By Sarita Verma
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में हाल ही में रिवालसर की प्राचीन पराशर झील साफ होती हुई नजर आई और झील के बीच का भूखंड धीमी से तेज गति की तरफ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.
वर्ष में एक या फिर दो बार ही यह भूखंड तैरता हुआ अपना स्थान बदलता था, लेकिन अब लॉकडाउन के बाद इस भूखंड की गति काफी ज्यादा बढ़ गई है. पराशर ऋषि मंदिर के मुख्य पुजारी का कहना है की यह भूखंड दिन में दो से तीन बार पूरी झील का चक्कर लगा रहा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह ऋषि पराशर की तपोस्थली रही है और यहां पर उनका भव्य प्राचीन मंदिर भी मौजूद है.
इस झील के बीच में एक भूखंड है जो तैरता रहता है वर्ष में एक या फिर दो बार ही यह भूखंड तैरता हुआ अपना स्थान बदलता है हालांकि लॉकडाउन के चलते अधिकतर लोग इस चमत्कार को देखने वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. यही कारण भी माना जा रहा है कि लोगों का यहां हस्तक्षेप कम होने के कारण ही यह भूखंड अधिक गतिमान हो गया है.
मंदिर के पुजारी अमर सिंह भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि लोगों का हस्तक्षेप कम होने से ही यह संभव हो पाया है.व्ही स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन काल में इसे इतना गतिमान इससे पहले कभी नहीं देखा. भूखंड का अधिक गतिमान होना और इसे देखना एक अलग एहसास है.