- अब एक सेकेण्ड मे जारी होगी भवन अनुज्ञा
- मुख्यमंत्री ने डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली का किया शुभारंभ
- शहरों के विकास में आएगी तेजी, आवेदकों को नहीं लगाना पड़ेगा कार्यालय का चक्कर: भूपेश बघेल
- छत्तीसगढ़ के सभी नगर निगमों में लागू होगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली
- 500 वर्गमीटर (5382 वर्ग फीट) के आवासीय भू-खण्डों पर निर्माण हेतु तुरंत मिलेगी भवन अनुज्ञा
- सभी दस्तावेजों के सही होने पर एक सेकेण्ड में जारी होगी भवन अनुज्ञा: आवेदकों को एक रूपए आवेदन शुल्क जमा करना होगा
- पन्द्रह दिनों के रिकार्ड समय में तैयार हुआ पोर्टल
- मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
- मुख्यमंत्री ने इस प्रणाली द्वारा जारी प्रथम भवन अनुज्ञा रायपुर की दलदलसिवनी निवासी आवेदक श्रीमती चेतन देव साहू को प्रदान की
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कर्यालय में आयोजित कार्यक्रम में नगरीय क्षेत्रों मे 500 वर्गमीटर (5382 वर्ग फीट) तक के आवासीय प्लाट्स पर भवन निर्माण के लिए मानव हस्तक्षेप रहित ऑनलाईन डायरेक्ट भवन अनुज्ञा सिस्टम की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि गांव और शहरों के विकास के लिए हमने लगातार 3 वर्षों तक कार्य किया है, इस सूची में एक और सुविधा जोड़ने जा रहे हैं जिससे राज्य के शहरों के विकास में तेजी आयेगी और नागरिकों को एक बड़ी समस्या का प्रभावी समाधान मिलेगा।
राज्य के नागरिक जो अपना घर बनाना चाहते हैं उनके लिए भवन अनुज्ञा एक अहम प्रक्रिया है, लेकिन ये प्रक्रिया इतनी आसान नहीं थी नागरिकों को इस सुविधा प्राप्ति के लिए काफी परेशानी हुआ करती थी। क्योंकि ये प्रकिया पूरी होने में लंबा समय लगा करता था नक्शा पास कराने के लिए यह प्रकिया कई अधिकारियों तक पहुंचा करती थी और उसके बाद नागरिक को घर बनाने के लिए भवन अनुज्ञा मिलती थी। लेकिन अब ये प्रकिया सब मानव हस्तक्षेप रहित होगी और जल्द जल्द से पूर्ण होगी। यदि आपके पास सभी दस्तावेज हैं तो अब आपको अपना घर बनाने के लिए कहीं भी चक्कर लगाने की जरूरत नहीं। घर बनाने के लिए नागरिकों इससे बड़ी सुविधा और कहां प्राप्त होगी।
विभाग को निर्देश – मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों की समस्या को देखते हुए उसके समाधान हेतु मैंने 15 दिन पहले अधिकारियों को निर्देश दिया था और विभाग ने 15 दिन के भीतर ही कार्य को पूर्ण कर लिया। इस कार्य के लिए सभी बधाई के पात्र हैं।
साथ ही नागरिकों को भी मैं बधाई देता हूं कि उनके घर निर्माण का कार्य भी अब जल्द पूरा हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इस प्रणाली के द्वारा जारी की गई प्रथम भवन अनुज्ञा रायपुर के दलदलसिवनी निवासी आवेदक चेतन देव साहू को प्रदान की।
इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी, सूडा के सीईओ सौमिल रंजन चौबे, एडिशनल सीईओ आशीष टिकरिहा एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त सभी नगर निगम आयुक्त, महापौर एवं जनप्रतिनिधि भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर महापौर रायपुर एजाज ढेबर, बिलासपुर महापौर रामशरण यादव और दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा वर्चुअल माध्यम से बात कर भवन अनुज्ञा जारी करने की इस आसान प्रणाली को शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया। विभागीय मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने इस अवसर पर कहा कि भवन अनुज्ञा प्रणाली से संबंधित सभी समस्याओं एवं उनके समाधानों पर चर्चा कर इस सिस्टम में जनप्रतिनिधियों आयुक्त एवं इंजीनियर हेतु अलग अलग डेशबोर्ड बनाया गया है, जिसमें दैनिक प्राप्त आवेदन स्वीकृति अनुज्ञा एवं लम्बित प्रकरण की जानकारी उपलब्ध होगी।
दस्तावेज की मांग वाले सभी 100 प्रतिशत केस का ऑडिट एवं भवन अनुज्ञा निरस्त होने वाले प्रत्येक केस का निकाय से राज्य स्तर तक एसएमएस द्वारा सूचना एवं उच्चस्तरीय समीक्षा का प्रावधान है। डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली के संबंध में राज्य स्तरीय कार्यशाला के माध्यम से सभी नगर निगमों के आयुक्तों, भवन अधिकारियों, बिल्डिंग इंस्पेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को नवीन सिस्टम के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया है।
इस नवीन प्रणाली में हमने नागरिकों पर भरोसा जताया है और आवेदक द्वारा दिए गए दस्तावेजों एवं शपथ पत्र के आधार पर ही अनुज्ञा जारी की जा रही है। मुख्यमंत्री जी द्वारा अपील की गयी है कि आम नागरिक इस सेवा का लाभ सही तरीके से लेंगे और सही जानकारी के आधार पर ही भवन अनुज्ञा प्राप्त करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान विभागीय सचिव अलरमेलमंगई डी. द्वारा अनुज्ञा प्रणाली के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया गया। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए महापौर एवं जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक इस सिस्टम का प्रचार प्रसार करते हुए नागरिकों को भवन अनुज्ञा प्राप्त कर ही अपने घर का निर्माण करने प्रोत्साहित करेंगे और शहरों के अनुशासित विकास एवं भवन के अव्यवस्थित निर्माण पर नियंत्रण में अपना सहयोग प्रदान करेंगे।