.com/?p=3281 छत्तीसगढ़ बंद : किसान आंदोलन ने आभार व्यक्त किया किसान विरोधी तीन काले कानूनों और मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा…

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छत्तीसगढ़ बंद : किसान आंदोलन ने आभार व्यक्त किया

किसान विरोधी तीन काले कानूनों और मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत भारत बंद को ऐतिहासिक बताते हुए और छत्तीसगढ़ में इसे सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े सभी घटक संगठनों और छत्तीसगढ़ किसान सभा तथा आदिवासी एकता महासभा ने आम जनता का आभार व्यक्त किया है.

और कहा है कि मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्ती के खिलाफ उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक कि ये कानून वापस नहीं लिए जाते और देश को बेचने वाली नीतियों को त्यागा नहीं जाता।

उन्होंने कहा है कि इस देशव्यापी बंद में 40 करोड़ लोगों की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय लोकतंत्र को मटियामेट करने की संघी गिरोह की साजिश कभी कामयाब नहीं होगी।

छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम और छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने बताया कि प्रदेश में बंद का व्यापक प्रभाव रहा तथा बस्तर से लेकर सरगुजा तक मजदूर, किसान और आम जनता के दूसरे तबके सड़कों पर उतरे। कहीं धरने दिए गए, कहीं प्रदर्शन हुए और सरकार के पुतले जलाए गए, तो कहीं चक्का जाम हुआ और राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए।

मीडिया के लिए आज हुए आंदोलन की तस्वीरें और वीडियो जारी करते हुए किसान सभा नेता संजय पराते ने बताया कि अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, बस्तर, बीजापुर, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया और मरवाही सहित 20 से ज्यादा जिलों में प्रत्यक्ष कार्यवाही हुई और

बांकीमोंगरा-बिलासपुर मार्ग, अंबिकापुर-रायगढ़ मार्ग, सूरजपुर-बनारस मार्ग और बलरामपुर-रांची मार्ग में सैकड़ों आदिवासियों ने सड़कों पर धरना देकर चक्का जाम कर दिया।

इस चक्का जाम में सीटू सहित अन्य मजदूर संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी बड़े पैमाने पर हिस्सा लिया और मोदी सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।

किसान नेताओं ने बताया कि कई स्थानों पर हुई सभाओं को वहां के स्थानीय नेताओं ने संबोधित किया और किसान विरोधी कानूनों की वापसी के साथ ही सभी किसानों व कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गांरटी का कानून बनाने की मांग की।

उन्होंने कहा कि देशव्यापी कृषि संकट से उबरने और किसान आत्महत्याओं को रोकने का एकमात्र रास्ता यही है कि उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले, जिससे उनकी खरीदने की ताकत भी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था भी मंदी से उबरेगी।

इस आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने मनरेगा, वनाधिकार कानून, विस्थापन और पुनर्वास, आदिवासियों के राज्य प्रायोजित दमन और 5वी अनुसूची और पेसा कानून जैसे मुद्दों को भी उठाया।

(छत्तीसगढ़ किसान आन्दोलन की ओर से सुदेश टीकम (मो : 09981334641), संजय पराते (मो : 094242-31650), आलोक शुक्ला, रमाकांत बंजारे, नंदकुमार कश्यप, आनंद मिश्रा, दीपक साहू, नरोत्तम शर्मा, जिला किसान संघ (राजनांदगांव), छत्तीसगढ़ किसान सभा, हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति (कोरबा, सरगुजा), किसान संघर्ष समिति (कुरूद), आदिवासी महासभा (बस्तर), दलित-आदिवासी मजदूर संगठन (रायगढ़), दलित-आदिवासी मंच (सोनाखान),

भारत जन आन्दोलन, गाँव गणराज्य अभियान (सरगुजा), आदिवासी जन वन अधिकार मंच (कांकेर), पेंड्रावन जलाशय बचाओ किसान संघर्ष समिति (बंगोली, रायपुर), उद्योग प्रभावित किसान संघ (बलौदाबाजार), रिछारिया केम्पेन, आदिवासी एकता महासभा (आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच), छत्तीसगढ़ प्रदेश किसान सभा, छत्तीसगढ़ किसान महासभा, परलकोट किसान कल्याण संघ, अखिल भारतीय किसान-खेत मजदूर संगठन, वनाधिकार संघर्ष समिति (धमतरी), आंचलिक किसान संघ (सरिया) आदि संगठनों की ओर से जारी संयुक्त विज्ञप्ति)

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पूर्वी नौसेना कमान में नए चीफ ऑफ स्टाफ की नियुक्ति http://revoltnewsindia.com/appointment-of-new-chief-of-staff-in-eastern-naval-command/1133/ http://revoltnewsindia.com/appointment-of-new-chief-of-staff-in-eastern-naval-command/1133/#respond Sat, 13 Jun 2020 05:41:53 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=1133 वाइस एडमिरल बिश्वजीत दासगुप्ता, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएसएम ने शुक्रवार, 12 जून, 2020 को चीफ ऑफ स्टाफ, पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी), विशाखापट्टनम के रूप में कार्यभार संभाल लिया. वह वाइस एडमिरल एस.…

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वाइस एडमिरल बिश्वजीत दासगुप्ता, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएसएम ने शुक्रवार, 12 जून, 2020 को चीफ ऑफ स्टाफ, पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी), विशाखापट्टनम के रूप में कार्यभार संभाल लिया. वह वाइस एडमिरल एस. एन. घोरमाडे की जगह लेंगे, जिनका एकीकृत मुख्यालय, रक्षा मंत्रालय (नौसेना), नई दिल्ली में कंट्रोलर पर्सनल सर्विसेस में स्थानांतरण हो गया है.

वाइस एडमिरल बिश्वजीत दासगुप्ता राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र रहे हैं. उन्हें 1985 में भारतीय नौसेना में तैनाती मिली थी और वह नौवहन और परिचालन (डायरेक्शन) में विशेषज्ञ हैं.

उन्होंने मिसाइल वाहक आईएनएस निशंक, आईएनएस कार्मुक, तेजतर्रार युद्धपोत आईएनएस ताबर और विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विराट सहित चार अग्रणी जहाजों का नेतृत्व किया है.

उन्होंने इंडियन नेवल वर्क अप टीम (कोच्चि) में कमांडर वर्क, डिफेंस सर्विसेस स्टाफ कॉलेज (वेलिंगटन) में डायरेक्टिंग स्टाफ, नौसेना के नैविगेशन एंड डायरेक्शन स्कूल में ऑफिसर-इन-चार्ज, चीफ ऑफ नेवल स्टाफ के नैवल असिस्टैंट और वेस्टर्न फ्लीट के फ्लीट ऑपरेशन ऑफिसर जैसे अन्य परिचालन, प्रशिक्षण और कर्मचारियों की नियुक्ति जैसी अहम दायित्व भी निभाए हैं.

फ्लैग रैंक पर प्रोन्नति पर उन्हें मुंबई में मुख्यालय, पश्चिमी नौसेना कमान में चीफ स्टाफ ऑफिसर (ऑपरेशन) के रूप में नियुक्त किया गया था. वर्ष 2017-18 के दौरान उन्होंने विशाखापट्टनम में प्रतिष्ठित ईस्टर्न फ्लीट की कमान संभाली थी और उसके बाद उन्हें एनसीसी मुख्यालय में अतिरिक्त महानिदेशक के तौर पर नियुक्त किया गया था.  वाइस एडमिरल की रैंक पर प्रोन्नति पर और चीफ ऑफ स्टाफ, पूर्वी नौसेना कमान के रूप में विशाखापट्टनम में उनकी वापसी से पहले वह एकीकृत मुख्यालय, रक्षा मंत्रालय (नौसेना), नई दिल्ली में कंट्रोलर पर्सनल सर्विसेस में तैनात थे.

वाइस एडमिरल बिश्वजीत दासगुप्ता डिफेंस सर्विसेस कमांड एंड स्टाफ कॉलेज, बांग्लादेश, आर्मी वार कॉलेज, एमएचओडब्ल्यू और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली से स्नातक हैं.

फ्लैग ऑफिसर को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए अति विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक मिल चुका है. उन्हें वर्ष 2015 में ऑपरेशन राहत के तहत हिंसाग्रस्त यमन से लोगों को निकालने के कार्य में समन्वय के लिए युद्ध सेवा पदक भी मिल चुका है.

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और तंजानिया के राष्‍ट्रपति जोसफ मैगुफूली के बीच टेलीफोन पर बातचीत http://revoltnewsindia.com/telephone-conversation-between-prime-minister-narendra-modi-and-president-of-tanzania-joseph-magufuli%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0/1129/ http://revoltnewsindia.com/telephone-conversation-between-prime-minister-narendra-modi-and-president-of-tanzania-joseph-magufuli%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0/1129/#respond Sat, 13 Jun 2020 05:13:40 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=1129 प्रधानमंत्री ने जुलाई 2016 में दार-ए-स्‍लाम कीअपनी यात्रा को स्‍नेहपूर्वक याद किया और इस बात पर जोर दिया कि भारत तंजानिया के साथ अपने परम्‍परागत मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्‍व देता…

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प्रधानमंत्री ने जुलाई 2016 में दार-ए-स्‍लाम कीअपनी यात्रा को स्‍नेहपूर्वक याद किया और इस बात पर जोर दिया कि भारत तंजानिया के साथ अपने परम्‍परागत मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्‍व देता है. उन्होंने तंजानिया की सरकार और लोगों की आकांक्षाओं और जरूरतों के अनुसार तंजानिया की विकास यात्रा में, उसके साथ सहभागी बनने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहरायाम.

प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के मद्देनजर तंजानिया से भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के लिए तंजानियाई अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए राष्ट्रपति डॉ. मैगुफुली को धन्यवाद दिया.

दोनों नेताओं ने समग्र द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की। उन्होंने भारत और तंजानिया के बीच बढ़ती विकास साझेदारी, शैक्षिक संपर्क और व्यापार और निवेश प्रवाह पर संतोष व्यक्त किया और इस प्रवृत्ति में और तेजी लाने की संभावनाओं पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने इस साल के अंत में होने वाले आगामी राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के लिए महामहिम राष्ट्रपति मैगुफुली और तंजानिया के लोगों को शुभकामनाएं दीं।

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जम्मू कश्मीर से 60 मजदूर विमान सेवा से पहुंचे झारखण्ड http://revoltnewsindia.com/labour-came-to-jharkhand-by-plane/1027/ http://revoltnewsindia.com/labour-came-to-jharkhand-by-plane/1027/#respond Sat, 30 May 2020 10:37:18 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=1027 वैश्विक महामारी कोरोना लॉकडाउन के कारण विभन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को राज्य वापसी के लिए झारखण्डसरकार हरसंभव कोशिश कर रही है.बहरहाल इसमें झारखण्ड सरकार को सफलता भी मिल रही…

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वैश्विक महामारी कोरोना लॉकडाउन के कारण विभन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को राज्य वापसी के लिए झारखण्ड
सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है.बहरहाल इसमें झारखण्ड सरकार को सफलता भी मिल रही है.

रांची: झारखण्ड सरकार अपने राज्यों के लोगों की घर वापसी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
देश में सबसे पहले तेलंगाना से अपने प्रवासी मजदूरों को ट्रैन सेवा द्वारा अपने राज्य लाने से शुरुआत की थी
और अब शुक्रवार देर रात जम्मू कश्मीर में फंसे 60 मजदूरों को विमान सेवा द्वारा रांची लाया गया. मजदूर इंडिगो विमान
से रांची एयरपोर्ट पहुंचे जहां झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनका स्वागत किया और उनका हालचाल लिया.

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उत्तर भारत भर में विशाल टिड्डी दलों का आक्रमण http://revoltnewsindia.com/locust-attack-in-north-india/967/ http://revoltnewsindia.com/locust-attack-in-north-india/967/#respond Thu, 28 May 2020 06:03:42 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=967 28/May/2020, By Dineshkumar Rathod पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भारत भर में विशाल टिड्डी दलों के पहुंचने के बीच, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) राजस्थान, पंजाब, गुजरात और मध्य…

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28/May/2020, By Dineshkumar Rathod

पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भारत भर में विशाल टिड्डी दलों के पहुंचने के बीच, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) राजस्थान, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्रभावित राज्यों में टिड्डियों पर नियंत्रण पाने की कार्रवाइयों में तेजी लाए हैं। आज तक, ये टिड्डी दल राजस्थान के बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, जयपुर जिलों और मध्य प्रदेश के सतना, ग्वालियर, सीधी, राजगढ़, बैतूल, देवास, आगर मालवा जिलों में सक्रिय हैं।

वर्तमान में 200 टिड्डी सर्कल कार्यालय (एलसीओ) प्रभावित राज्यों के जिला प्रशासन और कृषि फील्‍ड मशीनरी के साथ तालमेल कायम करते हुए सर्वेक्षण और नियंत्रण कार्य कर रहे हैं। राज्य कृषि विभागों और स्थानीय प्रशासन के समन्वय के साथ टिड्डी नियंत्रण का कार्य जोरों पर हैं। अब तक राजस्थान के 21 जिलों, मध्य प्रदेश के 18 जिलों, पंजाब के एक जिले और गुजरात के 2 जिलों में टिड्डी नियंत्रण कार्य किया गया है। अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्रों से परे टिड्डियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण पाने के लिए, राजस्थान के अजमेर, चित्तौड़गढ़ और दौसा; मध्य प्रदेश के मंदसौर, उज्जैन और शिवपुरी तथा उत्तर प्रदेश के झांसी में अस्थायी नियंत्रण शिविर स्थापित किए गए हैं।

अब तक (26.05.2020 तक), राजस्थान,पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश में जिला प्रशासन और राज्य कृषि विभाग के साथ समन्वय करते हुए एलसीओ द्वारा कुल 303 स्थानों के 47,308 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों पर  नियंत्रण पाने की कार्रवाइयां की गई हैं। टिड्डियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण पाने के लिए कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 89 दमकल गाडि़यों; 120 सर्वेक्षण वाहनों; छिड़काव करने वाले उपकरणों और 810 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर युक्‍त 47 नियंत्रण वाहनों को आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग दिनों के दौरान तैनात किया गया।

आमतौर पर, टिड्डी दल पाकिस्तान के रास्‍ते से भारत के अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र में जून / जुलाई के महीने में मानसून के आगमन के साथ ग्रीष्‍मकालीन प्रजनन के लिए प्रवेश करते हैं। इस वर्ष हालांकि इन हॉपर और गुलाबी रंग की टिड्डियों का प्रवेश समय से काफी पहले हो गया है, जिसकी वजह पाकिस्तान में पिछले सीजन में टिड्डियों की अवशिष्ट आबादी की उपस्थिति बताई गई हैं, जिन्‍हें वह नियंत्रित नहीं कर सका था। राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती जिलों में 11 अप्रैल, 2020 से टिड्डी हॉपर और 30 अप्रैल, 2020 से गुलाबी अपरिपक्व वयस्क टिड्डियों के प्रवेश की सूचना मिल रही है, जिन्हें नियंत्रित किया जा रहा है। गुलाबी अपरिपक्व वयस्क ऊंची उड़ान भरते हैं और पाकिस्तान की तरफ से आने वाली पश्चिमी हवाओं के साथ एक दिन में एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक की लंबी दूरी तय करते हैं। इनमें से अधिकांश गुलाबी अपरिपक्व वयस्क रात को पेड़ों पर ठहरते हैं और ज्यादातर दिन में उड़ान भरते हैं।

इस वर्ष समय से पहले टिड्डी दलों के हमले से चिंतित केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने प्रभावित राज्‍यों में टिड्डियों पर नियंत्रण पाने की तैयारियों की समीक्षा के लिए 6 मई, 2020 को कीटनाशक निर्माताओं और सभी संबंधित हितधारकों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। कृषि मंत्री श्री तोमर के निर्देशों का पालन करते हुए 22 मई, 2020 को सचिव (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) श्री संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में पंजाब, राजस्थान, गुजरात मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के टिड्डियों के खतरे वाले जिलों के जिला प्रशासन और जिला कृषि अधिकारियों और एनडीएमए  के प्रतिनिधियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। बैठक में राज्यों के साथ टिड्डी के बारे में जागरूकता फैलाने वाला साहित्य, एसओपी, स्‍वीकृत कीटनाशक और जागरूकताफैलाने वाले वीडियो साझा किए गए। इससे पहले, 5 मई, 2020 को राजस्थान, गुजरात और पंजाब के टिड्डी दल के हमले की आशंका वाले जिलों के प्रधान सचिव (कृषि) और डीएम के साथ सचिव, डीएसी एंड एफडब्ल्यू की अध्यक्षता में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें आवश्‍यक कार्रवाई करने के लिए टिड्डी दल के हमले की आशंका वाले राज्यों के साथ तैयारियों और तालमेल बनाए रखने की समीक्षा की गई। 

भारत में एफएओ प्रतिनिधि के कार्यालय में 11 मार्च, 2020 को दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों में डेजर्ट लोकस्ट के बारे में एक उच्च-स्तरीय वर्चुअल  बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में चार सदस्य देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) और एफएओ, रोम के प्लांट प्रोटेक्शन डिवीजन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया था। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री कैलाश चौधरी और सचिव, डीएसी एंड एफडब्ल्यू ने भाग लिया था। इस बैठक में सदस्य देशों के तकनीकी अधिकारियों की स्काइप के माध्यम से प्रत्येक सोमवार को वर्चुअल  बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया था और अब तक ऐसी नौ बैठकें हो चुकी हैं। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और पंजाब राज्यों को टिड्डी दल के हमले तथा उन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आवश्यक उपायों और फसल वाले क्षेत्रों में असरदार कीटनाशकों के उपयोग के बारे में परामर्श जारी किए गए हैं।

वर्तमान में टिड्डी नियंत्रण कार्यालयों में 21 माइक्रोनेयर और 26 उल्‍वामास्ट (47 छिड़काव उपकरण) हैं, जिनका उपयोग टिड्डियों पर नियंत्रण पाने के लिए किया जा रहा है। कृषि मंत्री श्री तोमर के अनुमोदन पर, अतिरिक्त 60 स्प्रेयर्स के लिए मेसर्स माइक्रोन, ब्रिटेन को सप्‍लाई ऑर्डर दिया गया है। ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कीटनाशकों के एरियल स्‍प्रे हेतु ड्रोन सेवाएं प्रदान करने वाली एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए ई-निविदा आमंत्रित की गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 मई, 2020 को ‘’टिड्डियों पर नियंत्रण पाने संबंधी कार्रवाइयों के लिए रिमोट पाइलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम के उपयोग के लिए सरकारी इकाई (डीपीपीक्‍यूएस) को सशर्त छूट” को मंजूरी प्रदान की है और इस आदेश के अनुसार, टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए कीटनाशकों के छिड़काव हेतु ड्रोन के उपयोग के लिए निविदा के जरिए दो कम्‍पनियां तय की गई हैं।  

इस बीच, नियंत्रण क्षमता को मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त 55 वाहनों की खरीद के लिए आपूर्ति आदेश दिया गया है। टिड्डी नियंत्रण संगठनों के पास कीटनाशकों का पर्याप्त  भंडार (53,000 लीटर मैलाथियान) बनाए रखा जा रहा है। कृषि यांत्रिकीकरण पर उप-मिशन के तहत, राजस्थान के लिए 2.86 करोड़ रुपये की लागत से 800 ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रे उपकरणों की सहायता स्वीकृत की गई है। इसके अलावा, वाहनों, ट्रैक्टरों को भाड़े पर लेने और कीटनाशकों की खरीद के लिए आरकेवीवाई मंजूरी के तहत 14 करोड़ रुपये मूल्‍य राजस्थान के लिए जारी किए गए हैं। वाहनों, छिड़काव उपकरणों, सेफ्टी यूनिफॉर्म, एंड्रॉइड एप्लिकेशन की खरीद और प्रशिक्षण के लिए 1.80 करोड़ रुपये की लागत से आरकेवीवाई मंजूरी गुजरात के लिए भी जारी की गई है।

एफएओ के 21 मई, 2020 के लोकस्‍ट स्‍टेट्स अपडेट के अनुसार, पूर्वी अफ्रीका में वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है जहां यह खाद्य सुरक्षा और आजीविका के लिए एक अभूतपूर्व खतरा बना हुआ है। नए टिड्डी दल  भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों ओर के साथ-साथ सूडान और पश्चिम अफ्रीका के ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्रों में दाखिल होंगे। जैसे-जैसे वनस्पति सूखती जाएगी, इनके और अधिक झुंड और दल तैयार होंगे और इन क्षेत्रों से भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों ओर ग्रीष्‍म प्रजनन क्षेत्रों का रुख करेंगे। भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे क्षेत्रों में जून के शुरुआती दिनों के दौरान अच्छी बारिश का पूर्वानुमान व्‍यक्‍त किया गया है, जो इनके लिए अंडे देने हेतु अनुकूल है ।

वर्ष 2019-20 के दौरान, भारत में बड़े पैमाने पर टिड्डियों का हमला हुआ, जिसे सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया। 21 मई, 2019 से लेकर 17 फरवरी 2020 तक, कुल 4,03,488 हेक्टेयर क्षेत्र का उपचार किया गया और टिड्डियों को नियंत्रित किया गया। इसके साथ ही, राजस्थान और गुजरात के राज्य कृषि विभाग ने राज्य के फसल वाले क्षेत्रों में टिड्डियों पर नियंत्रण पाने के लिए तालमेल किया। वर्ष 2019-20 के दौरान, राजस्थान के 11 जिलों के 3,93,933 हेक्टेयर क्षेत्र; गुजरात के 2 जिलों के 9,505 हेक्टेयर क्षेत्र और पंजाब के 1 जिले के 50 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण कार्य किए गए । 16-17 जनवरी 2019 को भारत का दौरा करने वाले एफएओ के सीनियर लोकास्‍ट फोरकास्टिंग ऑफिसर ने टिड्डियों को नियंत्रित करने में भारत की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना भी की।

टिड्डी नियंत्रण संगठन और जिला प्राधिकरण तथा राज्य कृषि विभाग के अधिकारी प्रतिदिन प्रातकाल के समय एलसीओ के कंट्रोल स्प्रे व्‍हीकल्‍स,  ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर्स  और दमकल गाडि़यों  के साथ टिड्डी नियंत्रण कार्य कर रहे हैं। अपरिपक्व टिडि्डयां बहुत सक्रिय हैं और उनकी गतिशीलता इस दल को एक स्थान पर नियंत्रित करना मुश्किल बना देती है और विभिन्न स्थानों पर किसी विशेष टिड्डी दल को नियंत्रित करने में 4 से 5 दिन का समय लगता है।

 टिड्डी एक सर्वाहारी और प्रवासी कीट है और इसमें सामूहिक रूप से सैकड़ों किलोमीटर उड़ने की क्षमता होती है। यह दो देशों की सीमाओं के आर-पार जाने वाला या ट्रांस-बॉर्डर कीट है और विशाल दल  में फसल पर हमला करता है। अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया में पाया जाने वाला यह कीट करीब 60 देशों में पाया जाता है और यह पृथ्वी की भू सतह के वन-फिफ्थ हिस्से को कवर कर सकते हैं। डेजर्ट लोकस्ट की विपत्ति विश्‍व की मानव आबादी के दसवें हिस्से की आर्थिक आजीविका के लिए खतरा बन सकती है। ग्रीष्‍म  मानसून सीजन के दौरान अफ्रीका / खाड़ी / दक्षिण पश्चिम एशिया से ये टिड्डी दल भारत में दाखिल होते हैं और वसंतकालीन प्रजनन के लिए ईरान, खाड़ी और अफ्रीकी देशों की ओर लौट जाते हैं।

भारत में 2 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र के अंतर्गत आता है। टिड्डी चेतावनी संगठन और भारत सरकार के 10 टिड्डी सर्कल कार्यालय (एलसीओ) राजस्थान (जैसलमेर, बीकानेर, फलोदी, बाड़मेर, जालौर, चुरू, नागौर, सूरतगढ़) और गुजरात (पालमपुर और भुज) राज्य सरकारों के साथ समन्वय करते हुए अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र में डेजर्ट लोकस्‍ट के नियंत्रण, निगरानी, सर्वेक्षण के लिए उत्‍तरदायी हैं।

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ભારતીય વાયુસેનાનો ગૌરવપૂર્ણ ઇતિહાસ http://revoltnewsindia.com/the-proud-history-of-the-indian-air-force/933/ http://revoltnewsindia.com/the-proud-history-of-the-indian-air-force/933/#respond Wed, 20 May 2020 10:42:43 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=933 1954માં ભારતીય વાયુસેનાએ પ્રથમ વખત ફાઇર પાવર ડેમોસ્ટ્રેશન કર્યું હતું, ત્યારથી આજ સુધીનો ગૌરવશાળી ઇતિહાસનો જુઓ વીડિયો

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1954માં ભારતીય વાયુસેનાએ પ્રથમ વખત ફાઇર પાવર ડેમોસ્ટ્રેશન કર્યું હતું, ત્યારથી આજ સુધીનો ગૌરવશાળી ઇતિહાસનો

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चेरी फल कश्मीर घाटी में तैयार है, लेकिन लॉकडाउन के कारण चेरी उत्पादकों को डर है कि वे इस साल लाभ नहीं कमाएंगे http://revoltnewsindia.com/jammu-kashmir-news-cherry-fruit-is-ready-in-kashmir-valley-but-due-to-lockdown-cherry-growers-fear-they-will-not-make-profit-this-year/929/ http://revoltnewsindia.com/jammu-kashmir-news-cherry-fruit-is-ready-in-kashmir-valley-but-due-to-lockdown-cherry-growers-fear-they-will-not-make-profit-this-year/929/#respond Wed, 20 May 2020 10:04:29 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=929 जम्मू और कश्मीर में कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन ने हर उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है, फल उद्योग से जुड़े फल उत्पादक भी लॉकडाउन के कारण…

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जम्मू और कश्मीर में कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन ने हर उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है, फल उद्योग से जुड़े फल उत्पादक भी लॉकडाउन के कारण अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

कश्मीर में इन दिनों, चेरी फल जिसे स्थानीय भाषा में ग्लास कहा जाता है, पकने के लिए तैयार है। हालांकि, चेरी उत्पादकों को डर है कि यदि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन जारी रहता है, तो फल उद्योग पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

चेरी उत्पादकों का कहना है कि लॉकडाउन ने पिछले वर्षों की तुलना में अधिक समस्याएं पैदा की हैं।

इस वर्ष चेरी को ठीक से नहीं लगाया गया है क्योंकि इसकी खेती प्रणाली लॉकडाउन से प्रभावित हुई है। चाहे वह दवा का छिड़काव हो या खाद डालना , यह लॉकडाउन और कोरोना वायरस के खतरों के कारण ठीक से नहीं किया जा सका, जिससे उत्पादन में काफी कमी भी आईं।यह आशंका है कि इस साल चेरी की फसल उतना मुनाफ़ा नहीं हो सकता है

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लॉकडाउन के चलते पराशर झील में तेजी से तैरता भूखंड ! http://revoltnewsindia.com/himachalpradesh-news-plots-floating-rapidly-in-parashar-lake-due-to-lockdown/926/ http://revoltnewsindia.com/himachalpradesh-news-plots-floating-rapidly-in-parashar-lake-due-to-lockdown/926/#respond Wed, 20 May 2020 09:40:32 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=926 By Sarita Verma हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में हाल ही में रिवालसर की प्राचीन पराशर झील साफ होती हुई नजर आई और झील के बीच का भूखंड धीमी से…

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By Sarita Verma

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में हाल ही में रिवालसर की प्राचीन पराशर झील साफ होती हुई नजर आई और झील के बीच का भूखंड धीमी से तेज गति की तरफ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.

वर्ष में एक या फिर दो बार ही यह भूखंड तैरता हुआ अपना स्थान बदलता था, लेकिन अब लॉकडाउन के बाद इस भूखंड की गति काफी ज्यादा बढ़ गई है. पराशर ऋषि मंदिर के मुख्य पुजारी का कहना है की यह भूखंड दिन में दो से तीन बार पूरी झील का चक्कर लगा रहा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह ऋषि पराशर की तपोस्थली रही है और यहां पर उनका भव्य प्राचीन मंदिर भी मौजूद है.

इस झील के बीच में एक भूखंड है जो तैरता रहता है वर्ष में एक या फिर दो बार ही यह भूखंड तैरता हुआ अपना स्थान बदलता है हालांकि लॉकडाउन के चलते अधिकतर लोग इस चमत्कार को देखने वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. यही कारण भी माना जा रहा है कि लोगों का यहां हस्तक्षेप कम होने के कारण ही यह भूखंड अधिक गतिमान हो गया है.

मंदिर के पुजारी अमर सिंह भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि लोगों का हस्तक्षेप कम होने से ही यह संभव हो पाया है.व्ही स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन काल में इसे इतना गतिमान इससे पहले कभी नहीं देखा. भूखंड का अधिक गतिमान होना और इसे देखना एक अलग एहसास है.

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कोरोना कहर में एक्सीडेंट कहर भी जारी,यूपी के इटावा में सड़क हादसा http://revoltnewsindia.com/accident-in-corona-havoc/922/ http://revoltnewsindia.com/accident-in-corona-havoc/922/#respond Wed, 20 May 2020 07:56:25 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=922 By Saumya Singh यूपी में सड़क हादसे का कहर जारी है.इटावा जिले में बुधवार को फ्रेंडस कॉलोनी के पास एक सड़क हादसा हो गया. जिले के थाना क्षेत्र के अंतर्गत…

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By Saumya Singh

यूपी में सड़क हादसे का कहर जारी है.इटावा जिले में बुधवार को फ्रेंडस कॉलोनी के पास एक सड़क हादसा हो गया. जिले के थाना क्षेत्र के अंतर्गत नेशनल हाइवे-2 पर डंपर ने पिकअप सवार किसानों को रौंद दिया.

इस हादसे में 6 किसानों की मौत हो गई. साथ ही एक किसान घायल हो गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं घायल किसान को सैफई मिनी पीजीआई में भर्ती कराया.

पुलिस ने बताया कि यह सभी लोग बकेवर से कटहल लेकर मंडी बेचने जा रहे थे, तभी आगरा की तरफ एक डंपर बकेवर की तरफ आ रही थी. इस दौरान अनियंत्रित डंपर डिवाइडर से होता हुआ पिकअप से टकरा गया.

इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई. वहीं 1 किसान घायल हो गया. घायल को सैफई इलाज के लिए भेज दिया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है.एसपी सिटी राम सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और उसने वहां पर सभी लोगों का रेस्क्यू किया.

शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. डंपर और ड्राइवर दोनों आगरा के थे. डंपर ड्राइवर ने गाड़ी के मालिक से बात की थी, इस आधार पर कार्रवाई आगे की जा रही है.

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साइंस स्टूडेंट लॉकडाउन में अपने हुनर के कारण घर बैठे कमा रही पैसे http://revoltnewsindia.com/science-student-earning-money-sitting-at-home-due-to-his-skills-in-lockdown/916/ http://revoltnewsindia.com/science-student-earning-money-sitting-at-home-due-to-his-skills-in-lockdown/916/#respond Wed, 20 May 2020 07:34:02 +0000 http://revoltnewsindia.com/?p=916 By Sarita Verma हिमाचल के पांवटा साहिब की शिखा कर्फ्यू और लॉकडाउन में काम-काज के साथ-साथ पेंटिंग बना रही है.जिसकी डिमांड अब सोशल मीडिया पर हो गयी है कोरोना वायरस…

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By Sarita Verma

हिमाचल के पांवटा साहिब की शिखा कर्फ्यू और लॉकडाउन में काम-काज के साथ-साथ पेंटिंग बना रही है.जिसकी डिमांड अब सोशल मीडिया पर हो गयी है


कोरोना वायरस के कारण लाखों लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई है. कुछ महीनों से लोग घरों में कैद हैं. ऐसे में रोजी-रोटी पर भी संकट आने लगा है. इस दौरान बहुत से लोग अपने भीतर छिपे हुनर को और निखारने में अपना समय व्यतीत कर रहे हैं.

शिखा भी कर्फ्यू और लॉकडाउन में काम-काज के साथ-साथ पेंटिंग बना रही हैं जिसकी डिमांड अब सोशल मीडिया पर भी बढ़ती जा रही है. शिखा की दिलचस्पी साइंस में है और वह बीएससी कर चुकी हैं. उन्होंने बताया लॉकडाउन के तनाव से बचने के लिए उन्होंने पेंसिल से स्केच तैयार किए, जिसके बाद उनके स्केच इंटरनेट पर वायरल हो गए और अब घर बैठे ही उन्हें कई लोगों के स्केच बनाने के ऑर्डर आने लगे हैं. साथ ही अपनी कला को सुदरते हुए अपना गुज़रबसर कर रही है.

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