कबीरधाम जिले में स्थापित होगा प्रदेश का सबसे बड़ा और पहला एथेनॉल प्लांट : सहकारिता मंत्री डॉ. टेकाम ने एथेनॉल प्लांट के लिए चयनित स्थल का निरीक्षण किया

SHARE THE NEWS

रायपुर- राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रदेश का सबसे बड़ा और पहला एथेनॉल प्लांट कबीरधाम जिले में स्थापित किया जाएगा। एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए प्रदेश के प्रथम भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के खाली भू-खंड की 35 एकड़ भूमि को चिन्हाकित किया गया है। सहकारिता विभाग ने एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए ड्राइंग डिजाईन भी तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वर्चुअल माध्यम से शीघ्र ही एथेनॉल प्लांट स्थापना के लिए भूमिपूजन किया जाएगा। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज कवर्धा में एथेनॉल प्लांट के लिए चिन्हाकित भूमि का स्थल निरीक्षण किया और कलेक्टर को भूमिपूजन की आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए।

 उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में पीपीपी मॉडल से स्थापित होने वाले एथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में 29 दिसंबर 2020 को मुख्यमंत्री निवास में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना और छत्तीसगढ़ डिस्टलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल के मध्य अनुबंध किया गया था। एथेनॉल प्लांट की स्थापना से कवर्धा क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार गठन के साथ ही किसानों से संबंधित मुद्दें सर्वोपरि रहे है, सर्वप्रथम कृषि ऋणों की माफी की गई और गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखकर शक्कर कारखानों की आर्थिक कठिनाई के स्थायी निदान के लिए पीपीपी मॉडल से एथेनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। छत्तीसगढ़ में पीपीपी मॉडल से एथेनॉल प्लांट की स्थापना का देश में यह पहला उदाहरण है।

सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने प्लांट स्थापना के स्थल निरीक्षण के बाद कवर्धा जिले के दोनों सहकारी शक्कर कारखाना के कामकाज की समीक्षा भोरमदेव शक्कर कारखाना में की। समीक्षा बैठक में एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए राज्य और जिला पर तैयारियों के सबंध में विस्तार से जानकारी ली। मंत्री डॉ. टेकाम ने बैठक में बताया कि एथेनॉल प्लांट हाईब्रीड टेक्नालॉजी से बनेगा, जिसमें गन्ना पेराई सीजन के दौरान सीधे गन्ने के जूस से और ऑफ सीजन के दौरान मोलासीस से एथेनॉल बनाया जाएगा। गन्ने के रस को एथेनॉल में परिवर्तित करने के कारण अधिक जूस की जरूरत पड़ेगी, इसकी पूर्ति के लिए किसानों से अधिक से अधिक गन्ना क्रय किया जाएगा। कारखाने में गन्ने का रस निकालने के लिए और यूनिट लगायी जाएगी। किसानों को गन्ने की मूल्य का भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण विपरीत परिस्थितियों, विपरीत आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र की आर्थिक एवं तकनीकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पीपीपी मॉडल का चयन किया गया है।

मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा है कि राज्य शासन के निर्णय के पालन में प्रथम चरण में भोरमदेव शक्कर सहकारी कारखाने में पीपीपी मॉडल से एथेनॉल प्लांट की स्थापना की कार्रवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में न्यूनतम 40 किलो लीटर प्रति दिन क्षमता के एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए देश का पीपीपी मॉडल का पहला उदाहरण होने के कारण निवेशक चयन के लिए प्रक्रिया के सूक्ष्म पहलुओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर निविदा सफलतापूर्वक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से पूर्ण की गई। बैठक में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने के महाप्रबंधक भूपेन्द्र सिंह ठाकुर और सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना के महाप्रबंधक सतीश पाटले ने पेराई और उत्पादित शक्कर तथा अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी। एथेनॉल प्लांट स्थापना के लिए स्थल निरीक्षण के दौरान विधायक श्रीमती ममता चन्द्राकर, सहकारिता विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता, जिला कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, संयुक्त पंजीयक सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। स्थल निरीक्षण के समय निजी कंपनी के प्रतिनिधि भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *