बस्तर संभाग के स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चों को मिलेगी हॉस्टल की सुविधा: सीएम बघेल

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  • राज्य सरकार आदिवासी अंचलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध
  • मुख्यमंत्री से बस्तर से आए सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की
  • प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि बस्तर अंचल में जहां स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुले हैं, वहां बच्चों के लिए हॉस्टल की व्यवस्था भी की जाएगी। मुख्यमंत्री मंगलवार को अपने निवास कार्यालय में बस्तर से आए सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर रहे थे।

बघेल के आमंत्रण पर यह प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री निवास पहुंचा था। चर्चा के दौरान प्रतिनिधि मंडल में शामिल लोगों ने कहा कि राज्य सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूल प्रारंभ कर गरीब और आदिवासी परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए एक अच्छी पहल की है। इन स्कूलों में हॉस्टल खुलने से वहां बच्चों को रहने की भी अच्छी सुविधा हो जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज की समस्याओं को जानने, राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी सीधे समाज के लोगों से प्राप्त करने के लिए आज प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया गया है। सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल में गोंड, धुरवा, हल्बा, दोरला, मुरिया, माड़िया सहित विभिन्न आदिवासी समाज के प्रतिनिधि शामिल थे।

उन्होंने अपनी समस्याओं और उनके निदान, शासन की योजनाओं की मैदानी स्थिति के बारे में खुलकर अपनी बात रखी। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि बस्तर संभाग के दूरस्थ अंचलों में भी अब शिक्षा, स्वास्थ्य, की अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं। पहले अंदरूनी क्षेत्रों में जाने के बारे में लोग सोच भी नहीं सकते थे। लेकिन अब कोंटा, दोरनापाल, जगरगुण्डा, भेज्जी के अंदरूनी क्षेत्रों में लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है। अंदरूनी इलाकों में भी लोगों के राशन कार्ड, आधार कार्ड, हेल्थ कार्ड बड़ी संख्या में बने हैं।

अभी भी शिविर लगाकर कार्ड बनाए जा रहे हैं। लोगों को वन अधिकार पट्टे का लाभ मिला है। वहीं लघु वनोपजों के संग्रहण और वैल्यू एडिशन से आय, रोजगार के अवसर बढ़े हैं। तेन्दूपत्ता की बढ़ी हुई संग्रहण दर भी लोगों को मिल रही हैं। बड़ी संख्या में सड़क, पुल-पुलिया, भवन निर्माण के कार्य किए गए है और दूरस्थ अंदरूनी इलाके में निर्माण कार्य चल रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार की यह मंशा है कि आदिवासी अंचलों के लोगों को भी वैसी ही सुविधाएं मिले जैसी सुविधाएं मैदानी अंचल के लोगों को मिल रही हैं। राज्य सरकार आदिवासी अंचलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

योजनाओं के क्रियान्वयन, तेजी से किए जा रहे विकास कार्यों और बस्तर अंचल के आदिवासियों सहित सभी वर्गों के लोगों के साथ सीधे संवाद से लोगों का राज्य सरकार के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है। बस्तर अंचल के अंदरूनी इलाकों में वर्षों से बंद स्कूल फिर से चालू हुए हैं। राज्य सरकार वन अधिकार सहित आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए सजग है।

इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी और उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, रेखचंद जैन, विधायक चंदन कश्यप, संतराम नेताम, राजमन वेंजाम, विक्रम मंडावी सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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