- स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव की मौजूदगी में एम.आर.एच.आर.यू. के लिए सीजीएमएससी और आईसीएमआर के बीच एमओयू
- बीमारियों की जांच, सर्विलेंस, अनुसंधान और तकनीकी स्टॉफ के प्रशिक्षण में मिलेगी मदद
रायपुर, 30 सितम्बर 2021 दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के झीट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई (MRHRU – Model Rural Health Research Unit) स्थापित की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव की मौजूदगी में आज उनके निवास कार्यालय में सीजीएमएससी (CGMSC – Chhattisgarh Medical Services Corporation) और आईसीएमआर (ICMR – Indian Council for Medical Reseach) के बीच इसके निर्माण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
छत्तीसगढ़ शासन की ओर से सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक कार्तिकेय गोयल और आईसीएमआर की ओर से राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान जबलपुर के निदेशक डॉ. अपरूप दास ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए। राज्य शासन के सीजीएमएससी द्वारा आईसीएमआर की संस्था राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान जबलपुर के सहयोग से झीट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो करोड़ रूपए की लागत से 11 हजार वर्गफीट में मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई की स्थापना की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने एमओयू के मौके पर कहा कि एम.आर.एच.आर.यू. से प्रदेश में विभिन्न बीमारियों की जांच, अनुसंधान, सर्विलेंस और बीमारियों के पूर्वानुमान में मदद मिलेगी। यहां के वैज्ञानिकों, चिकित्सा वैज्ञानिकों एवं वरिष्ठ तकनीकी स्टॉफ द्वारा स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों की लेबोरेटरी में कार्यरत तकनीशियनों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ को प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वेक्टरजनित बीमारियों के परीक्षण के लिए नमूना जबलपुर एवं अन्य संस्थानों में भेजा जाता है। झीट में ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई की स्थापना से स्थानीय स्तर पर ही इस तरह के परीक्षण और अनुसंधान की सुविधा मिलेगी। सिंहदेव ने ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई के निर्माण में सहयोग के लिए आईसीएमआर को धन्यवाद दिया।
उन्होंने सीजीएमएससी को शुभकामना देते हुए इसका निर्माण तेजी से पूर्ण करने कहा। एम.आर.एच.आर.यू. के लिए सीजीएमएससी और आईसीएमआर के बीच एमओयू के दौरान अनुसंधान परामर्श समिति के अध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल, सीजीएमएससी के महाप्रबंधक सुनील कुमार सिंह, कार्यकारी अभियंता निशांत सूर, राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान जबलपुर के वैज्ञानिक डॉ. राजीव यादव और डॉ. रवीन्द्र कुमार तथा प्रशासनिक अधिकारी डॉ. आर.के. ठाकुर भी मौजूद थे।